गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

गर्भावस्था 9 महीनों का एक सुंदर सफर होता है किंतु इसका यह मतलब नहीं है कि इस दौरान महिलाओं को कोई भी समस्या या असहजता नहीं होती है। एक गर्भवती महिला इस दौरान अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करती है जिनमें से एक एसिडिटी है। गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन में बदलाव व गर्भाशय की वृद्धि होने से भोजन पचने में परेशानी होती है और यह एसिड में परिवर्तित होता है जिससे गर्भवती महिलाओं में एसिडिटी और सीने में जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। गर्भवती महिलाओं में एसिडिटी के अनेक प्राकृतिक उपचार हैं जिनके बारे में हम यहाँ चर्चा कर रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी का क्या कारण है?

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में शारीरिक और हार्मोनल बदलाव बहुत तेजी से होते हैं जिस वजह से गर्भाशय की ऊपरी दीवार में स्थित परत जिसे अपरा (प्लेसेंटा) कहा जाता है, वह प्रोजेस्ट्रोन नामक हॉर्मोन का निर्माण करती है जो गर्भावस्था के दौरान अनेक दूसरी बातों के साथ गर्भाशय की मांसपेशियों और पेट के वॉल्व (पेट के भोजन को भोजन नली में आने से रोकता है) को आराम देता है और साथ ही गर्भाशय को बढ़ने में भी मदद करता है। मांसपेशियों में कम सक्रियता और गर्भाशय में वृद्धि होने के कारण वॉल्व खुला रह जाता है और पेट का भोजन एसिड के रूप में भोजन नली में प्रवेश करता है। यह स्थिति गर्भवती महिलाओं में अपच और एसिडिटी की समस्या को उत्पन्न करती है। भोजन नलिका में एसिड का प्रवाह गर्भवती महिलाओं की गर्दन के निचले हिस्से से लेकर स्तनों की हड्डियों तक जलन का कारण बनता है, जिसे आमतौर पर सीने में जलन कहा जाता है। एसिडिटी की समस्या से बचाव के लिए कई गर्भवती महिलाएं अनेक घरेलू उपचारों का उपयोग करती हैं। यदि आप भी अपनी गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी से परेशान हैं और इसे ठीक करने के लिए उपचार खोज रही हैं तो यह लेख पढ़ें।

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी के 15 प्राकृतिक उपचार

1. वसायुक्त, मसालेदार और डीप फ्राई भोजन न करे

गर्भावस्था के दौरान आहार का खास खयाल रखा जाता है, इस अवधि में डीप फ्राई, वसा-युक्त और मसालेदार भोजन का सेवन न करें। गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी से बचाव के लिए आप स्वस्थ और प्रोटीन-युक्त आहार जैसे फल, सब्जियां, ओट्स व कम वसा-युक्त और कम मसालेदार भोजन का ही सेवन करें। इस दौरान आपको आपके पसंदीदा भोजन या कोई लजीज व्यंजन खाने की इच्छा हो सकती है किन्तु यह आपके लिए अत्यधिक हानिकारक भी हो सकती है। इसलिए भोजन करते समय खाद्य पदार्थों का चुनाव सावधानी से करें। अत्यधिक वसा-युक्त या मसालेदार भोजन, एसिडिटी को बढ़ावा दे सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिन्हें पचने में कठिनाई होती है और इससे आपको उल्टी या उबकाई का अनुभव हो सकता है। यदि आपको अलग-अलग व्यंजन खाने की तीव्र इच्छा होती ही है तो आप इन व्यंजनों का सेवन कम से कम मात्रा में करें।

2. कैफीन-युक्त और कार्बोनेटेड पेय न पिएं और चॉकलेट न खाएं

जिस प्रकार से तला हुआ, मसालेदार भोजन आपके लिए हानिकारक होता है और गर्भावस्था के दौरान इन खाद्य पदार्थों से एसिडिटी की समस्या अधिक बढ़ती है। बिलकुल उसी प्रकार से कैफीन, चॉकलेट और कार्बोनेटेड पेय भी एसिडिटी की समस्या को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। हो सकता है चॉकलेट खाना आपको पसंद हो किंतु यह आपकी गर्भावस्था में अधिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती है इसलिए आपको इसे भी छोड़ना ही होगा। यह प्रमाणित है कि कैफीन और कार्बोनेटड पेय गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं इसलिए इनका सेवन बिलकुल भी न करें।

3. लेटने की मुद्रा में सिर ऊंचा रखें

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी में यदि पेट का एसिड गले तक आ रहा है तो ऐसे में आप सोते समय या आराम करते समय अपने सिर के नीचे बड़ा तकिया या दो तकियां रखकर सिर ऊंचा कर लें। लेटने की इस मुद्रा से आपके पेट का एसिड आपकी आंतों में ही रहेगा, ग्रेविटी के कारण वह गले तक नहीं पहुँचेगा।यह गर्भावस्था के दौरान एसिड रिफ्लक्स के बेहतरीन उपचारों में से एक है।

4. कम खाएं

आपके लिए आवश्यक है कि आप भोजन पूरा करें इसलिए अंतराल पर कई बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें। कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करने से आपको उल्टियों से भी राहत मिल सकती है। एक साथ अत्यधिक भोजन आपकी एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकता है।

5. रात का खाना जल्दी खाएं

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि रात का भोजन जल्दी कर लें। सोते समय आपका पेट अधिक भरा न हो इस बात का पूरा खयाल रखें। यह पेट के एसिड को ऊपर की ओर जाने से रोकता है जिससे एसिडिटी का प्रभाव कम पड़ता है। प्रयास करें कि रात के समय आप अपना भोजन सोने से 3 घंटे पहले ही कर लें।

6. खाने के बाद तुरंत न लेटें

आप भोजन दिन में करें या रात में, भोजन करने के तुरंत बाद न लेटें। एसिडिटी से बचने के लिए पहले थोड़ा टहल लें जिससे आपका भोजन पूरी तरह से पच जाए। गर्भावस्था के दौरान यह अनिवार्य है कि भोजन करने के कुछ देर बाद आप जब भी लेटें तो अपने बाएं ओर ही लेटें। इससे पेट का एसिड आंतों की ओर बह जाता है और आवश्यक पोषक तत्व गर्भाशय में चले जाते हैं।

एसिडिटी के 15 प्राकृतिक उपचार: खाने के बाद तुरंत न लेटें

7. टाइट कपड़े न पहनें

यह फैशनपरस्त महिलाओं को नापसंद हो सकता है किंतु आप बिलकुल भी नाराज न हों, हम आपको बेढ़ब कपड़े या आपकी पसंद के विरुद्ध कपड़े पहनने के लिए नहीं कह रहे हैं। बस आप कपड़े चुनते वक्त इस बात का खयाल रखें कि आप ऐसे कपड़े चुनें जो आपके पेट पर दबाव न डालें । पेट के लिए सुविधा बनी रहे इसलिए आप अत्यधिक टाइट कपड़े बिलकुल भी न पहनें। गर्भावस्था के दौरान टाइट कपड़े पहनने से आपको असहजता महसूस हो सकती है और गर्भाशय पर दबाव के कारण पेट का एसिड आपके गले तक पहुँच सकता है।

8. शारीरिक मुद्रा का खयाल रखें

गर्भावस्था के दौरान बैठने की सही मुद्रा आपकी बहुत मदद कर सकती है। इस दौरान सीधा बैठने से पेट का एसिड सही दिशा में बहता है और साथ ही पीठ दर्द जैसी असुविधाएं भी कम होती हैं। बैठने की सीधी मुद्रा आपके आलस को भी खत्म करती है।

9. तरल पदार्थ आपके लिए फायदेमंद हैं

गर्भावस्था के दौरान हो सकता है आपको बहुत अधिक पानी पीने की इच्छा न हो किन्तु विश्वास करें पानी पीने से आपके सीने में जलन कम हो सकती है। पानी आपके पेट के एसिड को ऊपर की ओर प्रवाहित होने से रोकता है और मांसपेशियों को आराम देता है। हालांकि इस बात का खयाल रखें कि एक बार में अत्यधिक पानी न पिएं, पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा पेय पदार्थ लेती रहें।

10. च्यूइंग गम चबाएं

च्युइंग गम चबाने से सलाइवा बढ़ता है और यह सलाइवा एसिड के प्रवाह को रोकने में मदद करता है। सलाइवा में मौजूद बायकार्बोनेट अधिक एसिड को प्राकृतिक रूप से खत्म कर देता है और बेचैनी कम करता है।

11. एक चम्मच दही खाएं

माँ के अपने घरेलू नुस्खे होते हैं जिनसे वो अपनी और दूसरी मांओं की मदद करती हैं।उन अनेकों नुस्खों में से एक है दही का सेवन। अब यदि दही खाने के लिए कह दिया गया है तो इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि आप एक साथ ढेर सारा दही खा लें। गर्भावस्था के दौरान हर बार भोजन से पहले या बाद में एक चम्मच दही खाएं। यदि आपको लगता है कि आपके पेट में एसिड प्रवाह बहुत तीव्रता से हो रहा है आप तब भी आप एक चम्मच दही खा सकती हैं, इससे आपके पेट को काफी आराम मिल सकता है।

एसिडिटी के 15 प्राकृतिक उपचार: दही

12. पके हुए पपीते का सेवन करें

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी से निजात पाने के लिए पके हुए पपीते का सेवन करना बेहतरीन प्राकृतिक विकल्पों में से एक है। इस फल में मौजूद पाचक एंजाइम आपकी मांसपेशियों को आराम देने में मदद करते हैं। आप पके हुए पपीते का सेवन किसी भी रूप में कर सकती हैं, जैसे काटकर, सुखा कर, रस या गोलियों के रूप में यह आपको पाचन में और एसिडिटी कम करने में मदद करता है। परन्तु ध्यान रहे गर्भावस्था के दौरान पपीते का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है, विशेषकर कच्चे पपीते का। इसलिए पपीता खाते समय यह सुनिश्चित करें कि वह पूरी तरह से पका हुआ हो और साथ ही गर्भावस्था के दौरान इसका कम से कम सेवन करना ही उचित होगा। गर्भावस्था के दौरान इस बात का खास खयाल रखें कि कच्चे पपीते का आप बिलकुल भी सेवन न करें, यह आपके लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है।

13. थोड़ा सा बेकिंग सोडा और पानी का मिश्रण लें

यह गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी के लिए एक और प्रभावी घरेलू उपाय है। इस अवधि में आपको जब भी अत्यधिक एसिडिटी होती है तब आप एक गिलास पानी में चुटकी भर बेकिंग सोडा मिलाकर पी लें । यह उपचार आपके पेट में एसिड के प्रभाव को कम करके आपको आराम देगा  ।

14. एसिडिटी खत्म करने के लिए कई अन्य प्राकृतिक उपचार भी हैं

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी से निजात पाने के कुछ प्राकृतिक तरीके भी हैं, जैसे ताजे और कच्चे अदरक का सेवन करना। इसके अलावा एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग भी एक प्रभावी उपाय है जिस पर गर्भवती महिलाएं भरोसा कर सकती हैं। लगभग 250 मिलीलीटर पानी में 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं और इसे दिनभर में भोजन के लगभग 1 घंटे पहले पिएं। एप्पल साइडर विनेगर भी गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। इन सभी उपचारों के अलावा जिसका उपयोग आप अपनी एसिडिटी के प्रभाव को कम करने के लिए कर सकती हैं, वह है नींबू पानी। लगभग 250 मिलीलीटर पानी में 1-2 ताजे नींबू निचोड़ें और आप चाहें तो स्वाद के लिए उसमें शहद भी मिला सकती हैं। इस मिश्रण को आप ठंडा या गुनगुना करके भी पी सकती हैं।

15. डॉक्टर से सलाह लें

यदि ऊपर दिए हुए किसी भी घरेलू उपचार से आपको फायदा नहीं होता है तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। डॉक्टर कायरोप्रैक्टिक की मदद से दायरे के भीतर कुछ बदलावों को करके भोजन-नलिका वाल्व को बेहतर कार्य करने की स्थिति में परिवर्तित करते हैं।

गर्भावस्था अपने साथ एक अद्भुत आनंद और साथ में कुछ कठिनाइयों का अनुभव भी लेकर आती है। इस दौरान अपने शारीरिक बदलावों के कारण हो रही परेशनियों के लिए सुरक्षित उपचार करना ही एक अच्छा विकल्प है। ऊपर दिए हुए उपायों की मदद से आपको गर्भावस्था के दौरान हो रही एसिडिटी से जल्द आराम मिल सकता है।