In this Article
- 19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता क्यों होती है
- 19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन की तैयारी कैसे करें
- 19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में कितना समय लगता है
- 19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की प्रक्रिया
- स्कैन में क्या दिख सकता है
- स्कैन में कौन सी असामान्यताएं देखी जा सकती हैं
- स्कैन में कोई असामान्यता दिखने पर क्या होगा
- क्या 19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड कराने के जोखिम या दुष्प्रभाव हैं
19वें सप्ताह में गर्भवती महिलाएं अपनी गर्भावस्था के बीच के दौर में होती हैं। इस अवस्था में, उन्हें गर्भ में पल रहे शिशु के सामान्य विकास को निर्धारित करने के लिए गर्भावस्था अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाने की सलाह दी जाती है। 19 सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में एक स्वस्थ शिशु लगभग 6 इंच लंबा और लगभग 240 ग्राम का होता है। गर्भावस्था के 19वें सप्ताह के बाद, शिशु की लंबाई प्रत्येक सप्ताह एक सेंटीमीटर तक बढ़ने की संभावना होती है।
गर्भावस्था के 19वें सप्ताह में, डॉक्टर आपके रक्त शर्करा के स्तर और हीमोग्लोबिन का परीक्षण कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो, तो वह प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच की सलाह भी दे सकते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के 19वें सप्ताह में डॉक्टर भ्रूण के हृदय की धड़कन व क्रियात्मक गतिविधि, गर्भाशय में एम्नियोटिक द्रव की स्थिति और शिशु व गर्भाशय के आकार का आकलन करने के लिए एक अल्ट्रासाउंड करने का सुझाव दे सकते हैं।
19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता क्यों होती है
जैसे-जैसे गर्भावस्था 19वें सप्ताह तक पहुँचती है, भ्रूण का विकास तेजी से होने लगता है। 19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड को “मॉर्फोलॉजी स्कैन” या “स्ट्रक्चरल स्कैन” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस अवधि में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड में भ्रूण की संरचना और आकार का मूल्यांकन करते हैं। अल्ट्रासाउंड के इस विस्तृत रूप को कभी-कभी “विसंगति (एनोमैली) अल्ट्रासाउंड” के रूप में संदर्भित किया जा सकता है क्योंकि यह भ्रूण की किसी भी मुख्य असामान्यताओं का पता लगाने के लिए बारीकी से जांच करता है। गर्भावस्था के 19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर निम्नलिखित बातों पर ध्यान दे सकते हैं:
- भ्रूण के हृदय की धड़कन को जांचने के लिए
- भ्रूण के आकार का मूल्यांकन करने के लिए
- गर्भनाल की स्थिति की जांच करने के लिए
- एक से अधिक गर्भधारण का पता लगाने के लिए
- गर्भ में पल रहे शिशु से जुड़े एम्नियोटिक द्रव का विस्तार निर्धारित करने के लिए
- भ्रूण की असामान्यताओं को जांचने के लिए, यदि कोई है
- प्रसव की अपेक्षित तिथि की पुष्टि करने के लिए
19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन की तैयारी कैसे करें
19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड के लिए किसी भी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अल्ट्रासाउंड स्कैन से पहले आपका मूत्राशय भरा हुआ हो । हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपका मूत्राशय असहजता के साथ भरा हुआ हो और आपको असुविधा होने लगे। अल्ट्रासाउंड से पहले कितना पानी पीना चाहिए इस बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना एक बेहतर विकल्प है।
अल्ट्रासाउंड में भरा हुआ मूत्राशय अधिक सहायक होता है क्योंकि यह ऊपर की ओर उठे हुए गर्भाशय को दूसरी तरफ पीछे से टेढ़ा करता है जिससे गर्भाशय में अस्थाई रूप से समतल सतह बनती है और यह सतह डॉक्टर को श्रोणि, गर्भाशय और अंडाशय की स्पष्ट जांच करने में मदद करती है।
अल्ट्रासाउंड के समय आप ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें क्योंकि इससे डॉक्टर आपके पेट की जांच सरलता से कर सकेंगे ।
19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड स्कैन में कितना समय लगता है
ज्यादातर, 19वें सप्ताह के अल्ट्रासाउंड को पूरा होने में 30-40 मिनट से अधिक नहीं लगते हैं।
19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड स्कैन की प्रक्रिया
गर्भ में पल रहे शिशु की ग्राफिकल छवियों को देखने के लिए, अल्ट्रासाउंड उच्च आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। अल्ट्रासाउंड की शुरुआत में डॉक्टर आपके पेट पर जेल लगाते हैं जिसे इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद साफ किया जा सकता है। जेल लगाए हुए हिस्से में डॉक्टर ध्वनि तरंगे उत्पन्न करने वाला ट्रांसड्यूसर रखकर चारों ओर घुमाते हैं । ट्रांसड्यूसर इन तरंगों को एकत्रित करके छवि के रूप परिवर्तित करता है और इस प्रकार आप गर्भस्थ शिशु को स्क्रीन पर देख सकती हैं।
स्कैन में क्या दिख सकता है
19वें सप्ताह का अल्ट्रासाउंड स्कैन होने वाले माता-पिता के लिए एक उत्साहपूर्ण क्षण हो सकता है। अपने गर्भस्थ शिशु की छवि को देखना हर माता-पिता के लिए बहुत खास और रोमांचक होता है। इस अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर की मदद से आप अपने शिशु की हड्डियों व अंगों को देख सकते हैं – इसमें ग्रे रंग के धब्बों के साथ सफेद व नर्म ऊतक दिखाई देंगे । शिशु की त्वचा रक्त वाहिकाओं की उपस्थिति के कारण ज्यादातर पारदर्शी और लाल रंग की दिख सकती है। शिशु की त्वचा क्रीमयुक्त सफेद रंग के आवरण से ढकी हुई लगती है जिसे ‘वर्निक्स’ के रूप में जाना जाता है। गर्भ में पल रहे शिशु के चारों ओर एम्नियोटिक द्रव काले रंग का दिखता है। डॉक्टर स्कैन के द्वारा आपको शिशु के प्रमुख अंगों के साथ उसके हृदय को भी दिखाएंगे ।
स्कैन में कौन सी असामान्यताएं देखी जा सकती हैं
इस अल्ट्रासाउंड में विभिन्न प्रकार की निम्नलिखित असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है:
- जन्मजात हृदय समस्याएं
- हाइड्रोसिफेलस – मस्तिष्क के भीतर तरल पदार्थ का संचय
- स्पाइना बिफिडा – रीढ़ की हड्डी का ठीक से विकसित न होना
- डायाफ्रामिक हर्निया – डायफ्राम में अनियमित छिद्र जिसके कारण पेट के अंग छाती में चले जाते हैं
- एननसिफेली – अपूर्ण कपाल और अविकसित मस्तिष्क
- गैस्ट्रोस्काइसिस – शिशु के पेट की अंदरूनी दीवार में छिद्र
- प्रमुख अंगों की समस्याएं – छोटे अंग या हड्डियों का ना होना
- प्रमुख गुर्दे की जटिलताएं – असामान्य गुर्दा या गुर्दे का ना होना
- आटिज्म – एक विकासात्मक विकार जो बातचीत करने और संवाद करने की क्षमता को नुकसान पहुँचाता है
- सेरेब्रल पाल्सी – मांसपेशियों के तनाव का एक विकार जो क्रिया या मुद्रा को क्षीण करता है
- डाउन सिंड्रोम – एक गुणसूत्र यानि क्रोमोसोम का विकार जिसके कारण बौद्धिक और विकासात्मक विकलांगता होती है
स्कैन में कोई असामान्यता दिखने पर क्या होगा
यदि अल्ट्रासाउंड किसी भी असामान्यता को दिखाता है, तो डॉक्टर आपको इस समस्या के बारे में समझाने के बाद सबसे उपयुक्त उपचार के लिए विकल्प बता सकते हैं। वैकल्पिक रूप से डॉक्टर किसी अन्य विशेषज्ञ के साथ विस्तार से चर्चा कर सकते हैं या आपको इसकी सलाह भी दे सकते हैं।
शिशु में असामान्यता की दोबारा जांच के लिए डॉक्टर आपको किसी और दिन फिर से अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दे सकते हैं। संभवतः उस दिन गर्भस्थ शिशु किसी और मुद्रा में हो, इसके अनुसार ही आपके डॉक्टर दोबारा से उसकी जांच कर सकते हैं। यद्यपि यह आवश्यक नहीं है कि शिशु में असामान्यताएं या समस्याएं अत्यधिक गंभीर ही हों परंतु फिर भी सिर्फ एक अल्ट्रासाउंड स्कैन किसी भी समस्या की पूरी जांच के लिए काफी नहीं है और शिशु में समस्या या असामान्यता की पुष्टि के लिए आपको अतिरिक्त अल्ट्रासाउंड भी करवाने पड़ सकते हैं।
क्या 19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड कराने के जोखिम या दुष्प्रभाव हैं
19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। यह दर्द रहित होता है और इसमें आयोनाइजिंग रेडिएशन शामिल नहीं होता है।अल्ट्रासाउंड तकनीक में सुधार के साथ, 19वें सप्ताह में 3डी अल्ट्रासाउंड का विकल्प भी उपलब्ध है जो गर्भ में पल रहे शिशु की 3डी छवियां प्रदान कर सकता है।
19वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड, आपके गर्भस्थ शिशु की आवश्यक वृद्धि और विकास की पुष्टि करने में मदद करता है। इस समय तक शिशु में सुनने की क्षमता भी विकसित हो सकती है। इसलिए आप चाहें तो अपने शिशु से बात करने की शुरुआत भी कर सकती हैं। सुखद गर्भावस्था सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक और स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है।