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क्या आपका बच्चा बहुत जिद्दी है? बच्चों में हठ करने की आदत बचपन से ही हो सकती है। लेकिन यह जानकार आपको राहत मिल सकती है कि आपके अलावा बहुत से माता-पिता इस परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। जिस तरह से आप अपने बच्चे की परवरिश करते हैं, इससे यह तय होता है कि वह बड़ा होकर कैसा बनेगा। बच्चों को संभालने और उन्हें अच्छी बातें सिखाने के लिए बचपन व किशोरावस्था अधिक महत्वपूर्ण व साथ ही कठिन समय होता है।
यह समझना जरूरी है कि जिद्द करना कुछ बच्चों के व्यक्तित्व का एक हिस्सा होता है जबकि अन्य बच्चों में यह आदत दूसरों पर दबाव डालने और अपनी मांग पूरी करने तक ही सीमित रहती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको विस्तार में यह सुझाव देते हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को विभिन्न तरीकों से तनाव-मुक्त रहना और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सिखा सकते हैं।
यदि आपका बच्चा अपनी बात मनवाने के लिए आपसे जिद्द करता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसका स्वाभाव हठी या जिद्दी है। ढृंढ निश्चय करने और जिद्द करने में बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है, इस अंतर को समझने के लिए आप जिद्दी व्यवहार के निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान दें;
यदि आपका बच्चा बहुत जिद्दी है तो उसे अपने अनुसार संभालने के लिए पहले समझें कि वह ऐसा क्यों है और ऐसी कौन सी चीज है जो उसे इतना जिद्दी बना रही है। बच्चे का दृढ़ निश्चयी होना एक अलग बात है और उसका जिद्द करना अलग है।
दृढ़ संकल्प को ‘मजबूत उद्देश्य’ के रूप में परिभाषित किया गया है जबकि जिद्दी होना ‘विचार को बदलने से इंकार, व्यवहार और बाहरी दबाव’ है। बच्चों में हठ आनुवंशिक हो सकता है या वे यह व्यवहार दूसरों को देखकर सीख सकते हैं। आपके बच्चे में इस व्यवहार को उपयुक्त बनाने के लिए इसे रूपांतरित किया जा सकता है जिससे भविष्य में आपके बच्चे का व्यक्तित्व बहुमुखी बने।
जिद्दी व्यवहार बचपन, बालावस्था या किशोरावस्था – किसी भी आयु में हो सकता है और यह व्यवहार एक व्यस्क की अवस्था तक रह सकता है। माता-पिता के रूप में आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों को कुछ ऐसे तरीकों से संभालें जो आप दोनों पर अधिक दबाव न डाले और उसके जिद्दी व्यवहार को बदलने में भी मदद करे। जिद्दी बच्चों को संभालने के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानें;
ऐसी कुछ स्थितियां हो सकती हैं जिसमें आप और आपका बच्चा एक दूसरे से सहमत न हों, उदाहरण के लिए कार की सीट। यदि बाहर जाने के निर्णय से आपकी और आपके बच्चे की इच्छाओं के प्रति तालमेल नहीं बैठता है तो यह बताकर उसका ध्यान भटकाएं कि आप कहाँ जा रहे हैं बजाय इसके कि आप कैसे जा रहे हैं। यदि इसका परिणाम गुस्सा या नाराजगी होती है तो इसमें भी खेल खेलने का प्रयास करें, इसका समय निर्धारित करके या अन्य भाई-बहनों को भी इसमें शामिल करके।
जिद्दी बच्चे हमेशा तर्क-वितर्क के लिए तैयार रहते हैं इसलिए उन्हें इसका अवसर न दें। हमेशा अपने बच्चे को आराम से सुनें और इसे तर्क के बजाय बातचीत में बदल दें। जब आप अपने बच्चे को यह दिखाते हैं कि आप उसके पक्ष की बात सुनने को तैयार हैं तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वह आपकी बात भी सुनने को तैयार रहेगा।
बच्चे को वह कार्य करने के लिए मजबूर न करें जो वह नहीं करना चाहता है। इससे बच्चा आपकी बातों का विद्रोह कर सकता है और वह जो नहीं करना चाहिए उन कार्यों को भी करने की जिद्द कर सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा टीवी देखने के बजाय अपना होमवर्क करने बैठ जाए तो थोड़ी देर के लिए बच्चे के साथ टीवी देखने का प्रयास करें। इससे आप दोनों के संबंध में मित्रता का भाव आएगा और थोड़ी देर के बाद आप उससे पूछ सकते हैं कि क्या अब वह अपना होमवर्क करेगा और आप उसके पास एक किताब लेकर पढ़ना शुरू करें या कुछ और काम करें। वह आपको देखकर पढ़ना शुरू करेगा।
बच्चे से यह पूछना कि वह क्या करना चाहता है, इससे उसकी जिद्द को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसा करने के बजाय आप उसे दो विकल्प देकर चुनाव करने की आजादी दें। इससे आपका बच्चा अपने जीवन पर खुद का अधिकार समझेगा और आजादी से मनचाहे फैसले ले सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा भ्रमित न हो तो आप अपने विकल्पों को सीमित रखें और उसे सिर्फ दो या तीन विकल्पों में से कोई एक चुनने को कहें। उदाहरण के लिए; यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपना कमरा खुद साफ करे तो उससे यह पूछने के बजाय कि ‘कहाँ से शुरुआत करना चाहते हो?’, अपने बच्चे से यह पूछे के वह कमरे में पहले बिस्तर साफ करेगा या अलमारी।
किसी भी समस्या को बच्चे के दृष्टिकोण से भी देखें और समझने का प्रयास करें कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है। यदि आपने उससे वादा किया है कि आप उसे पार्क में घुमाने ले जाएंगे किंतु शायद मौसम खराब होने के वजह से आपने ऐसा नहीं किया है तो आपको उसे यह समझाने का प्रयास करना होगा कि वादा पूरा करना संभव क्यों नहीं है। आपके बच्चे को सिर्फ यह दिखेगा कि आपने उससे किया हुआ वादा तोड़ा है किंतु यदि आप उसे समझाएंगे कि आप बाहर क्यों नहीं जा सकते हैं और बाहर जाने का कोई और दिन निर्धारित करेंगे तो आप स्थिति को सरलता से संभाल सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आपका घर एक ऐसी जगह है, जहाँ आपका बच्चा हर समय खुश, आरामदायक और सुरक्षित महसूस करता है। घर में हर किसी से विनम्र रहें, विशेष रूप से अपने पति या पत्नी से क्योंकि बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं। वे जो देखते हैं उसी की नकल करते हैं इसलिए यह आवश्यक है कि आप शांति बनाए रखें एवं बच्चे के सामने तर्क-वितर्क व अपमानजनक शब्दों का उपयोग न करें।
जिद्दी बच्चे यदि कुछ मांगते हैं तो उनके लिए ‘ना’ सुनना कठिन होता है। इसलिए कठोर होने के बजाय उन्हें प्यार से समझाने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा सोने के समय दो कहानियां सुनने की जिद्द करता है, तो उसे समझाते हुए विकल्प दें कि एक कहानी वह आज सुन सकता है और एक कहानी वह कल सुन सकता है।
अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करें और हर समय एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित करें। यदि आप अधिकतर ‘नहीं’, ‘नहीं हो सकता’, या ‘नहीं होगा’ जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं, तो आपके बच्चे द्वारा भी ऐसा करने की संभावना रहती है। अपने बच्चे के जिद्दी स्वभाव को देखते हुए नकारात्मक होने और बिना सोचे-समझे बोलने के बजाय उसके व्यवाहर को सुधारने के दृष्टिकोण से देखें। आप बच्चे से सवालों का खेल खेल सकते हैं जिसमें वह जवाब में हाँ या नहीं कहकर जवाब दे सके। अपने प्रश्नों को इस तरह से बनाएं कि उनका जवाब ज्यादातर ‘हाँ’ में रहे। इससे यह संदेश मिलता है कि बच्चे ने आपकी बात सुनी और स्वीकारा भी है।
दैनिक के साथ एक साप्ताहिक दिनचर्या पर नियमित रहने से आपके बच्चे के व्यवहार के साथ-साथ स्कूल में प्रदर्शन में सुधार हो सकता है। बच्चे के सोने के समय पर ध्यान दें और यह ऐसा होना चाहिए कि आपके बच्चे को भरपूर आराम मिले। 3 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों में थकान और नींद न पूरी होने के कारण व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
जिद्दी बच्चों के लिए नियम-कायदों की जरूरत होती है इसलिए सीमाओं को निर्धारित करें और पारिवारिक बैठक में अपनी उम्मीदों को स्पष्ट रूप से कहें। अपने बच्चे से इसका नतीजा और साथ ही प्रत्येक पर उसका दृष्टिकोण पूछें। निरंतरता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसमें कठोरता बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए । कई बार नरम व उदार होना भी महत्वपूर्ण है खासकर जब आप छुट्टी पर होते हैं या ऐसे अवसरों पर जब आपका बच्चा अनुकरणीय व्यवहार प्रदर्शित करता है। इससे उन्हें पता चलता है कि नियम पालन करने पर पुरस्कृत किया जा सकता है और इसका उद्देश्य कठोरता तो बिलकुल भी नहीं है।
जिद्दी बच्चों को संभालना आसान कार्य नहीं है, ऐसी स्थिति में यदि आपको कोई समाधान जल्दी नहीं मिलता है तो हर दिन कोई छोटी सी बात भी बड़ा संघर्ष बन सकती है। जिद्दी बच्चे के व्यवहार को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस बारे में आपको काफी जानकारी मिली होगी, लेकिन हर दिन एक नई चुनौती है। सभी मामलों में जिद्दी बच्चे को अनुशासित करना सबसे अच्छा समाधान नहीं हो सकता है, इसके लिए वैकल्पिक हल ढूंढना अधिक प्रभावी हो सकता है।
जब भोजन और खाने की बात आती है, खासकर अगर बच्चे जिद्दी हैं तो अधिकांश बच्चे उधम मचा सकते हैं। इस समय थोड़ा खुशामद करना मददगार साबित हो सकता है, बच्चे को कम मात्रा में अलग-अलग भोजन परोसें और उसे चुनने दें कि वह कौन सा भोजन अधिक खाना चाहता है। आप पौष्टिक खाद्य पदार्थ से विभिन्न प्रकार के रचनात्मक व्यंजन पका सकते हैं। इसके अलावा बच्चे को भोजन के समय के कामों में शामिल करने का प्रयास करें, जैसे टेबल सेट करना। बच्चे के भोजन खत्म करने के बाद उसे उसकी पसंदीदा मिठाई के रूप में कोई इनाम देना उसके व्यवहार में बदलाव लाने का एक प्रयास सिद्ध हो सकता है।
देखें कि क्या आपके बच्चे को निर्धारित होमवर्क पूरा करने में कठिनाई होती है या वह लिखे या सिखाए जाने वाली चीजों से घबराया हुआ है। यदि आपको ऐसा लगता है तो इसे अलग-अलग भाग में विभाजित करके सरल बनाने का प्रयास कर सकते हैं। एक बार में बैठकर पूरा करने की तुलना में उसका होमवर्क बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेने से जल्दी पूरा हो सकता है। इसका अन्य विकल्प यह है कि आप अपने बच्चे के होमवर्क को एक और गतिविधि के साथ जोड़ दें, उदाहरण के लिए स्पेलिंग सीखना बगीचे में पौधों को पानी देते हुए हो सकता है।
यह झगड़े या नाराजगी का एक प्रसिद्ध कारण है जो हर बार होता है। जब आपका बच्चा कुछ ऐसा पहनना चाहता है जो उस अवसर या मौसम के लिए उपयुक्त नहीं है। तो इसका यह तरीका यह है कि आप अपने बच्चे के अलमारी में कम कपड़ें सजाएं और फिर कुछ दो सप्ताह में अन्य कपड़ों के साथ उन्हें बदल दें। इसके अलावा ऐसे कपड़ों को भी हटा दें जो मौसम के अनुकूल न हों ताकि बच्चे की जिद्द का एक कारण कम हो जाए। जब कभी आप चाहें कि आपका बच्चा अपने कपड़े बदले तो उन्हें दो या तीन अलग-अलग कपड़ों के ऑप्शन दें और उसे चुनने के लिए कहें। इस प्रकार आपका बच्चा अपने निर्णय लेकर खुश रहेगा और आप भी इसे सरलता से सुलझा पाएंगे।
सोने के समय आपका बच्चा इधर-उधर भागता है जिससे एड्रेनालाईन नामक हॉर्मोन उत्तेजित होता है और इसलिए वह आसानी से सो नहीं पाता है। लाइट बंद करने से पलगभग 30 मिनट पहले एक शांत व सुखदायक संगीत चलाएं और कमरे में रोशनी कम कर दें। टीवी बंद कर दें और नाईट ड्रेस पहनने को कहें। इस समय बच्चे को नाईट ड्रेस के चुनाव का विकल्प देकर कपड़े पहनाने पर लड़ाइयों से बचें। बच्चे के सोने से थोड़े समय पहले उसके साथ थोड़ा समय बिताएं और पूछें कि क्या कोई ऐसी बात है जो उसे आपको बतानी है या आप उससे बस एक सरल सवाल पूछ सकते हैं कि उसका आज का दिन कैसा था।
बच्चे का जिद्दी स्वाभाव कोई भी बुरी बात नहीं है। वास्तव में, यह देखा गया है कि जिन बच्चों में यह विशेषताएं होती हैं, वे अक्सर शिक्षा के साथ-साथ अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करते हैं। ऐसे बच्चे अपने दोस्तों के दबाव में किसी भी गलत चीज से प्रभावित नहीं होते हैं जो उसके दोस्त कर रहे हों। अच्छे अनुशासन की आदत डालना और अपने बच्चे को समझने का प्रयास करना उन्हें आगे एक जिम्मेदार और दृढ़ निश्चय धारण करने वाला व्यक्ति बना सकता है ।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सिर्फ एक मार्गदर्शिका है और किसी योग्य पेशेवर चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है।
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