शिशु

वर्कप्लेस पर बच्चे को ब्रेस्टफीड कैसे कराएं

ब्रेस्टफीडिंग एक बच्चे के शुरुआती विकास के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। लेकिन, फिर भी यह एक ऐसा विषय है, जिसके महत्व को लेकर लगातार बहस होती रही है, खासकर वर्कप्लेस पर माँओं के बारे में। लेकिन काम के क्षेत्र में महिलाओं की लगातार बढ़ती हुई मौजूदगी को देखते हुए, इस बात पर विचार करना बहुत जरूरी हो गया है, कि वर्कप्लेस पर कब और कैसे ब्रेस्टफीड करें। वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीडिंग के फायदे और नुकसान, और उस पोजीशन पर किसी की ड्यूटी और बाध्यता क्या हो सकती है, इस पर विचार करना बहुत जरूरी हो गया है। 

क्या आप काम की जगह पर ब्रेस्टफीड करा सकती हैं?

इस बात पर गौर करना चाहिए, कि एक महिला के लिए वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीड कराना हर तरह से बिल्कुल स्वीकार्य है। हालांकि, व्यस्त काम के साथ ब्रेस्टफीडिंग और शिशु की देखभाल के शेड्यूल में तालमेल बिठा पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन ऐसा करना संभव है और इसे कुछ इस तरह से किया जा सकता है, कि यह आपकी, आपके बच्चे की, आपके परिवार की और आपके केयरगिवर की जरूरतों के साथ सही तालमेल बिठा सके। 

हालांकि, यहाँ हम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए, ब्रेस्टमिल्क के फायदों के बारे में बात नहीं करनी वाले हैं, पर यह कहने की आवश्यकता नहीं है, कि वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीडिंग का यह फायदा है, कि आप अपने बच्चे को सही भोजन मिलने को लेकर निश्चिंत रह सकती हैं और अपने ब्रेस्टमिल्क को बाहर निकाल कर अपने शरीर के सही तालमेल को जारी रख पाने में सक्षम हैं। अगर आपका कोई सवाल है, तो आपको स्थानीय और राष्ट्रीय कानून समूह से मदद लेनी चाहिए और काम की जगह पर अपने अधिकारों को समझना चाहिए। 

क्या आपको ब्रेस्टफीडिंग के बारे में अपने एचआर मैनेजर को जानकारी देने की जरूरत है?

कानूनन आपके बच्चे के शुरुआती 12 से 15 महीनों में, दिए गए अवकाश में, आमतौर पर आपको कार्यस्थल पर ब्रेस्टफीड कराने का अधिकार होता है। हालांकि, आपको इसके बारे में अपने एचआर मैनेजर से बात करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन बेहतर है कि आप ऐसा करें और एक प्लान तैयार करें। अपने एचआर मैनेजर से बात करने में डरे नहीं, क्योंकि अधिकतर कंपनियां काम पर माँ के ब्रेस्टफीड कराने की जरूरत को लेकर बहुत सहायक होती हैं। अगर आप काम पर ब्रेस्टफीड कराने के बारे में किसी पुरुष एचआर मैनेजर से बात करने में घबरा रही हैं या आपको इससे हिचकिचाहट हो रही है, तो आपको एक महिला एचआर मैनेजर से बात करनी चाहिए। 

आपको अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर एक अधिक सहयोगात्मक वातावरण बनाना चाहिए, जो कि माँओं के लिए अधिक मददगार और सुविधाजनक हो। महिलाओं को मिल्क निकालने के लिए समय और एकांत की जरूरत होती है और आपको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, अपने हक के लिए खड़े होने में डरना नहीं चाहिए। अधिकतर मामलों में हर किसी को फायदा चाहिए होता है, जिसमें आपका बिजनेस भी शामिल है। माँ और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य के फायदे होते हैं, लेकिन व्यापारिक फायदे भी होते हैं, जैसे कम टर्नओवर, महिला कर्मचारियों की कम अनुपस्थिति, प्रोडक्टिविटी और मनोबल में वृद्धि और कम मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम। 

अपने एचआर मैनेजर से बात करने में घबराएं नहीं, लेकिन ऐसा करने से पहले अपने हक और अपनी  वचनबद्धता के बारे में पूरी जानकारी ले लें। 

काम पर ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयारी कैसे करें?

सक्रिय कदम उठाने की कोशिश करें, जिसमें काम पर लौटने से पहले अपने एम्प्लॉयर से संपर्क करना और उनको यह जानकारी देना कि काम पर लौटने पर आपको हर दिन 2 से 3 बार मिलकर एक्सप्रेस करने की जरूरत होगी, शामिल है। जगह की पॉलिसी पर विचार करें और आपके वर्कप्लेस पर और आपके अधिकार क्षेत्र में ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कानून और संस्था के संदर्भ में सभी पहलुओं पर जानकारी लें। 

काम पर लौटने से पहले आपको अपने केयरगिवर के साथ कार्यस्थल पर बच्चे को कब और कैसे दूध पिलाना है, इसे लेकर एक प्लान भी बनाना चाहिए। इसमें काम पर वापस जाने से पहले ब्रेस्ट मिल्क को स्टॉक करना, काम पर लौटने से पहले बच्चे को बोतल का दूध देना शुरू करना और ब्रेस्टमिल्क पंप के नियमित इस्तेमाल की तैयारी करना आदि शामिल है। 

अधिकतर स्टडीज और घटनाओं से पता चलता है, कि ज्यादातर महिलाएं विभिन्न कारणों से काम की जगह पर ब्रेस्टफीडिंग कराने में परेशानी महसूस करती हैं। इन कारणों में काम के दौरान समय निकालने से लेकर इसके बारे में बात करना और व्यस्त काम के बीच दूसरे कर्मचारियों की मौजूदगी में ब्रेस्ट मिल्क निकालने में हिचकिचाहट आदि शामिल हैं। लेकिन एक कमिटमेंट करना जरूरी है। काम और बच्चे को एक साथ मैनेज करना आसान नहीं है, काम और ब्रेस्टफीडिंग के खास काम को तो छोड़ ही दीजिए। 

काम पर लौटने पर आने वाली परेशानियों के बारे में विचार करें और अपने, अपने परिवार, अपने केरगिवर और अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर के लिए एक ऐसा प्लान बनाएं, जो आपके और आपके बच्चे की जरूरतों को बेहतरीन तरीके से पूरा करें। 

मिक्स्ड फीडिंग क्या होती है?

मिक्स्ड फीडिंग का अर्थ होता है, आधुनिक पेरेंटिंग में अपने बच्चे को दो अलग तरह की फीडिंग को मिला कर देना। एक में आपके बच्चे को ब्रेस्टमिल्क देना शामिल है और दूसरे में बच्चे को फार्मूला मिल्क देना शामिल है। मिल्क फीडिंग के साथ जब आप अपने बच्चे से दूर होती हैं, तो आप उसे फॉर्मूला मिल्क देती हैं, लेकिन जब आप उसके साथ होती हैं, तो जब कभी भी संभव हो, तो उसे ब्रेस्टमिल्क दें। 

इस तरीके की वकालत करने वाले लोग कहते हैं, यह कि काम के पहले और काम के बाद माँ और बच्चे को पोषण और साथ बिताने का वक्त देती है। इसमें काम के दौरान माँ को फ्री टाइम भी मिलता है, जहाँ उसे दूध निकालने की जरूरत नहीं होती है। इसके साथ ही बच्चे को ऑर्गेनिक ब्रेस्टमिल्क के फायदे भी मिलते हैं। कुछ अन्य माँओं के पास एक मशीन के इस्तेमाल का विकल्प भी होता है, जिससे ब्रेस्टमिल्क के उत्पादन में मदद मिलती है और माँ और बच्चे के दूर रहने पर बच्चा उसे पी सकता है। मिक्स्ड फीडिंग करते समय गाय और भैंस जैसे दूध के अन्य स्रोतों के बजाय फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल करना चाहिए। 

आप कार्यस्थल पर ब्रेस्टफीडिंग, मिक्स्ड फीडिंग या पूरी तरह से फार्मूला मिल्क, चाहे जिसे भी चुनें, हर पहलू के फायदे और नुकसान पर विचार करें और जो आपके लिए सही हो उसके पक्ष में निर्णय करें। 

काम के दौरान ब्रेस्टफीडिंग के फायदे और नुकसान

जहाँ काम के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराना सबसे वाजिब विकल्प लग सकता है, वहीं ऐसा करने के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं और आपको ऐसा निर्णय लेने की जरूरत होगी जो आपके लिए सही हो। 

काम की जगह पर ब्रेस्टफीडिंग कराने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

  • यह एक रूटीन को बनाए रखने में काफी मदद करता है और यह एक कनेक्शन को बनाए रखता है, जो आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
  • वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीडिंग का मतलब है, कि भले ही आप उपस्थित न हों, पर आपको पता है, कि आपके बच्चे को बिल्कुल सही भोजन और ब्रेस्टमिल्क के सभी फायदे मिल रहे हैं।
  • काम पर ब्रेस्टफीडिंग कराने में सक्षम होने से आपको अपनी रोज की दिनचर्या में अधिक सहयोग और कॉन्फिडेंस मिलता है।
  • काम पर ब्रेस्टफीडिंग से आप की प्रोडक्टिविटी और मनोबल में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि इसमें आपको नियमित ब्रेक मिलते हैं और वर्कप्लेस पर अपने बच्चे के बारे में आपको अधिक चिंता नहीं सताती है।

काम की जगह पर ब्रेस्टफीडिंग के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं: 

  • काम के दौरान ब्रेस्टफीडिंग कराना बहुत थकावट भरा हो सकता है और जो रूटीन आप को आरामदायक लगता है, उसका हिस्सा बनना मुश्किल हो सकता है।
  • सभी वर्कप्लेस मदर फ्रेंडली नहीं हो सकते हैं, लेकिन आप अपने एचआर के साथ मिलकर एक प्लान बना सकती हैं, जो आपकी जरूरतों को सूट करें। मिल्क एक्सप्रेस करने के लिए एक आरामदायक और साफ काम की जगह तैयार करें।
  • ब्रेस्टफीडिंग और काम को ढेर सारी प्लानिंग और तैयारी की जरूरत पड़ेगी, जैसे कि पंप और बोतल, जो कि हर महिला या कर्मचारी की दिनचर्या के साथ सूट नहीं करता है।
  • फीडिंग के बीच में एडजस्ट करने में आपके ब्रेस्ट को थोड़ा समय लग सकता है, खासकर अगर आप अपने और अपने बच्चे की दिनचर्या में मिक्स्ड फीडिंग या बॉटल फीडिंग को शामिल कर रही हैं तो।

कामकाजी महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग के टिप्स

जहाँ कार्यस्थल पर ब्रेस्टफीडिंग के कई फायदे और नुकसान हैं, वहीं अगर आप निर्णय ले रही हैं, तो ऐसे में कई मुद्दों पर विचार करने की जरूरत है। नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि काम और ब्रेस्टफीडिंग को एक साथ एक ही समय पर कैसे मैनेज किया जाए। 

1. काम पर वापस लौटने की तैयारी

आप अपनी काम की जगह और वहाँ पर ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरूरी तैयारियों के बारे में एक प्लान तैयार करें। अपने केयरगिवर और अपने परिवार के साथ से परामर्श लें और विचार करें, कि इस प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों के लिए कौन सी योजना सबसे अधिक कारगर होगी। 

2. समय का विचार करें

रात और वीकेंड के लिए प्लान बनाएं और दिन के दौरान और सप्ताह के दिनों के दौरान दूध कब निकालना है, इसके बारे में विचार करें। काम पर तभी लौटें, जब आप पूरी तरह से तैयार हों और इसके पहले अपनी ब्रेस्टफीडिंग के बारे में अपने एम्प्लॉयर के साथ प्लान बनाने की कोशिश करें। 

3. अपनी कंपनी के लिए एक योजना बनाएं

काम पर लौटने से पहले अपनी कंपनी में बात करें और उनसे बात करने के पहले, अपने दिमाग में एक योजना तैयार कर लें, अपने हक के लिए लड़ें और न केवल कंपनी बल्कि दूसरे कर्मचारियों के साथ काम करने के लिए एक योजना बनाएं। 

4. पंप के बारे में विचार करें

एक अच्छा पंप लें, जिससे आपके बच्चे की अनुपस्थिति में आपको मिल्क एक्सप्रेस करने में मदद मिलेगी। जहाँ एक सिंगल मैनुअल पंप अपनी कीमत और आसान इस्तेमाल के कारण आपको आकर्षित करेगा, वहीं, असल में आपको डबल इलेक्ट्रिक पंप जैसी चीजों के बारे में सोचना चाहिए, जो कि आपका बहुत सारा समय बचाएंगे और काफी कारगर भी होंगे।

5. क्रिएटिव बनें

वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीड के लिए सही जगह और समय की तलाश करें और इसे लेकर रचनात्मक बनें। एक रूटीन बनाने की कोशिश करें और आपके लिए उस रूटीन को आसान बनाने के लिए कोई चतुर और अच्छा तरीका ढूंढें। जैसे –  इस्तेमाल के बीच पंप को नीचे कर देना और कुछ ऐसे उपकरण रखना जिससे यह प्रक्रिया आपके लिए आसान हो जाए। 

6. अपनी रिसर्च करें

आपको जिसके बारे में पता नहीं है, उसपर रिसर्च सर्च करें और सवाल पूछें, जैसे दूध को स्टोर करने के लिए बेहतरीन गाइडलाइन और बोतल का इस्तेमाल। निर्णय लेने से पहले आपके पास सभी जरूरी जानकारी होनी चाहिए। सवाल पूछने में हिचकिचाएं नहीं, खासकर उन माँओं से, जो इस स्थिति से पहले गुजर चुकी हैं। 

7. अपनी सीमाओं को जानें

अपनी सीमाओं और वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीडिंग के लिए अपने ऊपर पड़ने वाले तनाव को समझें और एक ऐसी योजना बनाएं, जो आपके लिए सही हो। काम पर लौटने से पहले आप जो भी निर्णय लें, उसे एक ट्रायल पीरियड दें, जैसे कि 30 दिनों के लिए और देखें कि यह आपके लिए सही है या नहीं। 

8. अपने बच्चे से जुड़ें

अपने बच्चे के पोषण और कार्यस्थल पर ब्रेस्टफीडिंग को लेकर आप चाहे जो भी फैसला लें, इस बात का ध्यान रखें कि अपने बच्चे से जुड़ाव को टूटने न दें। भले ही आप दिन में फॉर्मूला मिल्क दे रही हों, पर पूरे दिन की दूरी के बाद  ब्रेस्टफीडिंग, अपने बच्चे से जुड़ने का सबसे जरूरी तरीका हो सकता है। 

काम की जगह पर ब्रेस्टफीडिंग, आधुनिक महिलाओं के जीवन की एक जरूरी सच्चाई है। जहाँ सभी महिलाओं को वर्कप्लेस पर ब्रेस्टफीडिंग कराने का हक है, वहीं ऐसी कई चीजें हैं, जिनके बारे में उन्हें तैयारी करने की जरूरत है। काम पर ब्रेस्टफीडिंग कराना मुश्किल और समय लेने वाला हो सकता है और जहाँ इसे मैनेज किया जा सकता है, वहीं इसके कई फायदे और नुकसान भी हैं। काम पर लौटने से पहले आपको अपने परिवार, अपने केयरगिवर और अपने कार्यस्थल के साथ उचित तैयारियां करने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके, कि एक माँ के तौर पर काम की जगह पर ब्रेस्टफीडिंग संभव है। 

यह भी पढ़ें: 

ब्रेस्टमिल्क को पंप करने के बाद स्टोर करने के तरीके
हाथों की मदद से स्तन दूध निकालना (ब्रेस्टमिल्क एक्सप्रेस करना)
फीडिंग पिलो – फायदे और इस्तेमाल का तरीका

पूजा ठाकुर

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