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आपके नन्हे शिशु को उसकी हड्डियों और दूसरे अंगों के स्वस्थ विकास के लिए विटामिन ‘बी12’, ‘डी’ और कैल्शियम की जरूरत होती है। शुरुआती 12 से 24 महीनों के बीच बोध ज्ञान और शारीरिक विकास के लिए जरूरी होने के अलावा, सही अनुपात में सही पोषण मिलना बहुत मायने रखता है। शिशु को डेयरी प्रोडक्ट्स देने की शुरुआत करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी आगे दी गई है।
शिशुओं को कब और कौन से डेयरी प्रोडक्ट्स देने चाहिए
एक साल की उम्र के बाद बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट दिए जा सकते हैं। बच्चों के लिए डेयरी प्रोडक्ट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
1. गाय का दूध
आमतौर पर एक साल की उम्र से पहले गाय के दूध की सलाह नहीं दी जाती है। कुछ बच्चों को इससे एलर्जी होती है और गाय के दूध को डिहाइड्रेशन और आयरन की कमी का कारण माना जाता है। यही कारण है, कि 12 महीने की उम्र से पहले इससे बचना चाहिए। अगर आपके बच्चे में इससे एलर्जी नहीं दिखती है और आपके परिवार में एलर्जी की कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं है, तो 8 महीने की उम्र के बाद आप होमोजेनाइज्ड दूध के बारे में विचार कर सकते हैं।
2. दही
दही विटामिन ‘बी12’, विटामिन ‘डी’, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम और फैट का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। अच्छे दिमागी विकास के लिए और हड्डियों और टिशु के विकास के लिए फैट की जरूरत होती है। साथ ही दही को पचाना भी आसान होता है। अगर आप दही का चुनाव करने जा रहे हैं, तो होल मिल्क दूध से बने दही को चुनें। आर्टिफिशियल मिठास वाले योगर्ट से बचें और उनके डाइट में प्राकृतिक मिठास वाले प्लेन योगर्ट को शामिल करें। अगर आपका बच्चा लैक्टोज इनटोलरेंट है, तो एक पीडियाट्रिशियन से परामर्श लें और उसके सही उम्र तक पहुंचने तक इंतजार करें।
3. चीज
एक बार आपका बच्चा 8 महीने की उम्र तक पहुंच जाए और उसमें लेक्टोज इनटोलरेंस के कोई संकेत ना दिखें, तो आप उसके भोजन में चीज को शामिल कर सकते हैं। फल, सलाद, मीट और सब्जियों में इसे डालें या फिर चीज की मदद से स्वादिष्ट छोटे सेंडविच बनाएं। अलग-अलग तरह के चीज खरीदते समय उनके न्यूट्रिशन लेबल पर लो सॉल्ट कंटेंट को चेक करना ना भूलें।
बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स कितनी मात्रा में देना चाहिए?
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार 2 और 3 वर्ष की उम्र के बीच के बच्चों को सबसे बेहतर नतीजों के लिए 480 मिलीलीटर (16 आउंस) डेयरी प्रोडक्ट के सेवन की सलाह दी जाती है। बेस्ट रिजल्ट के लिए हम ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला को पूरी तरह से हटाने के बजाय डेयरी प्रोडक्ट्स को सप्लीमेंट के तौर पर उनके भोजन में शामिल करने की सलाह देते हैं। यहां पर बच्चों के लिए आमतौर पर सबसे अधिक रिकमेंडेड डेयरी प्रोडक्ट दिए गए हैं।
1. होल मिल्क
दूध आपके बच्चे के लिए कैल्शियम, विटामिन ‘ए’ और विटामिन ‘डी’ का एक अच्छा स्रोत है।
रेकमेंडेड मात्रा: 1 से 2 वर्ष की आयु के बीच के शिशुओं को अधिकतम 24 आउंस दूध देना ठीक होता है।
टिप्स
- बच्चे को देने के लिए होल फैट मिल्क चुनें।
- गाय का दूध देने से बचें, क्योंकि इस उम्र में उसे पचाना मुश्किल होता है।
2. दही
दही में एक्टिव एंजाइम्स होते हैं, जो कि डाइजेशन में मदद करते हैं और आसानी से पेट में चले जाते हैं।
रेकमेंडेड मात्रा: हम आपके बच्चे को हर दिन 8 आउंस दही देने की सलाह देते हैं।
टिप्स
- आर्टिफिशियल मिठास वाले योगर्ट से बचें, क्योंकि उनमें शक्कर की मात्रा बहुत अधिक होती है।
- घर पर खुद ही बनाएं और ताजा-ताजा सर्व करें।
- दही में शहद ना डालें और प्राकृतिक मिठास के लिए फलों का इस्तेमाल करें।
3. चीज
चीज विटामिन ‘डी’ और विटामिन ‘बी12’ का एक बेहतरीन स्रोत है। एक स्वादिष्ट ट्रीट के रूप में अपने बच्चे को थोड़ा चीज खाने को दें।
रेकमेंडेड मात्रा: हर दिन आधा आऊंस चीज खाने से आपके बच्चे के बढ़त और विकास के लिए पोषक तत्वों की जरूरी मात्रा पूरी हो जाएगी।
टिप्स
- अपने नन्हें शिशु के गले में खाना अटकने से बचने के लिए श्रेडेड चीज या पिघले हुए चीज का इस्तेमाल करें।
- पनीर की सलाह दी जाती है और विकल्पों में जैक चीज और कोबली चीज के लो सॉल्ट वर्जन शामिल हैं।
शिशुओं के स्वास्थ्य को डेयरी प्रोडक्ट से क्या फायदा होता है?
डेयरी प्रोडक्ट से शिशुओं के स्वास्थ्य को होने वाले फायदे नीचे दिए गए हैं:
- कैल्शियम – यह कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं, जो कि मजबूत और स्वस्थ हड्डियों के विकास में मदद करता है।
- विटामिन बी12 – बच्चों में कॉग्निटिव डेवलपमेंट के लिए विटामिन बी12 बहुत जरूरी होता है।
- प्रोटीन – प्रोटीन से शरीर को एनर्जी मिलती है और यह अंगों और टिशूज के विकास में मदद करता है।
- कैलोरी – हो सकता है, कि आपका शिशु एनर्जी और विकास के लिए पर्याप्त कैलोरी ना ले रहा हो। थोड़ी मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट लेने से थकावट से बचाव होता है और जोड़ों और अंगों के उचित विकास में मदद मिलती है।
अगर आपके बच्चे को डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है तो क्या करें?
अगर आपके बच्चे को डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है, तो आप ब्रेस्टफीडिंग लेने वाले शिशुओं में डेयरी एलर्जी के नीचे दिए गए कुछ लक्षण देख सकते हैं:
- चिड़चिड़ापन
- रैशेज
- उल्टियां
- दूध पीने के बाद लंबे समय तक रोना
- पर्याप्त नींद की कमी
- एग्जिमा
- रूखी त्वचा
- अस्थमा
- गले में घरघराहट
- कंजेशन
- कान के इन्फेक्शन
- कब्ज
- हरे रंग का मल (बलगम, खून सहित)
शिशु को डेयरी प्रोडक्ट्स देने की शुरुआत से पहले याद रखने वाली कुछ बातें:
- परिवार की मेडिकल हिस्ट्री की जांच – क्या आपके परिवार में किसी को कभी भी लेक्टोज इनटोलरेंस का मेडिकल इतिहास रहा है? अगर ऐसा है, तो बच्चे के भोजन में डेयरी प्रोडक्ट शामिल करने से पहले 12 महीने की उम्र तक इंतजार करना चाहिए।
- गाय के दूध से बचना – शिशुओं में गाय का दूध ठीक तरह से नहीं पचता है और इससे डिहाइड्रेशन और आयरन की कमी हो सकती है। इसके बजाय होमोजेनाइज्ड या पाश्चराइज्ड दूध का इस्तेमाल करें। कुछ समय के बाद लो फैट दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ब्रेस्टफीडिंग को बंद ना करें – आपका नन्हा शिशु अपना अधिकतर पोषक तत्व आपके ब्रेस्ट मिल्क से लेता है। सभी अतिरिक्त पोषक तत्व उसके अंगों के विकास और हड्डियों की बनावट में काम आते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल ब्रेस्टफीडिंग और न्यूट्रीशनल डायट के एक सप्लीमेंट के तौर पर होना चाहिए और ब्रेस्टफीडिंग को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए।
- पीडियाट्रिशियन से परामर्श लें – अगर आपको लगता है, कि आपके बच्चे में भूख की कमी हो रही है या अगर उनमें डेयरी इनटोलरेंस का कोई संकेत दिख रहा है, तो आपको पीडियाट्रिशियन से मदद लेनी चाहिए।
अगर आपके बच्चे को डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है या दूध पीने के बाद वह चिड़चिड़ा और परेशान हो जाता है, तो एक पीडियाट्रिशियन की सलाह लेना ना भूलें और उसके खानपान में डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करने से पहले कुछ अधिक महीनों तक इंतजार करें।
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