In this Article
बधाई हो, आपके बच्चे ने अपने आधे साल के पड़ाव को पार कर लिया है। एक बच्चे का शुरुआती छह महीने में पूरा न्यूट्रिशन उसकी माँ के दूध से पूरा होता है। लेकिन उसके बाद उसे दूध के अलावा सेमी-सॉलिड फूड भी दिया जाना चाहिए ताकि अब उसके न्यूट्रिशन में कोई कमी न रह जाए। तो आइए जानते हैं बच्चों को 6 महीने का होने पर क्या-क्या हम दे सकते हैं।
6 महीने के बच्चे के लिए जरूरी न्यूट्रिशन
यहाँ 6 महीने के बच्चे के खाने में आवश्यक पोषण से जुड़े फैक्टर्स के बारे में बताया गया हैं:
- कैल्शियम: भोजन में कैल्शियम, बच्चे की हड्डियों और दाँतों के विकास के लिए आवश्यक है।
- आयरन: आयरन शरीर के सभी विकासशील अंगों में ऑक्सीजन–युक्त रक्त के प्रवाह में मदद करता है।
- जिंक: यह घटक कोशिकाओं को ठीक करता है और विकास में मदद करता है।
- फैट: फैट, बच्चों में ऊर्जा और मानसिक विकास को उत्तेजित करने में मदद करता है।
- कार्बोहाइड्रेट: कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत होता है जो बच्चे को दिन–प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए शक्ति प्रदान करता है।
- प्रोटीन: बेबी के विकास में यह सेल्स के लिए मूल रूप से कार्य करता है।
- विटामिन: विभिन्न विटामिन बच्चे के विकास में अलग–अलग योगदान देते हैं और विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी6, बी12, सी, डी, ई और के उसके लिए आवश्यक हैं।
- मिनरल: खनिज पदार्थ, जैसे सोडियम और पोटैशियम बच्चों के विकास पर प्रभाव डालते हैं।
6 महीने के बच्चे को कितना खिलाना चाहिए?
आमतौर पर 6 महीने के बेबी को अब भी मुख्य रूप से ब्रेस्टफीड कराया जाता है या फार्मूला दूध पिलाया जाता है। उसे दिन में एक बार नाश्ता या दोपहर के खाने में ठोस भोजन दिया जा सकता है। अपने लाडले को 3 दिनों तक सिर्फ एक प्रकार का भोजन या फल खिलाएं। यदि उसकी प्रतिक्रिया में कोई भी नेगेटिव साइन या किसी भी प्रकार की एलर्जी के लक्षण नहीं दिखते हैं तो आप बेबी को वही फल या सब्जी और अन्य प्रकार के ठोस खाद्य पदार्थ खिलाने का प्रयास कंटिन्यू कर सकती हैं।
6 महीने के बच्चे के लिए सबसे जरूरी खाने की चीजें
पेडिअट्रिशन की सलाह अनुसार, एक वर्ष की आयु तक के बच्चों को नमक और चीनी देने से बचना चाहिए क्योंकि यह उनकी किडनी पर जोर डालता है। छह महीने के शिशु के लिए हेल्दी खाने के विकल्प इस प्रकार हैं:
- फलों की प्यूरी: बेबी को पहली बार ठोस खाद्य पदार्थ देने के लिए फल या सब्जी को भाप में पकाकर मसल लें या प्यूरी बना लें। इन में से कुछ फल बच्चे के लिए बेहतरीन हो सकते हैं, जैसे सेब, केला, नाशपाती, एवोकाडो, चीकू और आड़ू।
- सब्जी की प्यूरी: कई सब्जियां जैसे शकरकंद, आलू, गाजर, मीठा कद्दू, फ्रेंच बीन्स इत्यादि को भाप में पकाकर लंबे कटे हुए टुकड़े दें या प्यूरी बना कर उसे खिलाएं।
- दाल का सूप: विभिन्न प्रकार की फलियां, विशेषकर दाल का पानी बच्चे को दें ।
- राइस पॉरिज: चावल बच्चों के लिए कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक बेहतरीन स्रोत है। चावल के टुकड़ो को माँ के दूध या फॉर्मूला दूध में पकाकर दलिया के रूप में दिया जा सकता है।
- अनाज (सीरियल) का पॉरिज: दलिया अनेक प्रकार के अनाज, जैसे गेहूँ, जौ, ओट्स, बाजरा और इत्यादि से भी बनाया जा सकता है । इन अनाजों को सुखाकर एक साथ या अलग अलग पीस लें और दलिया के रूप में पकाकर बच्चे को दें।
- सब्जी का सूप: विभिन्न प्रकार की सब्जियों को उबालकर, उसके पानी को सूप के रूप में उपयोग करें।
- दही: हालांकि बेबी को एक वर्ष की आयु तक गाय का दूध न देने की सलाह दी जाती है किन्तु आप इसके दही में बिना चीनी मिलाए और पतला करके दे सकती हैं।
बच्चे को किसी खाने से एलर्जी होने के लक्षण
बच्चे को किसी भी पदार्थ को खाने से डायरिया, उल्टी, रैशेस, कब्ज या पेट में दर्द की समस्या, एलर्जी हो सकती है और यह एक चिंता का विषय है। अगर किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ से एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे वह न खिलाएं और यदि यह लक्षण बहुत ज्यादा ही दिखाई देने लगें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आप चाहें तो कुछ महीनों के बाद डॉक्टर की सलाह लेकर वह फूड आइटम बेबी को दे सकती हैं।
6 महीने के बच्चे के लिए फूड चार्ट
बच्चे को नियमित सॉलिड फूड देने के लिए आप फूड प्लान या चार्ट बना सकती हैं और जितना मुमकिन हो इस चार्ट का अनुसरण करें। नीचे दिया हुआ चार्ट आपके 6 महीने के बेबी की पसंद अनुसार उसके नियमित आहार का शेड्यूल बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
दिन | सुबह 4-5 बजे | सुबह का नाश्ता करीब 8-9 बजे | दिन में 11 बजे करीब | दोपहर का खाना | शाम का नाश्ता | रात का भोजन करीब 8-9 बजे | सोने के पहले |
सोमवार | ब्रेस्टमिल्क / फॉर्मूला दूध | सेब की प्यूरी | सोने का समय | सब्जी का सूप | ब्रेस्टमिल्क/फॉर्मूला दूध | चावल का दलिया (पॉरिज) | ब्रेस्टमिल्क/फॉर्मूला दूध |
मंगलवार | गाजर की प्यूरी | किसी भी फल की प्यूरी | अनाज (सीरियल) का दलिया | ||||
बुधवार | चावल का दलिया | शकरकंद की प्यूरी | फलों की प्यूरी | ||||
गुरुवार | रागी का दलिया | मसला हुआ केला | उबला सेब | ||||
शुक्रवार | दालचीनी के साथ उबला हुआ सेब | दाल का पानी/सूप | सूजी की खीर |
6 महीने के बच्चे के खाने की रेसिपीज
यहाँ विशेषकर 6 महीने के बच्चों के लिए कुछ अलग–अलग स्वाद व सुगंध से परिपूर्ण भारतीय व्यंजनों की विधियां दी गई हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे को भी खिला सकती हैं ।
1. मैश किया हुआ सेब, दालचीनी के साथ
सामग्री:
- सेब – 1
- पानी
- दालचीनी का पाउडर
विधि:
- उबलते हुए पानी में छिले और कटे सेब के टुकड़ों को उबाल लें।
- प्रेशर कुकर में भी दो से तीन सीटी तक सेब पका सकते हैं (वैकल्पिक)।
- उबले हुए सेब लें और इसे ब्लेंडर या मिक्सी में पीस लें। आप इसे थोड़े बड़े छेदों वाली छलनी से छान भी सकती हैं।
- मसले हुए सेब में, एक चुटकी या उससे कम दालचीनी का पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
2. आम की प्यूरी
सामग्री:
- आम – 1
विधि:
- आम को छीलकर उसका गूदा निकाल लें।
- ब्लेंडर में ब्लेंड करके पेस्ट बना लें या किसी छलनी से उसे छान लें।
- फलों की प्राकृतिक मिठास के कारण आप इसे ऐसे ही खिला सकती हैं।
3. ओट्स पॉरिज
सामग्री:
- ओट्स पाउडर – 1 कप
- पानी
- ब्रेस्टमिल्क या फॉर्मूला दूध – आवश्यकता अनुसार
- केला – ½
विधि:
- एक बर्तन में 2 कप पानी उबालें।
- उबलते हुए पानी में एक कप ओट्स डालें और उसे धीरे–धीरे चलाते रहें, खयाल रखें उसमें गांठ न पड़े ।
- ओट्स अच्छी तरह से पकने के बाद उसमें 2 बड़े चम्मच दूध डालें।
- आप स्वाद बढ़ाने के लिए इस व्यंजन में मसला हुआ केला मिला सकती हैं।
4. मीठे कद्दू की प्यूरी
सामग्री:
- मीठा कद्दू – ¼
- पानी
विधि:
- एक छोटा कद्दू छील लें और उसका ¼ भाग काटकर, छोटे–छोटे टुकड़ों में कर लें।
- लगभग 2 कप पानी उबाल लें, फिर उसमें कद्दू के टुकड़े डालें और ढककर अच्छी तरह से पकने दें ।
- पके हुए कद्दू को मसल कर पतला मिश्रण बना लें, इस सब्जी की प्राकृतिक मिठास के कारण व्यंजन का स्वाद मीठा होता है । आप इसे बेबी को ऐसे ही खिला सकती हैं।
5. चावल का दलिया
सामग्री:
- चावल का पाउडर – 1 कप
- पानी
- ब्रेस्टमिल्क/फॉर्मूला दूध – आवश्यकता अनुसार
विधि:
- एक बर्तन में लगभग 2 कप पानी उबाल लें।
- उबले हुए पानी में एक कप चावल का पाउडर धीरे–धीरे डालते हुए पकाएं, खयाल रखें व्यंजन में गांठ न बने।
- पके हुए चावल में 2 बड़े चम्मच दूध डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
6. आलू की प्यूरी
सामग्री:
- आलू – 2
- ब्रेस्टमिल्क/फॉर्मूला दूध – आवश्यकता अनुसार
विधि:
- ऐसे आलू को चुनें जो मुलायम न हों या उसमें दरार न हो।
- आलूओं को धोकर छील लें और छोटे–छोटे टुकड़ों में काट लें।
- आधा कूकर पानी में कटे हुए आलू डालें और 1-2 सीटी आने तक पकाएं।
- उबले आलू को एक कटोरे में निकालकर चम्मच से मैश कर लें।
- उसमें दूध मिलाएं।
- स्वादिष्ट आलू की प्यूरी तैयार है।
7. लौकी की प्यूरी
सामग्री:
- लौकी – 1/2
- मूंग की दाल – 1 बड़ा चम्मच
- जीरा पाउडर – एक चुटकी
विधि:
- लौकी को धोकर छीलें और लगभग आधी लौकी को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- कूकर में 50 मि.ली. पानी लें और उसमें लौकी के टुकड़े और मूंग की दाल मिला दें।
- मिश्रण को लगभग माध्यम आँच में 2 सीटी आने तक पकाएं।
- ठंडा होने के बाद उसे मैश या ब्लेंड कर लें। फिर उसमें जीरा पाउडर (वैकल्पिक) मिलाकर या ऐसे ही परोसें।
बच्चे को खाना खिलाने के टिप्स
माँओं के लिए बच्चों को खाना खिलाना एक कठिन कार्य भी हो सकता है। आपके बच्चे के लिए खाने के समय को अच्छा और तनाव–मुक्त बनाने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं।
- हमेशा एक या दो चम्मच के साथ बेबी को धीरे–धीरे खिलाने से शुरुआत करें, यदि उसे भोजन का स्वाद अच्छा लगता है तभी अधिक मात्रा में खिलाएं।
- एक बार में केवल एक नई चीज का स्वाद चखाएं और उसके रिएक्शन के बाद ही दूसरा पदार्थ खिलाने का प्रयास करें।
- 3 दिन का इंतजार – नियम का पालन करें और बच्चे द्वारा लिए गए सभी नए व्यंजनों का नाम लिख कर रखें ताकि एलर्जी की प्रतिक्रिया होने पर समस्या का निवारण किया जा सके।
- 6 महीने के बच्चों को सख्त या गांठ वाला भोजन न खिलाएं क्योंकि यह कभी–कभी उल्टी आने या दम घुटने का कारण बनता है।
- बच्चे को भोजन कराने के लिए शांत व स्वच्छ जगह ही चुनें, जैसे आपका कमरा रसोई घर।
- भोजन खिलाते समय उसका ध्यान बंटने से रोके, जैसे खयाल रखें कि बेबी भोजन करते समय टीवी न देख रहा हो और न ही मोबाइल में व्यस्त हो।
- प्लास्टिक के बर्तनों के बजाय स्टील या काँच के कटोरों में बेबी का खाना तैयार करके रखें।
- 6 महीने के बच्चे को केवल घर का बना खाना ही दें क्योंकि उनका पाचन तंत्र अभी भी अपरिपक्व है।
बच्चों के लिए ठोस खाद्य पदार्थ शुरू करने में मुश्किलें आ सकती हैं और अक्सर माएं इस बात पर परेशान रहती हैं कि उनके बच्चे के लिए कौन सा खाद्य पदार्थ सही है। ज्यादातर, बच्चे ऐसा भोजन चखना पसंद करते हैं जिसमें कई प्रकार का स्वाद, बनावट और रंग होता है। उन्हें स्वादिष्ट भोजन देना, उनके स्वस्थ और स्वादिष्ट व्यंजनों के विकल्पों को और व्यापक बनाने में मदद करता है।
यह भी पढ़ें:
7 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए
8 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए