जब साबुन और पानी उपलब्ध ना हो, तो हाथों को साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का उपयोग एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। और हो भी क्यों न, आपको केवल थोड़ा सा सैनिटाइजर निकालना है, अपने हाथों पर इसे मलना है और आपके हाथ साफ हो जाते हैं। पर क्या ये आपके बच्चे के लिए सुरक्षित होते हैं?
हैंड सैनिटाइजर क्लेम करते हैं, कि ये आपके हाथों को 99.9% बैक्टीरिया फ्री करते हैं। लेकिन, अगर आप गलत प्रोडक्ट चुनते हैं, तो कीटाणुओं के खात्मे के साथ ही, इनसे स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है। यही कारण है, कि मां होने के नाते आपको एक सही निर्णय लेना चाहिए।
छोटे बच्चे के लिए हैंड सैनिटाइजर खरीदने से पहले सोचें
1. क्या हैंड सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है?
हां, अधिकतर हैंड सैनिटाइजर में कीटाणुओं को प्रभावी रूप से खत्म करने के लिए, 60% या इससे अधिक अल्कोहल मौजूद होता है। जहां अधिकतर अल्कोहल हाथों पर मलने के बाद गायब हो जाता है, वहीं थोड़ी मात्रा में यह त्वचा में अब्जॉर्ब हो जाता है और ब्लड स्ट्रीम में पहुंच जाता है। यहां तक कि अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं और आपका बच्चा नहीं करता है, तो आपके हाथों को चाटने से या मुंह में लेने से अल्कोहल उसके शरीर में जा सकता है। इसके लिए आप अपने बच्चे के लिए अल्कोहल फ्री सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. क्या हैंड सैनिटाइजर आपके बच्चे की इम्युनिटी को कमजोर कर सकते हैं?
जहां एक अति स्वच्छ वातावरण आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन विकल्प नजर आता है, वहीं इससे आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम मंद पड़ सकता है। अगर आपके बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क से थोड़ी इम्यूनिटी मिल रही है, तो भी आगे के लिए आपको बच्चे की इम्युनिटी बनाने के लिए प्रोत्साहित करना पड़ेगा और यह वातावरण में मौजूद पैथोजन के थोड़े संपर्क में आने के बाद ही हो सकता है। हमारी सलाह है, कि सैनिटाइजर का सीमित इस्तेमाल करें।
3. क्या इनसे एलर्जी हो सकती है?
नहीं, सैनिटाइजर और बच्चों में एलर्जी के बीच कोई संबंध नहीं देखा गया है। लेकिन, चूंकि बच्चे लगभग हर चीज मुंह में डाल लेते हैं, तो ऐसे में आप नहीं चाहेंगे, कि अनजाने में केमिकल और अल्कोहल के अंश उनके पेट में जाएं। इसलिए हमेशा ऑर्गेनिक और प्राकृतिक सैनिटाइजर का चुनाव ही करना चाहिए, जो कि खतरनाक इनग्रेडिएंट से मुक्त हों।
4. तेज खुशबू की जांच करें
सैनिटाइजर में ऐसे इनग्रेडिएंट या केमिकल होते हैं, जो बच्चों में अस्थमा को ट्रिगर कर देते हैं। ऐसे मामलों में बच्चे के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल सही है या नहीं, यह जानने के लिए अपने पीडियाट्रिशियन से संपर्क करें।
5. बिना खुशबू वाले सैनिटाइजर को चुनें
जहां साबुन और पानी उपलब्ध ना हो, वैसे में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना ठीक है। लेकिन हमेशा हाथ और खिलौनों को साफ करने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा हर बार बच्चे के धूल के संपर्क में आने पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं है। कभी कभार ऐसे मौके आएँ, तो, खुशबू रहित सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इससे आपका बच्चा इसे चाटने में दिलचस्पी नहीं दिखाएगा।
जर्म्स को लेकर एक सनकी माँ न बनें। हां, अपने आसपास सफाई रखना जरूरी है। लेकिन सैनिटाइजर का सीमित मात्रा में इस्तेमाल ही करें। जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने पर इनसे नुकसान भी हो सकता है। जब कभी भी संभव हो, तो अपने बच्चों को सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बजाय हाथ धोने के लिए कहें, जो कि सैनिटाइजर की तुलना में काफी सुरक्षित विकल्प है।
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