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सबसे अधिक सुकुमार कौन कहानी अंगदेश राज्य के एक ब्राह्मण के तीन बेटों की है। तीनों को ब्राह्मण ने समुद्र से कछुआ लाने का आदेश दिया था लेकिन तीनों सुकुमार बनने लगे। बात इतनी बढ़ गई की राजा के दरबार तक पहुंच गई। राजा ने न्याय करने के लिए उन्हें एक रात महल में रोक लिया। धीरे-धीरे उन्हें तीनों भाइयों के बारे में सभी सच्चाई पता चली। उसके बाद अगले दिन राजा ने न्याय किया और ये साबित किया अधिक सुकुमार कौन है और राजा विक्रम ने भी बेताल को सही जवाब दिया।
एक समय की बात है, अंगदेश नाम का राज्य था जिसमें एक ब्राह्मण अपने पूरे परिवार पत्नी और तीन बेटों के साथ रहता था। एक दिन ब्राह्मण ने अपने तीनों बेटों को बुलाया और बोला हमारे तालाब के लिए कुछ कछुओं की जरूरत है। कल तुम लोग समुद्र से कुछ कछुए लेकर आना।
तीनों बेटों ने पिता की बात मानी और अगले दिन मां-बाप का आशीर्वाद लेकर समुद्र में कछुआ ढूंढने चल दिए। उन तीनों को समुद्र के पास एक बहुत बड़ा कछुआ दिखा लेकिन तीनों उसे उठाना नहीं चाहते थे। उन तीनों में सबसे बड़े भाई ने कहा, कि कछुए से बहुत बदबू आ रही है, मैं इसे नहीं उठाऊंगा। दूसरे भाई ने भी कहा, मैं भी इसे नहीं उठाऊंगा, इससे बहुत गंदी बदबू आ रही है। तीसरे भाई ने कहा, मुझे भी इसे नहीं उठाना क्योंकि मैं बहुत नाजुक हूं। तीनों भाइयों में आपस में झगड़ा होने लगा और झगड़ा इतना बढ़ गया की बात राज दरबार तक पहुंच गई। राजा ने सोचा, कि ऐसा मामला तो उन्होंने जीवन में पहली बार सुना है। राजा ने घोषणा की –
“इसका निर्णय मैं कल करूंगा। आज आप अतिथि की तरह यहां रहें और खाना खाकर आराम करें।”
राजा ने तीनों भाइयों को खाने का निमंत्रण दिया। सभी लोग बहुत मजे से खाना खा रहे थे, लेकिन बड़ा भाई खाना नहीं खा रहा था। राजा ने जब उससे नहीं खाने की वजह पूछी तो उसने कहा –
“चावल में से श्मशान में जलने वाले मुर्दे की बदबू आ रही है।”
राजा ने जब इस बात क पता लगवाया तो मालूम पड़ा कि चावला श्मशान के पास वाले खेत से लाए गए हैं। राज ये देखने बाद बहुत खुश हुआ।
सभी लोग खाना खाने के बाद शाम को संगीत सुनने लगे। उस समय दूसरे नंबर का भाई राजा से बोला कि वह मृदंग बजाना चाहता है। राजा की आज्ञा मिलते ही वह गायिका के पास बैठा लेकिन उसके तुरंत बाद वह अलग होकर बैठ गया। राजा ने दूर बैठने की वजह पूछी, तो दूसरे नंबर के भाई ने कहा –
“गायिका के पास से बकरी के दूध की बदबू आ रही है और वो मुझे बिलकुल पसंद नहीं है।”
जब राजा ने इस बात की जानकारी हासिल की तो उन्हें मालूम पड़ा कि उस गायिका को बचपन से बकरी का दूध दिया जाता था। राजा एक बार फिर से प्रसन्न हो गया। इसके बाद सभी लोग सोने के लिए चले गए।
तीनों भाइयों में से दो बड़े भाई तो आराम से सो गए, लेकिन उनका सबसे छोटा भाई सोया नहीं उसको नींद नहीं आ रही थी। राजा ने अपने सेवक को कहा की तीनों भाइयों को देखकर आए कि वो सो गए है या नहीं। सेवक ने जाकर देखा कि छोटा भाई जगा हुआ और बाकी दोनों बड़े भाई सो गए हैं। सेवक ने ये बात राजा को बताई और राजा इसके पीछे का कारण का जानने के लिए छोटे भाई के पास जा पहुंचे। राजा को देखने के बाद तीनों भाई उठ बैठे। राजा ने फिर सबसे छोटे भाई से पूछा कि नींद क्यों नहीं आ रही, तब उसने बताया –
“मुझे ये बिस्तर चुभ रहा है।”
ये सुनने के बाद राजा के सेवक ने उन तीनों भाइयों के बिस्तर को जांचा, तो उन्हें उसमें कुछ नहीं मिला। उसके बाद छोटे भाई ने बिस्तर पर पड़ी चादर को हटाया तो वहां पर एक बाल मिला। फिर उसने अपना कुर्ता उतारा तो उसकी पीठ पर बाल का निशान बना हुआ था। राजा ये भी देखकर खुश हो गया। अगली सुबह राजा ने तीनों भाइयों को न्याय के लिए बुलाया। उन्होंने सबसे छोटे भाई को इनाम दिया और बाकी दोनों भाइयों को सोने के सिक्के दिए। राजा ने कहा –
“आप तीनों भाइयों में अलग-अलग तरह के गुण हैं और आप तीनों से मैं बहुत प्रसन्न हूं। मैं अपने सैनिकों से कहकर आपके पास कछुआ भिजवा दूंगा।”
इसके बाद बेताल ने विक्रम से तुरंत पूछा, अब बताओ तीनों भाइयों में से सबसे अधिक सुकुमार कौन था? राजा विक्रम ने तुरंत जवाब दिया –
“सबसे छोटा भाई, क्योंकि बड़े भाइयों ने हो सकता हो नाजुक होने का नाटक किया हो लेकिन छोटा सुकुमार है ये तो राजा ने खुद ही देख लिया था।”
राजा विक्रमदित्य का सही जवाब मिलते ही बेताल फिर से उनकी तारीफ करके उड़कर पेड़ पर लटक गया।
सबसे अधिक सुकुमार कौन कहानी से हमें यह सीख मिलती है कभी भी हमें अपने बारे में सबको सबको सब कुछ नहीं बताना चाहिए, विशेष रूप से अपनी कमियों को।
यह कहानी विक्रम-बेताल की प्रसिद्ध कहानियों में से एक है जो बहुत रोचक होती हैं। इन्हें बेताल पचीसी भी कहा जाता है।
सबसे अधिक सुकुमार कौन की नैतिक कहानी यह है कि व्यक्ति को कभी भी जीवन में उन गुणों को सबके सामने जाहिर नहीं करना चाहिए, जिससे उसकी कोई कमी झलकती हो।
सादगी ही बेहतर जीवन का आधार है, इसलिए हम जैसे हैं हमें हमेशा वैसे ही रहना चाहिए न कि दूसरों को देखकर उनकी तरह बनने का दिखावा करना चाहिए।
अपराधी कौन कहानी से यह निष्कर्ष सामने आता है कि कोई भी कार्य करने से पहले अच्छे से उसकी जांच-पड़ताल कर लेनई चाहिए, क्योंकि जानकारी हासिल किए बिना किसी भी कार्य को करना आपको मुसीबत में डाल सकता है।
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