In this Article
वसंत के मौसम ने दस्तक दे दी है, और आपने शायद अब तक बसंत पंचमी की तैयारी भी शुरू कर दी होगी। हम भारतीय पूरे साल कई त्यौहार मनाते हैं। कुछ त्यौहार किसी विशेष राज्य में तो कुछ देश के हर भाग में मनाए जाते हैं। साल के शुरूआती त्यौहारों में से एक बसंत पंचमी भी ऐसा ही त्यौहार है जो इस देश के लगभग हर राज्य में मनाया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि हम इसे क्यों मनाते हैं? इसका क्या महत्व है और आपको सभी अनुष्ठानों व परंपराओं का पालन करके इसे कैसे मनाना चाहिए? हम इन सभी विषय पर इस लेख में चर्चा करेंगे और विस्तार से इसके बारे में जानेंगे।
बसंत पंचमी का महत्व
2021 में बसंत पंचमी 16 फरवरी को पड़ रही है। बसंत पंचमी के दिन विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह त्यौहार ‘श्री पंचमी’ और ‘सरस्वती पूजा’ के नाम से भी जाता है।
तो, हम बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं? क्योंकि यह वसंत ऋतु की शुरुआत और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। बसंत का अर्थ है वसंत और पंचमी का अर्थ है पाँचवां दिन। हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के पाँचवें दिन सरस्वती पूजा की जाती है।
वसंत एक बेहद खूबसूरत मौसम है, इस दौरान न ही बहुत ज्यादा ठंड होती है और न ही सूखी हवाएं चलती हैं, न ही चिलचिलाती गर्मी होती है और न ही तूफानी बारिश होती है। पत्तों और रंगीन फूलों से भरे पेड़ों को देखने से बेहतर भला इस मौसम में और क्या होगा। यह त्यौहार नेचर की इस खूबसूरती का उत्सव मनाने का नाम है। यह उत्सव है फसलों के मौसम का, जो हमारे जीवन का आधार है।
बसंत पंचमी को ज्ञान, संस्कृति, कला, संगीत और शिक्षा की देवी सरस्वती के जन्म के उत्सव के तौर पर भी मनाते हैं। इस त्यौहार को बच्चों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन कोई भी नई शुरुआत करने के लिए जाना जाता है। परंपरागत रूप से, यह वह दिन होता है, जब बच्चे को पहला शब्द लिखना सिखाया जाता है।
सरस्वती पूजा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा त्यौहार है। इस दिन बच्चों को पढ़ाई करने के लिए भी मना किया जाता है। इस दिन छात्रों को अपनी किताबें और नोटबुक देवी के चरणों में रखनी होती है और पूजा के बाद ही उन्हें वापस लेना होता है। वे घर, स्कूल या स्थानीय पूजा मंडप में देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए खासतौर पर बैठते हैं।
बसंत पंचमी पर हम पीला क्यों पहनते हैं?
इस त्यौहार के लिए पीले रंग को शुभ माना जाता है। पीला सरसों के फूल का रंग होता है, और यही वह समय है जब सरसों के फूल खिलते हैं। सरसों के बीज का रंग भी पीला होता है।
पीला या बसंती रंग, शांति, समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का प्रतीक है।
लोग बसंत पंचमी के त्यौहार वाले दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर और इसी रंग की मिठाई खाकर उत्सव मनाते हैं। ऐसा लगता जैसे मानों पूरा देश पीले रंग में रंगा हो।
पश्चिम भारत में, इस त्यौहार के दिन रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाई जाती हैं। इस दौरान लोग बहुत मजे करते हैं और मिलकर त्यौहार को सेलिब्रेट करते हैं। पतंगबाजी की प्रतियोगिता रखी जाती है, जहाँ लोग एक-दूसरे को पतंगबाजी में चुनौती देते हैं और दूसरों की पतंग काटने और उसे लूटने साथ खूब मनोरंजन करते हैं। कुछ जगहों पर, पेड़ पर रस्सी डालकर झूले लटकाए जाते हैं, महिलाएं अपने बालों में मेहंदी लगाती हैं, साथ ही देवी और वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए लोक गीत गाए जाते हैं।
बसंत पंचमी के लिए स्पेशल रेसिपीज
बसंत पंचमी के बारे में सबसे अच्छी चीज है इस दिन बनने वाला स्वादिष्ट प्रसाद जो भगवान के सामने रखा जाता है। इसमें देवी सरस्वती को बहुत सारी चीजें अर्पित की जाती हैं और परिवार के सभी लोग साथ मिलकर वसंत ऋतु के आने का जश्न मनाते हैं।
यहाँ आपको बसंत पंचमी के दिन कुछ बेहतरीन रेसिपीज बनाने के सुझाव दिए गए जिन्हें आप भी त्यौहार के मौके पर अपने घर पर बना सकती हैं:
1. लेमन टर्मरिक राइस
इस स्वादिष्ट पीले चावल को तैयार होने में बस कुछ ही मिनट लगते हैं।
प्रेपरेशन टाइम: 5 मिनट
कुकिंग टाइम: 10 मिनट
सामग्री:
- पका हुआ चावल – ½ से 2 कप
- ऑर्गेनिक कैनोला या सनफ्लॉवर ऑयल – 1 चम्मच
- काली राई – ½ छोटा चम्मच
- साबुत करी पत्ते – 8 या 10
- रोस्टेड मूंगफली और काजू – 2 बड़े चम्मच
- हल्दी – ½ से ¾ छोटा चम्मच
- लाल मिर्च – 2⅓ छोटा चम्मच
- नींबू का रस – 2 बड़े चम्मच
- धनिया पत्ती – गार्निश के लिए
- नमक स्वाद अनुसार
विधि:
- चावल पकाएं और इसे रूम टेम्परेचर पर आने तक ऐसे ही रखें।
- एक फ्राइंग पैन लें और मध्यम आँच पर तेल गरम करें। तेल गरम होने के बाद, इसमें राई डालें और हल्का फ्राई करें।
- अब चिली फ्लेक्स और करी पत्ते डालें और इसे अच्छी तरह से मिक्स करें। इसके बाद रोस्टेड नट्स मिलाएं। आप मटर भी डाल सकती हैं। हीट को कम करने के लिए आँच धीमी करें।
- पैन के तापमान को कम करने के लिए इसमें पानी की कुछ बूँदें डालें। इसमें नींबू का रस डालें और मिलाएं।
- आखिर में, चावल डालकर इसे अच्छी तरह मिक्स करें। आवश्यकतानुसार नमक डालें। अगर आप इसमें नींबू का रस डालना चाहती हैं तो डाल सकती हैं।फिर चावल को 2-3 मिनट तक पकाएं।
- इसे आँच से उतार लें और ढक कर रखें। 2 मिनट के बाद धनिया पत्ती से गार्निश करें और लीजिए हो गई तैयार आपकी बसंत पंचमी की येलो राइस रेसिपी।
ध्यान दें
इस रेसिपी के लिए आप गोभी चावल का उपयोग भी कर सकती हैं। कद्दूकस की हुई गोभी को 5-7 मिनट के लिए ढककर पकाएं। इसे अपने अनुसार स्टीम दें।
2. स्वीट सैफरन राइस (मीठा केसर चावल)
इस स्वीट राइस रेसिपी के साथ आप बसंत पंचमी सेलिब्रेट कर सकती हैं।
प्रेपरेशन टाइम: 20 मिनट
कुकिंग टाइम: 30 मिनट
सामग्री:
- बासमती चावल – 1 कप
- घी या बटर – 1 बड़ा चम्मच
- बादाम – 2 बड़े चम्मच
- काजू – 2 बड़े चम्मच
- पिस्ता – 2 बड़े चम्मच
- किशमिश – 2 बड़े चम्मच
- कटा हुआ क्रैनबेरी – 2 बड़े चम्मच
- इलायची – 2
- तेज पत्ता- 1
- दालचीनी स्टिक्स – 2
- लौंग – 6
- केसर – एक चुटकी
- दूध – 1 कप
- नमक स्वाद अनुसार
विधि:
- सबसे पहले, चावल धोकर इसे 30 मिनट के लिए पानी में भिगोएं।
- अब एक पैन में घी डालें। कटे हुए ड्राई फ्रूट्स और नट्स डालें। किशमिश फूल जाए, और काजू गोल्डन ब्राउन हो जाए तब तक इसे फ्राई करें। इन्हें घी से निकालकर अलग रख दें।
- घी में तेज पत्ता, इलायची, लौंग और दालचीनी डालें और एक मिनट के लिए इसे फ्राई करें।
- भीगे हुए चावल से पानी छान लें। इसके बाद, चावल को पैन में डालें और मध्यम आँच पर 2-3 मिनट के लिए सभी मसालों के साथ टोस्ट करें।
- इसमें 2 कप पानी डालें और चावल को उबाल लें।
- जैसे ही पानी उबलने लगे, आँच कम कर दें। इसके बाद पैन में ढक्कन लगाएं और 8 मिनट तक पकाएं।
- इस बीच, एक कप दूध में केसर मिलाएं।
- जैसे ही चावल पक जाए, इसमें दूध डालें।
- चावल को एक स्पैटुला का उपयोग करके धीरे से टॉस करें जब तक कि चावल एक समान गोल्डन न हो जाए।
- पैन को हीट से हटा दे। इसमें आधा फल और नट्स डालें।
- बचें हुए नट्स चावल को गार्निश करें।
ध्यान दें
मसालेदार करी के साथ परोसे जाने पर यह चावल बहुत अच्छा लगता है।
3. मैंगो रवा हलवा
यह स्वीट डिश त्यौहार को और भी मधुर बनाएगी।
प्रेपरेशन टाइम: 10 मिनट
कुकिंग टाइम: 20 मिनट
सामग्री:
- रवा या सूजी – ½ कप
- मैंगो प्यूरी – ¾ कप
- दूध – 1½ कप
- चीनी – ½ कप
- केसर – 6 से 8
- इलायची पाउडर – ¼ छोटा चम्मच
- काजू – 10
- कटा हुआ पिस्ता – 2 चम्मच
- किशमिश – ½ बड़ा चम्मच
- घी – 3 बड़े चम्मच
विधि:
- प्यूरी बनाने के लिए, एक आम को छीलकर काट लें।
- दूध उबालें। एक कटोरे में 2 बड़े चम्मच गर्म दूध लें और उसमें केसर डालकर इसे मिलाएं। इसे एक तरफ रख दें।
- एक पैन लें और उसमें घी गर्म करें। किशमिश और काजू को भूनें। उसी पैन में सूजी डालें। लाइट ब्राउन होने तक इसे भूनें। ध्यान रखें सूजी जले नहीं, इसे लगातार हिलाती रहें।
- अब चीनी और दूध में मिलाएं। इसे चलाती रहें, ताकि कोई गांठ न बने। 2-3 मिनट के लिए धीमी आँच पर पकाएं। दूध सूजी में अच्छे से मिक्स हो जाए।
- आम की प्यूरी डालें और कुछ मिनट पकाएं। अच्छी तरह मिलाएं और धीमी आँच पर पकाएं। काजू और कटा हुआ पिस्ता डालें। केसर-मिश्रित दूध में मिलाएं।
- इसमें 2 चम्मच घी डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड करें। 2 मिनट के लिए इसे अच्छी तरह से पकाएं।
- सर्व करने से 10 मिनट पहले हलवे को ठहरने दें।
ध्यान दें
दूध के बजाय पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप हलवे को कटे हुए आम के टुकड़ों के साथ गार्निश कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आप हलवे के लिए ताजे आम का उपयोग करें।
4. कद्दू का हलवा
क्या आप जानती हैं कद्दू का इस्तेमाल मिठाई बनाने के लिए भी किया जाता है और आप आज यहाँ इसका हलवा कैसे बनाते हैं, ये जानेंगी।
प्रेपरेशन टाइम: 10 मिनट
कुकिंग टाइम: 20 मिनट
सामग्री:
- कसा हुआ कद्दू – 2 कप
- दूध – 2 कप
- घी – 3 बड़े चम्मच
- चीनी – 1 कप
- बादाम – 10 से 15
- इलायची – ½ छोटा चम्मच
विधि:
- एक भारी तले वाला पैन लें और उसमें थोड़ा सा घी गर्म करें। बादाम डालकर गोल्डन ब्राउन होने तक भूनें। इसे एक तरफ रख दें।
- उसी पैन में कद्दूकस किया हुआ कद्दू डालें और कुछ मिनट के लिए इसे भूनें।
- कद्दू को 5 मिनट के लिए भूनती रहें, ताकि इसका कच्चापन चला जाए।
- दूध डालें और इसे अच्छी तरह मिलाएं।
- दूध को भाप से निकलने तक पकाएं।
- चीनी डालकर गलने तक पकाएं।
- घी अलग होने लगेगा और धीरे-धीरे हलवा पैन के किनारे छोड़ने लगेगा।
- इलायची पाउडर डालें और ऊपर से रोस्टेड बादाम डालें।
- इसे आँच से उतार लें और हलवे को ठंडा होने दें।
ध्यान दें
इस हलवे को बनाते समय चीनी की जगह गुड़ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. केसर रबड़ी
यदि आपका बच्चा सादा दूध पसंद नहीं करता है, तो उसे घर की बनी केसर रबड़ी दें, इस प्रकार उस तक दूध भी पहुँचेगा और बच्चे को इसे खाने में टेस्ट भी आएगा।
प्रेपरेशन टाइम: 5 मिनट
कुकिंग टाइम: 2 घंटे
सामग्री:
- फुल फैट वाला दूध – 1 लीटर
- केसर – 1 चुटकी
- चीनी – 2 बड़े चम्मच
- गुलाब जल – ¼ चम्मच
विधि:
- दूध को उबालने के लिए एक भारी तले वाला पैन लें।
- दूध को उबालें और एक कप में 2 चम्मच दूध लें। इसमें केसर मिलाएं और एक तरफ रख दें।
- आँच को कम करें और दूध को उबालती रहें। दूध को हिलाती रहें और दूध को 1-1.5 घंटे तक पकाएं। दूध पकने के बाद एक चौथाई तक कम हो जाना चाहिए। पैन के किनारों पर लगे दूध को खुरच लें।
- अब इसमें चीनी, गुलाब जल और केसर-मिश्रित दूध मिलाएं। इसे मिट्टी के बर्तन में डालें। इससे रबड़ी का स्वाद बढ़ जाएगा। लीजिए बन गई राबड़ी बस इसे एक सर्विंग बाउल में डालें और ऊपर से पिस्ता और बादाम से गार्निश करें। इसे गर्म या ठंडा दोनों तरह से परोस सकते हैं।
ध्यान दें
दूध को पकाते समय हर 10-15 मिनट में इसे चलाती रहें, ताकि ये पैन के तले में चिपके नहीं।
6. मूंग दाल का हलवा
प्रेपरेशन टाइम: 12 मिनट
कुकिंग टाइम: 18-20 मिनट
सामग्री
- मूंगदाल धुली, भिगोई और पिसी हुई – 1 कप
- घी – 1 कप
- बेसन – 1 बड़ा चमचा
- दूध – 1½
- केसर
- चीनी – 1 कप
- खोया/मावा – 3/4 कप
- इलाइची पावडर – 1 चुटकी
- बादाम – 10
- चाँदी का वर्क – 1 शीट
विधि
- एक पैन में घी गरम करें। उसमें बेसन डालकर इसे अच्छी तरह मिलाएं। फिर पीसी हुई मूंग दाल डालें और आँच कम करके अच्छे से मिक्स करें और चलाती रहें, 20-25 मिनट तक या गोल्डन ब्राउन होने तक इसे भूनें।
- एक दूसरे पैन में ½ कप दूध गरम करें। उसमें डालें एक बड़ी चुटकी केसर और 1 मिनट के लिए इसे अच्छे से मिक्स करें ।
- फिर आँच बंद कर दें। चाशनी बनाने के लिए, एक पैन में चीनी और 1 कप पानी गरम करें और इसे तब तक पकाएं जब तक चीनी पूरी तरह से घुल न जाए।
- केसर का दूध मूंग दाल में डालें और मिक्स करें। बचा हुआ दूध भी डालें और अच्छे से मिलाएं।
- जिस पैन में केसर का दूध बनाया था, उसी पैन में खोया डालकर इसे अच्छे से मिलाएं और 2 मिनट तक गरम करें।
- फिर इस मिक्सचर में मूंग दाल, इलाइची पावडर, बादाम और चाशनी डालें।
- इसे अच्छे से मिलाएं, और धीमी आँच करके इसे ढक दें, बीच-बीच में इसे चलाती रहें, 5 मिनट तक इसे पकाएं।
- आँच बंद करके इसे एक बार मिक्स करें और सर्विंग डिश में डालें।
- चाँदी के वर्क, केसर और बचे हुए बादाम के साथ इसे गार्निश करें और गरमागरम परोसें।
ध्यान दें
अगर आपको बादाम नहीं डालना है या बच्चे को नट्स से एलर्जी है तो आप बिना नट्स के भी यह हलवा बना सकती हैं।
7. मेवे से बने बेसन के लड्डू
प्रेपरेशन टाइम: 6-10 मिनट
कुकिंग टाइम: 26-30 मिनट
सामग्री
- बेसन – 4 कप
- घी – 1/4 कप
- पिसी हुई चीनी – 1/2 कप
- इलाइची पावडर – 1 छोटी चम्मच
- काजू कटे हुए – 25-30
विधि
- एक पैन को गरम करें और उसमें बेसन डालकर लाइट गोल्डन होने तक भूनें। फिर खोया डालकर अच्छे से इसे मिक्स करें।
- अब चीनी डालकर मिलाएं। फिर इलाइची पावडर और काजू डालकर मिक्स करें। फिर इसे प्लेट में निकालें और लड्डू बनाएं।और सर्व करें।
ध्यान दें
आप इसे स्वीट डिश के तौर पर लंच या डिनर के बाद मेहमानों के सामने रख सकती हैं।
8. क्रीमी खोया चावल
प्रेपरेशन टाइम: 16-20 मिनट
कुकिंग टाइम: 11-15 मिनट
सामग्री
- खोया/मावा – 1 कप
- पके हुए बासमती चावल – 2 कप
- केसर
- दूध – 2 बड़े चम्मच
- घी – 1 बड़ा चम्मच
- छोटी इलाइची – 4
- लौंग – 3
- किशमिश – 10
- बादाम – 10
- पिस्ते – 10
- काजू – 10
- चीनी – 2 बड़े चम्मच
विधि
- एक पैन में केसर और दूध मिलाकर 1 मिनट तक गैस पर रखें। बादाम और पिस्ता को स्लाइस में काट लें।
- एक पैन में घी गरम करके उसमें छोटी इलायची, लौंग, किशमिश, बादाम, पिस्ता और काजू डालकर रोस्ट करें। अब चीनी डालकर इसे अच्छी तरह से मिला लें। केसर का दूध और खोया डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- फिर उबले हुए बासमती चावल डालकर मिक्स करें। इसे ढक कर कुछ मिनट तक पकाएं और परोसें।
ध्यान दें
यह राइस बहुत टेस्टी होता है, आप इसका ऐसे भी सेवन कर सकती हैं।
तो ये थी बसंत पंचमी की कुछ रेसिपीज जिन्हें आप घर पर आसानी से आजमा सकती हैं और परिवार के साथ त्यौहार को खास बना सकती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या बसंत पंचमी के दिन भारत में पब्लिक हॉलिडे होता है?
बसंत पंचमी भारत में एक पब्लिक हॉलिडे नहीं है। यह एक ऑप्शनल हॉलिडे है और भारत में हॉलिडे लॉ के अनुसार, कर्मचारी दिए गए हॉलिडे लिस्ट में से छुट्टियां ले सकते हैं। तो यह आपकी कंपनी लॉ पर डिपेंड करता है, और आप उसके अनुसार छुट्टी ले सकती हैं। ज्यादातर बिजनेस और ऑफिस बसंत पंचमी के दिन खुले रहते हैं।
2. क्या बसंत पंचमी एक हार्वेस्ट फेस्टिवल है?
देश के विभिन्न हिस्सों में बसंत पंचमी का अलग अलग महत्व है। पंजाब में, बसंत पंचमी पतंगों का त्यौहार है, और बंगाल में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती शिक्षा और कला की देवी हैं। बसंत पंचमी को फसल उत्सव भी माना जा है। इस समय सरसों के फूल खेतों में लहलहाने लगते हैं। यह सर्दियों के अंत के बाद वसंत और फसल की शुरुआत का प्रतीक है।
तो यह थी भारत के लोकप्रिय त्यौहार वसंत पंचमी से जुड़ी कुछ बातें हैं। इस शुभ दिन स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करना और पीले रंग के कपड़े पहनना न भूलें!