15 महीने के बच्चे की वृद्धि और विकास

15 महीने के बच्चे की वृद्धि और विकास

इससे पहले कि आपको यह एहसास हो कि आपका बच्चा एक वर्ष से अधिक आयु का हो गया है, आप महसूस करेंगी कि उसका विकास व वृद्धि अद्भुत तरह से हो रही है।

15 महीने के बच्चे को खुश व स्वस्थ होने के लिए कई पड़ाव सफलतापूर्वक पूर्ण करने की आवश्यकता होती है। बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ आप उसकी खिलखिलाती हँसी के साथ उसकी रोज नई-नई हरकतों को देखेंगी, अनुभव करेंगी और महसूस करेंगी।

15 महीने के बच्चे का विकास

आपके बच्चे की 15 महीने की आयु तक उसका संज्ञानात्मक विकास, मोटर स्किल व भाषा का विकास तेजी से होता है। इस समय के आस-पास वह अनेक पड़ावों को पूर्ण करता है और साथ ही अपने नजदीक की दुनिया को जानना व समझना शुरू कर देता है।

शारीरिक विकास

15 महीने की आयु तक बच्चा पूरे घर में घूमने लगेगा, इधर-उधर जाने के लिए उत्साहित होगा, बिस्तर से उतरने का प्रयास करेगा, बाहर निकलने का प्रयास करेगा और ऐसी कई गतिविधियों को संभालने के लिए आपको उसके पीछे-पीछे दौड़ते-भागते रहना होगा। यह कार्य सेहतमंद और कठिन भी है किन्तु आपको अपने 15 महीने के बच्चे को संभालना सीखना ही होगा। हर दिन आप पहले दिन की तुलना में अपने बच्चे द्वारा अधिक शारीरिक पड़ावों को पूरा करते हुए देखेंगी। 15 महीने का बच्चा यदि माँ के दूध के साथ-साथ अन्य पौष्टिक आहारों का भी सेवन करता है तो इस आयु में उसका वजन लगभग 9-10 किलोग्राम होगा।

15 महीने का बच्चा निम्नलिखित चीजों को करने में सक्षम होता है:-

  • इस आयु तक बच्चा सहारे या बिना सहारे के सीधे खड़े होकर अपने नन्हे कदमों को धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू कर देता है। 
  • वह बिना सहारे के उठ सकता है और बैठ सकता है। 
  • अपने हाथ से वह चीजों को या खिलौनों को मजबूती से पकड़ सकता है। 
  • एक निश्चित सामंजस्य के साथ आपका बच्चा अपने हाथ को मुँह तक ले जाने में सक्षम हो गया है, उदाहरण के लिए अपने मुँह में भोजन और अन्य कुछ भी डालने का प्रयास करेगा। 
  • आपका बच्चा घर में कुछ छोटे-छोटे कार्य करके आपकी मदद करने का प्रयास कर सकता है, जैसे फोन उठाना, झाड़ू का उपयोग करना इत्यादि।
  • इस आयु तक आपका बच्चा अपनी इन्द्रियों का उपयोग करके स्पर्श, गंध, परखना, दृष्टि व ध्वनि सुनने जैसी चीजों को सीखना शुरू कर देता है। साथ ही वह इन गतिविधियों के साथ एक सरल संबंध बनाने का प्रयास करता है। 

सामाजिक और भावनात्मक विकास

इस आयु में बच्चा अपने आस-पास के पर्यावरण से कई चीजों को सीखता है और उसमें सामाजिक व भावनात्मक विकास की शुरुआत होती है। आपके बच्चे में भावनात्मक विकास के निम्लिखित संकेत दिए हुए हैं, आइए जानते हैं;

  • लोगों का ध्यान आकर्षित करना पसंद करता है।
  • आईने में खुद को पहचान सकता है।
  • उसके आस-पास के लोगों को देख कर मुस्कुराना और पहचानना शुरू कर देगा।
  • पसंद और नापसंद समझने की शुरुआत हो जाती है।
  • साहसपूर्वक नई चीजों की खोज करता है और उन्हें आजमाता है।
  • आपको गले लगाता और चूमता है।

HUGS AND KISSES YOU

  • अपने खिलौनों को दूसरे के साथ बांटना पसंद नहीं करता है।
  • चीजों के लिए नखरे करता है। 

संज्ञानात्मक और भाषा विकास

15 महीने की आयु तक आपका बच्चा कुछ सरल शब्दों का उच्चारण करना शुरू कर सकता है, जैसे मम्मा, पा। इस दौरान उसका भाषा और संज्ञानात्मक विकास तेजी से शुरू हो जाता है। साथ ही अब आपका बच्चा अधिक स्वतंत्र होने का प्रयास करेगा और अपने तरीके से बातचीत करने में भी सक्षम होगा। 

15 महीने के बच्चों में संज्ञानात्मक व भाषा विकास की शुरुआत होने पर वह निम्नलिखित चीजों को करना शुरू कर देगा;

  • स्वर व भाव की पहचान, जैसे नाराज, परेशान या खुश।
  • आपका बच्चा ‘बॉल’, ‘डॉग’ ‘कैट’ जैसे साधारण शब्दों को बोलने में सक्षम होगा। 
  • आपका बच्चा ‘नहीं’ शब्द को समझने में सक्षम होगा और वह इसका उपयोग ज्यादातर करेगा। 
  • वह ‘मुझे दिखाओ’, ‘इधर देखो’ जैसे क्रियाशील शब्दों को समझने में सक्षम होगा।
  • आपका बच्चा जितना बोल सकता है, उससे अधिक शब्दों को समझने में सक्षम होगा।

व्यवहार

जैसे ही आपका बच्चा ‘टेरिबल टू ‘ के नाम से प्रसिद्ध 2 वर्ष की आयु में पहुँचता है, उसके व्यक्तित्व का विकास होने लगता है और हो सकता है कि वह आपको अपने कुछ नखरों के अधीन कर ले। आपका बच्चा भी अपने आस-पास के माहौल को जानने के लिए उत्सुक होगा और हर चीज में काफी रूचि लेगा। 15 माह की आयु में बच्चा बहुत सी चीजों के लिए जिद्दी व्यवहार कर सकता है। ऐसी स्थिति में महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चे को मना करें, उसे शांत करने का प्रयास करें और तोड़ने-फोड़ने वाले व्यवहार को प्रोत्साहित न करें। इस दौर में बच्चे के साथ अत्यधिक सख्ती या बहुत ढिलाई भी न बरतें, संयम से उसके व्यवहार को प्रबंधित करने का प्रयास करें। 

आहार और पोषण

बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ उसका भोजन व पोषण दोनों ही अत्यधिक महत्पूर्ण होते हैं और उसके आहार में माँ का दूध मुख्य है। माँ के दूध में वे सभी पोषक तत्व होते हैं जो एक 15 महीने के बच्चे के लिए आवश्यक हैं। साथ ही यह बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है जिससे ज्यादातर बीमारियों से बच्चे की सुरक्षा होती है।

FOOD AND NUTRITION

विश्व स्वास्थ्य संगठन 2 वर्ष की आयु के बच्चों को माँ का दूध पिलाने की सलाह देता है। लेकिन इसके साथ ठोस खाद्य पदार्थ और फार्मूला दूध दिए जाने की भी आवश्यकता है। हालांकि, याद रखें कि फार्मूला दूध को माँ के दूध का विकल्प न समझें। मांओं को अपने 15 माह के बच्चे को दिनभर में कम से कम 3 से 4 बार दूध पिलाने की आवश्यकता होती है। ऑफिस जाने वाली महिलाओं या अन्य मांओं के लिए यह कठिन भी हो सकता है इसलिए आप बच्चे को पर्याप्त दूध पिलाने के लिए पंपिंग शेड्यूल का उपयोग करें। अपने बच्चे को विभिन्न बनावट वाले भोजन देना भी महत्वपूर्ण है ताकि, वे अपनी दाढ़ का उपयोग करना सीख सकें और अपना भोजन चबा सकें। बच्चे के लिए एक भोजन समय सारणी तैयार करें जिसमें दिनभर में दो बार स्नैक्स देना भी शामिल हो ताकि उन्हें ठोस आहार खाने की आदत पड़ जाए।  

नींद

आपका बच्चा अपने व्यक्तित्व को विकसित कर रहा है और उसे जो चीजें पसंद या नापसंद हैं उनमें थोड़ा फर्क कर सकता है। इस दौरान आपके बच्चे के दाँत भी निकलते हैं और इस कारण से आपका बच्चा सोने में परेशान हो सकता है। ऐसे में बच्चा आपके गले से लगकर सोना पसंद करेगा और लगभग 3-4 घंटे लगातार सोएगा। 

उसके लिए दोपहर में सोना एक सामान्य बात है, लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा दिन में कम से कम सोए ताकि वह रात में अच्छी तरह से सो सके। बिस्तर पर जाने से पहले एक दिनचर्या बनाना और उसे नियमित करना महत्वपूर्ण है ताकि वह हर दिन एक ही समय पर सो सके। तापमान, स्थान और खिलौनों के संदर्भ में अपने बच्चे के सोने के वातावरण को जहाँ तक संभव हो एक जैसा रखें ताकि वह अपने डर को दूर कर सके और शांति से सो सके।

खेल और गतिविधियां

बच्चे की स्वस्थ वृद्धि के लिए उसके साथ एक अच्छा संबंध बनाएं। बच्चा घर में आपको छोटी-छोटी चीजों में मदद करने के लिए भी कहने लगेगा और नए कौशल सीखने की कोशिश करेगा। अपने 15 महीने के बच्चे को नई चीजों को सिखाने का एक बेहतर तरीका है उसे खेल खिलाएं । वह पीक-अ-बू खेलना आसानी से सीख जाएगा इसलिए उसे नियमित रूप से यह खेल खिलाते रहें। आप अपने बच्चे को जानवरों की आवाज पहचानना सिखा सकती हैं इससे वह शब्दों के संबंध को सीख पाएगा।

आप अपने बच्चे के साथ लुका-छुपी का खेल भी खेल सकती हैं। चूंकि इस उम्र के बच्चे पीक-अ-बू खेलना पसंद करते हैं, यह भी बेहतर होगा। बच्चे को दिन में खेल खिलाएं और थका दें ताकि वह रात में अच्छी नींद ले सके। 

बच्चे के साथ खेलने के लिए स्नान का समय भी एक बेहतरीन अवसर है। पानी के बुलबुले और खिलौनों के साथ आप उसका मनोरंजन कर सकती हैं  और एसेंशियल ऑइल से उसकी मालिश भी करें । बच्चे को उसके दोस्त के साथ खेलने के लिए एक योजना बना सकती हैं ताकि वह सीख सके कि अन्य बच्चों के साथ मिल जुल कर कैसे रहा जाता है, साथ ही आप भी उसके साथ खेलें व उसके सामाजिक कौशल को विकसित करें। 

PLAY AND ACTIVITIES

माता-पिता के लिए सुझाव

  • उल्टे-पुल्टे मजेदार गाने व खेल बच्चे के साथ आपके रिश्ते को और बेहतर बना सकते हैं इसलिए उसके साथ ज्यादातर ऐसे खेल खेलें । 
  • यदि आप यात्रा कर रही हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपके पास बच्चे के लिए एक अलग बेबी सीट है जहाँ उसे सुरक्षित रूप से बाँधा जा सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि आपके पास पूरी तरह से तैयार किया हुआ डायपर बैग है, जिसमें अतिरिक्त डायपर, दूध व पानी की बोतलें, खिलौने, टिशु और अतिरिक्त अंडरवियर शामिल हैं।
  • एक स्थिर और नियमित दिनचर्या बनाना शुरू करें, जिसकी आदत आपके बच्चे को हो सके। उदाहरण के लिए, आप सोने से पहले स्नान को दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं।
  • अपने बच्चे को दिन में खेल और खिलौनों के साथ व्यस्त रखें, खासकर दोपहर में, ताकि वह पूरा दिन खेल कर थक जाए और रात में सरलता से सो सके।
  • किसी भी आपात स्थिति के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ के नंबर को संभाल कर रखें।
  • धैर्य रखें और शुरुआत से बच्चे को शिष्टाचार सिखाना शुरू करें। जहाँ आवश्यक हो वहाँ उसे मना करें किन्तु उसे इतना नियंत्रित न करें कि वह आपसे डरने लग जाए। 
  • सुनिश्चित करें कि आप और आपका साथी सभी कामों को समान रूप से करते हैं और आपको स्वयं के लिए कुछ समय मिले।
  • बच्चे को स्वस्थ भोजन व विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां खिलाना शुरू करें ताकि वह खाने में नखरे न करें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें 

बच्चे को खसरा, मम्प्स और हेपेटाइटिस के नियमित टीके लगवाने के साथ-साथ उसके स्वास्थ्य जांच का एक चार्ट भी तैयार करें। यदि आपका बच्चा साधारण से हट कर कुछ भी कर रहा है, जैसे कई दिनों तक मल त्याग न करना या काफी समय तक पेशाब नहीं करना, तो यह आपके डॉक्टर से परामर्श करने का समय है। बच्चों की आँखों में किसी भी तरह का लालपन, कान दर्द जो उन्हें असहज कर रहा हो यह देखना भी जरुरी है। क्या बच्चा असहज है, रो रहा है और उसे सोते समय कठिनाई हो रही है, इन सभी समस्याओं को देखना भी आवश्यक है। यदि शिशु अक्सर अपने कानों में उंगली डालने की कोशिश करता है या बार बार अपनी आँख रगड़ता है तो यह सभी संक्रमण के संकेत भी हो सकते हैं। 

यदि बच्चे को 48 घंटे से अधिक समय तक बुखार या सर्दी और खांसी है, यदि आप उसके मल में या कहीं और भी रक्त देखती हैं या यदि उसे किसी चीज से एलर्जी है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। डॉक्टर को बच्चे का मेडिकल इतिहास दिखाएं, नियमित जांच करवाएं और साथ ही पूरी जानकारी लें। 

आपका बच्चा 15 महीने की आयु के साथ-साथ ऐसे कई पड़ावों को पार कर चुका और अब उसके इन यादगार क्षणों को वीडियो या पिक्चर में सहेजने का सही समय है।