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दूध में हानिकारक कीटाणु मौजूद हो सकते हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए दूध को एक खास तापमान पर गर्म करना पड़ता है या पाश्चराइज करना पड़ता है, जबकि कच्चा दूध पाश्चराइज्ड नहीं होता है। बच्चों को दिया जाने वाला दूध सुरक्षित हो, इसके लिए दूध को पाश्चराइज करना सबसे अच्छा तरीका है। शिशुओं को कच्चा दूध देने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
कच्चा दूध क्या होता है?
जिस दूध को उबाला ना गया हो, उसे कच्चा दूध कहते हैं। किसी पशु के शरीर से बाहर आने वाले तरल पदार्थ को बच्चों को देने से पहले ट्रीट किया जाना जरूरी है। ऐसा कहा जाता है, कि स्टेरलाइज करने से इम्यून फैक्टर्स जैसे तत्व खत्म हो जाते हैं और दूध में मौजूद विटामिन, मिनरल और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। लेकिन केवल पाश्चराइज किए गए दूध को पीना ही बेहतर है।
कच्चे दूध में मौजूद न्यूट्रीशनल वैल्यू
दूध का कंपोजीशन पशु की नस्ल, उसकी प्रजाति, उसके लेक्टेशन के स्तर और उसके भोजन के अनुसार भिन्न हो सकता है। गाय के दूध में मौजूद न्यूट्रीशनल वैल्यू नीचे दिए गए टेबल में दी गई है।
पोषक तत्व | मात्रा |
कैलोरी | 67 ग्राम |
पानी | 87.5% |
प्रोटीन | 3.2 ग्राम |
कार्ब | 4.4 ग्राम |
शक्कर | 5.1 ग्राम |
फैट | 4.1 ग्राम |
ओमेगा 3 | 0.08 ग्राम |
ओमेगा 6 | 0.12 ग्राम |
स्रोत: https://www.healthline.com/nutrition/foods/milk#section1
छोटे बच्चों को कच्चे दूध से क्या फायदे मिलता है?
कच्चे दूध में भारी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होने के कारण, इसे कई तरह की हेल्थ कंडीशन में फायदेमंद कहा गया है। हालांकि पूरे विश्व में किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों के बावजूद, इनमें से ज्यादातर दावे साबित नहीं हो पाए हैं।
- कच्चा दूध स्किन हेल्थ को मेंटेन रखने में मदद करता है और एलर्जी से बचाता है।
- जिन लोगों को लेक्टोज इनटोलरेंस होता है, उनके लिए कच्चा दूध बेहतर होता है।
- यह इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है।
- यह विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और एंजाइम उपलब्ध कराता है, जो कि शरीर के विकास में सहयोग करते हैं और डाइजेशन को बढ़ावा देते हैं।
छोटे बच्चों को कच्चे दूध से क्या खतरा हो सकता है?
शिशु को कच्चा दूध पिलाने से चाहे जितने भी फायदे हों, पर इससे होने वाले खतरों का पलड़ा हमेशा ही भारी रहेगा।
- कच्चे दूध में लिस्टीरिया, सालमोनेला और ई-कोली जैसे बैक्टीरिया होते हैं, जो कि काफी खतरनाक हो सकते हैं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले छोटे बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
- कभी-कभी कच्चा दूध पीने से आउटब्रेक्स हो सकते हैं।
- इससे भोजन जनित गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
- कुछ बच्चों में गाय के दूध से होने वाली एलर्जी भी देखी जाती है।
क्या आप कच्चे दूध का इस्तेमाल करके होममेड फार्मूला बना सकते हैं?
जब माँएं बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बनाने में सक्षम नहीं होती हैं, तब शिशुओं के लिए कच्चे दूध से बने फार्मूला की जरूरत होती है। कच्चे दूध, लैक्टोज़, घर के बने हुए, हेल्दी तेल और जिलेटिन का इस्तेमाल करके पौष्टिक फार्मूला तैयार किया जा सकता है। अगर आप एक बदलाव चाहते हैं, तो बकरी का दूध आपका अगला विकल्प होगा। क्या बकरी का दूध शिशुओं के लिए सुरक्षित है? इसमें फैट अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन इसमें फोलेट, विटामिन ‘बी12’, विटामिन ‘बी’ और आयरन की कमी होती है, जो कि शिशुओं के विकास के लिए जरूरी होते हैं। लेकिन जहां तक फार्मूला बनाने की बात है, तो हम आपको निश्चित रूप से इसकी सलाह नहीं देंगे, क्योंकि इससे बच्चों को गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
बच्चों को कच्चा दूध देना, पेरेंट्स के लिए चिंता का एक प्रमुख विषय है। शिशुओं के लिए पाश्चराइज किए गए दूध का इस्तेमाल सबसे सुरक्षित है। कच्चे दूध में ऐसे बैक्टीरिया होते हैं, जो कि शिशुओं के लिए हानिकारक होते हैं। इस बात का ध्यान रखें, कि आप अपने बच्चे को जो दूध पिलाते हैं, वह स्वस्थ गायों से लिया गया हो और इसे स्टोर करने और हैंडल करने में सावधानी बरती गई हो।
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