विक्रम बेताल की कहानी: सर्वश्रेष्ठ वर कौन | Story of Vikram Betal: Who Is The Best Groom In Hindi

Who Is The Best Groom Vikram Betal Story In Hindi

सर्वश्रेष्ठ वर कौन कहानी में उज्जैन शहर के राजा वीरदेव की बेटी रूपमती के बारे में बताया गया है। इस कहानी में राजकुमारी रूपमती एक दिन अपने राज्य का भ्रमण करने के लिए अपने सहेलियों और मंत्रियों के साथ निकली थी और अपनी यात्रा के दौरान उसने कई तरह की चीजों का अनुभव किया। जब वह वापस महल पहुंची तो उसके पिता ने उन्हें बताया कि कई राज्यों के राजकुमारों का रिश्ता आया है। लेकिन राजकुमारी किसी साधारण व्यक्ति से ही विवाह करना चाहती थी। इसी वजह से राजा ने उसका स्वयंवर रखा। जिसमें चार साधारण व्यक्ति आए, जिनकी मुलाकात राजकुमारी से भ्रमण के दौरान हुई थी।

कहानी के पात्र (Characters Of The Story)

  • राजा वीरदेव
  • रानी पद्मा
  • राजकुमारी रूपमती
  • चार वर (कलाकार, भाषा ज्ञानी, वैद्य, वीर)

विक्रम बेताल की कहानी: सर्वश्रेष्ठ वर कौन? (Who Is The Best Groom Story In Hindi)

सालों पहले की बात है, उज्जैन नगर में वीरदेव नाम का राजा हुआ करता था। राजा की पत्नी का नाम रानी पद्मा था। दोनों की एक प्यारी बेटी थी, जिसका नाम रूपमती था। एक दिन राजकुमारी अपनी सखियों और मंत्रियों के साथ घूमने निकली थी। राजकुमारी घूमते समय अपने प्रजा के लोगों को उपहार भी दे रही थी।  तभी वहां पर मौजूद एक व्यक्ति ने राजकुमारी रूपमती को एक साड़ी भेंट में दी और उस साड़ी को देखने के बाद वह बहुत प्रसन्न हुई।

राजकुमारी ने व्यक्ति से पूछा –

“तुमने ये साड़ी कहाँ से खरीदी? ये बहुत सुंदर साड़ी है।”

तभी राजकुमारी के मंत्री ने कहा –

“राजकुमारी जी ये साड़ी इन्होनें खुद बनाई है। ये बहुत बड़े कलाकार हैं।”

ये बात सुनकर राजकुमारी हैरान हो गई। उसके बाद राजकुमारी ने उस कलाकार द्वारा बनाई गई अन्य साड़ियों और कपड़ों को देखने की उत्सुकता जताई। व्यक्ति बहुत खुश हुआ और उसने राजकुमारी को अपने घर आने के लिए निवेदन किया। राजकुमारी ने उसका निमंत्रण स्वीकार किया और उसके घर बाकी कपड़े देखने चली गई। राजकुमारी बहुत खुश थी और बोली, “मेरा मन कर रहा है, मैं यहीं रुक जाऊं और आपसे आपका हुनर सीखूं।” इसके बाद राजकुमारी फिर से घूमने के लिए निकल गई।

राजकुमारी थोड़ी और दूर गई तभी एक व्यक्ति उसके पास आया और राजकुमारी और उनकी सहेलियों से बोला आगे वाले पेड़ के नीचे शेर है।

राजकुमारी आश्चर्यचकित हो गई और पूछने लगी –

“तुम्हें कैसे पता चला? तुमने शेर को देखा क्या? उस व्यक्ति ने जवाब दिया –

“नहीं राजकुमारी, मुझे मेरे पक्षी मित्र ने बताया।”

उसके बाद राजकुमारी को हैरानी हुई, तो उसने बोला, “क्या तुम्हें पक्षियों से बात करना आता है?” उस व्यक्ति ने कहा राजकुमारी मुझे पक्षियों, जानवरों और पानी में रहने वाले जीवों की भाषा आती है। राजकुमारी को ये जानकर हैरानी और खुशी दोनों हुई। राजकुमारी ने उस व्यक्ति से इस भाषा को सिखाने के लिए उसे महल में आमंत्रित किया। व्यक्ति ने बोला कि उसके लिए पक्षी और जानवर ही परिवार है, वह महल नहीं आ सकता है। ऐसे में राजकुमारी ने उसकी बातों को ध्यान में रखते हुए कहा –

“ठीक है यदि भविष्य में मुझे मौका मिला, तो मैं जरूर ये भाषाएं सीखने आउंगी।”

इसके बाद राजकुमारी वहां से चली गई।

राजकुमारी इतनी लंबी यात्रा करते हुए बहुत थक गई और बीमार पड़ने लगी। उसे तुरंत वैद्य के यहां ले जाया गया। वैद्य ने राजकुमारी को जड़ी-बूटी खिलाई और कुछ देर वहीं आराम करने के लिए कहा। जड़ी-बूटी के असर से थोड़ी देर बाद राजकुमारी की तबियत सही हो गई। राजकुमारी ने तबियत ठीक करने के लिए वैद्य को शुक्रिया कहा। तभी वहां मौजूद अन्य मरीजों ने वैद्य की तारीफ करते हुए बताया कि वह सबकी सेवा करते हैं। ये सब जानने के बाद राजकुमारी ने वैद्य से बोला –

“आप बहुत नेक और भला काम कर रहे हैं, मेरी भी इच्छा है कि मैं ऐसे ही दूसरों की सेवा करूं।”

इसके बाद राजकुमारी एक बार फिर से अपनी यात्रा को पूरा करने के लिए निकल पड़ती है। कुछ देर चलने के बाद राजकुमारी का पैर जानवरों के लिए बनाए गए जाल में फंस गया। राजकुमारी पैर फंसते ही जोर से चिल्लाने लगी। राजकुमारी अपनी मदद के लिए अपनी दोस्तों और मंत्रियों को बुलाने लगी। तभी एक वीर ने राजकुमारी को अपनी समझ से बचा लिया। राजकुमारी ने बचने के बाद उस वीर को धन्यवाद दिया। उस वीर से राजकुमारी से दोबारा मिलने की इच्छा जताई और फिर वहां से चली गई।

इतनी लंबी यात्रा करने के बाद राजकुमारी अपने महल वापस आ गई। महल में राजा ने अपने पुत्री को बताया कि आस-पास के राज्यों के राजकुमार का रिश्ता उनके लिए आया है। लेकिन राजकुमारी ने अपने पिता से कहा मुझे किसी राजसी व्यक्ति से नहीं बल्कि किसी साधारण व्यक्ति से विवाह करना है। उसने राजा को बताया –

“मैंने अपनी यात्रा में ये जाना कि आम व्यक्ति भी बहुत ज्ञानी, गुणवान और मेहनत करने वाला होता है। इसलिए, मुझे साधारण मनुष्य की जीवन साथ बिताने के लिए चाहिए।”

राजा ने राजकुमारी की बात मान ली और उसके लिए स्वयंवर करने की घोषणा की। राजकुमारी के स्वयंवर की बात उन चारों व्यक्तियों के पास पहुंची जिनकी मुलाकात राजकुमारी से उनकी यात्रा के समय हुई थी।

वो चारों व्यक्ति भी राजकुमारी के स्वयंवर पहुंचे। इतने पर ही बेताल ने कहानी को रोक दिया और विक्रम से सवाल करने लगा। बेताल ने पूछा –

“राजकुमारी के सामने चार वर थे, एक कपड़े बनाने वाला, एक अनेक भाषाओं का ज्ञानी, एक वैद्य और आखिर में वीर जिसने राजकुमारी को बचाया था। अब बताओ इनमें से राजकुमारी का सर्वश्रेठ वर कौन था? किसके गले में राजकुमारी ने वरमाला डाली होगी? जल्दी बताओ वरना मैं तुम्हे मार डालूंगा।”

न्यायप्रिय राजा विक्रमादित्य जवाब में बोले –

“कलाकार बहुत संपन्न व्यक्ति था, लेकिन राजकुमारी को धन की कमी नहीं थी। इसलिए वह कलाकार को नहीं चुनेगी। वहीं, दूसरी तरफ अनेक भाषाों का ज्ञानी व्यक्ति, वो मनोरंजन के लिए अच्छा है। तीसरा वैद्य, वो भले ही अच्छा इंसान हो लेकिन वीर की तुलना में नहीं। इसलिए राजकुमारी वीर को ही चुनेगी। राजा का कोई पुत्र भी नहीं था, ऐसे में वीर दामाद बनकर राज्य की रक्षा भी करेगा। इसलिए राजकुमारी के लिए सर्वश्रेठ वर वीर ही है। बेताल विक्रम से सही जवाब सुनकर खुश हो जाता है और फिर से उड़कर किसी पेड़ पर लटक जाता है।

विक्रम बेताल की कहानी: सर्वश्रेष्ठ वर कौन कहानी से सीख (Moral of Who Is The Best Groom Hindi Story)

सर्वश्रेष्ठ वर कौन कहानी से यह सीख मिलती है कि व्यक्ति को जीवन में मौका मिलने पर साहसी और बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी जिंदगी का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।

विक्रम बेताल की कहानी: सर्वश्रेष्ठ वर कौन का कहानी प्रकार (Story Type Of Who Is The Best Groom Hindi Story)

यह कहानी विक्रम-बेताल की मशहूर कहानियों के अंतर्गत आती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. सर्वश्रेष्ठ वर कौन की नैतिक कहानी क्या है ?

सर्वश्रेष्ठ वर कौन कहानी की नैतिकता यह है कि जीवन में हमेशा उस व्यक्ति को चुनें जो आपका मुसीबत में हमेशा साथ देने में सक्षम हो।

2. हमें जीवन में सही इंसान को कैसे चुनना चाहिए ?

जीवन में सही इंसान को चुनने के लिए उसके साहस और बुद्धि को जरूर परखना चाहिए क्योंकि धन-दौलत तो कभी भी आ सकती है लेकिन समझदार इंसान मुश्किल से मिलता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस कहानी से यह निष्कर्ष सामने आता है कि मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा साहसी और बुद्धिमान व्यक्ति को जरूर साथ रखना चाहिए। ऐसे व्यक्ति आपको मुसीबत में साथ देते हैं और हमेशा आपकी रक्षा करते हैं।

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