शिशु

9 महीने के शिशु के लिए खिलौने

यदि आपका बच्चा 9 महीने की उम्र का है तो वह बैठ सकता है, क्रॉल कर सकता है या फर्नीचर पकड़ कर चल सकता है। आप टॉयज से 9 महीने के बच्चे में सेंसरी, कॉग्निटिव, लैंग्वेज और मोटर स्किल्स का विकास करने में मदद कर सकती हैं। 

स्टैकिंग और बिल्डिंग टॉयज

बच्चे स्टैकिंग और बिल्डिंग टॉयज से पूरे उत्साह के साथ खेलते हैं। यहाँ बताया गया है कि 9 महीने के बच्चे में कौन से स्किल्स का विकास होता है, आइए जानें;

1. स्किल डेवलपमेंट

  • फाइन मोटर स्किल्स: टॉयज तक पहुँचने और उन्हें उंगलियों से उठाने पर 9 महीने के बच्चे में फाइन मोटर स्किल्स का विकास होता है।
  • हाथों व आंखों का कोआर्डिनेशन: स्टैक के भाग अरेंज करने से बच्चे में हाथों व आंखों का कोआर्डिनेशन बनता है।
  • रंगों को पहचानने की क्षमता: रंग-बिरंगे भागों से बच्चे में रंगों को समझने की क्षमता बढ़ती है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • स्टैक और रोल कप्स: इसमें रंग-बिरंगे और अलग-अलग साइज के कप होते है जिन्हें एक-के-ऊपर-एक रखकर स्टैक किया जाता है। बॉल्स बनाने के लिए दो कप को मिलाया जाता है ताकि इसे रोल किया जा सके।
  • स्टैक और एक्स्प्लोर बॉक्स: इसमें रंग-बिरंगे 5 साइड के ब्लॉक्स होते हैं जिन्हें एक के ऊपर एक रखकर स्टैक किया जाता है। इसके हर साइड में अलग-अलग नंबर, पिक्चर और टेक्सचर होता है ताकि बच्चा उसे देख कर और छू कर महसूस कर सके।

सॉर्टिंग टॉयज

सॉर्टिंग टॉयज से बच्चे बहुत एन्जॉय करते हैं और यह उन्हें घंटों तक व्यस्त रखता है। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • फाइन मोटर स्किल्स: सॉर्टिंग टॉयज की चीजें उठाने या पकड़ने से बेबी के हाथ व उंगलियों में मोटर स्किल्स का विकास होता है।
  • कॉग्निटिव स्किल्स: बच्चा सॉर्टिंग टॉयज खेलते समय इसके अलग शेप और रंग की जानकारी लेने का प्रयास करता है जिससे उसमें कॉग्निटिव स्किल्स डेवेलप होती हैं।
  • सेंसरी स्किल्स: सॉर्टिंग टॉयज से हाथों व आंखों का कोआर्डिनेशन बनने के साथ-साथ बच्चे की दृष्टि और स्पर्श का विकास होता है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • शेप सॉर्टर: शेप सॉर्टर के ढक्कन पर अलग-अलग आकार के छेद होते हैं (जैसे, स्टार, चौकोर, गोल और ट्रायंगल) और इसमें एक कंटेनर भी होता है जो विभिन्न शेप के सभी ब्लॉक्स को होल्ड कर सके। इस खेल में बच्चे को अलग-अलग शेप के ब्लॉक्स को उठाकर उसके जैसे शेप की ओपनिंग में रखना है।
  • खाली कंटेनर्स के साथ कलरफुल बॉल: इस खेल में बच्चे को अलग-अलग रंग की बॉल्स उठानी है और उन्हें खाली कंटेनर में डालना है।
  • क्यूब के शेप का सॉर्टर: यह शेप सॉर्टर के जैसा ही होता है पर क्यूब के शेप सॉर्टर में विभिन्न प्रकार के ब्लॉक्स स्ट्रिंग से बंधे होते हैं।

पुश एंड क्रूजिंग टॉयज

पुशिंग और क्रूजिंग टॉयज उन बच्चों के लिए बेहतर हैं जो घुटनों के बल रेंग सकते हैं या सपोर्ट के साथ चल सकते हैं। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • ग्रॉस मोटर स्किल्स: खिलौनों को खींचने या धक्का देने से बच्चे के हाथ, टॉर्सो और पैरों की मसल्स का विकास होने में मदद मिलती है।
  • कॉग्निटिव विकास: किस दिशा में खिलौने को खींचना है यह निर्णय लेने और पूरे घर के रास्ते याद रखने से बच्चे में कॉग्निटिव विकास होता है।
  • स्पैशियल अवेयरनेस: खिलौने को मूव करने से बच्चे को चीजों की पोजीशन का अंदाजा भी होगा।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • एप्पल टर्नओवर: पहियों वाला खिलौना जिसपर सेब घूमता है।
  • पुल अलॉन्ग टर्टल: पहियों वाला कछुआ जिसे स्ट्रिंग से खींचा जाता है।
  • बेबी वॉकर: कार की शेप का खिलौना जिसमें एक हैंडल लगा रहता है और बच्चा इसे पूरे घर में खींचता है।

बटन्स और डायल टॉयज

बच्चों को रंग-बिरंगे बटन और डायल्स अच्छे लगते हैं। बच्चों को अक्सर मोबाइल और रिमोट वाले डिवाइस भी पसंद आते हैं। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • फाइन मोटर स्किल्स: छोटे-छोटे बटन और डायल्स का उपयोग करने से बच्चे के हाथ व उंगलियों की मसल्स का विकास होता है।
  • भाषा का विकास: टॉय फोन या मोबाइल से बड़ों की तरह बात करने से बच्चे में भाषा का विकास होता है।
  • रंगों की समझ: ब्राइट रंग के बटन से बच्चों को रंगों की समझ होती है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • टॉय मोबाइल: यह बड़ों के मोबाइल की तरह ही होता है और इसमें कई रंगों के बटन लगे होते हैं।
  • टॉय रिमोट: यह टीवी रिमोट की तरह होता है जिसमें रंग बिरंगे बटन होते हैं और उसमें साउंड आती है व लाइट जलती है।
  • टॉय पियानो: यह मिनी पियानो की तरह ही लगता है और इसकी कीज से म्यूजिकल साउंड निकलता है।

लैंग्वेज डेवलपमेंट टॉयज

इन खिलौनों से बच्चे में भाषा का विकास होने में मदद मिलती है। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • भाषा का विकास: इन खिलौनों से बच्चे में भाषा का विकास होता है।
  • बोलने की क्षमता: रिकॉर्ड की हुई आवाज को सुनने से बच्चा बेसिक रिदम और पैटर्न को बोलना सीखने लगता है।
  • उतार चढ़ाव: भाषा का विकास करने वाले खिलौनों से बच्चा बोलते समय आवाज में उतार चढ़ाव सीखता है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • लर्निंग मार्केट: बटन वाले खिलौनों का शेप फल और सब्जियों जैसा होता है। बटन से रिकॉर्ड की हुई आवाज आती है जो फल व सब्जियों के बारे में बताती है।
  • पपी हाउस: यह टॉय डॉग हाउस के आकार का होता है और इसमें लगी बटन से वो गाने निकलते हैं जिससे बच्चा अक्षर और काउंटिंग सीखता है।
  • म्यूजिकल स्मार्टफोन: यह बिलकुल बड़ों के स्मार्टफोन्स की तरह ही लगता है। इसमें लगी बटन से वास्तविक आवाज निकलती है और इसमें गाने व रिदम भी बजाए जा सकते हैं।

किताबें

जब पेरेंट्स अपने बेबी के लिए किताब पढ़ते हैं तो इससे उनका बांड अधिक बेहतर बनता है। 

1. स्किल्स डेवलपमेंट

  • भाषा का विकास: बच्चे के लिए किताब पढ़ने से उसमें भाषा का विकास होता है।
  • पढ़ने की इच्छा बढ़ती है: बच्चे के लिए किताब पढ़ने से उसमें पढ़ने की इच्छा जागृत होती है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • एबीसी क्लॉथ बुक: यह किताब कपड़े और प्लास्टिक की होती है, इसके पेज का टेक्सचर अलग होता है और इसमें बटन्स भी होते हैं जिससे गाना बजता है।
  • फर्स्ट 100 एनिमल बोर्ड बुक: यह एक बोर्ड बुक है जिसमें नाम और विभिन्न जानवरों के नाम होते हैं।
  • थिंग्स-दैट-गो बोर्ड बुक: यह एक ऐसी बोर्ड बुक है जिसमें विभिन्न वाहनों की पिक्चर होती है।

बॉल

बच्चों को ये खिलौने अच्छे लगते हैं क्योंकि बॉल्स बाउंस होने के साथ रोल भी होती है। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • फाइन मोटर स्किल्स: बॉल पकड़ने या उठाने से बच्चे में मोटर स्किल्स का विकास होता है।
  • रंगों की समझ: बच्चे खिलौनों से रंगों को समझना सीखते हैं।
  • हाथ व आंख का कोआर्डिनेशन: एक दिशा में बॉल बाउंस करने या रोल करने का प्रयास करते समय बच्चे में हाथों व आंखों का कोआर्डिनेशन बनता है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • बेंडी बॉल रैटल: रैटल के साथ लगी बॉल मुड़ सकती है और आसानी से पकड़ी भी जा सकती है।
  • एक्टिविटी बॉल: एक ऐसी बॉल जिसे हिलाने या रोल करने पर उसमें लाइट जलती है या आवाज होती है।
  • वॉटर टब बॉल्स: यह ब्राइट रंग की सॉफ्ट प्लास्टिक बॉल होती है और इससे बच्चा नहाते समय पानी के टब में भी खेल सकता है।

पेल और शॉवल

बच्चों को सैंड से खेलना अच्छा लगता है। पेल और शॉवल एक बहुत अच्छा गेम है जिसमें बच्चा काफी देर तक व्यस्त रहता है। 

1. स्किल डेवलपमेंट

  • फाइन मोटर स्किल्स: आप बच्चे को पेल और शॉवल का उपयोग हाथ से करने दें ताकि उसकी मोटर स्किल्स में सुधार हो सके।
  • टेक्सचर की समझ: सैंड से खेलते समय बच्चे को विभिन्न टेक्सचर को समझने का मौका मिलता है।

2. रेकमेंडेड टॉयज

  • बीच बेसिक टॉय सेट: सैंड से खेलने वाले टॉयज, जैसे पेल और शॉवल।
  • जंबो बीच सेट: सैंड से खेलने वाले टॉयज, जैसे रेक, सिफ्टर और वॉटरिंग कैन।
  • सैंड मोल्डिंग सेट: सैंड टॉयज, जैसे बीच मोल्ड

खिलौनों में लगे उम्र के लेबल का क्या मतलब है

  • टॉयज में उम्र का लेबल पेरेंट्स की मदद के लिए लगा रहता है ताकि वे बच्चे के लिए उसकी सक्षमता और विकास की आवश्यकता के अनुसार एक बेहतरीन खिलौना ले सकें।
  • इससे पता लगता है कि यह खिलौना विशेष उम्र के बच्चों की एवरेज सक्षमता और इंटरेस्ट को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स

खिलौनों से संबंधित कुछ सेफ्टी टिप्स ताकि बच्चों को कोई भी हानि न पहुँचे, आइए जानते हैं;

  • बच्चे के लिए उसकी आयु के अनुसार ही खिलौने खरीदें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि खिलौनों में छोटे-छोटे पार्ट्स नहीं होने चाहिए ताकि इन्हें बच्चा निगल न सके या इससे चोकिंग न हो।
  • बच्चे के लिए बीपीए से मुक्त खिलौना खरीदें।
  • टॉयज में लगा हुआ पदार्थ चेक करके देखें कि वह टॉक्सिक नहीं होना चाहिए क्योंकि बच्चे अक्सर खिलौने अपने मुंह में डालते हैं।
  • घर को बच्चे के लिए सुरक्षित रखें और इस बात का ध्यान रखें कि जहाँ पर बच्चा चलता या क्रॉल करता है वहाँ पर कुछ भी रखा नहीं होना चाहिए।
  • जब बच्चा खेल रहा हो तो सेफ्टी के लिए उस पर पूरा ध्यान दें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि खींचने वाले खिलौने की स्ट्रिंग से बच्चे को दिक्कत न हो।
  • सैंड से खेलने के बाद बच्चे के हाथों को अच्छे तरह से धोएं ताकि वह बीमार न पड़े।

खेलते समय सीखने में बच्चे की कैसे मदद करें

  • आवाज और भावनाओं का उपयोग करते समय बच्चे पर ध्यान दें।
  • बच्चे को उसके फेवरेट खिलौने की मदद से रंगों के नाम बोलना सिखाएं।
  • शेप सॉर्टर में उसे हर शेप का नाम बताएं।
  • एबीसी बुक से बच्चे को अक्षरों के बारे में बताएं।
  • साथ में खेलते हुए बच्चे को नंबर बोलना सिखाएं।
  • ऑब्जेक्ट परमानेंस के बारे में बताने के लिए आप बच्चे के साथ टॉयज से पीक-अ-बू खेलें।

9 महीने के बच्चे के लिए बेस्ट टॉयज कैसे चुनें

  • बच्चे के लिए 9 महीने के डेवलपमेंटल चरण और सक्षमता के अनुसार ही खिलौने खरीदें।
  • 9 महीने की लड़कियों के लिए आप म्यूजिकल टॉयज, गुड़िया और सॉफ्ट टॉयज खरीद सकती हैं।
  • 9 महीने के लड़कों के लिए आप पुल अलॉन्ग ट्रक्स और बिल्डिंग ब्लॉक्स खरीदें।
  • ऐसे महंगे टॉयज न खरीदें जिनकी सेटिंग कॉम्प्लिकेटेड हो।
  • आसान और सीखने योग्य खिलौने ही खरीदें जिससे बच्चा एन्जॉय भी कर सके।

9 महीने के बच्चे के लिए खिलौना खरीदते समय आप ऊपर बताई हुई बातों का ध्यान जरूर रखें। 

यह भी पढ़ें:

6-9 महीने के बच्चे के लिए बेस्ट खिलौने
बच्चों के पहले साल के लिए खिलौनों की लिस्ट
9 महीने के बच्चे के लिए 10 बेस्ट डेवलपमेंटल एक्टिविटीज

सुरक्षा कटियार

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