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एक नवजात शिशु के माता-पिता होने के नाते, आपका ये फर्ज है कि आप उसकी हेल्थ का खास ध्यान रखें और उसे स्वस्थ्य रूप से बड़ा करने में मदद करें। बच्चे का टीकाकरण कराना एक ऐसी जरूरी चीज है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता है, ये बच्चे को स्वस्थ रखने में बड़ी भूमिका निभाता है।
इसके अलावा, आपको बच्चे की वैक्सीन का फॉलो अप लेते रहना चाहिए जिसके आधार पर आप अपने बच्चे को वैक्सीन लगवाएंगी। कई पैरेंट रेगुलर वैक्सीनेशन के लिए बच्चे को हॉस्पिटल ले जाने में लापरवाही बरतते हैं और सोचते हैं कि एक बार ये प्रक्रिया काफी है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके प्रभाव को पूरी तरह से कायम रखने के लिए आपको इस बात का खयाल रखना होगा कि बच्चे का नियमित रूप से टीकाकरण करवाया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए, आइए हम 14 सप्ताह के बच्चे के लिए टीकाकरण की सूची पर एक नजर डालते हैं।
14 सप्ताह के बच्चे के लिए जरूरी टीकाकरण
यहाँ 14 सप्ताह के बच्चों के लिए टीकाकरण की सूची कुछ इस प्रकार दी गई है।
डिप्थीरिया टेटनस पर्टुसिस (डीटीएपी) वैक्सीन
डीटीएपी वैक्सीन सिंगल शॉट होती है एक जो आपके बच्चे को तीन बीमारियों से बचा सकती है, जिससे आपके बच्चे पर गंभीर रूप से प्रभाव पड़ सकता है।
1. यह आपके बच्चे को कैसे बचाता है
इस वैक्सीन के जरिए से डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी जैसी समस्या को होने से रोका जाता है। डिप्थीरिया एक बीमारी है जो बच्चे के गले में मोटी कवरिंग करती है। इस बीमारी से लकवा, साँस लेने में परेशानी होना और यहाँ तक कि इससे मृत्यु भी हो सकती है। टेटनस के कारण पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द होता है। इसमें 10% मृत्यु दर होती है। इसी प्रकार काली खांसी के कारण भी कुछ केस में बच्चों की मृत्यु हो सकती है।
2. डोज
इस स्टेज पर वैक्सीन की डोज 0.5 एमएल होती है।
पहली डोज: इस वैक्सीन की पहली डोज दो महीने की उम्र में दी जाती है।
अगली डोज: इस वैक्सीन अगली डोज छह महीने की उम्र में दी जाती है।
3. सावधानी
अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही बच्चे को टीकाकरण के लिए ले जाना सेफ होगा। यदि बच्चे को पहली डोज देने के बाद उसे तेज बुखार आता है, सीजर या सीरियस रिएक्शन होता है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
4. क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
इसके कॉमन साइड इफेक्ट्स में बच्चे को बुखार, दर्द, चिड़चिड़ापन, थकान और भूख न लगना आदि शामिल है।
5. वैक्सीनेशन की कॉस्ट
इस वैक्सीन को दूसरी वैक्सीन के साथ कॉम्बिनेशन में दिया जाता है और इसकी कॉस्ट 500 रुपये से 3000 रुपये तक होती है। इसलिए, टीका देने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
6. क्या होगा अगर आप वैक्सीनेशन मिस कर दें?
डॉक्टर से बात करें, और उन्हें बताएं कि क्या हुआ है, ज्यादातर मामलों में, वैक्सीन वही से दोबारा जारी की जाती है जहाँ से आपने छोड़ा होता है। हालांकि, सभी वैक्सीन न लगवाने से बच्चे के बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है।
7. वैक्सीनेशन के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें?
आपका डॉक्टर पेरासिटामोल लिख सकता है, ताकि ये बच्चे के लिए कम दर्दनाक हो। आपको ऐसे लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें बच्चे को बुखार हो या अचानक से साँस लेने में परेशानी हो।
इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी 3)
यह टीका आपके बच्चे को पोलियो जैसी बीमारी होने से बचाता है, क्योंकि यह बीमारी आपके बच्चे की चलने फिरने पर स्थायी रूप से प्रभाव डाल सकती है।
1. आपके बच्चे को कैसे बचाता है
पोलियो, के कारण हमेशा के लिए बच्चे को लकवा हो सकता है।
2. डोज
इस स्टेज में वैक्सीन की डोज 0.5 एमएल होती है।
पहली डोज: इसकी पहली डोज दो महीने की उम्र में दी जाती है।
अगली डोज: इसकी अगली डोज 6-18 महीने की उम्र के बीच दी जाती है।
3. सावधानी
यदि आपके बच्चे की पिछली शॉट में कोई सीरियस रिएक्शन हुए हों, तो आपको अपने बच्चे को टीकाकरण कराने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा, इस मामले में कोई अन्य सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है। चेक करें कि क्या आपके बच्चे को नोमाइसिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन या पॉलीमैक्सीन बी से एलर्जी तो नहीं है, अगर ऐसा है तो अपने डॉक्टर से चेक कराएं ।
4. क्या कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
कॉमन साइड इफेक्ट्स में दर्द, हल्का बुखार, जिस क्षेत्र में वैक्सीन लगाई गई हो वहाँ लाल पड़ जाना आदि शामिल है।
5. वैक्सीनेशन की कॉस्ट
वैक्सीन की कॉस्ट बदलती रहती है और कॉम्बिनेशन के रूप में दी जाती है।
6. क्या होगा अगर आप वैक्सीनेशन मिस कर दें?
पोलियो वैक्सीन के मामले में, आप जब संभव हो इसकी वैक्सीन बच्चे को लगवा सकती हैं। हालांकि, अपने बच्चे को टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
7. वैक्सीनेशन के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें?
यदि आपके बच्चे में कई दिनों तक बुखार के लक्षण नजर आते हैं या दर्द के कारण रो रहा है, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। वह आपके बच्चे को राहत प्रदान करने के लिए एसिटामिनोफेन की कम डोज दे सकते हैं ।
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन
हिब एक बैक्टीरियल डिजीज है, जो आपके बच्चे में निमोनिया, मैनिंजाइटिस और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
1. आपके बच्चे को कैसे बचाता है
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, ऐसी बीमारी है, जो विभिन्न अंगों में सूजन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है।
2. डोज
इस स्टेज में वैक्सीन की डोज 0.5 एमएल होती है।
पहली डोज: इस वैक्सीन की पहली डोज दो महीने की उम्र में लगती है।
अगली डोज: इस वैक्सीन की अगली डोज छह महीने की उम्र में लगती है।
3. सावधानी
जिन बच्चों में पहली वैक्सीन के बाद जानलेवा प्रतिक्रियाएं देखी गई हैं, उन्हें डॉक्टर के परामर्श के बिना वैक्सीन की अगली डोज नहीं लगवानी चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर आपको वैक्सीन के इंग्रीडिएंट का ज्यादा बेहतर आईडिया दे सकते हैं, ताकि आप जान सकें कि क्या यह आपके बच्चे के लिए सेफ है।
4. क्या कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
इसके कॉमन साइड इफेक्ट्स में बुखार और उस क्षेत्र में लाली आ जाती जहाँ वैक्सीन लगाई गई हो।
5. वैक्सीनेशन की कॉस्ट
इस वैक्सीन की कॉस्ट अलग अलग हो सकती है।
6. क्या होगा अगर आप वैक्सीनेशन मिस कर दें?
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप हमेशा वहाँ से दोबारा वैक्सीन शुरू कर सकती हैं जहाँ से आपने इसे रोका था।
7. वैक्सीनेशन के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें?
आपको अपने बच्चे पर अपनी नजर बनाए रखना चाहिए, जब तक कि कोई भी दिखने वाले साइड इफेक्ट कम न हो जाएं।
रोटावायरस 3
रोटावायरस हर साल हजारों बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन वैक्सीन के कारण इसकी संख्या पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमी देखी गई है।
1. आपके बच्चे को कैसे बचाता है
रोटावायरस डिजीज, जो बहुत ज्यादा संक्रामक भी है। इससे बच्चों में गंभीर दस्त की समस्या और डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसके कारण बच्चे को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ सकता है।
2. डोज
इस वैक्सीन की डोज 1 एमएल या 2 एमएल है, जो इस बात पर निर्भर करती है कि कौन सा ब्रांड इस्तेमाल किया जा रहा है।
पहली डोज: इसकी पहली डोज दस सप्ताह की उम्र में दी जाती है।
अगली डोज: यह आमतौर पर रोटावायरस आखरी वैक्सीन होती है।
3. सावधानी
जिन बच्चों को सीरियस इम्यून डिसऑर्डर की समस्या है उन्हें डॉक्टर के परामर्श के बिना, वैक्सीन नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपके बच्चे में आंत्र के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वैक्सीन से बचना चाहिए।
4. क्या कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
इसके कॉमन साइड इफेक्ट्स में चिड़चिड़ापन, दस्त और उल्टी शामिल हैं।
5. वैक्सीनेशन की कॉस्ट
वैक्सीन की कॉस्ट 700 रुपए से 1500 रुपए तक होती है।
6. क्या होगा अगर आप वैक्सीनेशन मिस कर दें?
डॉक्टर से बात करें, और उसे बताएं कि क्या हुआ है; ज्यादातर मामलों में आप हमेशा जहाँ से वैक्सीन मिस करती हैं वहीं से दोबारा शुरू कर देती हैं।
7. वैक्सीनेशन के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें?
रोटावायरस के टीके के मामले में सीरियस साइड इफेक्ट्स होने का खतरा कम होता है। हालांकि, आपको हमेशा बच्चे में दिखाई देने वाले सभी लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए, हो सकता है कि ये साइड इफेक्ट्स के कारण ही हो रहा हो।
न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी 3)
इस वैक्सीन का उपयोग 13 विभिन्न प्रकार के न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है जो बच्चों में न्यूमोकोकल रोगों का कारण बन सकते हैं।
1. आपके बच्चे को कैसे बचाता है
न्यूमोकोकल बीमारी, जिससे ब्रेन ब्लॉकेज हो सकता है, रक्त में इन्फेक्शन और यहाँ तक कि फेफड़ों में भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
2. डोज
इस स्टेज पर वैक्सीन की डोज 0.5 एमएल होती है।
पहली डोज: पहली डोज दो महीने की उम्र में दी जाती है।
अगली डोज: अगली डोज छह महीने की उम्र में दी जाती है।
3. सावधानी बरतना
यदि आपके बच्चे को पहली डोज के बाद तेज बुखार, दौरे या सीरियस रिएक्शन होते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा, यदि आपका बच्चा उस समय पर बीमार हो तो वैक्सीन न लें।
4. क्या कोई साइड इफेक्ट्स हैं?
इसके कॉमन साइड इफेक्ट्स में बुखार, दर्द, चिड़चिड़ापन, थकान और उल्टी शामिल हैं।
5. वैक्सीनेशन की कॉस्ट
वैक्सीन की कॉस्ट लगभग 2200 रु से 3800 रु है।
6. क्या होगा अगर आप वैक्सीनेशन मिस कर दें?
भले ही आप पहली डोज मिस कर दें, लेकिन फिर भी आपको डॉक्टर से सलाह लेने के बाद यह टीका लगवाना चाहिए।
7. वैक्सीनेशन के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करें?
इससे आपके बच्चे को गंभीर नुकसान का जोखिम बहुत कम होता है, हालांकि आपको किसी भी एलर्जिक रिएक्शन पर नजर रखनी चाहिए जो बच्चे को होने की संभावना हो सकती है।
बच्चों के लिए टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए जितना संभव हो उतना समय से बच्चे को वैक्सीन लगवाने की कोशिश करें, ये आगे चलकर उनके लिए अच्छा रहेगा!
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