बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

बच्चे के लिए अच्छा स्कूल चुनने के 10 टिप्स

स्कूल की शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। आप बड़े होकर चाहे जो भी बनें, उसकी जड़ें आपके स्कूल से जुड़ी होती हैं। अपने बच्चे के लिए ऐसा स्कूल ढूंढें जो उसकी बुद्धि, क्रिएटिविटी और स्वभाव से मेल खाता हो, ताकि वह अपनी पढ़ाई में और आने वाली जिंदगी में सिर्फ सफलता हासिल करें। अपने बच्चे के लिए कैसे और कौन सा स्कूल चुनें, इस बारे में जानने के लिए पढ़ना जारी रखें।

भारत में अपने बच्चे के लिए स्कूल कैसे चुनें – ध्यान रखें ये 10 बातें

बच्चे के लिए स्कूल अच्छा ढूंढने के आपके काम को हल्का करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. रिसर्च करें

जिन स्कूलों का आप अपने बच्चे के लिए विचार कर रहे हैं, उनमें से किसी को चुनने से पहले यह जरूर देख लें कि वह स्कूल आपकी फैमिली और बच्चे के लिए सबसे अच्छा हो। बच्चा किस तरह के माहौल में एन्जॉय करना पसंद करता है – स्ट्रक्चर्ड या अनस्ट्रक्चर्ड, इसे जानने की कोशिश करें। क्या आपका बच्चा ज्यादा अटेंशन मांगता है? इस तरह के सवालों के सही जवाबों के साथ, आप उन स्कूलों की लिस्ट बना सकते हैं जो आपकी जरूरतों को पूरा करते हैं। स्कूल की वेबसाइट और प्रॉस्पेक्टस आपको उससे जुड़ी वह सभी जानकारी देंगे जिसकी आपको जरुरत होगी। साथ ही, अपनी तरह सोच रखने वाले और भी पेरेंट्स से बात करें और उनसे सुझाव मांगें।

2. बजट के हिसाब से स्कूल चुनें

यह तो सच है कि बड़े और अच्छे स्कूलों की फीस अधिक होती है। इसलिए क्या आप अपने बजट को बढ़ाए बिना और अपने परिवार को टेंशन में डाले बिना इतनी फीस देने में सक्षम हैं? आप ऐसे स्कूलों को भी चुन सकते हैं जिनकी फीस कम होने के साथ वहाँ पढ़ाई अच्छी होती हैं, भले ही वे खेल और एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज में कम हों। जिसे कि बाद में घर पर या स्कूल के बाहर कोचिंग में सीखा जा सकता है।

3. स्कूल के मूल्य

किसी भी स्कूल को चुनने से पहले यह जरूर जानें कि शिक्षा के प्रति उसके मूल्य क्या हैं। स्कूली शिक्षा के प्रति उनका क्या सोचना है, उसके लिए स्कूल के संस्थापकों और प्रिंसिपल से बात करें। क्या वह सिर्फ पढ़ाई को महत्व देते हैं या फिर कला और खेल जैसे अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर देकर बच्चों को शिक्षित करते हैं?

4. वह स्कूल जो आपके बच्चे की जरूरतों को पूरा करे

पढ़ाना और सिखाना ही हर स्कूल का मुख्य उद्देश्य होता है। हो सकता है आपका बच्चा कुछ विषयों को देरी से सीखता हो, तो ऐसे में क्या स्कूल बच्चे को पर्याप्त सहायता प्रदान करेगा? यह भी संभव है कि आपका बच्चा थोड़ा अलग हो, क्या स्कूल ऐसे मामलों में चुनौतीपूर्ण कार्यक्रम या क्रिएटिव आउटलेट पेश करेगा ताकि उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सके? अपने खोज में हर चीज को शामिल करें, न कि केवल उन स्कूलों को शॉर्टलिस्ट करें जो आपके बच्चे की पर्सनालिटी से मिलते हों।

5. इंफ्रास्ट्रक्चर

जिस भी स्कूल को आपने चुना है, क्या उनके पास खेल का मैदान हैं जिनमे गेम्स और स्पोर्ट्स इवेंट अच्छे से हो सकें? क्या स्कूल के क्लासेस प्रेरणादायी और साफ-सुथरे हैं, क्या वहां छात्रों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट आदि लगाए गए हैं? क्या स्कूल के पूरे परिसर का रखरखाव अच्छी तरह से किया जाता है और क्या उनके बाथरूम साफ-सुथरे हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनकी आपको शुरुआत में भी जांच करने की आवश्यकता है।

6. स्कूल पाठ्यक्रम

भारत में सीबीएसई, आईसीएसई, आईजीसीएसई, आईबी, राज्य बोर्ड आदि जैसे बोर्डों के पाठ्यक्रम होते हैं। स्कूल में किस बोर्ड का करिकुलम है? क्या इस स्कूल के जरूरी सब्जेक्ट्स के कॉम्बिनेशन और इलेक्टिव को हाई क्लासेज जैसे 11वीं और 12वीं में पेश किया जाता है। क्या स्कूल बोर्ड प्राइमरी क्लास से हाई स्कूल में अलग है और क्या स्कूल एक से अधिक करिकुलम प्रदान करता है? साथ ही किस क्लास तक का स्कूल है? यदि स्कूल में केवल प्राथमिक ग्रेड हैं, तो आपको भविष्य में अपने बच्चे का स्कूल बदलना पड़ेगा।

7. अकादमिक प्रदर्शन

हालांकि बच्चे के विकास के लिए एक्स्ट्रा-करिकुलम एक्टिविटीज और अलग-अलग चीजें सीखना भी उतना ही जरूरी होता है, जितना की पढ़ाई करना। जिला और राज्य स्तर पर स्कूल के औसत परीक्षा के अंकों की तुलना करें। देखें कि उन्होंने कितने रैंक हासिल किए हैं और उनका रुझान क्या है, रैंक बढ़ा या गिर गया है और उसके कारण क्या हो सकते हैं। रैंक का अच्छा रिकॉर्ड एसटीईएम (विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्र के विषयों में कोचिंग की क्वालिटी का अच्छा संकेत है। साथ ही, स्कूल से यह भी पूछें कि उनके बेस्ट स्टूडेंट्स ने अपनी उच्च शिक्षा में कैसा प्रदर्शन किया है।

8. स्कूलों का दौरा करें

वेबसाइट और ब्रोशर आपको इस बात की अच्छी समझ देते हैं कि जिस स्कूल को आपने चुना है वह कैसा है, लेकिन जब तक स्कूल का खुद से दौरा न कर लिया जाए तब तक संतुष्टि नहीं मिलती है। रेगुलर स्कूल टाइम के दौरान ही स्कूल देखने जाएं। यदि हो सके तो आप कुछ क्लासेस, लाइब्रेरी और खेल के मैदान में जाकर देखें कि आखिर स्कूल कैसे चलता है। यदि वे इसकी अनुमति देते हैं, तो पैरेंट-टीचर मीटिंग में शामिल हों, स्कूल के किसी भी समारोह में भाग लें, जो आपको माता-पिता, कर्मचारियों और छात्रों के व्यवहार के बारे में जरूरी जानकारी दे सकता है।

9. शिक्षक और कर्मचारी

जब भी आप स्कूल देखने जाएं, तो उस दौरान यह जरूर चेक करें कि उस स्कूल के टीचर्स की क्वालिटी कैसी है, उनकी क्वालिफिकेशन क्या है, अनुभव कितना है, शिक्षक ट्रेनिंग और टीचर टर्नओवर के बारे में भी जानकारी हासिल करें। यह भी देखें कि क्या स्कूलों में मनोवैज्ञानिक या भाषण थेरेपिस्ट जैसे फुल टाइम विशेष स्टाफ मौजूद हैं। स्कूल के बारे में शिक्षक और अन्य कर्मचारी क्या कहते हैं, इस पर भी पूरा ध्यान दें। टीचर्स बच्चों के सबसे करीबी लोगों में से एक होते हैं, इसलिए यह चेक करें कि आखिर में उनका पढ़ाई को लेकर कैसा नजरिया और डेडिकेशन है। स्कूल के प्रिंसिपल के बैकग्राउंड को जानने के लिए एक लिस्ट जरूर बनाएं, क्योंकि अच्छा प्रिंसिपल स्कूल में सभी तरह के बदलाव ला सकता है।

10. माता-पिता और छात्रों से बात करें

वैसे तो स्कूल का स्टाफ अपने स्कूल की तारीफ ही करेगा, ऐसे में आप वहां के स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स से बात कर सकते हैं। यदि आप वहां पढ़ने वाले छात्रों और उनके माता-पिता से बात करते हैं, तो उससे आपको स्कूल की सही जानकारी मिल सकेगी। उनसे पूछें कि क्या स्टाफ बच्चों की सभी जरूरतों के प्रति पर्याप्त रूप से मौजूद होते है और उनका माता-पिता के साथ बात-चीत करने का तरीका कितना अच्छा है। इन सब जानकारियों से आपको स्कूल को स्वीकारने या नकारने में आसानी होगी।

अपनी रिसर्च और सभी टिप्स की मदद से आप अपने बच्चे के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ सबसे अच्छा स्कूल चुनने का फैसला कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

आरटीई स्कूल एडमिशन – माता-पिता के जानने योग्य संपूर्ण जानकारी
स्कूल एडमिशन इंटरव्यू में माता-पिता से पूछे जाने वाले सवाल और जवाब
भारत में स्कूली शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं: माता-पिता के लिए आवश्यक जानकारी

समर नक़वी

Recent Posts

पुलकित नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Pulkit Name Meaning in Hindi

जब भी कोई माता-पिता अपने बच्चे का नाम रखते हैं, तो वो सिर्फ एक नाम…

3 weeks ago

हिना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Heena Name Meaning in Hindi

हर धर्म के अपने रीति-रिवाज होते हैं। हिन्दू हों या मुस्लिम, नाम रखने का तरीका…

3 weeks ago

इवान नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Ivaan Name Meaning in Hindi

जब घर में बच्चे की किलकारी गूंजती है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल बन…

3 weeks ago

आरज़ू नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Aarzoo Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्म हैं और हर धर्म के लोग अपने-अपने तरीके से बच्चों…

3 weeks ago

मन्नत नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Mannat Name Meaning in Hindi

माता-पिता बच्चे के जन्म से पहले ही उसके लिए कई सपने देखने लगते हैं, जिनमें…

3 weeks ago

जितेंदर नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jitender Name Meaning in Hindi

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा जिंदगी में खूब तरक्की करे और ऐसा नाम…

1 month ago