शिशु

4 महीने के बेबी के खाने और सोने का शेड्यूल

नहीं, यह किसी सिपाही के लिए मिलिट्री जैसा शेड्यूल नहीं है। हालांकि बच्चे की रोजाना की जरूरतों और एक्टिविटी का शेड्यूल बनाने से वह कंफर्टेबल होता है। यदि आपका बेबी 4 महीने का है तो जाहिर है आप उसका शेड्यूल बनाना चाहेंगी। 4 महीने के बच्चे के लिए खाने व सोने शड्यूल जानने के लिए, आगे पढ़ें। 

बच्चे के लिए शेड्यूल कहना थोड़ा सा स्ट्रिक्ट होगा तो चलिए इसे दुनिया की एक रिदम कहते हैं। वास्तव में इसका यह मतलब है कि आप अपने अनुसार और बच्चे की जरूरतों के अनुसार एक रूटीन फॉलो करें। बच्चा जीवन को जीने के लिए पूरी तरह से आपकी गाइडेंस पर निर्भर होता है। जब बच्चा रोजाना एक ही समय पर दूध पीता है तो उसका शरीर समय के अनुसार एडजस्ट हो जाता है और उसे एक समय पर ही भूख लगने लगती है। इस प्रकार से एक शेड्यूल से बच्चे के लिए एक बेहतरीन और सुरक्षित दिनचर्या बनती है और वह सुविधाजनक महसूस करता है। 

इसके अलावा एक रूटीन बनाने से मांओं को भी थोड़ा सा आराम मिलता है। वैसे यह बहुत जरूरी है कि आप समय के अनुसार शेड्यूल फॉलो करने के लिए बच्चे से जबरदस्ती न करें क्योंकि शेड्यूल बनाने का उद्देश्य बच्चे के संकेतों का जवाब देना और उसमें से एक शेड्यूल बनाना है जिससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि आगे क्या करना है और इसके लिए आप तैयार रहेंगी। 

यदि बच्चा 3 से 4 महीने का है तो शेड्यूल बनाने से पहले जानें कि बच्चा क्या चाहता है। इससे संबंधित कुछ टिप्स निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • 3 से 4 महीने के बच्चे को लगभग 175 मिलीलीटर से 210 मिलीलीटर फॉर्मूला दूध / ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत होती है। इस बात का ध्यान रखें कि इसकी मात्रा एक दिन में 950 मिली लीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आप बच्चे को सेमी सॉलिड फूड खिलाना भी शुरू कर सकती हैं, जैसे 4 महीने में आप उसे मैश्ड आलू खिलाएं।
  • इस उम्र में बच्चा बहुत सोता है (एक दिन में लगभग 15 घंटे)। इसमें रात की नींद, नैप और दिन के दौरान सोना भी शामिल है।
  • बच्चे तेजी से सीखते हैं और वे खेलने या आसपास लोगों के साथ इंटरैक्ट करने में समय बिताते हैं। इस समय बच्चे की मोटर स्किल्स और मसल्स का विकास होता है।

यहाँ पर आपकी मदद के लिए 3 से 4 महीने के बच्चे के शेड्यूल का सैंपल दिया हुआ है, आइए जानें;

यह चार महीने के बच्चे की स्तनपान कराने वाली घर पर रहने वाली माँ का शेड्यूल है

  • सुबह 5 बजे: सुबह उठने के बाद सबसे पहले आप उसका गंदा डायपर बदलें। इसके बाद बच्चे को दूध पिलाकर थोड़ी देर के लिए सुला दें।
  • सुबह 7 बजे: बच्चा दूध पीने के लिए दोबारा उठेगा और फिर से सो जाएगा।
  • सुबह 9 बजे: बच्चा जागेगा तो आप उसे नहलाएं, कपड़े बदलें और दूध पिलाएं।
  • सुबह 11 बजे: बच्चे को फिर से दूध पिलाएं, उसे बाउंसर कॉट पर बैठाएं और उसका डायपर बदलें।
  • दिन में: बच्चे का टमी टाइम और खेलने का समय होगा।
  • दोपहर 1 बजे: बच्चे का डायपर बदलने के बाद उसे नैप लेने दें।
  • दोपहर 2 बजे: जागने के बाद बच्चे को दूध पिलाएं।
  • दोपहर 3 बजे: बच्चे को गोद में बैठाकर टीवी देखने दें या उसे वीडियो का आनंद लेने दें और फिर उसका डायपर बदलें।
  • शाम 4 बजे: बच्चे को पिता के साथ खेलने के लिए छोड़ दें।
  • शाम 5 बजे: बच्चे को दूध पिलाएं और सुला दें।
  • शाम 6 बजे: डायपर बदलने के बाद बच्चे को कोई साधारण एक्टिविटी में व्यस्त रखना शुरू करें।
  • शाम 7 बजे: बेबी को फिर से दूध पिलाएं।
  • शाम 7:30 बजे: बच्चे का टमी टाइम होगा।
  • रात 8 बजे: डायपर बदलें और बच्चे को रात के कपड़े पहनाएं।
  • रात 9 बजे: बच्चे को फिर से दूध पिलाएं।
  • रात 10 बजे: डायपर बदलने के बाद उसे सुला दें।

यह शेड्यूल ऑफिस जाने वाली मांओं के लिए हैं जो अपने 4 महीने के बच्चे को फॉर्मूला दूध पिला सकती हैं, आइए जानें

  • सुबह 05:30 से 06:30 बजे: बच्चे के उठने के बाद उसे लगभग 30 मिली लीटर दूध बोतल से पिलाएं। जब माँ के तैयार होते समय बच्चे के खेलने का समय होता है व उसका टमी टाइम रहता है।
  • सुबह 6:30 बजे: बच्चे को डे केयर में छोड़ दें जहाँ पर वह अन्य बच्चों के साथ पूरा दिन खाना सीखेगा, उसका टमी टाइम होगा, बच्चा नैप लेगा और खेलेगा।
  • शाम 4:30 बजे: बच्चे को डे केयर से ले आएं।
  • शाम 04:30 से 05:30 बजे तक उसे दूध पिलाएं और खेलने दें। वह अपनी एक्टिविटी कॉट पर बैठेगा और टमी टाइम एन्जॉय करेगा।
  • शाम 05:30 से 06:30 बजे: बच्चे के नहाने और हल्की एक्टिविटी का समय होगा।
  • शाम 6:30 से 7:30 बजे: पेरेंट्स बच्चे के लिए पढ़ सकते हैं और उससे बात कर सकते हैं। आप उसे सेमी-सॉलिड फूड भी खिलाएं।
  • शाम 7:30 से 08:00 बजे: बच्चे को सुला दें।
  • रात को 11:00 बजे: यदि बच्चा जागे तो उसे फिर से दूध पिलाएं और सुला दें।

इस शेड्यूल से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके व बच्चे के लिए क्या बेस्ट है और आपके लिए बहुत ज्यादा स्ट्रिक्ट निर्देश भी नहीं होंगे। आप ऐसे शेड्यूल बनाना सीखेंगी जो आपके व बच्चे के लिए कंफर्टेबल होगा और इससे पेरेंटिंग आसान हो जाएगी। 

यह भी पढ़ें: 

4 महीने के शिशु की वृद्धि एवं विकास
4 महीने के बच्चे में आने वाले विकास के पड़ाव
4 महीने के बच्चे के लिए 10 डेवलपमेंटल एक्टिविटीज

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

लड़कों के लिए शिव जी के 150 बेहतरीन नाम

भगवान शिव हिंदुओं के आराध्य और सबसे प्रिय देवताओं में से एक हैं। वे दुष्टों…

21 hours ago

तीज 2025 – तारीख, महत्व, परंपरा और रेसिपी आइडियाज

तीज एक हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक…

23 hours ago

जुड़वां लड़कियों के लिए 140 आकर्षक नाम

माता-पिता के लिए अपने बच्चे का नाम चुनना एक बड़ा काम होता है। वहीं अगर…

24 hours ago

लड़कों के लिए भगवान गणेश के 150 नाम

हमारे देश में भगवान के नाम पर बच्चे का नाम रखना बहुत आम है। देश…

1 day ago

नवजात शिशु के लिए बेहतरीन शीर्षक | 100+ Best Captions for a Newborn Baby Boy & Girl in Hindi

बदलते जमाने के साथ-साथ आजकल लोगों का अपनी खुशियों के इजहार करने का तरीका भी…

1 day ago

ससुर के लिए जन्मदिन की खास शुभकामनाएं | Happy Birthday Wishes and Quotes for Father-In-Law in Hindi

जन्मदिन एक अच्छा मौका होता है जब हम अपने करीबियों और परिवार वालों से अपने…

1 day ago