In this Article
जब आप अपने बच्चे को पहली बार झूठ बोलते हुए पकड़ते हैं, तब निराशा और विश्वासघात महसूस होना सामान्य है। जहां झूठ बोलने को बुरा व्यवहार माना जाता है, वहीं यह बढ़ते बच्चों के जीवन का एक सामान्य हिस्सा है। इसके अलावा सफेद झूठ जिसे सभ्यता माना जाता है, बच्चों के लिए एक अच्छा सामाजिक गुण साबित हो सकता है।
लेकिन अगर आपका बच्चा आपसे अक्सर ही झूठ बोलता है, तो यह जरूरी है कि आप ऐसे में परेशान न हों, बल्कि उसे सच बोलने के लिए प्रेरित करें, जिसके लिए आप सकारात्मक तरीकों को अपना सकती हैं।
बच्चे झूठ क्यों बोलते हैं?
बच्चों को जन्म से ही सही और गलत के बीच का अंतर पता नहीं होता है। यह एक ऐसा व्यवहार है जिसे बच्चे बाद में सीखते हैं। बच्चे अपने वातावरण को देख कर और समझ कर व्यवहार के इन नियमों को सीखते हैं। चूंकि, दुनिया को देखने का उनका नजरिया और उनकी समझ अभी भी विकसित हो रही होती है, ऐसे में बच्चे अलग-अलग उम्र में विभिन्न कारणों से झूठ बोल सकते हैं।
1. मुसीबत में पड़ने से बचने के लिए
अक्सर बच्चे सजा पाने से बचने के लिए झूठ बोलते हैं, जो कि इसके सबसे आम कारणों में से एक है। अगर बच्चे यह समझते हैं, कि किसी नियम को तोड़ने पर क्या सजा मिल सकती है या उन्हें जो काम करना चाहिए उसे ना करने पर सजा मिल सकती है, तो संभव है कि वे सजा से बचने के लिए झूठ बोलेंगे।
2. दोस्तों को प्रभावित करने के लिए
अपने दोस्तों के बीच खुद को बेहतर महसूस करना बच्चों को बहुत पसंद आता है। वे अक्सर अपने दोस्तों को इंप्रेस करने के लिए ऐसा करते हैं।
3. मनचाही चीज पाने के लिए
अगर आप बच्चों से कहते हैं, कि दिया गया काम करने पर उन्हें कुछ इनाम दिया जाएगा, तो इनाम पाने के लिए वे झूठ भी बोल सकते हैं या फिर एक काम को करने से बचने के लिए भी झूठ बोल सकते हैं।
4. बहुत सारी पाबंदी
अगर बच्चों पर बहुत सारी पाबंदियां लगाई जाएं और उनके किए गए हर काम के डिटेल्स उनसे पूछे जाएं, तो वे फंसा हुआ महसूस कर सकते हैं। ऐसे बच्चे सामान्य चीजों का स्वतंत्र रूप से आनंद लेने के लिए झूठ बोल सकते हैं।
5. दूसरों की भावनाओं को चोट पहुंचाने से बचने के लिए
कुछ बच्चे सभ्य व्यवहार करने के लिए और दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचने के लिए धीरे-धीरे सफेद झूठ बोलना सीख जाते हैं। उपहार पसंद न आने के बावजूद, अपनी आंटी से यह कहना कि उन्हें गिफ्ट बहुत पसंद आया, ऐसा ही एक सफेद झूठ है। ज्यादातर बच्चे ऐसा करना सीख जाते हैं, फिर चाहे उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा गया हो या फिर उन्हें दूसरों की भावनाओं की परवाह हो। इससे बच्चों में कुछ खास सामाजिक गुणों का विकास भी हो सकता है।
6. ध्यान आकर्षित करने के लिए
जो बच्चे झूठ बोलते हैं, वे संभवतः अपने पेरेंट्स का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। विभिन्न कल्पनाएं करने वाले बच्चे भी अपनी कहानियों को अधिक रचनात्मक बनाने के लिए झूठ बोल सकते हैं।
एक बच्चा झूठ बोलना कब शुरू करता है?
बच्चे लगभग 2 वर्ष की आयु से झूठ बोलने की शुरुआत कर सकते हैं। चूंकि उनके भाषा ज्ञान का विकास अभी भी हो रहा होता है और वे वास्तविकता और काल्पनिकता के बीच अंतर को पहचानने में सक्षम नहीं होते हैं, इसलिए वे सच बोलने के मौलिक महत्व को नहीं समझ सकते हैं। हालांकि बच्चों में झूठ बोलने की शुरुआत बहुत जल्दी हो जाती है, लेकिन दुनिया के बारे में उनकी समझ और ज्ञान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे झूठ बोलने के पीछे के उनके कारण बदलते रहते हैं।
- 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चे सजा से बचने के लिए या फिर किसी अनचाहे काम से बचने के लिए झूठ बोलते हैं। अगर किसी गलती के बारे में उनसे पूछा जाए, तो या तो वे सच को तोड़-मरोड़ कर बोलते हैं या फिर गलती के परिणाम से बचने के लिए सीधा झूठ बोलते हैं। अगर उन्होंने कुछ गलत किया हो, तो वे आपके बात करने के लहजे पर भी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। अगर आप गुस्से में लग रहे हैं, तो वे उस गुस्से से बचने के लिए झूठ बोल सकते हैं। हो सकता है, कि झूठ बोलने के लिए इन छोटे बच्चों को दी गई सजा भी कोई असर न करे, क्योंकि आमतौर पर उन्हें किस बात के लिए सजा मिल रही है, इस बात को समझने में वे सक्षम नहीं होते हैं।
- 3 से 7 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे अक्सर वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर कर पाने में अक्षम होते हैं। जब वे आपको अपने काल्पनिक दोस्तों के बारे में बताते हैं और अपने झूठ के साथ क्रिएटिविटी दिखाते हैं, तब आप इस बात पर गौर कर सकती हैं। वे इस बात पर भी जोर दे सकते हैं, कि यह काल्पनिक दुनिया वास्तव में मौजूद है।
- 8 से 12 वर्ष की उम्र के बीच के बच्चे, झूठ का मतलब समझ सकते हैं। अक्सर वे इस बात को टेस्ट भी करते हैं, कि झूठ बोलकर वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं। यही वह समय होता है, जब आपके बच्चे किसी काम या होमवर्क को लेकर झूठ बोलते हैं, जिसे वे नहीं करना चाहते हैं। इस उम्र के बच्चे झूठ बोलने पर पछतावा और अपराध बोध महसूस करना शुरू कर देते हैं।
- जब बच्चे अपने प्री-टीन या टीनएज में प्रवेश करते हैं, तब वे विभिन्न कारणों से झूठ बोल सकते हैं, जिसमें कई तरह के कारण शामिल होते हैं, जैसे डांट फटकार से बचना, हमउम्र दोस्तों के बीच बेहतर दिखने की इच्छा आदि। इस उम्र में उन्हें अपने झूठ के नतीजों के बारे में पूरी जानकारी होती है और उन्हें यह भी समझ होती है, कि झूठ बोलना या न बोलना केवल उनका निर्णय होता है।
अपने बच्चे को झूठ बोलने से बचने में मदद कैसे करें?
अगर आप अपने बच्चे को झूठ बोलता हुआ पकड़ लेती हैं, तो यह जरूरी है, कि आप इस पर उचित प्रतिक्रिया दें, ताकि वह डरकर आगे और भी झूठ न बोले। अगर बच्चा आपसे झूठ बोलता है, तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए यह नीचे बताया गया है:
1. शांत रहें
बच्चे का झूठ पकड़े जाने पर अगर आप गुस्सा करती हैं, तो संभव है कि वह आपके गुस्से से बचने के लिए बार-बार झूठ बोले। इसके बजाय आपको शांत और व्यवस्थित तरीके से बच्चे से बात करनी चाहिए। इससे बच्चे को झूठ से बचने की प्रेरणा मिलती है और अगली बार वह सच बोलने की हिम्मत करता है।
2. कारण समझें
पता करें, कि आपका बच्चा झूठ क्यों बोल रहा है। जब वह झूठ स्वीकार कर लेता है, तब आप उससे सीधे तौर पर पूछ सकती हैं। आपको बच्चे के झूठ के पीछे का कोई कारण पता चल सकता है। हो सकता है, कि वह इसके नतीजों से डरा हुआ हो। बल्कि आप भी अपनी तरफ से इसकी शुरुआत कर सकते हैं, यह पूछ कर, कि क्या उसे सच बोलने से डर लग रहा था। अगर आपको यह पता चलता है, कि आपका बच्चा उन बातों की शेखी बघार रहा है था, जो उसने किया नहीं है, तो हो सकता है, कि वह आत्मसम्मान की कमी से जूझ रहा हो।
3. बच्चे को समझाएं कि झूठ बोलना गलत है
अगर आपके बच्चे ने कोई चीज तोड़ दी हो या उससे कोई गलती हुई हो, तो उसे शांतिपूर्ण तरीके से यह बताएं, कि गलतियां सबसे होती हैं, लेकिन इसके बारे में झूठ बोलना गलत है और बच्चे को अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इससे उसे यह समझने में मदद मिलेगी, कि अगली बार उसे किसी गलती को छुपाने के लिए झूठ बोलने की जरूरत नहीं है।
4. ऐसे सवाल पूछने से बचें जिनसे झूठ बोलने की संभावना हो
बच्चे ने अपना होमवर्क किया या नहीं, यह पूछने के बजाय आप उससे पूछें, कि वह अपना होमवर्क कब करने वाला है। इससे झूठ बोलने के बजाए, उसे आपको अपना प्लान बताने का मौका मिलेगा।
5. ईमानदारी पर तारीफ करें
अगर आपका बच्चा अपने झूठ को स्वीकार कर लेता है, तो यह जरूरी है, कि आप उसे इसके लिए शाबाशी दें। अगर झूठ स्वीकार करने के बाद भी आप नकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं, तो हो सकता है कि वह आपके गुस्से से बचने के लिए अगली बार अपना झूठ ना स्वीकारे।
6. सजा देने से बचें
अगर आपको यह पता चल जाता है, कि बच्चे ने झूठ बोला है, तो भी उसे सजा ना दें। खासकर छोटे बच्चों के मामले में ऐसा करना ही सही है, क्योंकि इससे बच्चे के भावनात्मक स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। इसके बजाय सकारात्मक कदम उठाएं और अपने झूठ को स्वीकार करने के लिए बच्चे की तारीफ करें।
7. अपने सफेद झूठ को कंट्रोल करें
बच्चों को अच्छे रोल मॉडल की जरूरत होती है, जिन्हें वे अपना आदर्श मान सकें। बच्चे अपने माता-पिता से कई तरह के व्यवहार सीखते हैं। चूंकि आपके माध्यम से ही वे इस दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं, इसलिए यह जरूरी है, कि आप अपने बच्चों के सामने झूठ ना बोलें, जैसे कि आप कहां है इसके बारे में अपने फोन पर झूठ बोलना या ऐसे ही छोटे-मोटे झूठ जो कि बड़ों के लिए मान्य माने जाते हैं। साथ ही बहुत सारे सफेद झूठ बोलने से बचें। हालांकि जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, उसके लिए यह सीखना जरूरी है। लेकिन किस तरह के झूठ स्वीकार्य हैं, इसके बारे में उसे मिले-जुले सिग्नल मिल सकते हैं। आपका बच्चा धीरे-धीरे सीख जाएगा, ऐसा अनुमान न लगाएं। बल्कि जब तक बच्चे को ऐसे सफेद झूठ बोलने के पीछे के कारण स्पष्ट रूप से समझ नहीं आ जाते, तब तक अपने सफेद झूठ को भी सीमित करने की कोशिश करें।
8. बच्चे के साथ बॉन्डिंग करें
अगर आपका बच्चा आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए झूठ बोल रहा है, तो आप बच्चे के साथ अच्छा समय बिताने पर ध्यान दें। विकास के शुरुआती कुछ वर्ष बच्चे के मॉरल को सही दिशा में स्थापित करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इससे उसे यह भी पता चलता है, कि अगर वह आपसे किसी बारे में बात करना चाहता है, तो आप उपलब्ध हैं।
बच्चों में झूठ बोलना मासूमियत के साथ शुरू होता है, लेकिन अगर इसे सही समय पर चेक ना किया जाए, तो यह आगे चलकर गंभीर विषय बन सकता है, जो कि उसके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। अगर आप यह देखती हैं, कि आपका बच्चा अक्सर ही झूठ बोलता है, तो इस पर विचार करें और बच्चे से शांति पूर्वक बात करें। उसे यह समझाएं, कि झूठ बोलना गलत है और इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। अपने बच्चे के साथ अच्छा रिश्ता बनाना भी जरूरी है, जिससे वह बिना डरे आपसे बात कर सके। अगर आपका बच्चा पैथोलॉजिकली झूठ बोलता है, तो प्रोफेशनल मदद तलाश करें।
यह भी पढ़ें:
जिद्दी बच्चों के साथ कैसे डील करें?
बच्चों को अनुशासन में कैसे रखें – पेरेंटिंग के तरीके और जरूरी टिप्स
36 अच्छी आदतें – जो माता-पिता को अपने बच्चों को सिखानी चाहिएं