बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड कैसे काटें

बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड कैसे काटें

गर्भाशय में बच्चे तक ऑक्सीजन व न्यूट्रिशन पहुँचाने के लिए अम्बिलिकल कॉर्ड मुख्य रूप से उपयोगी है। यह एक मेम्ब्रेन है जो बच्चे को प्लेसेंटा से जोड़ती है। यह बच्चे व माँ के बीच का एक मुख्य कनेक्शन भी है। हालांकि बच्चे के जन्म के बाद अम्बिलिकल कॉर्ड काटना बहुत जरूरी है। 

अम्बिलिकल कॉर्ड काटने का सही समय क्या है?

बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड को काटने के बारे में आपने कई बातें सुनी होंगी। पर आप इसकी चिंता न करें क्योंकि इस आर्टिकल में आपको यह बताया गया है कि बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड कब काटनी चाहिए। चूंकि यह कॉर्ड जन्म होने तक बच्चे के लिए एक लाइफ लाइन है और इससे आपके गर्भ के अंदर उसे विकसित होने में बहुत मदद मिली है इसलिए स्वाभाविक है कि आप सही चीजें की करना चाहेंगी। 

कॉर्ड में कई जरूरी सेल्स होते हैं, जैसे स्टेम सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को बनाने में मदद करते हैं और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए भी तैयार करते हैं। कॉर्ड में टी सेल्स भी होते हैं जिनका उपयोग अब कैंसर से लड़ने के लिए किया जाता है। 

इसे बचाने के लिए पेरेंट्स को सलाह दी जाती है कि डॉक्टर द्वारा कॉर्ड काटने से पहले लगभग एक से तीन मिनट के लिए रुकें। 

डॉक्टर अम्बिलिकल कॉर्ड कैसे काटते हैं?

बच्चे के जन्म के बाद अम्बिलिकल कॉर्ड काटने का उत्साह हमेशा रहता है। कई मामलों में पेरेंट्स बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर से इसका प्रोसीजर जानने का प्रयास करते हैं। 

डॉक्टर बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड काटने के लिए बहुत आसान तरीके का उपयोग पूरी सावधानी से करते हैं। इसका क्या प्रोसीजर है, आइए जानें;

  • सबसे पहले डॉक्टर कॉर्ड की पल्स चेक करते हैं। यह खत्म होने के बाद ही वे कॉर्ड को बंद करना शुरू करते हैं। कॉर्ड को देरी से काटना बच्चे के लिए फायदेमंद है। 
  • कॉर्ड काटते समय डॉक्टर अम्बिलिकल कॉर्ड को दो जगह से बंद करते हैं। 
  • इसके बाद वो कॉर्ड की उस जगह पर निशान लगाते हैं जहाँ से उसे काटा जाएगा। 
  • इस प्रोसीजर के लिए डॉक्टर स्टेरेलाइज्ड कैंची का उपयोग करते हैं और इसे दोनों क्लैंप्स के बीच में रखा जाता है। 
  • कॉर्ड कटने के बाद डॉक्टर खून को रोकने का प्रयास करते हैं। 
  • जब तक यह पूरी तरह से ठीक न हो जाए तब तक डॉक्टर क्लैंप को छूने की सलाह नहीं देते हैं। 

अम्बिलिकल कॉर्ड का थोड़ा सा भाग क्यों छोड़ा जाता है?

कॉर्ड काटने के बाद सिर्फ क्लैम्प रह जाता है और यह एक सप्ताह से कम समय में प्राकृतिक रूप से सूख जाती है। क्लैम्प हटने के बाद आप थोड़ी बहुत ब्लीडिंग देख सकती हैं पर इसमें कोई भी खतरे की बात नहीं है। 

अम्बिलिकल कॉर्ड का बचे हुए सूखे भाग को स्टंप कहते हैं। यह भाग 10 से 15 दिनों में सूख कर गिर जाता है। पर स्टंप की ज्यादा से ज्यादा देखभाल करने की जरूरत तब पड़ती है जब ठीक होने के दौरान चोट पर इन्फेक्शन होने का खतरा हो।

अम्बिलिकल कॉर्ड का थोड़ा सा भाग क्यों छोड़ा जाता है?क्या अम्बिलिकल कॉर्ड काटने से बच्चे को दर्द होता है?

पेरेंट्स के लिए अपने बच्चे को किसी भी हानि से सुरक्षित रखना स्वाभाविक है विशेषकर तब जब डॉक्टर बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड काटने की तैयारी करते हैं। 

अम्बिलिकल कॉर्ड का स्ट्रक्चर सामान्य रूप में दो आर्टिरीज और एक वेन से बना है जिसके आसपास जेली जैसा पदार्थ होता है और इसे व्हार्टन’स जेली कहते हैं। इन सब चीजों के अलावा अम्बिलिकल कॉर्ड काटने से बच्चे को दर्द इसलिए नहीं होता है क्योंकि इसमें कोई भी नस नहीं होती है। इसलिए कॉर्ड को काटना बिलकुल बाल या नाखुन काटने जैसा होता है और इससे बच्चे व माँ पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। 

बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड न काटने के कारण 

अक्सर पेरेंट्स बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड को देरी से काटने का निवेदन करते हैं। यहाँ तक कि कुछ लोग प्लेसेंटा तब तक रखते हैं जब वह पूरी तरह से अपने आप अलग न हो पर इसके बावजूद भी पेरेंट्स के लिए इसकी देखभाल करना बहुत कठिन है। 

आपको बच्चे की अम्बिलिकल कॉर्ड क्यों काटनी चाहिए या नहीं काटनी चाहिए इसके बारे में यहाँ पर कई बातें बताई गई हैं, आइए जानें;

  1. जिन बच्चों में खून की मात्रा बढ़ती हैं उनकी तुलना में जिन बच्चों की कॉर्ड बंद हो गई थी और उसे बिना देरी के काट दिया गया था। 
  2. कॉर्ड के माध्यम से बच्चे के शरीर में ज्यादा से ज्यादा खून जाता है जिससे आयरन बढ़ता है और किसी भी चीज की कमी होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। 
  3. इससे बच्चे के इम्यून सिस्टम में सुधार आता है और एनीमिया होने का खतरा कम हो जाता है। 
  4. यदि कॉर्ड को देरी से काटा जाए तो इससे बच्चे का वजन बढ़ने की संभावना बढ़ती है। 
  5. इसे काटने में देरी करने से सबसे मुख्य फायदा यह है कि इससे बच्चे में इंटरवेंट्रिकुलर बवासीर होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं और सेप्सिस सेट होने की संभावनाएं होती हैं। 
  6. जिन बच्चों की कॉर्ड नहीं काटी जाती है या देरी से काटी जाती है उनमें ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता बहुत कम या बिलकुल नहीं होती है। 
  7. बच्चा गर्भाशय में न्यूट्रिशन के लिए अम्बिलिकल कॉर्ड पर निर्भर होते हैं पर मुख्य रूप से यह माँ से ऑक्सीजन प्रदान करती है। 
  8. बच्चे के जन्म के बाद जल्दबाजी में या कॉर्ड काटने की चिंता करने के बजाय आप बच्चे को अपनी स्किन के संपर्क में रखें। यह सबसे पहला बॉन्ड होता है इसलिए यह बहुत जरूरी भी है। 

बच्चे की अम्बिलिकल काटने के बाद आप उसका कॉर्ड का खून स्टोर करने का अनुरोध कर सकती हैं। इस कॉर्ड से कई फायदे मिलते हैं, इसी से बच्चे का जीवन है और यह स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं से सुरक्षा करने में मदद करती है। 

बच्चे की कॉर्ड काटना एक अच्छा पल भी हो सकता है। इस दौरान बच्चा माँ से अलग होकर बाहरी दुनिया का सफर शुरू करता है। 

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