शिशु

32 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

आपके लिए यह यकीन करना कितना मुश्किल होगा कि आपके बच्चे ने अपने विकास के सभी पड़ाव को कितनी तेजी से पार कर लिया है और अब वह लगभग आठ महीने का हो चुका है। क्यों सही कहा न? आपके बच्चे ने संभवतः ताली बजाना, घुटनों के बल चलना और  छोटी चीजें उठाना भी शुरु कर दिया होगा। रात में कम जागना या अधिक बार झपकी लेना इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका शिशु अपनी ऊर्जा को अपने विकास में लगा रहा है। अपने आस-पास की दुनिया को समझना बच्चे के लिए चुनौती से भरा हो सकता है और इसलिए, उसे आपकी हमेशा जरूरत होगी। वह आपको पल भर के लिए भी नहीं छोड़ेगा। यहाँ तक कि जब आप अपने रोज के काम में व्यस्त होंगी तो वह आपके पीछे-पीछे घूमते रहेगा।

32 सप्ताह के शिशु का विकास

छह से नौ महीनों के बीच, जब भी शिशु कुछ भी असामान्य चीज देखते हैं, तो चौंक से जाते हैं। शिशुओं के पास कोई फिल्टर नहीं होता है कि जिससे वे अपनी भावनाओं (पीड़ा, दर्द, दुःख, क्रोध) को छिपा सकें। इस समय, आपका बच्चा अपने आराम के लिए आप पर निर्भर रहेगा। विकास के चरण में बच्चे का शरीर अधिक मात्रा में वसा (फैट) जमा कर सकता है। हर दिन, वह अपने आसपास की चीजों को जानने के लिए नए-नए तरीके खोजता है। इस प्रकार वह अपने कौशल को बढ़ाने में निपुण हो रहा है। हो सकता है आप बच्चे में पाए, कि जब आप उसे तैयार करती हैं, उसके कपड़े बदलती हैं, तो वह इसका विरोध करता है। बेतरतीब ढंग से खेलने के बजाय, अब वह अपने खिलौनों के साथ ठीक से खेलेगा । आप देखेंगी की उसका ध्यान दिलचस्प चीजों की ओर अधिक जाता है जैसे पेन, खिलौनों, जूतों, रसोई के बर्तनों, मोबाइल फोन आदि पर ज्यादा केंद्रित होगा। ये सभी गतिविधियां आपके बच्चे के मोटर स्किल्स को और ज्यादा बेहतर करने में मदद करेंगी।

32 सप्ताह के शिशु की विकासात्मक उपलब्धियां

यहाँ आपको बच्चे के उन पड़ाव बारे में बताया गया है, जो वह अपने 32 वें सप्ताह में प्राप्त करने वाले हैं। कुछ बच्चों में यह विकास थोड़ी देर से भी देखे जा सकते हैं, जो कि सामान्य है।

  • गिराना और फेंकना: आपका शिशु अपने हाथों और अंगुलियों का प्रयोग करना और बेहतर तरीके से सीख गया है, इसलिए अब उसे बार-बार चीजों को फेक कर दोबारा उठाने में मजा आएगा है ।
  • बोलना: अब तक वह “मम्मा”, “पापा” कहना शुरु कर सकता है और जब आप उसे ‘बाय’ बोलेंगी, तो वो अपना हाथ हिलाना शुरू कर देगा।
  • भावनात्मक विकास: यदि आपका बच्चा आपको अपने आस-पास नहीं पाता है, तो वह परेशान हो सकता है। क्योंकि बच्चा परिचित और अपरिचित लोगों के बीच अंतर करने में सक्षम हो जाता है। इस समय तक वह घुटनों के बल जल्दी-जल्दी चल सकते हैं, अपने अगुंलियों और अंगूठे के सहारे चीजों को पकड़ने लगेगा और उन्हें अपने मुँह में डालने की कोशिश कर सकता है।
  • दाँत: अब तक बच्चे के दो या उससे अधिक दाँत निकल सकते हैं, जो उनकी चीजों को चबाने की प्रवृत्ति बढ़ा सकते हैं।
  • आहार: बच्चे खुद चीजें से पकड़ना शुरू कर देते हैं, इसलिए आप जब उन्हें बिस्कुट, उबली हुई सब्जियां आदि देंगी तो उन्हें इसे खाने में मजा आएगा ।
  • हाव-भाव: बच्चे के हाव-भाव उनकी शब्दावली का एक हिस्सा है। बच्चे अपने हाथों का उपयोग कर के या अपने सिर को हिलाकर अपने बात कहने का प्रयास करेंगे । यदि उन्हें कुछ चाहिए होगा तो वह आपको हल्का धक्का देने की कोशिश करेंगे।

आहार

अब स्तनपान कराना तुलनात्मक रूप से आसान हो जाएगा। यहाँ तक कि बच्चे के नए दाँत आने के कारण होने वाली परेशानी भी अब कम होने लगेगी। बच्चों में दाँत आने के कारण स्तनपान करते समय वह निप्पल को चोट पहुँचा सकता है। दाँत निकलने की वजह से वह हर चीज को काटने की कोशिश करता है। लेकिन, डरें नहीं और आश्वस्त रहें कि स्तनपान कराना दर्दनाक अनुभव नहीं है। ऐसे कई तरीके हैं, जो आपको अपने बच्चे से काटे जाने से बचा सकती हैं।

बच्चा आपको जानबूझकर चोट पहुँचाने के लिए नहीं दाँत काटता। दूध पिलाने के दौरान आपको अपनी कोमल त्वचा पर उसके दाँतों का चुभना या गड़ना भी महसूस हो सकता है। हमेशा एक ही स्थिति में रहकर दूध पिलाने से आपको बार-बार एक ही जगह पर बच्चे के दाँत गड़ने से घाव हो सकता है, जो काफी पीड़ादायक होता है। एक तरीका यह भी है कि आप स्तनपान कराते समय अपनी स्थिति बदलती रहे ताकि आपको ज्यादा परेशानी न हो। इसके अलावा आप खिलौने खेलने के लिए दे सकती हैं, लेकिन ख्याल रहे कि खिलौने बनाने में प्रयोग होने वाली प्लास्टिक विषाक्त नहीं होना चाहिए। बच्चे को ऐसे भोजन दें जिसे वह चबा सके, इस प्रकार उनके मसूड़े को राहत मिलेगी। आप बच्चे के दूध पीने के तरीके से अंदाज लगा सकती हैं की वह दाँत से काटने की कोशिश कर रहे हैं, यदि ऐसा है तो उन्हें तुरंत हटा लें। यदि वह आपको काटता है, तो उन्हें ऐसे करने के लिए मना करते हुए उन्हें खुद से थोड़ी दूर कर दें। उसे समझाने के लिए, आपको कई बार ऐसा करने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि उन्हें अभी भी बताई गई बातों को समझने में समय लग सकता है, ऐसा इसलिए है कि बच्चे की स्मृति अभी भी अपने विकासशील चरण में है।

बच्चों में मुँह में भी आता है वह उसे काटने की कोशिश करते हैं, यह उनमें होने वाले विकास के संकेत हैं । इसलिए बोतल, सिपी कप, ठंडी गाजर, खीरा या तरबूज के टुकड़ा आदि उन्हें चबाने के लिए दें।

नींद

क्योंकि अब उसमें और भी कई नए विकास हो रहे हैं जो बच्चे के शारीरिक संचालन को बेहतर करेगा जैसे: वह बिस्तर या फर्श पर घुलटने लगेंगे,  घुटनों के बल चलने या अपने दम पर खड़े होने की कोशिश भी कर सकते हैं, शिशु गतिविधि का अभ्यास लंबे समय तक कर सकते हैं। ये सभी गतिविधियां बच्चे की नींद पर असर डाल सकती हैं या उनकी नींद पूरी तरह से इस कारण गायब हो सकती है। 32 सप्ताह के बच्चे के लिए, पर्याप्त नींद लेना उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत आवश्यक है, इसलिए, अब आपको उसकी नींद की एक दिनचर्या तय करनी होगी। सुबह और दोपहर के समय झपकी लेना बहुत जरूरी है, आपके बच्चे को कम से कम आधे घंटे की झपकी लेनी चाहिए। यदि वह दिनभर में एक बार भी झपकी नहीं ले पाता है, तो उसे रात को जल्दी सुला दें। आपके बच्चे की नींद से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, क्योंकि अच्छी नींद से बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है।

32 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसका मोटर स्किल भी तेजी से बढ़ने लगता है और वह किसी भी नई चीज को देखकर उसकी खोज करना शुरू कर देता। आप जानती हैं कि इस समय आपका बच्चा किस तरह की शरारतें करना शुरू कर सकता है, तो संभवतः आप उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता होने लगेगी । आप बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उनके अनुसार घर को व्यस्थित करें और इसके लिए आपको नीचे कुछ सुझाव दिए हुए हैं ।

  • सुनिश्चित करें कि फर्नीचर के कोने और किनारे गद्देदार हों, ताकि चलना सीखते वक्त जब बच्चा गिरे, तो सिर टकराने पर उसे चोट न लगे।
  • अलमारियां और दराज हमेशा बंद रखें।
  • शौचालय और कमरों के दरवाजे, हमेशा इस तरह बंद हों कि आपका बच्चा इन्हें खोल न सके।
  • बच्चे को करंट न लगे इसके लिए घर के सभी प्लग को टेप की सहायता से बंद कर दें।

जाँच और टीकाकरण

अब तक आपको बच्चे के लगाए जाने वाले अलग-अलग टीकों के बारे में अवश्य पता चल गया होगा। यह सभी टीके बच्चे को संक्रमण और बीमारियों से दूर रखने के लिए लगाए जाते हैं, यह हर बच्चे को लगना महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। इसलिए, ध्यान रहे कि आठ महीने का हो जाने पर आपके बच्चे को फिर से हेपटाइटिस ‘बी’ और आई.पी.वी टीके की आवश्यकता होगी।

खेल और गतिविधियां

बच्चे की मोटर स्किल और मांसपेशियों को मजबूत करने में उसकी मदद करें।आप बच्चे के साथ मिलाकर कई अलग-अलग प्रकार के खेल और गतिविधियां आरंभ कर सकती हैं। रंगीन प्लास्टिक के कपों का उपयोग करके, आप बच्चे को उसे इकठ्ठा करना सिखाएं। अब बच्चा खुद से बैठने लगा है, तो आप उसे खिलौने वाली कार या अन्य पहिएदार खिलौने खेलने के लिए दे सकती हैं। आप खुद एक पर्दे के पीछे छिप जाएं और बच्चे को वह खिलौना ढूढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, जो अपने तौलिए के नीचे छुपा दिया है । इस तरह की गतिविधियां उनके बेहतर विकास करने में मदद करती हैं।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

अपने छोटे से बच्चे को बड़ा होते हुए देखना आपको बेहद आनंदित करता है। लेकिन जिस तरह से वह विकसित हो रहा है, उसका विश्लेषण करते रहना बहुत जरूरी है, ताकि बच्चे में होने वाले विकास में किसी प्रकार की कोई रूकावट न आए। यदि बच्चे के विकास में देरी हो रही हो, तो उन पर नजर बनाए रखें। यह बच्चे के बेहतर इलाज में मदद कर सकता है । इसलिए, यदि आपका 32 सप्ताह का बच्चा किसी चीज को लेकर जिद नहीं करता है, उसकी मांसपेशियां कठोर है, हँसता नहीं है या किलकारी की आवाज नहीं निकालता, लोगों को देखकर प्रतिक्रिया नहीं देता, रोशनी के प्रति संवेदनशील है, पैरों पर शरीर का भार सहन नहीं कर पाता है या सहारे के साथ भी बैठने में असमर्थ है, अपना नाम पुकारे जाने पर प्रतिक्रिया नहीं देता है,  खेलता नहीं है, परिचित लोगों को नहीं पहचानता है आदि। अगर आपको बच्चे में कोई भी ऐसे लक्षण नजर आए, तो तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

हर बच्चा अलग होता है, इसलिए हो सकता उनमें बताए गए सभी विकास जल्दी हो जाएं या फिर देर से भी हो हैं । कुछ बच्चे नई चीजों को जल्दी सीख जाते हैं, वहीं कुछ बच्चे अधिक समय लगाते है। धैर्य रखें और अपने बच्चे के साथ इस समय का आनंद लें। यह समय बच्चे के लिए रोमांच से भरा होता है, वह नए लोगों से मिलते हैं, नए वातावरण और नई परिस्थितियों से परिचित हो रहे होते हैं।अपने बच्चे को यह सभी पड़ाव पार करते हुए देखना आपके लिए आनंद से भरा होगा ।

समर नक़वी

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