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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने आहार में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। क्योंकि इस समय उनका शरीर कमजोर होता है और कुछ खाद्य पदार्थ हानिकारक प्रभाव भी डाल सकते हैं। बादाम में आवश्यक फैट, पोषण और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है जो गर्भावस्था की हर तिमाही में शिशु के स्वस्थ विकास के लिए जरूरी है। यदि गर्भावधि के नियमित आहार में इसकी सही मात्रा शामिल की जाए तो निश्चित रूप से आपकी गर्भावस्था स्वस्थ होगी।
गर्भावस्था के दौरान बादाम खाने से संबंधित निम्नलिखित जानकारी दी गई है, आइए जानते हैं;
गर्भावस्था के दौरान बादाम खाना
गर्भावस्था के दौरान संयमित मात्रा में बादाम खाना सुरक्षित है। पोषण से भरपूर बादाम के फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
- बादाम में मौजूद फाइबर जो पाचन के लिए बेहतरीन होता है और साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ‘ई’ जो बालों और त्वचा को स्वस्थ रखता है।
- इसमें मौजूद मैग्नीशियम, राइबोफ्लेविन और फोलेट (विटामिन B9) मस्तिष्क की सुचारु कार्यप्रणाली के लिए और साथ ही तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
- बादाम में मौजूद मैंगनीज माँ और शिशु के वजन को नियंत्रित करता है।
बादाम का पोषण मूल्य
कच्चे बादाम को ऐसे ही स्नैक्स के रूप में या आहार के साथ संयमित मात्रा में खाया जा सकता है। इसका पोषण चार्ट निम्नलिखित है, आइए जानें;
बादाम का पोषण मूल्य (प्रति ग्राम)
- ऊर्जा – 576 किलो कैलोरी
- कार्बोहाइड्रेट – 21.69 ग्राम
- फैट – 49.42 ग्राम
- प्रोटीन – 21.22 ग्राम
- विटामिन – बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी9, कोलिन, विटामिन ई और के
- ट्रेस मेटल – कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक
(स्रोत: नेशनल नुट्रिएंट डेटाबेस)
ऊपर दी हुई सूची में आप यह देख सकती हैं कि एक छोटे से बादाम में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान बादाम खाना सुरक्षित है
आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं अपने शरीर के उच्च तापमान और फैट की मात्रा के कारण गर्भावस्था के दौरान बादाम खाना छोड़ देती हैं।
सच तो यह है कि गर्भावस्था के दौरान बादाम का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित है। अफवाहों और मिथकों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान बादाम खाने से गर्भस्थ शिशु को बादाम से एलर्जी हो सकती है जो सत्य नहीं है। यदि आपको सामान्य रूप से बादाम या नट्स से एलर्जी है, तो उन्हें अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। लेकिन अगर गर्भावस्था से पहले आपको बादाम से एलर्जी नहीं थी तो गर्भावस्था के दौरान भी आपको इससे एलर्जी न होने की संभावना रहेगी ।
हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि कुछ रिपोर्ट के अनुसार कच्चे बादाम का अधिक सेवन करने से समय से पूर्व प्रसव हो सकता है। इसलिए इसे संयमित मात्रा में खाना अनिवार्य है।
बादाम का सेवन करने का एक सुरक्षित और स्वस्थ तरीका यह है कि इसे पानी में भिगोकर खाने से पहले उसके छिलके को छील लें। इसके छिलके में मौजूद टैनिन बादाम में पोषक तत्वों को अंदर दबाकर रखता है। इसके छिलके को छीलने से बादाम में मौजूद पोषक तत्व मुक्त हो जाते हैं और इसे भिगोकर खाने से यह पाचन में भी मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान बादाम खाने के लाभ
विज्ञान के अनुसार गर्भावस्था के दौरान बादाम खाना सुरक्षित है। बादाम से जुड़े स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;
- बादाम में मौजूद फोलिक एसिड, मस्तिष्क की आवश्यकताओं को पूरा करता है और भ्रूण के तंत्रिका तंत्र को विकसित करने में मदद करता है।
- बादाम में डाइट्री फैट और कार्ब अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (फ्री–रेडिकल और एंटी–ऑक्सीडेंट में असंतुलन), सूजन और रक्त शर्करा को कम करने में मदद करता है। यदि माँ में डाइबिटीज और मोटापे जैसी समस्याओं के कारण गर्भावस्था से जुड़े जोखिम हैं तो यह बाद में शिशु को मेटाबॉलिक (चयापचय) विकारों से बचाने में मदद करता है।
- बादाम घ्रेलिन नामक भूख के हॉर्मोन को कम करने में मदद करता है और लेप्टिन नामक भूख घटाने वाले हॉर्मोन को बढ़ाता है। यह आपको स्वस्थ और आपके वजन को नियंत्रित रखता है और गर्भावस्था के बाद बढ़ते वजन को भी कम करने में मदद करता है।
- इसमें मौजूद आयरन की मात्रा शिशु के हृदय को विकसित करती है और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती है।
- रोज सुबह 4-6 बादाम का सेवन करने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
- रातभर के लिए बादाम को भिगोकर रखें और सुबह उबाल कर इनका पेस्ट बना लें। यदि इस पेस्ट का उपयोग स्क्रब के रूप में किया जाता है तो यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और आपको खूबसूरत त्वचा प्रदान करता है।
- बादाम को भिगोने से इसमें मौजूद लाइपेस मुक्त होता है जिससे फैट कम होने में मदद मिलती है। यह पाचन में सुधार लाता है और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है।
- शोधों के अनुसार बादाम का सेवन करने से अल्फा–टोकोफेरल की मात्रा में वृद्धि होती है। अल्फा–टोकोफेरल रक्त में मौजूद एक घटक होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान बादाम खाते समय बरती जाने वाली कुछ सावधानियां
- विटामिन ‘ई’ की अत्यधिक मात्रा: बादाम में विटामिन ‘ई’ भरपूर मात्रा में होता है और यह केवल 1औंस (28.35 ग्राम) में 48% विटामिन ‘ई’ प्रदान करता है। अन्य हरी सब्जियों और फलों में भी विटामिन ‘ई’ होता है जिन्हें गर्भावस्था के दौरान खाने की सलाह दी जाती है। विटामिन ‘ई’ के अधिक सेवन से दृष्टी धुंधली हो जाती है, सिर में दर्द होता है और दस्त होने की संभावना भी अधिक रहती है।
- पेट फूलना और कब्ज: सलाह से अधिक बादाम का सेवन करने से पेट फूलने और कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बादाम में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और प्रतिदिन आपके शरीर को अधिक मात्रा में फाइबर खाने की आदत नहीं होती है।
बादाम खाने के बेहतरीन तरीके
- स्नैक्स के रूप में कच्चे बादाम खाना: विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बादाम से गार्निश करने से व्यंजन अधिक क्रंची और स्वादिष्ट होता है। इसे आप स्नैक्स के रूप में कच्चा भी खा सकती हैं।
- भिगोए हुए बादाम: बादाम को पानी में भिगोने से इसके ऊपर लगे सभी विषाक्त पदार्थ नष्ट हो जाते हैं, इसमें मौजूद ग्लूटेन पानी में घुल जाता है और फाइटिक एसिड निकल जाता है।यह इसे कच्चा खाने के लिए एक स्वास्थ्यप्रद खाद्य पदार्थ बनाता है।
- बादाम का दूध: यद्यपि यह गाय के दूध जितना स्वास्थ्यप्रद नहीं होता है लेकिन फिर भी यह उच्च मात्रा में पौष्टिक तत्व प्रदान करता है और यह उन लोगों के लिए सर्वोत्तम विकल्प है जो लैक्टोज इंटोलरेंट (दुग्धशर्करा असहिष्णुता) होते हैं।
- आल्मंड बटर: बादाम को पेस्ट के रूप में तैयार करने से इसे आल्मंड बटर के नाम से जाना जाता है। इसमें पानी मिला देने से इसे आल्मंड मिल्क कहते हैं।आल्मंड बटर प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट (स्वस्थ वसा) का सर्वोत्तम स्रोत है और यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को लगभग कितने बादाम खाने चाहिए?
28 ग्राम बादाम में लगभग 23 बादाम होते हैं। प्रतिदिन 28 ग्राम बादाम खाने से यह बिना किसी हानि के सर्वोत्तम लाभ प्रदान करता है।
28 ग्राम बादाम में 164 कैलोरी, 14.36 ग्राम फैट (73%), 5.6 ग्राम कार्ब्स (14%) और 6.03 ग्राम प्रोटीन (13%) होता है।
बादाम को किशमिश और खजूर के साथ मिलाकर खाने से पित्त संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें एसिडिटी व सीने में जलन शामिल हैं।
यदि आप नियमित रूप से कब और कितने बादाम खाएं इसका शेड्यूल बनाना चाहती हैं तो आपके लिए 10 बादाम सुबह और 10 बादाम शाम को खाना उचित होगा। हर व्यक्ति अलग होता है, तो डॉक्टर की सलाह के साथ उस हिसाब से योजना बनाएं जो आपके शरीर के लिए बेहतर हो।
निष्कर्ष
बादाम के कई फायदों को ध्यान में रखते हुए जिन गर्भवती महिलाओं को इससे एलर्जी नहीं है, उन्हें निश्चित रूप से अपने आहार में बादाम को शामिल करना चाहिए। लेकिन इसे संयमित रूप से खाना सुनिश्चित करें क्योंकि बहुत अधिक सेवन करने से इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं। रातभर के लिए इसे पानी में भिगोकर रखें, सूखे हुए बादाम की तुलना में भीगे हुए बादाम खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। बादाम का सेवन संयमित रूप से करें और स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद लें।
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