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आपके गर्भ में पल रहे बच्चों के विकास के लिए ये चरण सबसे अहम है, इस समय जुड़वां या एकाधिक बच्चों के शरीर के अंगों का विकास होना शुरू हो जाता है। साथ ही आपके शरीर में भी बहुत सारे बदलाव होते हैं, 9वें सप्ताह का अर्थ है गर्भावस्था की पहली तिमाही, जो हर लिहाज से एक महत्वपूर्ण समय होता है। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य का और भी अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। जो महिलाएं नौकरी करती हैं उन्हें अपने बॉस से अपनी गर्भावस्था के विषय में चर्चा करनी चाहिए और मैटरनिटी लीव के बारे विचार-विमर्श करना चाहिए। नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए घर पर रह कर पूरा दिन आराम मुश्किल हो जाता है क्योंकि वो एक बिलकुल अलग जीवन शैली का अनुसरण करती हैं ।
चाहे आपके गर्भ में जुड़वां बच्चे हों या उससे अधिक, उनका विकास 9वें सप्ताह तक एक महत्वपूर्ण बिंदु तक पहुँच चुका होता है और अब बहुत सारी बातों का विकास शुरू होने वाला होता है।
शिशुओं की आँखें लगभग पूरी तरह से बन चुकी होती हैं, जो पलकों द्वारा सुरक्षित होती हैं। मुँह और नाक जैसे चेहरे के अंगों को भी उचित आकार मिलना शुरू हो जाता है। इसके साथ-साथ कान बनने शुरू हो जाते हैं और पैरों की अंगुलियां भी आकार लेने लगती हैं । बच्चों की हाथ की अंगुलियां भी बनना शुरू हो जाती हैं।
शिशुओं के शरीर के अंदर, कई आंतरिक अंग विकास की प्रक्रिया शुरू कर चुके होते हैं। दिल के चारों चैंबर बनने के लिए यह पूरी तरह तैयार हो जाता है। इस समय बच्चों के दाँतों का निर्माण होना भी शुरू हो जाता है , ये मसूड़ों के अंदर होता है, ताकि वे समय आने पर आसानी से उभर सकें।
चूंकि प्लेसेंटा आमतौर पर गर्भावस्था के 9वें सप्ताह तक पूरी तरह से बन जाता है, इसलिए बच्चों की लंबाई और वजन तेजी से बढ़ने लगता है ।यहाँ से भ्रूण के विकास का अगला चरण शुरू होने की पूरी तैयारी हो जाती है और बच्चों को भरपूर पोषण मिलने लगता है।
इस चरण के आसपास एक बच्चे की गर्भावस्था वाली महिला की तुलना में दो या एकाधिक बच्चों के साथ गर्भवती महिला का शरीर थोड़ा भिन्न होता है। यदि आपके गर्भ में कितने बच्चे हैं इसको नजरंदाज कर भी दिया जाए तो इसके बावजूद आपको गर्भावस्था में बहुत सारे परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है, जो होना एक आम बात है।
शरीर में होने वाले विभिन्न परिवर्तनों के अलावा, 9वें सप्ताह में जुड़वां होने के संकेत आपके भीतर कई प्रकार के भावनात्मक परिवर्तन और कई अन्य तरीके से प्रकट हो सकते हैं।
अधिकांश जो पैंट आप पहले पहना करती थीं, वे शायद आप आपको उतनी आसानी से फिट न आएं । आपकी कमर और वजन में बृद्धि होगी जो केवल आपको ही ज्यादा समझ आएगी। गर्भाशय में हो रही वृद्धि के कारण आपके पेट का आकार बढ़ने लगता है और अब शायद आपको जल्दी ही बेबी बंप नजर आना शुरू हो जाए ।
गर्भावस्था के 9वें सप्ताह में आपके बच्चों का अल्ट्रासाउंड किया जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि वृद्धि और विकास ठीक से ही रहा है या नहीं। इसमें आपको बच्चे ठीक से नजर नहीं आएंगे लेकिन डॉक्टर की अनुमति से आप उनकी दिल की धड़कन को सुन सकेंगी। आप जुड़वां बच्चों के दिल की धड़कन अलग-अलग सुनने में सक्षम होंगी, लेकिन आप उन्हें एक समान अति तीव्र गति से धड़कते हुए भी सुन सकती हैं।
ऐसा पोषक आहार बहुत अधिक महत्व रखता है, जो शिशुओं के विकास के लिए उपयुक्त मात्रा में सभी पोषक तत्व प्रदान करें।
बिना फैट वाले (लीन) तथा उबले मांस का सेवन करना आपके लिए अच्छा होता है। मौसमी फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें, क्योंकि ये अधिक पोषक तत्वों को प्रदान करने में मदद करते हैं। लगातार थकान महसूस होना आयरन की कमी का परिणाम हो सकता है। इसलिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता हो और जो आपके शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने में सक्षम हो ।
हरी सब्जियां, लाल फल, सूखे मेवे आपके आहार में शामिल किए जाने के लिए बेहतरीन हैं।प्रीनेटल विटामिन सप्लीमेंट्स आपको पूरे समय स्वस्थ रख सकते हैं।
गर्भावस्था के इस चरण में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ टिप्स बताए गए हैं जो आगे के लिए आपकी गर्भावस्था को सुरक्षित रूप से बढ़ने में मदद करेंगे।
चूंकि आपकी मतली की समस्या इस समय तक बहुत बढ़ जाती है, इसलिए कुछ शुगर-फ्री च्यूइंग गम अपने साथ में रखें जो इस समय आपको ऐसी समस्या से निकलने में काफी मददगार साबित हो सकती है। अपनी भावनाओं को लिखने के लिए और खुद को शांत और तनावमुक्त रखने के लिए डायरी लिखना शुरू करें, इससे आपको बेहतर महसूस होगा ।
जब महिला 9वें सप्ताह की गर्भवती होती है, वो भी जुड़वां बच्चों के साथ, तो यह एक माँ के लिए उसके जीवन का काफी मुश्किल समय होता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले ढ़ेर सारे बदलाव के कारण आप अपनी गर्भावस्था की खुशी उतने बेहतर तरीके से नहीं मना पाती जितनी की होनी चाहिए । इस समय आपको अपने साथी के समर्थन की जरूरत होती है, उनसे अपनी किसी भी परेशानी को साझा करें और जरूरत पड़ने पर उनसे मदद मांगने में हिचकिचाएं नहीं।
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