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वो महिलाएं जिनके गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हों, उनकी गर्भावस्था का 26वां सप्ताह थोड़ा अलग और खतरों से भरा हो सकता है, इस समय न केवल आपके गर्भाशय और शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं, बल्कि आपके शरीर में तेजी से हार्मोनल परिवर्तन भी होने लगते हैं। शरीर में होने वाले इन सभी परिवर्तनों के कारण आपके मूड पर भी इसका प्रभाव पड़ता है जिसके चलते आपको कई बार भावनात्मक रूप से काफी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है । जल्दी ही आप अपनी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में कदम रखेंगी और आपको यह जानना बहुत जरूरी कि आपके शरीर में जो परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं वो गर्भवस्था में होने वाले आम परिवर्तन हैं। इसी प्रकार आपको खुद की और अपने शिशुओं की अच्छी सेहत के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि बाद में आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।
गर्भस्थ शिशुओं के विभिन्न शारीरिक अंगों का निर्माण जिस तरह होता है, बिलकुल उसी तरह गर्भावस्था के 26वें सप्ताह में जुड़वां बच्चों के अंगों का विकास होता है । अधिकांश शिशु इस समय तक अपनी आँखें खोलने लगते हैं, हालांकि वे यह नहीं समझ पाते कि वे कहाँ हैं या क्या देख रहे हैं। अभी तक, गर्भ में उनकी पलकें एक दूसरे से जुड़ी हुई थीं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आँखों के विकास में कोई बाधा तो नहीं है। लेकिन जैसे ही आँखों का रेटिना पूरी तरह से बन जाएगा, तब आँखें प्रकाश की उपस्थिति या अनुपस्थिति को महसूस करने लगेंगी और आसानी से अपने आसपास देखने लगेंगी।
शिशुओं में ढेर सारे जटिल परिवर्तन होते हैं, जो उन्हें एक व्यक्ति विशेष के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ही मस्तिष्क का विकास शुरू हो जाता है, लेकिन यह अभी भी विकसित हो रहा होता है और गर्भावस्था के इस सप्ताह तक पहुँचने पर यह विकास दर अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। अभी तक हम, जिन सिलवटों या झुर्रियों को शिशु के मस्तिष्क के रूप में पहचान कर रहे थे हैं, अब वे आपके शिशुओं के मस्तिष्क के भीतर दिखाई देने लगती हैं और अब वे एक पूरी तरह से मानवीय मस्तिष्क बनने की ओर एक कदम और बढ़ जाते हैं। त्वचा के विकास में समय लगता है और अभी तक उस पर पर्याप्त रूप से फैट नहीं आया होता है। इस समय भले ही शिशुओं के शरीर पर अच्छी तरह से फैट का जमाव न हुआ हो लेकिन अब यह पहले जितना पारदर्शी भी नहीं रहा है।
बच्चों के छोटे चेहरों पर अब भौंहे दिखाई देने लगेंगी, साथ ही बालों की संरचना से एक समुचित केश रेखा का निर्माण होने लगेगा। हालांकि ज्यादातर बच्चों के बाल झड़ जाते हैं और उन्हें ढंकने वाले आवरण (वर्निक्स) का हिस्सा बन जाते हैं, लेकिन इस स्तर पर कुछ ही शिशुओं के साथ ऐसा होता है जबकि कुछ शिशुओं में जन्म के बाद भी ये रह जाते हैं। निश्चिंत रहिए, यह चिंता का विषय नहीं है क्योंकि कुछ शिशुओं के बाल, गर्भ से बाहर आने के बाद झड़ते हैं।
बच्चों का वजन भी अद्भुत तरीके से बढ़ता रहता है। जब हम एक शिशु वाली गर्भवती महिला की बात करते हैं तो उसके गर्भ में मौजूद शिशु का वजन लगभग 750 ग्राम होता है, जिसकी लंबाई लगभग 36 सेंटीमीटर हो सकती है। इस मानदंड के हिसाब से आप अपने दो या अधिक बच्चों के वजन और लंबाई में तुलनात्मक कमी पाएंगी। हालांकि अभी उनका आकार लगभग प्याज जितना होगा और बहुत जल्द ही, सभी शिशु गर्भ में जगह बनाने के लिए हलचल करना शुरू कर देंगे।
गर्भावस्था के इस सप्ताह में गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले परिवर्तन काफी तीव्र होते हैं, क्योंकि अब शिशु आपके भीतर मनुष्य का रूप ले रहा है।
इस सप्ताह में दिखाई देने वाले लक्षण दूसरी तिमाही के शुरूआती हफ्तों में देखे गए लक्षणों के सामान होंगे।
तो अब आपका पेट एक गर्भवती महिला के पेट जैसा दिखने लगेगा। हाँ लेकिन इसके साथ पीठ का दर्द भी साथ में बढ़ता जाएगा क्योंकि पेट का आकार बढ़ने से आपकी पीठ पर काफी वजन पड़ता है।
इस मुश्किल दौर से निकलने में आपकी सहायता आपके पेट की मजबूत मांसपेशियां करेंगी, जिन्होंने पेट को अपनी जगह पर संभाल रखा है। ये मांसपेशियां दो अलग-अलग भागों में विभक्त होती हैं, इस वजह से अब ये आपके शरीर को पहले जितना सहारा नहीं दे पा रहीं होती हैं । इन मांसपेशियों की अंदरूनी ताकत काफी अच्छी है, जिससे आपकी पीठ दर्द को थोड़ा आराम मिल सकता है।
आपके डॉक्टर, इस दौरान आपको दोबारा अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने के लिए नहीं कहेंगे, क्योंकि अब तीसरी तिमाही की शुरुआत में ही इसे करवाने की आवश्यकता होगी। उसके बाद स्कैन कम अंतराल पर किए जाएंगे।
वैसे भी, सामान्यतः इस समय आपके शिशु एमनियोटिक द्रव निगल रहे होंगे, इसे मूत्र के जरिए बाहर निकाल रहे होंगे और फिर वापस अंदर निगल रहे होंगे। हालांकि सुनने में यह बेहद अटपटा लग सकता है, पर यह एक बहुत अच्छी प्रक्रिया है जो उनके शरीर को सही ढंग से कार्य करने के लिए तैयार करती है।
इस समय आपको केवल संतुलित आहार लेने पर ही अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें जिनसे आपको एलर्जी हो सकती है। तरल पदार्थ के सेवन और शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखें, इस प्रकार आप खुद को अन्य समस्याओं से बचा सकती हैं।
अधिक प्रभावी ढंग से अपनी देखभाल करने के लिए कुछ सरल टिप्स याद रखें।
इस समय कुछ चीजें खरीदने से आपकी गर्भावस्था थोड़ी आसान हो जाएगी जैसे:
26वें सप्ताह में जुड़वां शिशुओं के वजन में हो रही तेज वृद्धि और इस दौरान हो रहे सभी परिवर्तन अप्रत्याशित लग सकते हैं। अपने साथी से उन चीजों पर बात करने से हिचकिचाए नहीं, बात करने से आप बेहतर महसूस करेंगी।
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