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कई बच्चों को अपने मुँह में अंगूठा डालने की आदत होती है और वे लंबे समय तक इसे चूसते रहते हैं। और अगर आप उसका अंगूठा बाहर निकालते हैं, तो वे आपको गुस्से से देखेंगे और जबरन उसे फिर से मुँह में डालने की कोशिश करेंगे, या लगातार रोते रहेंगे।
आपका बच्चा मुँह में अपनी उंगलियाँ क्यों डालता है?
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अक्सर बच्चों का उंगलियों को चूसना उनके लिए उत्तेजना को संभालने का एक तरीका हो सकता है । कुछ परिस्थितियों या वातावरण में, उनके आसपास बहुत सी चीजें चल रही हो सकती हैं। जैसे अलग–अलग लोग हो सकते हैं या बहुत सी आवाजें हो सकती हैं और यह सब उन्हें काफी अशांत कर सकता है । किसी चीज को चूसने की भावना बच्चे को सुरक्षित महसूस कराने लगती है, यही कारण है कि वे आमतौर पर अपनी उंगलियों को मुँह में डालते हैं साथ ही साथ वह आमतौर पर जम्हाई लेने लगते हैं या सिर को एक तरफ से दूसरी तरफ हिलाने लगते हैं ।
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एक और प्रसिद्ध कारण है जब बच्चे मुँह में उंगलियाँ डालते हैं, ज़ाहिर है जब उन्हें भूख लगती है। भूख लगने पर सभी बच्चे नहीं रोते हैं, कुछ बच्चे अक्सर यह नहीं समझ पाते हैं कि केवल स्तन में ही दूध होता है। वे यह सोचते हैं कि कुछ भी चूसने से दूध मिलेगा, इसलिए वे अपनी उंगलियों को चूसने की कोशिश करते हैं। कई बार, यह माँ को बताने का एक तरीका भी होता है कि वे भूखे हैं। उन्हें बड़े होने के बाद भी दूध पिलाने के बाद, अंगूठा चूसने की आदत बनी रह सकती है और ऐसा करने से उन्हें संतुष्टि प्राप्त होती है।
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अधिक उत्तेजना को संभालने के अलावा उंगलियों को चूसना उन बच्चों के लिए एक अंतिम उपाय भी हो सकता है जिससे बच्चा खुद को व्यस्त रखता है जब वह ऊब जाता है। साधारणतः बच्चे दोपहर के समय अक्सर ऊब जाते है क्योंकि सभी लोग सो रहे होते हैं, जबकि बच्चा जाग रहा होता है और वह लोगों से बातें करना चाहता है। इस प्रकार अन्य मौकों में भी, आपका बच्चा चुपचाप देख सकता है कि आप क्या कर रही हैं या वो किसी लटकते हुए खिलौने से खेलने की कोशिश करता है। यह आमतौर पर उंगलियों को चूसने के साथ होता है क्योंकि उनके हाथ ही हैं जिसे वे जल्दी से पा सकते हैं ।
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यदि शिशु को कोई परेशानी महसूस होती है, जैसे कि माँ का दूसरे कमरे में होना, या फिर गैस निकालने की कोशिश करना या पेशाब करके खुद को गीला कर लेना तो ऐसे में सभी बच्चे रोते नहीं हैं । आपका बच्चा उन बच्चों में से एक हो सकता है जो चीज़ों के अनियंत्रित होने से पहले खुद को शांत करने का प्रयास करता है। ऐसा होने पर आपको उसके चेहरे पर दिखेगा कि उसका पूरा ध्यान अंगूठे को चूसने पर लगा है।
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आपके बच्चे को सोने की कोशिश करते समय खुद को सुरक्षित महसूस करने की ज़रूरत हो सकती है, कभी–कभी बच्चे को थकान के कारण सोने में मुश्किल भी हो सकती है । कई बच्चे माँ का दूध पीते–पीते ही सो जाते हैं और ऐसा करने पर उन्हें मुँह में निप्पल रखने की आदत पड़ जाती है। आपका बच्चा खुद को सुलाने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल कर सकता है और ऐसे में वह शायद किसी भी आवाज़ या बुलाने पर प्रति कोई प्रतिक्रिया ना दिखाए।
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जैसे–जैसे आपका शिशु बड़ा होता जाता है, दाँत निकलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इससे मसूड़ों में हल्का दर्द होता है क्योंकि दांत जड़ों से ऊपर की ओर आने लगते हैं। भले ही मसूड़ों से पहला दाँत निकलने में कुछ महीने बाकी हों किन्तु बच्चे इसे शुरुआत से ही महसूस करने लगते हैं । इस वजह से उसके मसूड़ों में जलन हो सकती है, बहुत सारी लार टपक सकती है, और बच्चे को हर समय कुछ चबाने की इच्छा हो सकती है, जिससे मसूड़ों पर दबाव रहे और उसे दर्द से राहत मिले। मसूड़ों में दबाव के लिए मुँह में कई उंगलियाँ डालना इस समस्या को ख़त्म करने का सबसे आसान तरीका है और आपका बच्चा यही करने की कोशिश करता है।
आप बच्चे को मुँह में हाथ / उंगलियाँ डालने से कैसे रोक सकती हैं?
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सबसे पहले ज़रूरी समस्याओं से मुक्ति पाएं । यदि आपका बच्चा अपनी उंगली को चूस रहा है, तो वह भूखा हो सकता है, खासकर अगर उसका विकास तेजी से हो रहा हो। अगर संभव हो तो उसे तुरंत स्तनपान कराएं, या अगर आप खुद को आराम देना चाहती हैं और कुछ समय के लिए स्तनपान नहीं कराना चाहती, तो बोतलबंद स्तनदूध या फ़ॉर्मुला दूध का प्रयोग करें। इससे यह संकेत मिल सकता है कि आपके शिशु को सामान्य से थोड़ा ज़्यादा स्तनपान कराने की या पहले से अधिक फार्मूला–आधारित दूध पिलाने की आवश्यकता है। अपने डॉक्टर को उसकी प्रगति के बारे में अवगत कराती रहें।
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यदि आपका बच्चा मुँह में पूरी मुट्ठी डाल रहा है और वह इसे चूसने में लगा हुआ है, तो आप उसे एक खिलौना देकर हाथ हटाने के लिए फुसला सकती हैं। खिलौना देखकर वह उसे पकड़ना चाहेगा, जिससे उसका हाथ मुंह से बाहर निकल जाएगा। काफी संभावना है कि वह अपने मुँह में खिलौना भर ले, इसलिए उसे एक नर्म खिलौना या ऐसा कुछ दें जो साफ और चबाने योग्य हो। कुछ होशियार बच्चे अँगूठा या उंगलियाँ चूसना जारी रख सकते हैं और दूसरे हाथ का इस्तेमाल करके खिलौने को पकड़ सकते हैं।
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यह एक अपरंपरागत सलाह लग सकती है, लेकिन बच्चे को अकेले खेलते रहने देना अच्छा होता है। आपको मिली कुछ समय की शांति का आनंद लें, जो बस थोड़े से वक्त के लिए ही होगी। यदि आपका बच्चा खुद शांत हो जाए, तो यह वास्तव में उसकी विकास प्रक्रिया का एक अच्छा संकेत है क्योंकि वह धीरे–धीरे स्वतंत्र हो रहा है, समय–समय पर यह देखते रहें कि उसका डायपर गीला नहीं हो या उसे कोई भी परेशानी नहीं हो।
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दाँत निकलने की प्रक्रिया आपके शिशु को काफी परेशान कर सकती है, इससे जल्द ही राहत पाने का सबसे आसान उपाय है बच्चे को ठंडा किया हुआ टीथिंग रिंग दें । ठंडक से दाँत निकलने का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है और आपका शिशु बिना किसी चिंता के रिंग को चबाए जा सकता है। यदि आपका बच्चा ठंडी रिंग को नहीं लेना चाहता, तो रिंग को जबरन उसके मुँह में डालने की कोशिश ना करें, बल्कि रिंग उसके हाथ में पकड़ा दीजिए ।
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बहुत से बच्चे पेट भर जाने के बावजूद भी अँगूठा या उंगलियाँ चूसते रहना चाहते हैं। ऐसे मामलों में, उंगलियों को चूसने की आदत को दूर करने के लिए, आप हर बार दूध पिलाने के बाद उसे चुसनी (पैसिफ़ायर) मुँह में डालने के लिए दे सकती हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आपका बच्चा चुसनी को फेंक दे और अंगूठे या उंगलियों को चूसना जारी रखे।
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अपनी नन्ही सी जान के साथ समय बिताएं, उससे बात करें, उसके लिए गाएं, या उसके पसंदीदा खिलौने से उसके साथ खेलें। थोड़े प्रोत्साहन से, उसका ध्यान लगातार अपनी उंगलियों को चूसने से हट सकता है और यह उसके विकास में भी मदद करेगा।
जिन कारणों से बच्चे अपने मुँह में हाथ डालते हैं, वे स्पष्ट कारणों से लेकर अजीबोगरीब कारण भी हो सकते हैं, यह भी हो सकता है कि अपने हाथों को चूस कर खुद की हथेलियों को बेहतर तरीके से जानने की कोशिश कर रहा हो। इस तरह की आदतों पर ध्यान दें और नियमित रूप से ऐसा करने से रोकने के लिए विभिन्न तरीकों को अपनाने से आपका बच्चा या तो खुद को अलग–अलग तरीकों से खुद को मग्न रखना सीख जाएगा या पूरी तरह से इस आदत को छोड़ देगा।