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आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम अभी भी डेवलप हो रहा होता है इसलिए उन्हें कहीं से भी इन्फेक्शन और बीमारी होने का खतरा होता है। यही कारण है कि आपको बच्चे की हेल्थ का बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। कभी-कभी अनदेखे जर्म बच्चे के कपड़ों में मौजूद होते हैं जो बच्चे को प्रभावित करते हैं। जब वॉशिंग मशीन में कपड़े धुलते हैं तो उसमें लगे बैक्टीरिया को वो अच्छे से नहीं हट पाते हैं, जो बच्चे के कमजोर इम्यून पर अटैक करते हैं।
सबसे पहला स्टेप जो बच्चे के कपड़ों को साफ करने और उन्हें कीटाणुरहित रखने के लिए जरूरी है, वो ये है कि जब आप बच्चे का कपड़ा पहली बार धोने जा रही तो पहले उसकी तैयारी करें। इससे पहले कि आप तैयारी करें एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि बच्चे को कोई भी कपड़ा पहनने से उसे एक बार जरूर धो लें। ऐसा इसलिए क्योंकि इन कपड़ों में हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो इसे खरीदने के समय से लेकर घर लाने तक संपर्क में आते हैं। यहां आपको कुछ बातें बताई गई हैं जिन्हें आपको अपने दिमाग में रखना चाहिए जब आप बच्चे के कपड़े धोने जाएं।
आपको यह सुझाव दिया जाता है कि बच्चे के कपड़ों को मशीन में धोने के बजाय हाथ से धोना ज्यादा बेहतर है। आप में से कई लोग यह सवाल करते हैं कि बच्चे के कपड़ों को कैसे धोएं? यहाँ आपको कुछ आसान स्टेप्स बताए गए हैं, जो आपको सही तरह से हाथ से कपड़े धोने का तरीका बताएंगे:
याद रखें, हमारे हाथों में ढेरों बैक्टीरिया होते हैं, इससे पहले कि आपके बच्चे के कपड़े धोएं पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें या धो लें।
बच्चे के कपड़े धोते समय, पानी के तापमान जरूर चेक कर लें। यदि आप बहुत ज्यादा गर्म पानी में कपड़े धोती हैं, तो इससे कपड़ा खराब हो सकता है, अलावा बहुत जतद गर्म पानी में कपड़े धोने से आपके हाथ भी जल सकते हैं।
याद रखें, कि आपका शरीर बच्चे के शरीर से बहुत अलग है। नियमित रूप से डिटर्जेंट का उपयोग करने से आपके बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है, जो बच्चे में एलर्जी का कारण बन सकता है और शायद आपके बच्चे की त्वचा के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। इस बात का खयाल रखें कि आप एक ऐसे डिटर्जेंट का उपयोग करें, जो बच्चे की त्वचा के लिए सुरक्षित हो, ये नॉन केमिकल और इको फ्रेंडली होना चाहिए, ताकि बच्चे को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो
बैक्टीरिया कपड़े को धोने से पहले भी पनप सकते हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा बैक्टीरिया मर सकें, आप कपड़ों को गर्म पानी में 30 मिनट के लिए भिगो दें और कपड़ा धोने के बाद इसे गर्म पानी में कुछ देर भिगो दें।
इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि बच्चे के कपड़े सही से सूख गए हैं या नहीं। कोशिश करें कि कपड़ों को धूप में ही सुखाएं, लेकिन मन कपड़े बच्चे को न पहनाएं। इससे बच्चे को फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।
आपको यही सुझाव दिया जाता है कि आप अपने हाथों से ही कपड़े धोएं, इससे समय लेने वाला और थका देने वाला काम हो सकता है, मगर यह बेहतर ऑप्शन है। लेकिन अगर आप हाथ से कपड़े नहीं धो सकती हैं, तो आपको यहाँ मशीन से कपड़े धोने की टिप्स बताई गई हैं।
वॉशिंग मशीन में बहुत सारे बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं, तो अपने कपड़ों के बैक्टीरिया बैचे के कपड़े में ट्रांसफर करने से बचने के लिए आप अपना कपड़ा साथ में न धोएं। ध्यान रखें कि पहले बच्चे का कपड़ा धो लें।
बच्चे का कपड़ा धोने के लिए 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर एक बालटी पानी लें। इसमें आधा कप बच्चों का डिटर्जेंट डालें और इसे अंधे घंटे के लिए भिगो दें और फिर मशीन में डालें।
यह पता लगाने के लिए की कपड़े से साबुन अच्छी तरह से निकल गया है और बैक्टीरिया धुल गए हैं, इसके दो साईकिल में इसे धोएं। एक बार जब साबुन निकल जाए तो दोबरा स्पिन करें और इस सिर्फ पानी रखें।
याद रखें, डॉक्टर से बच्चे के कपड़े कैसे धोना है इसके बारे में पूछने से आपको बहुत हेल्प मिलती है साथ ही आपको डॉक्टर इससे जुड़ी कुछ गाइडलाइन भी बताते हैं, जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चे के कपड़ों को न केवल धोएं बल्कि उन्हें कीटाणुरहित करें, यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपने बच्चे के कपड़ों को कीटाणुरहित कर सकती हैं।
यह समझना बेहद जरूरी है कि आपको अपने बच्चे के कपड़े को धोते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो इस प्रकार हैं:
यहाँ आपके बच्चे के कपड़े धोने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।
हाँ, बच्चे को नया कपड़ा पहनने से पहले उसे धोना सेफ होता है। क्योंकि बच्चे के कपड़े कई सारे बैक्टीरिया से हो कर गुजरते हैं, स्टोर से लेकर प्रोडक्शन लाइन और खरीदतें समय बहुत सारे बैक्टीरिया के संपर्क में कपड़ा आता है।
नहीं, फैब्रिक सॉफ्टनर एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका उपयोग कपड़े को सॉफ्ट करने के लिए किया जाता है और डिटर्जेंट के साथ इसे यू किया जाता है। इनमें बहुत केमिकल मौजूद होता है, जो आपके बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुँचा सकते हैं और ड्रायर शीट का इस्तेमाल स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी को कम करता है, जब कपड़े को इस ड्रायर में सुखाया जाता है तो इस शीट से हानिकारक केमिकल निकलते हैं जो बच्चे की स्किन को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि आप बच्चे के कपड़ों को धूप में ही सुखाएं। ध्यान रखें कि बच्चे का कपड़ा धोने के लिए फैब्रिक सॉफ्टनर का इस्तेमाल करें।
अगर आपके बच्चे को स्किन एलर्जी है, तो आपको बच्चे की स्किन एलर्जी के कारण को समझने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। आपको यह भी सलाह दी जाती है कि बच्चे के लिए खास डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें, ताकि बच्चे को एलर्जी से बचाया जा सके। आप यह डिटर्जेंट फार्मेसी से भी मंगवा सकती हैं। आपके डॉक्टर कुछ अच्छी कंपनी के डिटर्जेंट यूज करने की एडवाइस दे सकते हैं।
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि केमिकल डिटर्जेंट से आपके बच्चे की स्किन पर रिएक्शन हो सकता है, जिससे उसे एलर्जी या स्किन इन्फेक्शन हो सकता है। इसकी वजह से बच्चे को रैशेस, दाने और चोट लग सकती है। अगर आप अपने बच्चे की स्किन पर ये रिएक्शन नोटिस करती हैं, तो तुरंत आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने कपड़ों के लिए स्ट्रांग डिटर्जेंट का उपयोग नहीं करना चाहिए, खासतौर जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके कपड़ों में मौजूद केमिकल आपके बच्चे में ट्रांसफर हो सकते हैं। इसके अलावा जब आप बच्चे को गोद में लेती हैं, तो वह आपके कपड़े को मुँह में रख सकता है, जिससे केमिकल उसके अंदर चले जाते हैं। बच्चे के कपड़ों को धोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डिटर्जेंट को लेने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें। कपड़े पर दिए गए वॉशिंग इंस्ट्रक्शन का पालन करें और याद रखें कि आपके बच्चे की त्वचा बहुत नाजुक होती है और मार्किट में मौजूद बेबी डिटर्जेंट का ही इस्तेमाल करें। अलग अलग साबुन में विभिन्न इंग्रीडिएंट मौजूद होते हैं इसलिए उनका क्या रिएक्शन हो रहा है इस ओर ध्यान दें, फिर बच्चे के हिसाब से बेस्ट डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें।
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