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जहाँ अधिकतर माँएं अपने बच्चे को दूध पिलाना, उनके साथ अपने संबंध को और मजबूती देने का एक माध्यम मानती हैं, वहीं हर बच्चे के जीवन में एक ऐसा समय आता है, जब वह खुद अपनी बोतल पकड़ना सीखना चाहता है। ऐसा ज्यादातर तब देखा जाता है, जब वह अपने विकास के एक निश्चित पड़ाव तक पहुँच जाता है। उसे खुद बोतल पकड़ने के लिए प्रोत्साहन देकर आप उसकी मदद कर सकती हैं।
आप सोच रहे होंगे, कि मेरा बच्चा अपनी बोतल खुद कब पकड़ेगा और इसका जवाब है – 4 महीने से 10 महीने की उम्र के बीच कभी भी वह इसकी शुरुआत कर सकता है। यह उसके फाइन मोटर स्किल्स के विकास की शुरुआत के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि खुद बोतल पकड़ने की शुरुआत लगभग 6 महीने की उम्र के आसपास शुरू होती है।
बच्चे पर सावधानीपूर्वक नजर रख कर आपको इस बात के संकेत दिख जाएंगे, कि वह बोतल पकड़ने के लिए तैयार है या नहीं। यहाँ पर ऐसे कुछ संकेत दिए गए हैं:
बच्चा अगर खुद बोतल तक अपनी पहुँच बना लेता है, तो इसका मतलब है, कि वह न केवल अपनी बोतल और खाने के बीच कनेक्शन बनाने में सक्षम है, बल्कि इसमें उसकी दिलचस्पी भी है।
अगर आपका बच्चा अभी भी बैठने में सक्षम नहीं है, तो वह बोतल नहीं पकड़ पाएगा। क्योंकि इसके लिए उसके फाइन मोटर स्किल की जरूरत होगी और इन सभी के लिए लंबे समय तक खुद बैठ पाना जरूरी है।
जब आपका बच्चा बैठकर कुछ चबा रहा होता है, तब वह असल में मल्टीटास्किंग कर रहा होता है। अगर वह इसे करने में सक्षम है, तो वह बोतल भी पकड़ पाएगा। क्योंकि इसी तरह से उसे दूध पीने के लिए एक ही समय पर बोतल को पकड़ना भी होता है और दूध भी पीना होता है।
अगर आपका बच्चा अपनी बोतल खुद पकड़ सकता है, तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन अगर वह ऐसा करने में सक्षम नहीं है, तो आप चाहें, तो उसे सीखने में मदद कर सकती हैं। यह सिखाने के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं:
बच्चे को बोतल पकड़ना सिखाने के लिए सही समय का इंतजार करें। आपका बच्चा खुद बोतल पकड़ सके और उसे अपने मुँह तक ला सके, इसके लिए उसे शारीरिक रूप से विकसित होना जरूरी है, क्योंकि इसमें थोड़े तालमेल की जरूरत होती है।
दूध पिलाते समय बच्चे के हाथ में बोतल पकड़ाएं और उसे दिखाएं, कि इसे कैसे किया जाता है। एक हाथ से बोतल को पकड़ें और फिर दूसरे हाथ से बच्चे का हाथ पकड़कर बोतल को पकड़ा दें।
जब आपको ऐसा लगे, कि बच्चा बोतल को खुद पकड़ सकता है, तो उसके रिएक्शन पर नजर डालें। जब आप अपने हाथ हटाते हैं, तो वह कम से कम कुछ देर के लिए ही सही, पर बोतल को पकड़ पाने में सक्षम होना चाहिए। अगर ऐसा न हो, तब वह यह नोटिस करेगा कि उसे दूध नहीं मिल रहा है। बोतल की पोजीशन को ठीक करें और फिर देखें, जल्द ही आपका बच्चा कनेक्शन बना पाएगा और यह समझ पाएगा, कि बोतल को किसी खास तरीके से पकड़ने पर दूध मिलता है।
जब आप बच्चे को बोतल पकड़ना सिखा रहे हों, तो उसे अपनी बाहों में वैसे ही पकड़ें, जैसे आप आमतौर पर उसे दूध पिलाते समय पकड़ते हैं। इससे उसमें सुरक्षा की भावना बनी रहेगी और दूध पीने के दौरान हमेशा मिलने वाला आराम भी उसे मिल पाएगा।
जब बच्चा खुद दूध पीना सीख रहा हो, तो उस पर नजर रखें। शुरुआत में आपको बच्चे की कोहनी को ऊपर पकड़ने की जरूरत पड़ेगी, ताकि बोतल की पोजीशन ठीक रहे। जल्द ही वह अपने बोतल को खुद ही अच्छी तरह से पकड़ पाएगा।
बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल को सही एंगल पर प्रोप कर देना और उसे उसी तरह से छोड़ देना अच्छा नहीं होता है। यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है, क्योंकि बच्चे को चोकिंग हो सकती है या वह जरूरत से ज्यादा दूध पी सकता है। बच्चे अगर बोतल को मुँह में लेकर ही सो जाते हैं, तो उनके दाँतों में सड़न और कान में इन्फेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अगर बच्चा खुद बैठने और बोतल को पकड़ने में सक्षम नहीं है, तो यह इस बात का साफ संकेत है, कि वह अपनी बोतल को खुद पकड़ने के लिए तैयार नहीं है।
यहाँ पर ऐसे कुछ आसान टिप्स दिए गए हैं, जो आपको बच्चे को खुद बोतल पकड़ना सिखाने में मदद करेंगे:
बच्चे को सिखाते समय धैर्य रखें। बोतल को पकड़कर मुँह तक लाने के लिए तालमेल सीखना कठिन होता है।
दूध पीने के दौरान माँ और बच्चा दोनों ही इस तालमेल का आनंद उठाते हैं। इसलिए उसे सिखाने के समय उसे जरूर पकड़ें। अगर वह खुद दूध पी सकता है, तो भी दूध पीने के दौरान उसे कडल करना एक अच्छा आइडिया है।
हालांकि आपका बच्चा बोतल को पकड़ना सीख जाएगा, लेकिन शुरुआत में उसे सपोर्ट करती रहें।
जब आपका बच्चा सीख रहा हो, तो उस पर सावधानीपूर्वक नजर रखने की जरूरत है, ताकि आपको पता चल सके कि वह इसे सीख रहा है या नहीं या वह खुद ठीक से दूध पीने में सक्षम है या नहीं।
दूध खींचने की आवाज अगर अधिक आती है, तो इसका यह अर्थ हो सकता है, कि वह जरूरत से ज्यादा हवा ले रहा है। बोतल की पोजीशन ठीक करके या बच्चे के सिर को थोड़ा उठाकर आप उसकी मदद कर सकती हैं।
अगर आपका बच्चा एक निश्चित उम्र तक आने के बावजूद भी बोतल नहीं पकड़ पा रहा है, तो भी फिक्र न करें और उसपर कोई दबाव न डालें। हो सकता है, कि इसके लिए जरूरी स्किल का विकास अभी न हुआ हो। कुछ बच्चों में ऐसा होना बिल्कुल सामान्य है।
अगर आप यह सोच रहे हैं, कि बच्चा अगर खुद बोतल पकड़ पा रहा है, तो इसका यह मतलब है कि आप इस दौरान कुछ दूसरे काम कर सकती हैं, तो इस पर दोबारा विचार करें। आपका बच्चा अभी भी फीडिंग के दौरान आने वाली कुछ परिस्थितियों से खुद निपटने के लिए काफी छोटा है। उदाहरण के लिए, अगर बोतल गलत तरीके से रखी गई है, तो इससे काफी अधिक दूध निकल सकता है।
सिर्फ इसलिए, कि बच्चा खुद बोतल पकड़ना सीख गया है, आप अपने बेबी को अकेला नहीं छोड़ सकती हैं। बच्चे आसानी से चीजों को गिरा देते हैं और अगर बच्चा बोतल गिरा देता है और आप उसकी मदद करने के लिए वहाँ पर नहीं हैं, तो वह भूखा ही रह जाएगा। इससे भी बुरी स्थिति ऐसे हो सकती है, कि वह बोतल को खुद लेने की कोशिश कर सकता है और इस दौरान वह गिर सकता है और अगर वह कुर्सी या सोफा जैसे किसी ऊंची जगह पर है, तो ऐसे में परिस्थितियां बहुत बुरी भी हो सकती हैं।
बोतल को प्रोप करने के कई नुकसान हो सकते हैं, जैसा कि पहले बताया गया है, इससे बच्चा दूध अधिक पी सकता है या उसे चोकिंग होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
अगर आप दूध पिलाते समय बच्चे को नीचे लिटा कर रखती हैं, तो उसमें इयर इंफेक्शन हो सकता है, क्योंकि दूध या फार्मूला उसके कानों के यूस्टेशियन ट्यूब में जा सकता है और वहीं रह सकता है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।
फीडिंग के दौरान बच्चे को पकड़े रहने से उसे सुरक्षा और मजबूत रिश्ते का आभास होता है। यही कारण है कि अगर बच्चा खुद दूध पी सकता है, फिर भी आपको बच्चे को पकड़ना जारी रखना चाहिए।
सही आकार के निप्पल का इस्तेमाल करने से जीभ की पोजीशन सही रहती है। लेकिन ऐसे निप्पल का इस्तेमाल करने पर, जिससे कि अधिक दूध निकलता हो, स्थिति से निपटने में बच्चे को परेशानी हो सकती है और उसे चोक भी हो सकता है।
इस बात का ध्यान रखें, कि हर बच्चा अपनी गति से बढ़ता है। विकास की गति यह भी निर्धारित करती है, कि बच्चे किस उम्र से अपनी बोतल को खुद पकड़ने की शुरुआत करेंगे। अगर वह अपने डेवलपमेंट माइलस्टोन पर सही समय में पहुँच रहा है और शारीरिक रूप से उसमें कोई दिक्कत नहीं है, तो इसमें कोई भी परेशानी नहीं है। अगर बच्चा अभी भी बोतल नहीं पकड़ रहा है, तो आप उसे एक सिप्पी कप देने की कोशिश कर सकती हैं। क्योंकि ऐसे कप में दोनों तरफ हैंडल लगे होते हैं, जिन्हें पकड़ना बच्चे के लिए काफी आसान होता है।
बेबी को बोतल पकड़ना सिखाने में काफी धैर्य की जरूरत पड़ती है, पर धीरे-धीरे वह इसे सीख जाता है। कुछ बच्चे इसे जल्दी सीख जाते हैं, वहीं कुछ बच्चों को इसमें समय लग जाता है। आपके बच्चे के लिए ग्रोथ और सही विकास बहुत जरूरी है। बच्चे ने बोतल पकड़ना सीखा हो या नहीं, उसे अपनी बाहों में पकड़ कर अपनी बॉन्डिंग को बरकरार रखें, क्योंकि यह समय जो आप और वह एक साथ बिताते हैं, इससे उसे रिश्ते की गर्माहट और सुरक्षा की एक भावना का एहसास होता है।
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