18 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

18 सप्ताह का बच्चा - विकास, पड़ाव और देखभाल

जिस तरह एक वयस्क के जीवन में 18 साल एक महत्वपूर्ण समय होता है, ठीक उसी तरह जब आपका बच्चा 18 सप्ताह का हो जाता है तो यह उसके लिए बहुत अहम वक्त होता है जो बच्चे को विकास के अन्य पड़ाव को पार करने की ओर ले जाता है। अब तक आपके अपने बच्चे के साथ बिताए लगभग 72 दिन हो गए हैं, जिसमें आपने उसे सोते, जागते, खाना खाते, डकार लेते, खेलते, गिरते आदि तमाम चीजों को बड़े करीब से देखा होगा। अब आप बच्चे की जरूरतों को काफी बेहतर तरीके से समझने लगी होंगी। इस चरण में अधिकांश बच्चों का विकास और बहुत तेजी से होने लगता है और उन्हें अच्छे से ये समझ में आ जाता है कि खुद को कैसे संभालना है।

18 सप्ताह के बच्चे का विकास

आपके 18 सप्ताह के बच्चे का वजन पहले की तुलना में थोड़ा कम हो जाता है क्योंकि अब उनका विकास मानसिक और भावनात्मक रूप से ज्यादा होगा। लेकिन इसके बावजूद उनकी मोटर स्किल विकसित होती है और शारीरिक तौर पर भी उनका विकास होता है। हो सकता है उसने पहले से ही लुढ़कना शुरू कर दिया हो और घुटनों के बल चलने का प्रयास करने लगा हो और अपने बच्चे को ऐसी गतिविधि करते देखना बेहद खूबसूरत होता है, बच्चा यह बार-बार करते रहने में खुद को व्यस्त रखेगा। इस समय बच्चे चाहते हैं कि उन्हें आजाद छोड़ दिया जाए ताकि वे चीजों की खोज कर सके और अगर वह आपकी गोद में हैं तो नीचे उतरने की कोशिश करेंगे। वह जब भी खेल रहा हो उस पर नजरें बनाएं रखें ताकि उन्हें कोई गंभीर चोट न लगे । चूंकि आपका बच्चा दूसरों के साथ घुलने मिलने लगा है, इसलिए अब आप उसकी देखभाल के लिए किसी को रख सकती हैं जिससे आप पर काम का भार बहुत ज्यादा न आए। यदि आप नौकरी करती हैं तो ऐसा करने से आपको बच्चे को संभलना आपके लिए थोड़ा आसान हो जाएगा ।

18 सप्ताह के बच्चे की विकासात्मक उपलब्धियां

अठारह सप्ताह के एक बच्चे  के पड़ाव

  • बच्चे जो भी चीज देखते हैं उसकी ओर आकर्षित होते हैं, यहाँ तक कि वो खुद के अंगों के प्रति भी जिज्ञासा जाहिर करते हैं । वह यह जानने की कोशिश करते हैं कि उनके हाथ और पैर कैसे बने हैं और वह कैसे काम करते हैं। वह अपने हाथों और पैरों की अंगुलियों को गौर से देखते हैं और उन्हें मुँह में डालने का प्रयास करते हैं।
  • बच्चे में अपने खुद को लेकर बहुत जिज्ञासा होती है और आप देखेंगी कि अब वह अपने पालने में खुद को ऊपर उठने की कोशिश करेगा और तरह-तरह की स्थिति में सोता हुआ मिलेगा । 
  • बच्चे को कपड़े में लपेट कर सुलाने से बचें। बच्चे का शरीर विकास कर रहा है इसलिए वह सोते समय अपने हाथ पैर चलाते हैं, इसलिए ख्याल रखें कि बच्चे के करीब कोई ऐसी वस्तु न हो जो उसे नुकसान पहुँचा सकती है।
  • 17 सप्ताह में, ज्यादातर बच्चों के दाँत निकलने के कारण उनके मसूड़ों में सूजन आने लगती है और कुछ समय बाद आप देख सकेंगी की उनके आगे के दो दाँत निकलना शुरू हो जाएंगे जिसके चलते वो चीजों को अपने मुँह में डालने की कोशिश करेंगे ।
  • इस समय तक बच्चा अपने आसपास की चीजों को समझने लगता है और लोगों को पहचानने लगता है । वह आईने में आपको देखकर आपकी नकल करने की कोशिश करता है ।
  • बच्चा इस समय उन लोगों के साथ घुलना मिलना ज्यादा पसंद करता है जिन्हें वह जनता है । इसका अर्थ है कि वह किसी भी अजनबी के पास जाने से इंकार कर सकता है और आपको बुलाने के लिए रो भी सकता है। शिशु जिस किसी के साथ भी जितना अधिक समय बिताते हैं, उस पर उतना अधिक भरोसा करने लगते हैं।
  • अब तक स्थान, गहराई और समन्वय को लेकर उनकी समझ में काफी सुधार आ गया होगा। वह अब इच्छा अनुसार वस्तुओं को चुनने और उन्हें पकड़ने की कोशिश करेंगे। अब वह कई वस्तुओं को एक साथ देख पाएंगे और अपनी मन पसंद वस्तु को पाने के लिए उसके पीछे भी पड़ सकते हैं। 
  • इस आयु में उसका संचार कौशल काफी ज्यादा विकसित होता है क्योंकि अब वह आपके द्वारा उत्पन्न की गई ध्वनियों को दोहराने और आपसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश करते हैं। अब वह तरह तरह की आवाजें निकालेंगे और आपकी नकल करने लगेंगे। आप उनके इस विकास को बढ़ावा देने के लिए बार-बार संवाद करने के लिए प्रोत्साहित करें और विभिन्न ध्वनियों से उन्हें परिचित कराएं ।

स्तनपान

अधिकांश माताएं काम पर वापस जाने के लिए उपाय खोजना शुरू कर देती हैं या कम से कम घर से ही काम से संबंधित क्रियाकलापों पर पकड़ बनाने के लिए कुछ समय निकालने की कोशिश करती हैं। इससे आपके बच्चे को एक बोतल के माध्यम से दूध पिलाने की आवश्यकता हो सकती है, खासकर अगर इतने समय से वह सिर्फ स्तनपान कर रहा हो। कई बच्चे बोतल को जल्दी ही अपना लेते हैं क्योंकि इसमें दूध का ज्यादा रहता है और पकड़ने में ज्यादा सुविधाजनक होता है। जबकि अन्य शिशुओं को स्तनपान करना ही पसंद होता है, जिस पर वे भरोसा करते हैं और हो सकता है कि वे बोतल को आसानी से स्वीकार न करें।

एक तरीका यह हो सकता है कि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराते समय अपने पास एक बोतल रखें। थोड़ी देर के बाद, आप अपने स्तन को हटा सकती हैं और बोतल लगाने का प्रयास कर सकती हैं। इसे कुछ बार दोहराने से आपके बच्चे को यह विश्वास हो सकता है कि बोतल आपका ही एक हिस्सा है और वह बोतल से भी पीना शुरू कर सकता है। धीरे-धीरे, फिर आप अपने बच्चे को अपने बगल में लिटा कर उसे बोतल से दूध पिला सकती हैं या किसी और को इस काम में मदद करने के लिए कह सकती हैं। कुछ बच्चे बोतल से दूध पीना नापसंद कर सकते हैं, लेकिन एक कप या ऐसे ही किसी बर्तन से दूध पीना पसंद कर सकते हैं। यदि कोई अन्य व्यक्ति आपकी अनुपस्थिति में उसके खानपान की देखरेख करने जा रहा है, तो सुनिश्चित करें कि उसे इस बात की उचित समझ है कि आपके बच्चे को कितना खिलाना आवश्यक है और उसकी आदत के अनुरूप उसकी अनुमानित समय सारिणी क्या है।

यदि संभव हो, तो स्तन के दूध को पंप करके स्टोर करके रखें ताकि उसे बोतल के माध्यम से दिया जा सके और अगर यह संभ नहीं है तो केवल पाउडर का दूध दें। ऐसा करने से आपके माता-पिता या कोई रिश्तेदार भी आपके बच्चे की देखभाल कर सकते हैं और ठोस खाद्य पदार्थ देना शुरू कर सकते हैं। किसी भी ठोस पदार्थ को देने से स्पष्ट रूप से रोकना महत्वपूर्ण है। आपका बच्चा दूसरों को भोजन करते हुए देखकर किसी चीज का स्वाद लेने की इच्छा प्रकट कर सकता है। कृपया उसकी यह बात न मानें, भले ही इस वजह से आपका बच्चा रोने क्यों न लगे, उसे फुसलाएं।

नींद

18 सप्ताह के बच्चे के लिए, नींद अभी भी उसके विकास का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। किसी भी वजह से ध्यान भटकने के कारण उसे ठीक से सोने में परेशानी हो सकती है। यदि अन्य लोग उसकी देखभाल कर रहे हैं, तो उन्हें किसी भी ऐसी तकनीक को अपनाकर या संगीत गाकर के उसे जल्दी सोने में मदद करें। आप उसे गोद में उठाकर छाती से लगाएं और धीरे धीर उन्हें झुलाएं या फिर उन्हें टहलाएं, ये सब तरीके उन्हें सोने में सहायता करते हैं। बच्चे जल्दी ही इन तरीकों से परिचित हो जाते हैं और फिर उन्हें जल्दी सोने की आदत पड़ने लगती हैं । इस उम्र में जब बच्चा सोता है तो उसे कपड़े में लपेट कर न सुलाएं क्योंकि अब उन्हें इसकी विशेष आवश्यकता नहीं होती है। विकास के लिए मांसपेशियों का संचालन आवश्यक होता है। इसलिए, इस बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब आपका बच्चा सो रहा हो, तो उसके आसपास कोई कठोर खिलौने या ऐसी वस्तुएं न हों, जिनसे उन्हें चोट लगाने का खतरा हो।

18 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

  • अगर आप स्तनपान के बजाय बोतल से दुध पिलाने के लिए विचार कर रही हैं तो इस परिवर्तन को उनके लिए आसान और आरामदेह बनाएं।
  • जब बच्चे को सुलाएं तो उसके पास से खिलौनों और अन्य वस्तुओं को बच्चे से दूर रखें ताकि इससे उनकी खलल न पड़े।
  • जब बच्चा जाग जाए तो उन्हें खुद के साथ समय बिताने के लिए उनके पालने के ऊपर खिलौने लटका दें और वह उसके साथ खेलने में व्यस्त रहेंगे। 

परीक्षण और टीकाकरण

पी.सी.वी, डिप्थीरिया, पोलियो, रोटावायरस और अन्य टीके आमतौर पर बच्चे के 4 से 6 महीने के बीच लगाना चाहिए। यदि बच्चे को यह सभी टीके पहले ही दिए जा चुके हैं, तो उसे अब टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन फिर भी इस विषय पर एक बार अपने चिकित्सक से बात कर लें।

खेल और गतिविधियां

इस उम्र तक बच्चों को चीजें और बातें याद रहने लगती है। जितना महत्वपूर्ण बच्चे को अलग-अलग ध्वनियों से परिचित होना है, उतनी ही उसके लिए शांति भी जरूरी है। आप बच्चे से ज्यादा से ज्यादा बात करें और इस दौरान आप उन्हें शांत रहना और धीमे स्वर में बात करना भी सिखाएं। जब बच्चा तेज स्वर में बात करने की कोशिश करे तो आप उसे “शशश..” कहते हुए उसे धीरे बात करने के लिए कहे, ऐसा करने से उनके बात करने का लहजे में सुधार आएगा। आप उन्हें चित्र वाली किताब दिखाते हुए कहानी सुनाएं, लुका छिपी का खेल खेलें, आप उनके पसंदीदा खिलौने को उनसे दूर रख दें और फिर उन्हें उस खिलौने को उठा कर लाने को कहें इस प्रकार उनकी मांशपेशियां विकसित होंगी। आप उन्हें बाहर पार्क में घुमाने ले जाएं और चीजों की ओर इशारा करके उनका नाम बताएं ताकि बच्चे चीजों या जानवरों को उनके नाम से पहचान सकें। आप बेबी मॉनिटर का प्रयोग करके बच्चे से बातें कर सकती हैं यह उनके लिए बहुत मजेदार होगा, आप ऐसा अपनी रेकॉर्डिंग बना कर भी कर सकती हैं। आपकी आवाज सुनकर बच्चा अपनी प्रतिक्रिया देने लगेगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि बच्चा आपकी आवाज सुनकर बहुत खुश हो जाएगा और आप उसके चेहरे पर मुस्कान देख सकेंगी।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

इस समय नई चीजों के बारे में उत्सुक होना सभी शिशुओं में आम बात है। कुछ बच्चों को नए लोगों के साथ घुलना-मिलना पसंद नहीं होता वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे चंचल होते हैं उन्हें लोगों से मिलना उनसे बातें करना अच्छा लगता है और वह लोगों के बीच खुश रहते हैं । भले ही कुछ बच्चे लोगों के बीच रहना पसंद नहीं करते हैं लेकिन वह लोगों को जानने के लिए उनकी ओर बार-बार देखेंगे। यदि वह ऐसा करते हैं और लोगों व चीजों के प्रति कोई दिलचस्पी जाहिर नहीं करते हैं, तो आपको चिकित्सक से बच्चे की जाँच कराना चाहिए।

हर बच्चा अलग होता है और उसका विकास भी इसी बात पर आधारित है लेकिन यदि आपको उसके विकास से जुड़ी परेशानी ज्यादा नजर आए तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार बच्चे खेलने में कोई खास रूचि नहीं दिखाते हैं और हर समय सुस्त दिखाई देते हैं या ठीक से भोजन नहीं करते हैं आदि मामलों में बच्चे को डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप बच्चे की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप बच्चे का सही समय पर बेहतर इलाज करा सके।

इस समय आपके बच्चे का मानसिक और भावनात्मक विकास उसको सामाजिक तौर पर मिलनसार व्यक्ति बनाने में मदद करता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका बच्चा स्वाभाविक रूप से इंट्रोवर्ट हो या एक्स्ट्रोवर्ट हो, वह आपके साथ हमेशा सहज महसूस करेगा और जैसे जैसे बड़ा होता जाएगा यह रिश्ता और मजबूत होता जाएगा।

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