In this Article
बार-बार मिसकैरेज होना कोई असामान्य बात नहीं है और इससे ग्रसित महिलाओं को अक्सर भावनात्मक आघात पहुंचता है। हालांकि कई मामलों में बार-बार गर्भ गिर जाने का कोई भी जाना पहचाना कारण नहीं बताया गया है।
एक मिसकैरेज होने के बाद दूसरा मिसकैरेज होने से निराशा होती ही है। अक्सर भविष्य को लेकर महिलाओं की आशाएं खत्म हो जाती हैं। हालांकि यह देखा गया है कि ज्यादातर महिलाएं आगे बढ़ती हैं और बार-बार मिसकैरेज होने के बाद भी गर्भवती होती हैं। यह अक्सर तब होता है जब मिसकैरेज होने का कोई भी कारण न हो।
100 में से लगभग एक महिला को बार-बार मिसकैरेज होता है। उम्र बढ़ने पर मिसकैरेज होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। आमतौर पर जिस महिला 3 मिसकैरेज होते हैं उसे एक और मिसकैरेज होने की 40% तक संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसका यह मतलब है कि बार-बार मिसकैरेज होने के बाद भी 10 में से 6 महिलाओं की गर्भावस्था सफल हो सकती है।
यदि किसी महिला का मिसकैरेज लगातार तीन बार हुआ है तो उसे बार-बार मिसकैरेज या बार-बार होने वाली गर्भावस्था की हानि कहते हैं। यदि आपको इसका अनुभव हुआ है तो तुरंत गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें। डॉक्टर इसके पीछे का संभावित कारण समझ सकेंगे।
स्टडीज में भी मिसकैरेज के स्पष्ट कारण नहीं बताए गए हैं। वैसे तो स्वास्थ्य से संबंधित कुछ समस्याओं को मिसकैरेज का कारण माना जाता है पर इन पर भी अभी काफी रिसर्च होनी बाकी है।
बार-बार गर्भपात होने के कुछ संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे;
मिसकैरेज उम्र के कारण भी हो सकता है और बढ़ती उम्र के साथ इसका खतरा बढ़ता जाता है। बार-बार मिसकैरेज होने में पार्टनर की उम्र भी महत्वपूर्ण है।
35 की उम्र तक अंडों की संख्या कम व क्वालिटी खराब होने लगती है और उम्र बढ़ते साथ ही यह बहुत तेजी से होता है। फर्टिलाइजेशन के दौरान जेनेटिक मटेरियल के गलत होने की संभावना रहती है। इससे बच्चे में क्रोमोसोमल असामान्यता हो जाती है और मिसकैरेज की संभावना बढ़ सकती है। आपकी आदतें, जैसे स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन या विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से भी बार-बार मिसकैरेज हो सकता है।
हालांकि कई कारण हैं जो बार-बार मिसकैरेज से जुड़े हैं। ज्यादातर मामलों में बार-बार मिसकैरेज होने का कोई भी कारण स्पष्ट नहीं है।
लगातार मिसकैरेज होने का सही कारण पता लगाने के लिए पूरा और सही डायग्नोसिस किया जाता है। डॉक्टर अंडाशय और गर्भाशय का आकलन करने के लिए आपको एक अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने की सलाह देते हैं। बार-बार मिसकैरेज के लिए खून की जांच भी की जाती है ताकि आपके व आपके साथी के शरीर में क्रोमोसोम से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सके। यदि ऊपर बताए हुए टेस्ट से असामान्यता का पता चलता है तो आनुवंशिक काउंसलिंग की सलाह दी जाती है।
टॉर्च एक विशेष टेस्ट है जो वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन का पता लगाता है। मिसकैरेज के कारणों का निदान करने के लिए डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। संभावित कारण का पता लगाने के लिए प्लेसेंटा के टिश्यू का भी टेस्ट किया जा सकता है।
यदि इनमें से किसी भी टेस्ट कोई परिणाम नहीं निकलता है तो अगली गर्भावस्था सफल होने व आपके माँ बनने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
डायग्नोसिस के अनुसार ही डॉक्टर इसके इलाज के बारे में बताते हैं। यदि बार-बार मिसकैरेज के कारण स्पष्ट नहीं हैं तो इसका उपचार नहीं हो सकता है। बार-बार मिसकैरेज होने के ज्ञात कारणों के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं, आइए जानें;
डॉक्टर के अनुसार लगातार मिसकैरेज होने के बाद सफल गर्भधारण की संभावना अपने चरम पर होती है। इस दौरान डॉक्टर गर्भावस्था की जांच बहुत करीब से करेंगे और आपकी देखभाल का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि कुछ भी गलत होने के खतरों को कम किया जा सके। यदि इसमें क्रोमोसोमल दोष शामिल हैं तो स्वस्थ बच्चे के गर्भधारण की संभावना का अनुमान लगाना कठिन है। यदि अनुवांशिक डिसऑर्डर का कोई भी इलाज हो सकता है तो आप गर्भवती होने में सक्षम होंगी।
निष्कर्ष: लगातार मिसकैरेज होने के पीछे कोई भी एक कारण नहीं है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए। वैसे तो ऐसी कई महिलाएं होंगी जिन्होंने सिगरेट को छुआ भी नहीं होगा पर फिर भी उनका मिसकैरेज हो जाता है। लगातार मिसकैरेज होने से आपका निराश होना स्वाभाविक है। अपने बेबी को खोने का दर्द सहन कर पाना काफी कठिन होता है। इस दौरान आप अपने परिवार व दोस्तों से बात करें और उनका सपोर्ट लें। आप चाहें तो सपोर्ट ग्रुप में शामिल हो सकती हैं या काउंसलर के पास भी जा सकती हैं। आपका आशावादी और सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण है। इससे आपको सामान्य गर्भावस्था और एक स्वस्थ बेबी को जन्म देने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें:
मिसकैरेज से कैसे बचें?
शुरुआती मिसकैरेज: कारण और लक्षण
लेट मिसकैरेज – कारण, लक्षण और इलाज
हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…
बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…
गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…
गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…
गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…
10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…