कम्युनिकेशन बच्चों में कॉग्निटिव डेवलपमेंट का एक महत्वपूर्ण पहलू है। सीखने के लिए भाषा का विकास बहुत जरूरी है। अगर आपका बच्चा अच्छी तरह से बोल और समझ सकता है, तो उसके सीखने और पढ़ने की क्षमता का भी विकास होगा। अगर आप देखते हैं, कि आपके टॉडलर की भाषा में कठिनाई आ रही है या एक खास उम्र के बाद भी उसने प्रभावी ढंग से बात करना शुरू नहीं किया है, तो आप उसे कुछ मजेदार फन एक्टिविटीज में शामिल कर सकते हैं, जिससे उसके भाषा के विकास में मदद होगी।
यहां पर कम्युनिकेशन और लैंग्वेज के लिए कुछ एक्टिविटी दी गई हैं, जो आपके बच्चे के भाषा के गुणों को बेहतर बनाने में उसकी मदद कर सकती हैं:
खिलौने वाला एक टेलीफोन आपके बच्चे के खेलने के समय का एक एक्टिव हिस्सा हो सकता है। खिलौने वाले दो टेलीफोन लेकर आएं और ऐसा दिखाएं कि आप उससे बात करने के लिए उसका नंबर डायल कर रहे हैं। उसे फोन उठाकर बात करने के लिए प्रेरित करें। जब वह फोन उठाता है, तो उसे हेलो बोलना सिखाएं। इस एक्टिविटी को नियमित रूप से करने पर आपके बच्चे में अच्छे फोन एटिकेट का विकास होगा और उसके बोलचाल की क्षमता बेहतर होगी।
कविताओं और गानों के बोल गाकर आप अपने बच्चे की भाषा को बेहतर बनाने में उसकी मदद कर सकते हैं। साथ ही उसे इसमें बहुत मजा भी आएगा। आप एक गाने का इस्तेमाल करके उसे नए शब्द, नाउन और वर्ब भी सिखा सकते हैं।
अपने घर में विभिन्न चीजों की ओर इशारा करें और बच्चे से उनका नाम बताने को कहें। जब तक बच्चा खुद इसकी शुरुआत नहीं कर देता, तब तक आप नाम बताने में उसकी मदद कर सकते हैं। बच्चे की वोकैबलरी को बेहतर बनाने का यह एक बहुत ही आसान तरीका है। इस गेम को कहीं भी खेला जा सकता है – आपके घर में, पार्क में या फिर सुपर मार्केट में भी।
अपने बच्चे से आसान सवाल पूछें और उसे पूरे वाक्य में बात करने के लिए प्रेरित करें। इससे बच्चे को यह समझ आएगा कि वाक्य की संरचना किस तरह से काम करती है और वह अच्छे और स्पष्ट वाक्य बना पाएगा। अपने बच्चे से सरल सवाल पूछें जैसे, ‘क्या तुम्हें एक संतरा चाहिए?’ और उसे अपने जवाब को पूरे वाक्य में कहना सिखाएं। यह प्रैक्टिस उसके भविष्य के लिए एक मजबूत नींव की तरह काम करेगी, क्योंकि वह अपने विचारों को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पाएगा।
हर रात बच्चे को किताब पढ़कर सुनाना उसे नए शब्द सिखाने का एक बेहतरीन तरीका है। उसे तस्वीरों वाली एक आसान किताब पढ़कर सुनाएं और कहानी से संबंधित सवाल पूछने को कहें। आप चाहें, तो किताब में दी गई तस्वीरों की ओर इशारा करके उन्हें पहचानने को भी कह सकते हैं। इससे बच्चे की वोकैबलरी बेहतर हो पाएगी और उसे पूछे गए सवाल के लिए सही जवाब देना भी आएगा।
वर्णमाला के विभिन्न अक्षरों की एक डॉटेड आउटलाइन ड्रॉ करें। अब बच्चे को कहें, कि वह इन बिंदुओं को आपस में जोड़े और अक्षर को पहचाने। इससे बच्चे के मोटर स्किल्स का विकास होगा और वह बेहतर तरीके से लिख पाएगा। आप चाहें, तो उसे क्रेयॉन या कलर पेंसिल भी दे सकते हैं। इससे यह एक्टिविटी बच्चे के लिए और भी मजेदार हो जाएगी।
अपने बच्चे को खिलौने और कठपुरली दें और उनसे बात करने के लिए प्रेरित करें। बच्चे क्रिएटिव और कल्पनशील होते हैं – एक बार जब उन्हें आप तरीका बता देते हैं, तो आगे का काम वे खुद ही कर लेते हैं। पपेट्स के इस्तेमाल से आप भी अपने बच्चे के साथ हल्की फुल्की बातचीत कर सकते हैं। खेलने के टाइम को और भी मजेदार बनाने के लिए एक पपेट शो आयोजित करें।
कार्डबोर्ड पर अल्फाबेट के अक्षर ड्रॉ करें और बच्चे को दें। उन्हें चीजों की तस्वीरें दें और उन्हें पहचानने को कहें। वस्तु के शुरुआती अक्षर के साथ तस्वीर को मैच करने के लिए कहें। इस तरह से वह वस्तु के साथ अक्षर को मैच करने के लिए फोनेटिक्स का इस्तेमाल करेगा, जिससे वह सही तरह से स्पेल करना सीख पाएगा।
अगर आपका बच्चा 2 साल से बड़ा है, तो आप घर में एक आसान ऑब्सटेकल कोर्स तैयार कर सकते हैं। बच्चे को एक बार में केवल एक निर्देश दें, ताकि वह कंफ्यूज ना हो। उसे एक्टिविटी को पूरा करने के लिए थोड़ा समय दें। आप कागज पर निर्देशों को लिख भी सकते हैं और घर में उन्हें रख सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आप बच्चे को एक बॉक्स में बिठाना चाहते हैं, तो बॉक्स पर एक चिट रख दें, जिसमें लिखा हो ‘बॉक्स के अंदर बैठो’। आप उसे आगे भी ऐसे ही निर्देश दे सकते हैं और उन्हें फॉलो करते हुए देख सकते हैं। जब वह एक्टिविटी के साथ घुल मिल जाता है, तो आप उसे एक बार में एक से अधिक निर्देश दे सकते हैं और एक सीमित समय के अंदर उसे पूरा करने की चुनौती भी दे सकते हैं। इस तरह की एक्टिविटीज तब की जा सकती हैं, जब बच्चा पढ़ सकता हो और सरल निर्देशों को समझ सकता हो। ऐसी एक्टिविटीज बच्चे के एक्सप्रेशन पावर को बनाने में मदद करते हैं।
भले ही आपका बच्चा तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम न हो, फिर भी वह ध्यान से सुनेगा। उसकी राय, विचार, पसंद, नापसंद के बारे में बात करें। जब वह प्रतिक्रिया दे रहा हो, तो उसे सुनें और उसने जो भी कहा उसके लिए सही व्याकरण वाले सही वाक्य के साथ दोहराएं। इससे बच्चे को खुद को बेहतर तरीके से व्यक्त करने में और अपने उच्चारण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
जब कभी भी आप बच्चे के साथ बातचीत कर रहे हों, तो विस्तार से बात करने के लिए प्रेरित करें। सड़क पर किसी चीज की ओर इशारा करें (जैसे कि, कोई कार) और उससे पूछें कि वह क्या है। जब वह कहता है ‘कार’, तो उसके बारे में थोड़ा और डिटेल्स बताएं (यह कार है, एक लंबी, नीली और काली कार)। इससे बच्चे की वोकैबलरी का निर्माण होगा और उसके ऑब्जर्वेशन स्किल का विकास होगा।
आपका बच्चा आपकी नकल करता है और आपसे सीखता है। इसलिए यह जरूरी है, कि आप अच्छे व्याकरण की प्रैक्टिस करें और जितना हो सके उतने स्पष्ट रूप से बात करें, ताकि वह शब्दों को समझ पाए। नियमित रूप से उसे नए शब्द सिखाएं और उनके अर्थ भी बताएं। भाषा का विकास होने से आपके बच्चे को एक सफल भविष्य मिलने में मदद मिल सकती है, क्योंकि वह बेहतर ढंग से बात कर पाएगा और खुद को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पाएगा।
भाषा का विकास बच्चे के विकास का एक जरूरी हिस्सा है। कुछ बच्चे इसे तुरंत सीख लेते हैं, वहीं कुछ बच्चों को इसमें समय लगता है। पूरे धैर्य के साथ आप विकास संबंधी किसी समस्या से निपट सकते हैं। लेकिन अगर आप 3 साल की उम्र के बाद भी ऊपर बताई गई इन एक्टिविटीज को आजमाने के बावजूद भाषा का कम विकास और बातचीत में देर को नोटिस करते हैं, तो सुनने में कठिनाई जैसी किसी भी संभावना की जांच के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
स्रोत: Parents
यह भी पढ़ें:
टॉडलर और प्रीस्कूलर को रंगों के बारे में कैसे सिखाएं
टॉडलर्स के लिए बोरियत मिटाने वाली 15 एक्टिविटीज
टॉडलर्स के लिए 20 मजेदार और इंटरएक्टिव लर्निंग एक्टिविटीज
बच्चों को कोई भी भाषा सिखाते समय शुरुआत उसके अक्षरों यानी स्वर और व्यंजन की…
बच्चों का बुरा व्यवहार करना किसी न किसी कारण से होता है। ये कारण बच्चे…
हिंदी देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है, अंग्रेजी का उपयोग आज लगभग हर क्षेत्र…
हिंदी भाषा में हर अक्षर से कई महत्वपूर्ण और उपयोगी शब्द बनते हैं। ऐ अक्षर…
हिंदी भाषा में प्रत्येक अक्षर से कई प्रकार के शब्द बनते हैं, जो हमारे दैनिक…
हिंदी की वर्णमाला में "ऊ" अक्षर का अपना एक अनोखा महत्व है। यह अक्षर न…