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जब बच्चे दोनों हाथ पैरों से चलना छोड़ कर खड़े होने की कोशिश करने लगते हैं, तो वह पल पेरेंट्स के लिए सबसे खास पलों में से एक होता है। खुद खड़े होने के लिए बच्चे के पैरों में पर्याप्त ताकत धीरे-धीरे पैदा होती है और यह एक संकेत होता है, कि वह अब अपने अगले चरण के लिए तैयार है, जो कि है – चलना! पेरेंट्स होने के तौर पर यह जरूरी है, कि आप अपने बच्चे के ऊपर ध्यान दें और खड़े होने के उसके प्रयासों को नोटिस करें।
जब वह खड़े होने के संकेत दिखाने लगता है, तो आपको उसे प्रोत्साहन देना चाहिए और खड़े होने के लिए जरूरी पॉजिटिव सपोर्ट भी देना चाहिए।
आमतौर पर लगभग 9 महीने की आयु में बच्चे खड़े होने की कोशिश करने लगते हैं। बहुत से पेरेंट्स को इस बात की जानकारी नहीं होती है, कि बच्चे खड़े होना कब शुरू करते हैं। इसलिए यह जरूरी है, कि आप अपने बच्चे और उसके बर्ताव पर नजर रखें। अगर ऐसा लगे, कि वह सहारे से खड़े होने की कोशिश कर रहा है, तो आपको आगे बढ़कर उसकी मदद करनी चाहिए।
आमतौर पर लगभग 9 से 12 महीने की उम्र के बीच, बच्चा खड़ा होना शुरू करता है। इस उम्र की अन्य सभी चीजों की तरह ही, खड़े होने की भी अलग-अलग स्टेज होती हैं। बिना किसी सहारे के खड़े होने से पहले, उन्हें कई तरह की स्टेजेस से गुजरना पड़ता है। जब आप इसे नोटिस करेंगे, तो पाएंगे, कि आपके बच्चे का विकास धीरे-धीरे होता है और फिर वह एक दिन बिना सहारे के चलने की शुरुआत कर देता है।
जैसा कि बताया गया है, बच्चे सहारे और समय की मदद से खड़ा होना सीखते हैं। जब वे जन्म लेते हैं, तो वे अपने पैरों से सतह को धकेलते हुए नजर आते हैं। यह जरूरी है, कि उन्हें गोद में रखते समय आप उनके सिर को सपोर्ट देकर उनकी मदद करें। बच्चे लगातार अपने पैरों के इस्तेमाल की कोशिश करते रहते हैं और चूंकि वे चलने की स्थिति में नहीं होते हैं, वे अपने पैरों को पकड़ना चाहते हैं। उनके विकास के विभिन्न चरणों में वे कुछ बढ़ते हुए संकेत देते हैं जैसे:
नवजात से लेकर 2 महीने की आयु तक, वे अपने पैरों को धकेलते हैं और उनको पकड़ना चाहते हैं। इस उम्र तक उन्हें अपने रेफ्लेक्स का पता चल रहा होता है और वास्तव में चलने के योग्य नहीं होते हैं। पैरों को महसूस कराने के लिए, उन्हें मुलायम सतह देना और उनके पैरों को थोड़ा खींचना जरूरी है, ताकि उनमें मजबूती आ सके।
3 से 6 महीने के करीब थोड़ा वजन उठाने के उसके प्रयास उसके रिफ्लेक्स का स्थान ले लेते हैं। आमतौर पर इस उम्र तक बच्चे में इतनी ताकत नहीं होती है, इसलिए शराब पिए हुए एक व्यक्ति की तरह वे अपने घुटनों पर से झुक जाते हैं। हालांकि कुछ महीनों के अंदर उन्हें इतनी ताकत आ जाएगी, कि वे थोड़ा वजन उठा सकें और फिर वे एक कठोर सतह से पैरों के छूने पर थोड़ा ऊपर नीचे बाउंस भी करेंगे।
लगभग 5 महीने के होने पर जब आप उसे खड़े होने में मदद करेंगे, तो उसकी उत्सुकता देखने लायक होगी। वे अपने आसपास देखेंगे और निश्चित रूप से एक लंबे समय के बाद वे अपने पैरों पर खुद खड़े होना चाहेंगे।
अपनी जांघों के ऊपर बच्चे को सपोर्ट के साथ पैरों पर संतुलन बनाकर भी खड़े होने की खुशी महसूस करने में आप उनकी मदद कर सकते हैं। जब आप उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करेंगे, तब खुशी से वे ऊपर नीचे बाउंस करेंगे। जब वे बाउंस कर रहे हों, तो यह जरूरी है, कि आप दिन में केवल तीन-बार ही उन्हें बाउंस करने दें, जिसमें एक बार में यह 15 मिनट तक हो।
6 से 10 महीने की आयु के बीच बच्चे फर्नीचर का इस्तेमाल करके सहारे के साथ खुद खड़े होने लगते हैं। अगर आप उन्हें एक सोफा के पास रखेंगे, तो वे सपोर्ट के लिए उस सोफे को पकड़ कर खड़े होने की कोशिश करेंगे। शुरुआत में इसके लिए उन्हें बहुत कोशिश करनी पड़ेगी, क्योंकि उनके पैरों के बीच दूरी ज्यादा होगी और उनका शरीर बिना सहारे के आगे की ओर झुकेगा। बच्चे के लिए यह काफी चुनौती भरा हो सकता है और वह असंतोष में गुर्राएगा और फोर्स ऑफ ग्रेविटी से लड़ने में थक जाएगा।
कभी-कभी सोफा के अंतिम छोर को पकड़ते समय वे थोड़ा आगे पीछे झूलने भी लगते हैं और यह बिलकुल स्वाभाविक है, क्योंकि वे अपने पूरी ताकत और पूरा ध्यान लगाकर सिर्फ एक ही चीज करने की कोशिश कर रहे हैं – खड़े होने की!
इस दौरान आप आसपास के खिलौनों और नुकीली चीजों को हटाकर और उनकी जगह पर थोड़े मुलायम कुशन लगाकर बच्चे की मदद कर सकते हैं, ताकि उनके गिरने पर उन्हें चोट न लगे।
गिरना बच्चे के लिए काफी जरूरी प्रक्रिया होती है। इससे वे खड़े होने और चलने की कला को सीखते हैं। यह प्रक्रिया लगभग 6 महीने की आयु में धीरे-धीरे शुरू होती है और जब वे खड़े होने लगते हैं, तो आप उन्हें सपोर्ट के लिए अपने बाहों को फैलाता देखेंगे, ताकि उनका संतुलन बना रहे।
इसके बाद एक महीने के अंदर वे अपने हाथों को आगे की ओर फैलाना सीख जाते हैं, ताकि वह अपने सामने की ओर ही गिरे। 9 महीने की उम्र तक आते-आते खड़े होने की प्रक्रिया उनके लिए आसान हो जाती है, पर अभी तक वे झुकने में मुश्किलों का सामना करते हैं। अगर आप यह सोच रहे हैं, कि बच्चे सहारे के साथ कब खड़े होंगे, तो आप देखेंगे, कि इस दौरान वे ऐसा करना सीख जाएंगे।
इस उम्र तक बच्चे खड़े होने के बाद घुटनों को मोड़ना और बैठना सीखने की कोशिश शुरु कर देते हैं। हालांकि हम जितना सोचते हैं, यह उनके लिए उससे कहीं ज्यादा मुश्किल होता है। अपना पहला जन्मदिन आते-आते वे पूरे कॉन्फिडेंस के साथ खड़ा होना और फिर जमीन पर बैठना सीख जाते हैं। 12 महीने की उम्र तक बैठने से पहले थोड़ी देर तक अकेले खड़े रहने में सक्षम हो जाते हैं।
हालांकि बच्चे खड़े होने की शुरुआत कर देते हैं, पर यह जरूरी है, कि उन्हें जरूरी सपोर्ट दिया जाए। यहाँ पर कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे आप बच्चे को खड़े होना सिखा सकते हैं:
बच्चे सबसे पहले अपने क्रिब में ही यह संकेत देते हैं, कि वे खड़े होना चाहते हैं और क्रिब में मौजूद रेलिंग से उन्हें जरूरी सपोर्ट भी मिल जाता है। उनकी ऊंचाई बिल्कुल परफेक्ट होती है और खड़े होने के दौरान पकड़ने के लिए बिल्कुल सही होते हैं। गद्दे को थोड़ा नीचे की ओर खिसका दें और सारे खिलौने बाहर निकाल दें। ताकि जब बच्चा खड़े होने की कोशिश करे तो उसे कोई रुकावट न आए।
सीढ़ियों पर भी वे कम सपोर्ट के साथ खड़ा होना सीख सकते हैं। सीढ़ियों की छोटी ऊंचाई, खड़े होने में मदद करने के लिए बिल्कुल सही होती है और इसकी शुरुआत के लिए आप अपने बच्चे को बिठा सकते हैं और उन्हें खड़े होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
इस तकनीक का इस्तेमाल चढ़ने और उतरने के लिए भी किया जा सकता है। इन एक्टिविटीज के दौरान बच्चों पर निगरानी रखना बहुत जरूरी है।
खड़े होने की कोशिश के लिए बच्चे अपने आसपास मौजूद फर्नीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि बच्चे खड़े होने के लिए जिन फर्नीचर का सहारा लेते हैं, वे नुकीले या खतरनाक न हों, क्योंकि वे उन पर गिर सकते हैं। बच्चों के लिए फर्नीचर काफी जरूरी होते हैं, क्योंकि बच्चे इनका सपोर्ट लेते हैं और खड़े होने और चलने के लिए अक्सर ही उन्हें इनसे मदद मिलती है।
बच्चे के पसंदीदा खिलौनों को घर के सोफे के कुशन पर रखकर, उसे खड़े होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। जब वह अपने पसंदीदा खिलौने को किसी ऊंची सतह पर रखा हुआ देखता है, तो उन्हें लेने की कोशिश करता है और इसके लिए उसे खड़ा होना पड़ता है।
बच्चे को ऊपर नीचे बाउंस कराके उसे खड़े होने में मदद की जा सकती है और उसे सपोर्ट दिया जा सकता है। उसे अपने सामने रखें, उसके हाथों को पकड़ें और वह खुशी से ऊपर नीचे बाउंस करेगा।
पुश टॉयज उन बच्चों को काफी पसंद होते हैं, जो कि खड़े होना चाहते हैं। चलने की कोशिश से पहले इन खिलौनों की मदद से बच्चे संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान उनके साथ मौजूद रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि खड़े होने की प्रक्रिया मे वे उस टॉय पर गिर सकते हैं।
बच्चे के चलने के लिए कुशन की मदद से बैरियर और रास्ते बनाएं। रास्ते के एक किनारे पर आप खड़े हो जाएं और जब बच्चा आपकी ओर चलकर आने की कोशिश करता दिखे, तो उसे देखकर तालियां बजाएं। शुरुआत में थोड़ी रुकावट होगी, लेकिन हर दिन 15 से 40 मिनट पर तक इसकी प्रैक्टिस करने पर इसमें काफी सुधार देखा जाएगा। बच्चे को खड़े होने में मदद करने के लिए यह सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज में से एक है।
जहाँ लगभग सभी बच्चे 18 महीने की आयु तक पूरी तरह से चलने लगते हैं, वहीं कुछ बच्चों में इस प्रक्रिया की शुरुआत देर से होती है। कुछ बच्चों को विकसित होने में अधिक समय लगता है और जब चलने की बात आती है, तब भी ऐसा ही होता है। इसके लिए कुछ मेडिकल स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं जैसे:
जैसा कि बताया गया है, पेडिअट्रिशन्स के अनुसार लगभग 18 महीने की उम्र तक बच्चे बिना सहारे के खड़े होना चलना और बैठना सीख जाते हैं।
एक बार जब आपका बच्चा सफलतापूर्वक खड़ा होना और चलना सीख जाता है, तो यह जरूरी है, कि वह ऐसा आपकी मदद के बिना भी कर सके। बच्चे जब खड़े होने और चलने में सक्षम हो जाते हैं, तो वे काफी एडवेंचरस भी हो जाते हैं। इसलिए आपको हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है, कि कहीं वह कुछ गड़बड़ न कर बैठे। साथ ही जब वह बिना किसी सहारे के खड़ा होना और चलना सीख चुका होता है, तो इसका अगला कदम होता है दौड़ना। इसलिए आपको अब और भी बहुत सारी चीजों से निपटना पड़ेगा।
चढ़ना और कूदना बच्चों की कुछ अन्य एक्टिविटीज हैं, जो वे चलना सीखने के बाद करने लगते हैं।
बच्चों को खड़ा होता हुआ और चलता हुआ देखना काफी आनंद भरा होता है और हर पेरेंट्स इसे देखना चाहते हैं। उनके खड़े होने की कोशिशों के खास पलों को कैद करना न भूलें। इन्हें आप बाद में बच्चे को भी दिखा सकते हैं।
उनकी मदद के लिए हमेशा उनके आसपास बने रहें और उन्हें चीजों को खुद करने के लिए प्रोत्साहित करें। समय के साथ आप उन्हें सपोर्ट के प्रति पॉजिटिव प्रतिक्रिया देते हुए देखेंगे और जल्द ही ऐसा समय आएगा, जब आप पकड़-पकड़कर उन्हें एक जगह बिठाने की कोशिशें करते हुए नजर आएंगे।
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