जन्म के समय बच्चे का सिर या तो बालों से भरा होता है या फिर उसके सिर पर बहुत ही कम बाल होते हैं। बच्चे के सिर पर बाल कम हो या ज्यादा, किसी भी स्थिति में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आगे चलकर उसके सिर पर बाल उग आते हैं और जीवन भर उगते रहते हैं। लेकिन बालों की मजबूती और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उनकी अच्छी देखभाल भी जरूरी होती है। बच्चे की देखभाल के अन्य पहलुओं की तरह ही हेयर केयर का ध्यान रखना भी जरूरी है और यहां पर हम इसका सही तरीका आपको बताने वाले हैं।
सिर की त्वचा को साफ और बालों को खूबसूरत बनाए रखने के लिए यहां पर 10 टिप्स दिए गए हैं:
कमजोर और पतले बालों के मुख्य कारणों में से एक है, सिर की त्वचा पर पसीना और गंदगी होना। हफ्ते में तीन बार बच्चे के बालों को शैंपू करें और सिर की त्वचा की मालिश करें। इसके लिए आप बेबी शैंपू या हेड-टू-टो प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बच्चे के बालों को हर दिन धोने की जरूरत नहीं है।
पूरे शरीर के साथ सिर की त्वचा की मालिश करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे बालों के पोर में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ावा मिलता है और इससे नींद भी अच्छी आती है। इसके अलावा इससे स्कैल्प को नमी मिलती है और डैंड्रफ से बचाव होता है। पर्याप्त मात्रा में तेल लेकर बच्चे के सिर की त्वचा पर लगाएं और सर्कुलर मोशन में मालिश करें। ऐसा करने के दौरान दबाव न डालें। मालिश के लिए आप जैतून के तेल, नारियल के तेल जैसे प्राकृतिक तेलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सिर की त्वचा को नमी देने वाला ‘सीबम’ नामक तैलीय पदार्थ, जब जरूरत से ज्यादा बनने लगता है, तो क्रैडल कैप की समस्या पैदा हो जाती है। कभी-कभी यह सिर की त्वचा पर पीले या सफेद रंग की मोटी परत जैसा दिखता है। आमतौर पर यह 8 से 12 महीने की उम्र के बीच ठीक हो जाता है। सिर की त्वचा को नियमित रूप से साफ करना और कंघी करना, इसका सबसे अच्छा इलाज है। इस दौरान सिर की त्वचा पर टेलकम पाउडर के इस्तेमाल से बचें।
कंघी करने से सिर की त्वचा के रोमछिद्र स्टिम्युलेट हो जाते हैं और हेल्दी सीबम के उत्पादन में मदद मिलती है। कंघी करने के दौरान सौम्यता का ध्यान रखें, क्योंकि बच्चे की त्वचा सेंसिटिव होती है। इसके लिए बड़े दांतों और मुलायम ब्रिस्टल वाले कंघे का इस्तेमाल करें। एक दिन में कई बार या बार-बार कंघी करने की जरूरत नहीं है। एक दिन में एक से दो बार कंघी करना ही काफी है।
अगर आपके बच्चे की सिर की त्वचा पर बाल नहीं है या वह गंजा है, तो उसके सिर पर मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें। इससे सिर की त्वचा को नमी मिलेगी और वह नर्म-मुलायम भी रहेगा। ऐसा करने से सूखेपन के कारण होने वाली रूसी की समस्या से भी बचाव होगा।
स्वस्थ बालों के लिए नियमित रूप से बालों को ट्रिम करना सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है। इससे दो मुंहे बालों और रूखेपन से संबंधित समस्याओं से बचाव होता है। साथ ही बाल छोटे हों, तो आपको भी सुविधा होती है।
बच्चे के बालों की देखभाल करने का एक शॉर्टकट तरीका होता है, बालों पूरी तरह से काट देना। अगर आप एक वर्किंग मदर है और आपके लिए हर एक पल मायने रखता है, तो यह आपके लिए समय बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
अपने बच्चे के लिए ऐसे किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें, जो कि वयस्कों के लिए बने हों। क्योंकि ये आपके बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। बेबी प्रोडक्ट्स को बच्चों की सेंसिटिव त्वचा को ध्यान में रखकर विशेष रूप से बनाया जाता है। इनके लिए केवल ‘नो टियर शैम्पू’ का चुनाव करें, क्योंकि ये आखों में जाने के बाद भी कोई नुकसान नहीं करते हैं।
अगर आपने बच्चे के बालों को लंबा रखना तय किया है, तो आपको इसका विशेष ध्यान रखने की जरूरत होगी। बच्चे के बालों को नियमित रूप से ट्रिम करना, तेल लगाना और साफ रखना जरूरी होता है। लंबे समय तक बच्चे के बालों पर तेल को लगा रहने ना दें, क्योंकि इससे धूल और मिट्टी आकर्षित होती है। साथ ही टाइट हेयर बैंड और हेयर क्लिप्स को कसकर लगाने से बचें। क्योंकि अगर उसे कोई तकलीफ हो रही हो, तो वह बता भी नहीं पाएगा।
जिन बच्चों के बाल लंबे होते हैं, उनके साथ यह आम समस्या होती है। बच्चे के बालों को सुलझा हुआ रखने के लिए, बेबी फ्रेंडली कंडीशनर का इस्तेमाल अच्छा होता है। साथ ही, बिना अधिक ताकत लगाए, नियमित रूप से धीरे-धीरे बालों को कंघी भी करनी चाहिए।
बच्चे के बालों की देखभाल करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। चाहे जो भी हो, वयस्कों के बालों की देखभाल की तुलना में यह कहीं ज्यादा आसान होता है। इतनी छोटी उम्र में हेयर लॉस या हेयर डैमेज कोई बड़ी समस्या नहीं होती है। बच्चों के बालों में क्रैडल कैप ही एकमात्र बड़ी समस्या है, जिस पर आप को ध्यान देना चाहिए। हालांकि, नियमित रूप से ब्रशिंग करके इससे भी प्रभावी रूप से निपटा जा सकता है।
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