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माँ द्वारा बच्चे को स्तनपान कराना बंद करने को वीनिंग कहा जाता है। बच्चे से माँ का दूध छुड़ाने के बाद कई महिलाओं के स्तनों में दर्द होता है। अचानक ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाने से स्तनों में दूध की गांठ पड़ने, नसों में अधिक द्रव होने और स्तनों में सूजन होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि आप स्वाभाविक रूप से धीरे-धीरे बच्चे को स्तनपान कराना छुड़ाएं। पर आइए पहले जानते हैं कि मांएं बच्चे को दूध पिलाना क्यों बंद कर देती हैं।
यदि एक माँ अपने बच्चे को दूध पिलाना बंद करती है तो निम्नलिखित कुछ कारण हो सकते हैं, आइए जानतें हैं;
बच्चे को पहली बार ब्रेस्टफीडिंग कराने से अक्सर महिलाओं को असहजता होती है और इसके परिणास्वरूप स्तनों में दर्द होता है, निप्पल फट भी सकते हैं। इस दर्द के कारण अक्सर मांएं बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देती हैं।
कुछ मांएं इस बात से चिंतित होती हैं कि उनके स्तनों में बच्चे की आवश्यकतानुसार पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं हो रहा है। इसलिए वे बच्चे को फॉर्मूला दूध पिलाना शुरू कर देती हैं।
डिलीवरी के कुछ समय बाद से ही फिर से ऑफिस जाने की शुरुआत करने वाली नई मांओं के पास बच्चे का दूध छुड़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता है। ऑफिस जाने से पहले या काम के दौरान स्तनों से दूध निकालकर इकट्ठा करना हमेशा संभव नहीं होता है।
शुरूआती 6 महीने तक बच्चे को पहला पोषण माँ के दूध से ही मिलता है। जब बच्चा बड़ा होने लगता है तो अक्सर मांएं उसे ठोस आहार खिलाना शुरू करना चाह सकती हैं।
अक्सर मांओं द्वारा बच्चे को स्तनपान बंद कराने के कुछ हफ्तों के बाद भी उनके स्तनों में दूध बनता है। जिन ब्रेस्टफीडिंग मॉम्स में अधिक दूध का उत्पादन होता है या वे ज्यादा दूध पंप करती हैं, उन महिलाओं में वीनिंग के बाद भी दूध बनना जारी रहता है। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं के स्तनों में दूध की गांठ पड़ सकती है। इन गांठों से अधिक दर्द होता है जिसे ‘मास्टाइटिस’ कहते हैं, यह वह समस्या है जिसमें महिलाओं के स्तनों में सूजन हो जाती है। अचानक बच्चे से दूध छुड़ाने से स्तनों की नसों में द्रव भर जाने के कारण सूजन होती है और इससे अत्यधिक दर्द होता है।
स्तनों में दर्द के साथ आप इन लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं:
बच्चे से माँ का दूध छुड़ाने के बाद स्तनों में दर्द कई दिनों तक रह सकता है। ज्यादातर महिलाएं वीनिंग (स्तनपान छुड़ाना) के शुरूआती दिनों में गंभीर दर्द कर अनुभव कर सकती हैं पर समय के साथ यह दर्द भी कम होने लगता है। यदि वीनिंग के कई दिनों के बाद भी स्तनों में दर्द होना कम नहीं होता है तो इसके लिए डॉक्टर की मदद लें।
बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांएं जानना चाह सकती हैं कि वीनिंग के बाद स्तनों के दर्द से राहत कैसे मिल सकती है। बच्चे से माँ का दूध छुड़ाने के बाद स्तनों में दर्द से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं, आइए जानते हैं;
गुनगुने पानी से स्नान करने पर स्तनों के टिशू मुलायम होते हैं। यह स्तनों में बनी दूध की गांठ को कम करके प्रवाह को सरल करता है। स्तनों में गर्म सिकाई से भी राहत मिल सकती है।
यदि आपके स्तनों में बहुत अधिक दूध भरा हुआ लगता है तो इसके लिए आप ब्रेस्ट पंप का उपयोग भी कर सकती हैं।
यदि आप ब्रेस्ट पंप का उपयोग नहीं करना चाहती हैं, तो दूध निकालने के लिए अपने स्तनों को हल्का सा दबाएं। इसे करने के सही तरीके को जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा करने से आपको स्तनों में दर्द से राहत मिल सकती है। इसके अलावा गर्म पानी से स्नान करते समय स्तनों की धीरे-धीरे मालिश करें।
स्तनों में बर्फ की सिकाई या कोल्ड कंप्रेस से सूजन कम होने में मदद मिलती है।
डिहाइड्रेशन और बुखार को रोकने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं और तरल पदार्थ लें।
आप स्तनों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन या पैरासिटामोल जैसी दर्द की दवाएं ले सकती हैं। पर किसी भी प्रकार की दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यदि आप दिनभर में दो बार सेज टी पीती हैं तो आपको अपने स्तनों के दर्द से राहत मिल सकती है।
स्तनों में दर्द को कम करने के लिए आप अपने स्तनों के ऊपर बंदगोभी के पत्ते रख सकती हैं। सुनिश्चित करें कि सूखी हुई पत्तियों को बदल लें।
इस दौरान संतुलित आहार लेना आवश्यक है और साथ ही अपनी लाइफस्टाइल को भी स्वस्थ बनाए रखें। शरीर को नई दिनचर्या में ढालने के लिए प्रीनेटल विटामिन लें।
पर्याप्त नींद लेने से शारीरिक थकान दूर होती है और सभी प्रकार के दर्द खुद ही कम होने लगते हैं। इसलिए रात की नींद जरूर लें।
यदि आपको ऐसी समस्याएं भी हो रही हैं जिन्हें आप अपने परिवार से शेयर नहीं कर सकती हैं। तो ऐसी स्थिति में आप अन्य मांओं से भी मदद लेने का प्रयास करें जो पहले से समान समस्याओं का सामना कर चुकी हैं।
स्तनों में बिना दर्द के बच्चे से माँ का दूध छुड़ाने के लिए निम्नलिखित तरीके, कुछ इस प्रकार हैं;
बच्चे से माँ का दूध छुड़वाना माँ और बच्चे दोनों के लिए मनोवैज्ञानिक व शारीरिक चुनौती है। बच्चे से ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाते समय धैर्य रखें क्योंकि इसमें काफी समय लग सकता है और यह दोनों के बहुत प्रयास से होता है। बच्चे को नई चीजें खाने की आदत डालने में कठिनाई हो सकती है और वह अभी भी माँ के दूध की मांग कर सकता है। बच्चे से ब्रेस्टफीडिंग धीरे-धीरे छुड़ाएं और अपने शरीर को बदलावों के अनुकूल होने के लिए आवश्यक समय भी दें।
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