शिशु

48 सप्ताह का बच्चा – विकास, पड़ाव और देखभाल

आपका बच्चा 11 महीने का हो चुका है और अब 48 सप्ताह की आयु में पहले वाले नवजात शिशु के रूप में उसकी कल्पना करना मुश्किल हो सकता है। अब वह सहारे के लिए फर्नीचर को पकड़ते हुए आत्मविश्वास के साथ इधर-उधर घूम सकता है और घर का कोई भी कोना अब उसके शुरूआती स्वतंत्र कदमों से दूर नहीं है (यदि अभी तक वह चलने नहीं लगा है)। इस आयु में बच्चे का मस्तिष्क भी तेजी से विकसित होता है और जटिल प्रक्रियाओं को समझने में सक्षम है जिसमें भाषा का विकास एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है। बच्चे की बढ़ती आयु में संचार एक बड़ी प्राथमिकता बन जाती है और कई बार ऐसा हो सकता है, जब आप उसके विचारों को अधिक सरलता से समझना चाह सकती हैं। आपका बच्चा जब अपने पहले वर्ष के अंतिम सप्ताहों में पहुँचता है, तब भी आपको कुछ सुखद व आश्चर्य कर देने वाले अनुभव मिल सकते हैं।

48 सप्ताह के बच्चे का विकास

48 सप्ताह में आपका बच्चा बड़बड़ शुरू कर सकता है। हो सकता है इस दौरान बच्चा वास्तविक शब्दों को न कहे किंतु यदि आप ध्यान से सुनेंगी तो आप जानेंगी कि वह जिन बेमेल शब्दों को अपनी बातों के प्रवाह में उपयोग कर रहा है, वह ज्यादातर शब्द, वास्तविक शब्दों के साथ बदले जाने पर सार्थक हो जाएंगे।उदाहरण के लिए, यदि वह एक वाक्य कह रहा है या एक प्रश्न पूछ रहा है, तो उसके आधार पर उसका स्वर और लय ऊपर-नीचे हो सकती है। इसका मतलब यह है कि उसने बातचीत की मूल अवधारणा को समझ लिया है और यह केवल कुछ समय की बात है, जब वह शब्दों को एक साथ जोड़ कर बोलना शुरु कर देगा। कभी-कभी जब वह अपनी निरर्थक ध्वनियों से आपसे बात कर रहा हो तो यह जताने के लिए कि आप उसकी बात समझ रही हैं, सुनिश्चित करें कि आप उसे ‘सच में’ और ‘और फिर क्या हुआ?’ जैसे जवाब दें। यदि आप ऐसा करती रहेंगी, तो आप जल्द ही उसकी बड़बड़ के बीच एक-दो वास्तविक शब्द सुन सकती हैं।

48 सप्ताह के बच्चे की विकासात्मक उपलब्धियां

48 सप्ताह के बच्चे के कुछ विकासात्मक पड़ाव निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

  • शिशु स्वतंत्र रूप से  खड़ा हो सकेगा।
  • बच्चा स्वयं कप से पीने में सक्षम होगा।
  • वह ‘माँ’ या ‘पापा’ के अलावा दो-तीन अन्य अलग-अलग शब्द कह सकेगा।
  • बच्चा अपने पास लुढ़काई गई गेंद को वापस लुढ़काने में सक्षम होगा।
  • वह इशारों के बिना भी दिए गए निर्देश जैसे ‘मुझे वह गेंद दे दो’ पर प्रतिक्रिया दे सकेगा।
  • बच्चा अपने आप चलना शुरू कर सकता है।
  • शिशु रोने के अलावा अन्य तरीकों से भी यह दर्शाने में सक्षम होगा कि वह क्या चाहता है।
  • बच्चा अपने छोटे-छोटे खिलौने और खाने के टुकड़ों को अपनी उंगलियों की मदद से उठाने में सक्षम होगा।
  • यदि वह आपको दूर से चुंबन दे और हाथ हिला कर बाय करे तो आश्चर्यचकित न हों।

आहार

अपने 48 सप्ताह के बच्चे को भोजन के समय कटोरे या प्लेट पर चम्मच व कांटे का उपयोग सिखाना शुरू कर सकती हैं। इस आयु में बच्चे के मोटर स्किल का विकास अत्यधिक तेजी से होता है जिसमें वह अपने हाथ को प्लेट या कंटेनर की ओर ले जाकर भोजन का छोटा सा टुकड़ा उठाकर अपने मुँह में डाल सकेगा। एक बार जब वह इस प्रक्रिया को समझ लेता है, तो बाद में वह इसे चम्मच और कांटे की मदद से उठाने का प्रयास करेगा। अपने बच्चे को अपनी कुर्सी पर बैठकर चीजों को फेंकने से रोकने के लिए, प्लेटें, चम्मच और कप जैसी वस्तुओं को सक्शन की मदद से ट्रे पर चिपका कर रखें। बच्चा भोजन सरलता से कर सके इसलिए ऊंचे कंटेनर के बजाय उसे छोटे व सपाट बर्तनों में भोजन दें। कांटे और चम्मच का उपयोग करने के लिए बच्चे को हाथ व आँखों के समन्वय और निपुणता की आवश्यकता होती है। अब ऊंची कुर्सी से गिरते हुए चम्मच व कांटों को बार-बार उठाने के लिए तैयार हो जाइए।कुर्सी के चारों ओर कई साफ मैट रखें, ताकि आप गिरी हुई वस्तु को उठा कर वापस ट्रे में रख सकें। इसके अलावा, नवजात शिशुओं को प्यूरी खिलाने के लिए आप जिस छोटे हैंडल वाले चम्मच का उपयोग करती थी, उसके बदले अब बड़े हैंडल वाले चम्मच चुनें, जिसे आपका बढ़ता बच्चा आसानी से पकड़ सके।

नींद

48 सप्ताह के बच्चे के दाँत अब जल्दी ही निकल सकते हैं और 13 महीने का होने तक उसके पहले 8 मजबूत दाँत निकल जाएंगे । इस समय आपके बच्चे के दाँत मसूड़ों से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं। इससे बच्चे को अत्यधिक दर्द व बेचैनी हो सकती है और यह उसे रातभर जगा कर रख सकता है। बच्चे के ऊपर वाले चार दाँत निकलने पर उसे असहजता हो सकती है और उसके मसूड़ों में सूजन भी आ सकती है, जिस कारण से उसका सोना अत्यधिक मुश्किल हो सकता है। इसलिए इस समय, उसे अतिरिक्त प्यार और ध्यान की आवश्यकता है। स्तनपान, थपकाने, झुलाने तथा ऐसी ही अन्य आरामदायक तकनीकें आपके बच्चे को आराम देकर सुला सकती हैं। यदि दाँत निकलते समय आपके बच्चे को असहनीय दर्द होता है तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करके पता करें कि आप बच्चे को दर्द से राहत देने के लिए क्या कर सकती हैं।

48 सप्ताह के बच्चे की देखभाल के टिप्स

48 सप्ताह के बच्चों के देखभाल के लिए कुछ तरीके निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;

  • सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे के पास अपने मोटर स्किल का अभ्यास करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण है। उसे कभी अकेला न छोड़ें और सुनिश्चित करें कि आपके घर का या अन्य वातावरण बच्चों के लिए सुरक्षित है।
  • अपने बच्चे को उसके सामने खड़े होकर और अपना हाथ पकड़कर चलने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वह आपके सहयोग से कदम उठा सके।
  • आप इस सप्ताह में अपने बच्चे के साथ ‘कृपया’ और ‘धन्यवाद’ जैसे शब्दों का प्रयोग कर सकती हैं, ताकि वह परिस्थितियों के अनुसार उनका उपयोग करना सीख सके।
  • इस उम्र में बच्चे अपने माता-पिता की बातें सुनते हैं और उनकी नकल करते हैं। इसलिए अपने बच्चे के सामने कसमें न खाएं या बड़े बच्चों पर न चिल्लाएं क्योंकि 48 सप्ताह की आयु का बच्चा आपकी नकल करने का प्रयास कर सकता है।
  • ‘नहीं’ शब्द का बहुत अधिक उपयोग न करें। ‘नहीं’ शब्द को केवल उन खतरनाक चीजों तक सीमित रखें, जिन्हें शिशु करने की कोशिश कर सकता है, जैसे बिजली के सॉकेट को छूना या सीढ़ियों के पास जाना।
  • यदि शिशु चम्मच से खाने विरोध करता है, तो उसे चम्मच पकड़ने दें। इससे उसे अपने मुँह में भोजन खुद डालने का अभ्यास करने में मदद मिलेगी।
  • बच्चे को अन्य शिशुओं के साथ खेलने में अभ्यस्त होने और अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग करने के लिए उसके साथ एक खेल-समूह (प्लेग्रुप) में शामिल हों।

जांच और टीकाकरण

ज्यादातर डॉक्टर बच्चे के 1 वर्ष का हो जाने तक कोई भी स्वास्थ्य जांच निर्धारित नहीं करते हैं।

1. जांच

यदि बच्चे में एनीमिया या किसी अन्य विकार के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर बच्चे के रक्त में हीमोग्लोबिन, लेड और आयरन के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण करवाने की सलाह दे सकते हैं। बच्चे के विकास पर नजर रखने के लिए डॉक्टर नियमित रूप से उसकी लंबाई व वजन माप सकते हैं।

2. टीकाकरण

48 सप्ताह के बच्चे को हेपेटाइटिस बी के टीके की अंतिम खुराक और आई.पी.वी. (पोलियो) के टीके की तीसरी खुराक की आवश्यकता हो सकती है, यह दोनों टीके बच्चे के 6-18 महीनों की आयु के अंतराल में लगाया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के आधार पर बच्चे को इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाने की भी आवश्यकता हो सकती है।

खेल और गतिविधियां

आप अपने 48 सप्ताह के बच्चे के साथ निम्नलिखित खेल व गतिविधियों से अपना मोनोरंजन व बच्चे का विकास कर सकती हैं, वे इस प्रकार हैं:

1. लुका छिपी खेलें

दरवाजे या वस्तुओं के पीछे छिपते हुए इस खेल को खेलें। यह खेल आपके बच्चे को हँसाएगा और खेलने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

2. दौड़ें

यदि आपका बच्चा चलने लगा है या घिसट कर चल रहा है, तो उसकी हरकत की नकल करें और कमरे में उसके साथ दौड़ लगाएं। यह उसके मोटर स्किल, दूरी और गति की अवधारणा को विकसित करने में मदद कर सकता है।

3. पुस्तक पढ़ें

अपने बच्चे के साथ मिलकर ऐसी किताब पढ़ें, जिसमें रंगीन चित्र हों और किताब में बने चित्रों की ओर इंगित करके उसे उनका नाम बताने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि वह नहीं जानता है, तो इशारा करते हुए नाम दोहराएं ताकि उसका मस्तिष्क याद रख सके।

4. चलाने का प्रयास करें

अपने बच्चे के सामने खड़ी हो जाएं और उसके हाथ अपने हाथों में लें। बच्चे को पकड़ कर स्वयं उल्टा चलते हुए उसे आगे की ओर चलने के लिए प्रोत्साहित करें और इस दौरान छोटे कदम लें। यह आपके बच्चे को चलने की गति का बोध कराने में और उसकी मांसपेशियों को सक्रिय रखने में मदद करता है जिससे वह जल्द ही स्वयं चल सकेगा।

चिकित्सक से परामर्श कब करें

48 सप्ताह के शिशु के विकास में आने वाली कुछ समस्याएं दी गई हैं, यदि आपके बच्चे में निम्नलिखित लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें;

  • यदि बच्चे को हल्का बुखार है या उसके शरीर पर लाल धब्बे या खुजली होती है, जो भूरे रंग की पपड़ी में विकसित हो सकती है। यह लाल धब्बे आपके बच्चे में चेचक का संकेत हो सकते हैं, ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • यदि बच्चे को किसी भी खाद्य पदार्थ या घर में किसी वस्तु के प्रति बहती नाक, आँखों में पानी, बुखार और चकत्ते (रैश) जैसे लक्षण दिखते हैं तो यह एलर्जी के संकेत भी हो सकते हैं, इसके लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

प्रत्येक शिशु अपनी गति से चलना शुरु करता है। इस समय आपका शिशु बिना सहारे के कुछ कदम चल सकता है या वह अभी भी घुटने के बल चलने में ही संतुष्ट हो सकता है। चिंता न करें, वह समय पर अपना मोटर स्किल प्राप्त कर लेगा। अपने बच्चे की यादों को समेटने के लिए कैमरा हमेशा तैयार रखें।

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