बेबी केयर प्रोडक्ट्स में किन नुकसानदायक इनग्रेडिएंट्स पर ध्यान देना चाहिए

बेबी केयर प्रोडक्ट्स में किन नुकसानदायक इनग्रेडिएंट्स पर ध्यान देना चाहिए

जबसे आपके बच्चे ने दुनिया में पहला कदम रखा है, आप उसे केवल चूमना चाहते हैं और प्यार करना चाहते हैं। 9 महीने के लंबे इंतजार के बाद, अब जाकर आपका बच्चा आपकी गोद में आया है, तो आप उसे केवल सबसे बेहतरीन और सबसे सौम्य देखभाल देना चाहते हैं। इसमें उसे नर्म मुलायम ब्लैंकेट में लपेटना, उसे सौम्य स्पंज बाथ देना, पर्याप्त दूध पिलाना, उसकी त्वचा को स्वस्थ रखना और उसे रैशेज और इरिटेशन से बचाना शामिल है, जिनका खतरा बच्चे की नाजुक त्वचा पर बना ही रहता है। 

इसके लिए जो विकल्प सबसे पहले नजर आते हैं, वो होते हैं, बच्चे की त्वचा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए नेचुरल और जेंटल प्रोडक्ट्स, है न? लेकिन इतने सारे प्रोडक्ट उपलब्ध होने पर किसी एक प्रोडक्ट को कैसे चुना जाए, जो कि वाकई टॉक्सिंस और नुकसानदायक इनग्रेडिएंट्स से मुक्त हो? 

इसका उपाय है – प्रोडक्ट पर लगे लेबल को ध्यान से पढ़कर, यह बहुत आसानी से पता किया जा सकता है, कि किस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए और किसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

बेबी प्रोडक्ट्स में किन इनग्रेडिएंट्स की मौजूदगी पर ध्यान देना चाहिए और किनसे बचना चाहिए

पॉल्यूटेंट्स से भरी इस दुनिया में इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है, कि आप अपने बच्चे के लिए जिन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें क्या मौजूद है। ताकि आपको यह पता चल सके, कि आपको किन पदार्थों पर ध्यान देना चाहिए और किनसे बचना चाहिए। इनमें से कुछ आम खतरनाक घटक नीचे दिए गए हैं: 

बेबी ऑयल में मौजूद आम टॉक्सिन

बाजार में उपलब्ध प्रमुख बेबी ऑयल मिनरल ऑयल से बने होते हैं – इनका इस्तेमाल सबसे आम होता है, क्योंकि इनकी कीमत कम होती है और ये आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन मिनरल ऑयल रोमछिद्रों को बंद कर सकते हैं, जिससे त्वचा सांस नहीं ले पाती है। यह बच्चे की नाजुक त्वचा के ऊपर एक परत भी चढ़ा देता है, जिससे उसके शरीर से प्राकृतिक रूप से टॉक्सिंस बाहर नहीं निकल पाते हैं। 

बेबी ऑयल में एक वेजिटेबल ग्लिसरीन भी हो सकता है, जिसे पीईजी या पीपीजी नामक ग्रेन अल्कोहल के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि यह पदार्थ सुरक्षित और प्राकृतिक दिख सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में सिंथेटिक केमिकल भी शामिल होते हैं, जिससे त्वचा पर हाइव्स या एक्जिमा तक हो सकता है। 

विकल्प: अपने बच्चे के मसाज और सौम्य मालिश के लिए एक टॉक्सिन फ्री प्राकृतिक पदार्थों से बने बेबी ऑयल का चुनाव करें, जैसे द मॉम्स को. नेचुरल मसाज ऑयल। इसमें तिल का तेल भी मौजूद होता है, जो कि बेबी की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। साथ ही इसमें मौजूद ऑर्गेनिक बादाम, व्हीट जर्म और एवोकाडो ऑयल आपके बच्चे की सूखी त्वचा को पूरे दिन नमी और पोषण देते हैं। 

बेबी लोशन में मौजूद आम टॉक्सिन

क्या आप उस मीठी बेबी स्मेल के बारे में जानते हैं, जो अधिकतर लोगों को पसंद होती है? यह आमतौर पर आपके बच्चे की त्वचा पर लगाए जाने वाले बेबी लोशन और दूसरे प्रोडक्ट एवं बच्चे की प्राकृतिक खुशबू के मिश्रण से आती है। हालांकि, यह खुशबू चाहे कितनी भी अच्छी क्यों न हो, यह आपके बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए ठीक नहीं है। ये खुशबू अधिकतर थैलेट्स के कारण होती है, जिनके बारे में की गई स्टडीज से पता चलता है, कि इनसे लिवर या किडनी को नुकसान भी हो सकता है। थैलेट्स सॉफ्ट प्लास्टिक के खिलौनों, बेबी पाउडर, शैंपू, लोशन और बेबी प्रोडक्ट्स में डाली जाने वाले खुशबू में भी पाए जाते हैं। 

इसके अलावा आपको पैराबेन की उपस्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रोडक्ट्स में बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकने और उनकी शेल्फ-लाइफ को बढ़ाने के लिए पैराबेन का इस्तेमाल किया जाता है। सभी पैराबेन नुकसानदायक नहीं होते हैं, लेकिन कुछ पैराबेन ट्यूमर का खतरा पैदा कर सकते हैं। इनमें से कौन सा पैराबेन नुकसानदायक होता है, इसके बारे में कोई सबूत उपलब्ध नहीं है। इसलिए सबसे बेहतर है, कि इनसे बचा जाए। बेबी के लिए शॉपिंग करते समय ऐसे प्रोडक्ट का चुनाव करें, जो पैराबेन फ्री हों। 

विकल्प: नहाने के बाद अपने नन्हे शिशु की त्वचा को पूरे दिन नर्म-मुलायम रखने के लिए एक हाइपो-एलर्जेनिक पैराबेन फ्री बेबी लोशन का इस्तेमाल करें, जैसे द मॉम्स को. नेचुरल बेबी लोशन। 

बेबी शैंपू और साबुन में मौजूद आम टॉक्सिन

बच्चे के नहाने का समय ऐसा होता है, जिसमें अधिकतर पेरेंट्स अपने नन्हे शिशु के साथ बॉन्डिंग को महसूस करते हैं। अपने बच्चे को इस मधुर अनुभव को एन्जॉय करते हुए देखना बहुत ही प्यारा होता है, जिसे आप जीवन भर याद रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आप साबुन और शैंपू के विज्ञापनों में जो खूबसूरत झाग देखते हैं वह असल में बेबी सोप और शैंपू में मिलाए गए सल्फेट के कारण होता है ! इससे बच्चे की नाजुक त्वचा में इरिटेशन हो सकती है। साथ ही अगर यह बच्चे की आँखों में चला जाए, तो यह विकसित हो रहे टिशू को नुकसान पहुँचा सकता है। 

इनके लेबल पर डीईए/टीईए/एमईए आदि की जांच करें। ये केमिकल हॉर्मोन्स में रुकावट पैदा करते हैं और कॉस्मेटिक्स और दूसरे कंज्यूमर प्रोडक्ट में झाग बनाने के लिए इनका इस्तेमाल बहुत ही आम है। टीईए के कारण एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं, जिनमें बालों का रूखापन, आँखों और त्वचा का इन्फेक्शन शामिल है और अगर लंबे समय तक यह शरीर के अंदर लगातार जाते रहे, तो ये टॉक्सिक भी हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आपको सल्फेट युक्त प्रोडक्ट से दूरी बनाए रखनी चाहिए। 

विकल्प: द मॉम्स को. नेचुरल बेबी शैंपू का चुनाव करें, जो कि बच्चे के बालों को सौम्यता से साफ करता है, मुलायम रखता है और मजबूती देता है। साथ ही ऑर्गेनिक आर्गन ऑयल और कोकोनट बेस्ड क्लींजर युक्त यह शैंपू बच्चे की सिर की त्वचा को पोषण और नमी भी देता है। 

जांच करें कि क्या आपके प्रोडक्ट के लेबल पर केवल ‘की इनग्रेडिएंट्स’ ही लिखा हुआ है

अगर आपके बेबी प्रोडक्ट के ब्रांड में ऊपर दिए गए इनग्रेडिएंट नहीं हैं, फिर भी लेबल को पढ़ना न भूलें, क्योंकि एडवर्टाइजर इस ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं। कई लोकप्रिय ब्रांड केवल मार्केटिंग के लिए प्योर और नेचुरल जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं और उपभोक्ताओं का इन पर भरोसा करके खरीद लेना नेचुरल है, क्योंकि उन्हें लगता है, कि इस कीमत पर ऐसे प्रोडक्ट सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। प्योर, नेचुरल और ऑर्गेनिक जैसे शब्द लिखे होने के बावजूद उनमें मौजूद पदार्थों और उनके साइड इफेक्ट्स का ध्यान रखें। 

कुछ ब्रांड अपने लेबल पर नुकसानदायक पदार्थों का नाम छुपाकर केवल ‘की इनग्रेडिएंट्स’ लिख देते हैं। हमेशा ऐसे ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का चुनाव करें, जिन पर प्राकृतिक पदार्थों का नाम साफ-साफ लिखा हो। उदाहरण के लिए, द मॉम्स को. प्रोडक्ट्स जैसे कुछ खास ब्रांड अपने लेबल पर सभी इंग्रेडिएंट्स का नाम साफ-साफ लिखते हैं और इनमें केवल डर्मेटोलॉजीकली टेस्टेड सौम्य और प्राकृतिक इनग्रेडिएंट्स होते हैं। 

अब जबकि आपको यह पता चल चुका है, कि आपको किन पदार्थों से बचना है और क्यों बचना है, आइए देखते हैं, कि आपको एक जानकारी पूर्ण निर्णय क्यों लेना चाहिए और अपने बच्चे के लिए प्राकृतिक टॉक्सिन फ्री प्रोडक्ट्स क्यों चुनने चाहिए। 

बच्चे की त्वचा सबसे सौम्य स्पर्श के लिए भी काफी सेंसिटिव होती है, इसमें माता-पिता का स्पर्श भी शामिल है। असल में यह एक आशीर्वाद है, क्योंकि अधिकतर पेरेंट्स और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग स्पर्श के माध्यम से ही बनती है। इस बॉन्डिंग के दौरान ऑक्सीटॉसिन नामक लव हॉर्मोन रिलीज होता है और इसके प्रभाव से पेरेंट्स और बच्चे के बीच जीवन भर चलने वाले विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा होती है। यह एक प्राकृतिक घटना होती है। प्रकृति को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे इंसानों का स्वास्थ्य और उनकी कुशलता सुरक्षित रहती है। 

प्राकृतिक, ऑर्गेनिक और टॉक्सिन फ्री प्रोडक्ट के इस्तेमाल से आपके बेबी की जरूरतें पूरी होती है और साथ ही विकसित हो रहे उसके शरीर और नाजुक त्वचा को नरिशमेंट भी मिलता है। इस बात का ध्यान रखें, कि आप जो भी प्रोडक्ट इस्तेमाल करें, वह डर्मेटोलॉजीकली टेस्टेड, एलर्जी फ्री और सर्टिफाइड हो। अपने बच्चे के साथ आप थोड़ा सा भी रिस्क नहीं ले सकते हैं, है न? द मॉम्स को. नेचुरल बेबी लोशन अपने प्रोडक्ट्स के लिए एप्रिकॉट, जोजोबा, एवोकाडो, राइस ब्रान ऑयल जैसे ऑर्गेनिक तेलों का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा इसमें बच्चों की त्वचा के लिए सुरक्षित शिया बटर और कोको बटर जैसे सौम्य और सुरक्षित इनग्रेडिएंट्स भी होते हैं। 

इसलिए समझदारी से चुनाव करें। जहाँ एक मनमोहक खुशबू आपको लुभा सकती है, एक सस्ता प्रोडक्ट आपको पैसे बचाने का भ्रम दे सकता है, वहीं, आपके बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए सबसे बेस्ट और सुरक्षित प्रोडक्ट चुनने पर आपको मिलने वाली संतुष्टि की कोई तुलना नहीं हो सकती है। 

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