शिशुओं के लिए फर्स्ट एड किट कैसे तैयार करें?

शिशुओं के लिए फर्स्ट एड किट कैसे तैयार करें?

पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चों की केयर बेस्ट तरीके से करते हैं ताकि उन्हें कोई भी चोट न लगे और न ही कोई समस्या हो। हालांकि बच्चों का बीमार पड़ना या उसे चोट लगना बहुत आम है। यदि आपका बच्चा बीमार पड़ जाता है तो क्या आप घबरा जाती हैं? क्या आप उसे हर छोटी-मोटी चोट के लिए तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाती हैं? यदि समस्या गंभीर नहीं है और इसका उपचार घर में ही किया जा सकता है तो आपको इसके लिए तैयार रहना चाहिए। इसलिए यदि बच्चा गिर जाता है या उसे चोट लगती है तो फर्स्टएड किट आपके पास जरूर होनी चाहिए। पर बच्चों की फर्स्ट एड किट में क्या क्या-क्या शामिल होना चाहिए, आइए जानें। 

शिशुओं के लिए फर्स्ट एड किट क्यों जरूरी है 

पेरेंट्स होने के नाते आप अपने बच्चे की हेल्थ की बहुत चिंता करती होंगी पर जब बच्चा क्रॉल करने या चलने लगता है तो किसी भी समस्या या चोट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए आपको अपने घर में एक फर्स्ट एड किट रखनी चाहिए ताकि किसी भी समस्या को नजरअंदाज न किया जा सके। छोटे बच्चों को अक्सर चोट लगती रहती है या उन्हें मेडिकल समस्याएं होती रहती हैं, जैसे फ्लू, जुकाम, पेट में कीड़े होना आदि। घर में फर्स्ट एड किट रखने से आपको बच्चे की केयर के लिए तुरंत मदद मिल सकती है। कई बार चोट या बीमारियों को बिना डॉक्टर के घर में ही मैनेज किया जा सकता है। कभी-कभी बच्चों को अच्छा महसूस करने के लिए सिर्फ आपके प्यार और फर्स्ट एड की जरूरत होती है। हालांकि आपको छोटी समस्याओं व गंभीर समस्याओं में अंतर समझने की जरूरत है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गंभीर समस्याएं घर में मैनेज नहीं हो सकती हैं और उन्हें ठीक करने के लिए डॉक्टर की मदद लेना जरूरी है। 

न्यूबॉर्न शिशु के लिए फर्स्ट एड किट तैयार करनी चाहिए या खरीदनी चाहिए 

अक्सर पेरेंट्स सोचते हैं कि उन्हें फर्स्ट एड किट खरीदनी चाहिए या खुद तैयार करनी चाहिए। खैर हम यह सलाह देंगे कि आप मार्केट में उपलब्ध फर्स्ट एड किट भी खरीद सकती हैं और उसमें बच्चे की जरूरत के कुछ एक्स्ट्रा प्रोडक्ट्स रख सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ फर्स्ट एड किट मेडिकल चीजों के साथ आती है और उनमें इमर्जेंसी चीजें नहीं होती है जिनकी आपको जरूरत पड़ सकती है। इसलिए आप मार्केट से किट खरीदें और उसमें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार चीजें शामिल करती रहें। 

हम सलाह देंगे कि आप फर्स्ट एड किट को एक सूखी जगह पर, गर्मी और धूप से दूर रखें। इसके अलावा किट को ऐसी जगह पर रखें जहाँ बच्चे न पहुँच पाएं। अलग-अलग दवाओं के मेजरिंग कप भी साथ में रखें, जैसे खांसी का सिरप, बुखार की दवा और कुछ दवाएं जिसकी सही डोज आप बच्चे को दे सकती हैं। आप किट में अलग-अलग दवा और ऑइंटमेंट की एक्सपायरी डेट चेक करती रहें और एक्सपायर हुई दवा को तुरंत बदल दें। 

यद्यपि कुछ दवाओं की सही डोज जानने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि ओवरडोज की वजह से बेबी को कोई भी हानि न हो और दवा की कम मात्रा से समस्या उचित रूप से ठीक नहीं होगी। इसलिए डॉक्टर सही डोज देने में आपकी मदद कर सकते हैं।

फर्स्ट एड किट तैयार करने के लिए चेकलिस्ट 

बच्चे के लिए फर्स्ट एड किट तैयार करने की चेकलिस्ट यहाँ दी गई है, आइए जानें;

  • बुखार और दर्द को कम करने के लिए आप एंटीपायरेटिक और एनाल्जेसिक दवा लें। बच्चे के बुखार और दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल सबसे सुरक्षित दवा है। 
  • बच्चे का बुखार चेक करने के लिए एक डिजिटल थर्मामीटर रखें। 
  • डॉक्टर द्वारा बताया हुआ खांसी का सिरप और एक डिकंजेस्टेन्ट भी रखें। 
  • त्वचा के रैशेज को ठीक करने के लिए कैलामाइन लोशन रख लें। 
  • फर्स्ट एड किट में एंटीहिस्टामाइन क्रीम या लोशन भी होना चाहिए जो कीड़े के काटने, डंक मारने पर मदद करता है। 
  • बंद नाक या आँखों में सूजन को ठीक करने के लिए सेलाइन सलूशन भी रखें। 
  • ओरल रिहाइड्रेशन या ओआरएस के कुछ पाउच भी रखें जो डिहाइड्रेशन व डायरिया जैसी समस्याओं में काम आता है। 
  • फर्स्ट एड किट में स्टेराइल बैंडेज, कॉटन, स्टिकी बैंडेज भी रखें जो बच्चे की चोट व खरोंच में काम आएंगे। 
  • चोट के लिए एंटीसेप्टिक सलूशन और एंटीसेप्टिक क्रीम भी अच्छी है। सलूशन से चोट को साफ करने के बाद आप उस पर क्रीम लगाएं। 
  • यदि बच्चा जल जाता है तो आप इसके लिए भी एक ऑइंटमेंट रख सकती हैं। 
  • आइस पैक्स से भी दर्द में आराम मिलता है। यदि बच्चा गिर जाए या उसे चोट लग जाए और सूजन की समस्या हो तो आप इसका उपयोग कर सकती हैं। 
  • बैंडेज को काटने के लिए किट में एक कैंची भी रखें। 
  • चोट से कांटे या अन्य छोटी-छोटी चीजें साफ करने के लिए किट में एक ट्वीजर भी रखें। 
  • बच्चे के लिए नेल क्लिपर रख लें। 
  • इसमें दवा को मापने के लिए एक मेजरिंग कप, ड्रॉपर और एक सिरिंज भी रखें। यद्यपि ज्यादातर सिरप के साथ कैलिब्रेटेड कप आता है पर फिर भी आपके पास एक्स्ट्रा होने चाहिए। 
  • बच्चे की देखभाल करते समय हाइजीन बनाए रखने के लिए कुछ डिस्पोजेबल स्टेराइल ग्लव्स रखें। 
  • आपके पास एक फर्स्ट एड मैनुअल भी होना चाहिए क्योंकि इससे आपको कई प्रोडक्ट्स का सही उपयोग करने के बारे में पता चलेगा। 

बच्चे की फर्स्ट एड किट के लिए ऊपर कुछ चीजें बताई गई हैं जिसे आपको अपनी किट में जरूर शामिल करना चाहिए। 

क्या आपको एक से ज्यादा फर्स्ट एड किट की जरूरत है? 

खैर यह सब आपकी लाइफस्टाइल और जरूरतों पर निर्भर करता है। यदि चाहें तो आप बड़ों व बच्चों के लिए अलग-अलग फर्स्ट एड किट तैयार कर सकती हैं। यदि आप बच्चे के साथ ज्यादातर ट्रैवल करती हैं तो भी आपको बच्चे के लिए अपने साथ फर्स्टएड किट रखनी चाहिए। आप अपने घर में एक बड़ा फर्स्ट एड किट भी रख सकती हैं जिसमें सभी चीजें शामिल होंगी और एक छोटे से बैग में फर्स्ट एड के कुछ आइटम रखें जिसे आप अपनी कार में भी रख सकती हैं। आप कितनी भी फर्स्ट एड किट अपने पास रख सकती हैं पर यह जरूरी है कि उसका ढक्कन अच्छी तरह से बंद होना चाहिए और यह घर में बच्चों से दूर रखा होना चाहिए। घर में छोटे बच्चे या टॉडलर्स फर्स्ट एड किट को हाथ लगा सकते हैं और इससे उन्हें हानि भी हो सकती है। 

इमर्जेंसी के दौरान – करने योग्य चीजें 

बच्चे की देखभाल के लिए हम अक्सर चीजों को इमर्जेंसी में जरूर रखते हैं। हालांकि हम यही सलाह देंगे कि इमर्जेंसी के समय में आपका शांत रहना ही जरूरी नहीं है बल्कि आप साथ ही कुछ आवश्यक चीजें भी कर सकती हैं। इमर्जेंसी के समय आपको क्या करना चाहिए आइए जानें;

  • बच्चे के मेडिकल और हेल्थ डॉक्युमेंट्स एक जगह पर रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आपको कुछ भी खोजना न पड़े। 
  • डॉक्टर का मोबाइल नंबर, हॉस्पिटल का मोबाइल नंबर और अन्य मेडिकल इमर्जेंसी नंबर स्पीड डायल में रखें। इसके अलावा आप सभी नंबर को एक पेपर में लिखकर फर्स्ट एड किट में भी चिपका दें। 
  • अपने परिवार में सभी लोगों के ब्लड ग्रुप की जानकारी भी रखें। किसी भी इमर्जेंसी में ब्लड की आवश्यकता हो सकती है। 
  • आप अपने पड़ोसी या परिवारजनों का नंबर भी पास में रखें ताकि जल्दबाजी में हॉस्पिटल जाने पर उनकी मदद ली जा सके या घर में अन्य बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी किसी को दी जा सके। 
  • यदि बच्चे को गंभीर रूप से चोट लगती है तो हम सलाह देंगे कि आप घबराहट में बच्चे को लेकर इधर उधर न घूमें। मेडिकल मदद मिलने तक खुद शांत रहें और बच्चे को भी शांत करें।

ऊपर बताए हुए टिप्स किसी भी इमर्जेंसी में आपकी प्रभावी रूप से मदद कर सकते हैं। बच्चे मनमौजी होते हैं और नहीं पता कि कब आपको उनके लिए मेडिकल केयर की जरूरत पड़ जाए। इसलिए पेरेंट्स होने के नाते आपको हर मेडिकल समस्या के लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है। 

पेरेंट्स डॉक्टर नहीं होते हैं पर वे समझते हैं कि उनके बच्चे के लिए क्या सही है और इसलिए कोई इमर्जेंसी होने पर मेडिकल मदद लेना जरूरी है। पेरेंट्स होने के नाते आपको डॉक्टर से सभी दवाओं, ऑइंटमेंट और बेसिक मेडिसिन के बारे में भी जानना चाहिए ताकि आप इसे बच्चे के लिए सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें। हम यह सलाह देंगे कि डॉक्टर से बिना पूछे आप बच्चे के लिए कोई भी दवा, ऑइंटमेंट या ट्रीटमेंट का उपयोग न करें।