In this Article
- बच्चों का सिर पटकना (हेड बैंगिंग) क्या है?
- क्या बच्चों और टॉडलर्स में हेड बैंगिंग की समस्या कॉमन है?
- बच्चे ऐसा कब तक करते हैं?
- बच्चों में हेड बैंगिंग के लक्षण क्या हैं?
- टॉडलर्स और बच्चे अपने सिर को क्यों पटकते हैं?
- बच्चों में हेड बैंगिंग या सिर पटकने का निदान कैसे कर सकते हैं?
- क्या करें जब बच्चा अपने सिर को पटकने लगता है
- बच्चे के सिर पटकने की समस्या को कैसे रोका जा सकता है?
- डॉक्टर से कब परामर्श करें
बच्चे गर्भ के बाहर आने के बाद भी समझ नहीं पाते कि वो अब बाहर की दुनिया में हैं, वे अभी भी वो सभी एक्टिविटी करते हैं जो गर्भ में रहकर करते थे, जैसे अंगूठा चूसना, शरीर हिलाना और सिर पटकना आदि। वैसे ये आदतें उनकी धीरे-धीरे जाती चली जाती है।
बच्चों का सिर पटकना (हेड बैंगिंग) क्या है?
हेड-बैंगिंग में बच्चा लगातार अपने सिर को किसी हार्ड सरफेस पर मारने लगता है। ऐसा ज्यादातर बच्चे दर्द और फर्स्टस्शन से राहत पाने के लिए करते हैं।
क्या बच्चों और टॉडलर्स में हेड बैंगिंग की समस्या कॉमन है?
बच्चों का सिर पटकना कॉमन है। ऐसा माना जाता है कि लगभग बीस प्रतिशत बच्चे इससे प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें से अधिकांश की उम्र 18 से 24 महीने के बीच होती है।
बच्चे ऐसा कब तक करते हैं?
बच्चों में हेड-बैंगिंग की ये हैबिट चार साल की उम्र तक बनी रह सकती है। अगर ये हैबिट तीन साल से अधिक समय तक बनी रहती है, तो समझदारी इसी में है कि आप किसी प्रोफेशनल की मदद लें, हो सकता है ऐसा किसी कारण की वजह से हो रहा है।
बच्चों में हेड बैंगिंग के लक्षण क्या हैं?
- सीधे बैठने पर पीछे दीवार या कुर्सी पर सिर मारना।
- लेट जाने पर गद्दे के सामने सिर मारना।
- बिस्तर या पालना के साइड पर इतनी तेज रोल करना कि गद्दे पर या पालना के साइड से उनके सिर पर चोट लग जाए, यहाँ तक कि ऐसा करने से सिर पर उस जगह गंजापन भी हो सकता है।
- लगातार अपने सिर को फर्श पर हिट करना जब उनके हाथ और घुटने नीचे की ओर हों।
- यह आमतौर पर तब होता है जब बच्चा फर्स्टेटेड हो या नींद में होता है।
टॉडलर्स और बच्चे अपने सिर को क्यों पटकते हैं?
हालांकि ज्यादातर बच्चे अपनी आदत के अनुसार ऐसा करते हैं, सिर मारना या किसी हार्ड सरफेस से टकराने का कारण सिर दर्द, फर्स्टेशन, और अन्य कारकों के कारण हो सकता है।
1. आराम पाने के लिए
बच्चों के हेड-बैंगिंग की थ्योरी के पीछे किनेस्थेटिक ड्राइव बताया जाता है। किनेस्थेटिक ड्राइव से तात्पर्य उस आनंद से होता है, जो बच्चे को मूवमेंट में महसूस होता है, जैसा एक पालने के हिलने में, झूला झूलते हुए, स्लाइडिंग करते हुए। यहाँ तक कि जब बच्चा गर्भ में भी होता है, तब भी गर्भ में भी लगातार हिलता रहता है, और ये गति तेज होती है कि माँ तक हिल जाती है। यह मूवमेंट उन्हें सूदिंग लगता है, इसलिए जब आप उन्हें हिलाती हैं तो वह जल्दी सो जाते हैं!
2. दर्द से राहत पाने के लिए
बड़ों की तरह, बच्चों को भी इस बात का अहसास हो जाता है कि दर्द दूर करने के लिए मेंटल डिस्ट्रैक्शन बहुत जरूरी है, जिससे दर्द को दूर किया जा सकता है। यही कारण है कि बच्चे अपना सिर किसी सरफेस पर मारने लगते हैं, जैसे उनके दाँत निकल रहे हो, कान में इन्फेक्शन हो या अन्य ऐसे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से बच्चे ऐसा करते हैं।
3. फर्स्टेशन की वजह से
बच्चे का सिर टकराने के पीछे की वजह फर्स्टेशन भी हो सकती है। यह उन बच्चों के लिए विशेष रूप से है जो अभी तक किसी भी तरीके से अपनी फर्स्टेशन को बोल कर या जाहिर करने में असमर्थ होते हैं।
4. अटेंशन के लिए
हर इंसान को अटेंशन चाहिए होती है और ये नेचर का पार्ट है, और बच्चे अटेंशन न मिलने पर सिर मारने वाले टैंट्रम दिखाने लगते हैं। ऐसा करने वाले बच्चों पर बहुत ज्यादा नजर रखनी पड़ती है, क्योंकि इससे वो आपकी अटेंशन पाने के लिए खुद को चोट पहुँचा सकते हैं।
5. बच्चे के विकास से जुड़ी कोई समस्या
सिर पटकने वाला बच्चों का ये व्यवहार अक्सर ऑटिस्टिक टेंडेंसी वाले बच्चों में देखा जाता है, और उनमें दूसरे भी डेवलपमेंटल इशू भी हो सकते हैं। हालांकि, जहाँ तक बच्चों के सिर मारने की बात है, तो ऐसा बहुत कम केस में ही होता।
बच्चों में हेड बैंगिंग या सिर पटकने का निदान कैसे कर सकते हैं?
जैसा कि पहले कहा गया है, हेडबैंगिंग कुछ केस में बच्चों में होने वाले डेवलपमेंटल इशू का संकेत हो सकता है, जैसे ‘हेड बैंगिंग ऑटिज्म’। ऑटिज्म का निदान केवल चौदह महीने या उससे अधिक की उम्र में किया जा सकता है क्योंकि इस उम्र तक प्राथमिक संचार संज्ञान (प्राइमरी कम्युनिकेटिव कॉग्निजंस) विकसित होने लगता है।
- पॉइंटिंग – बच्चा अपने हाथ और अंगुलियों का उपयोग किसी ऐसी चीज की ओर पॉइंट करने के लिए करता है जिसे वे आपको दिखाना चाहता है।
- नजरों को फॉलो करना- अगर आप अपने सिर को बच्चे की ओर से हटाते हुए किसी दूसरी तरफ देखेंगी तो बच्चा भी नेचुरली आपको फॉलो करते हुए उस तरफ देखेगा।
- खेलने का नाटक – बच्चे जिन खिलौनों के साथ खेलते हैं, वे उन्हें दूसरे टॉय के बदले रिप्रेजेंट करते हैं। उदाहरण के लिए, बच्चा ब्लॉक को पुश करता है एक कार की तरह और सोचता है वह कार से खेल रहा है।
यदि चौदह महीने या उससे अधिक उम्र का बच्चा इनमें से किसी भी चीजों को प्रदर्शित नहीं करता है, तो उसे ऑटिज्म जैसी समस्या होने की संभावना है।
क्या करें जब बच्चा अपने सिर को पटकने लगता है
बच्चे का सिर पटकना आपको चिंता में डाल सकता है, कि आप उनके इस बिहेवियर को कैसे रोक सकती हैं, तो यहाँ आपको कुछ बातें बताई गई हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए है:
1. यह नेचुरल है
जैसे जैसे बच्चे की उम्र बढ़ेगी उसका ये बिहेवियर भी समय के साथ ठीक होता जाएगा और 4 साल की उम्र तक ये पूरी तरह से चला जाएगा। इसके अलावा, जब तक बच्चे अपने एक्शन को कंट्रोल कर सकते हैं वो कभी खुद को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं।
2. अटेंशन पाने के लिए खुद को चोट पहुँचाने पर बच्चे को प्रोत्साहित न करें
यदि बच्चा आपकी अटेंशन पाने के लिए अपना सिर मारने लगता है, तो सही चीजों के लिए अटेंशन दें ना कि गलत चीजों के लिए। वरना बच्चा इसका आदि हो जाएगा और हमेशा ऐसा करेगा, जो आगे जीवन में उनके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
जब बच्चा सिर नहीं पटक रहा हो तो उस समय आप उसे ज्यादा अटेंशन दें। जब बच्चा ऐसा कर रहा हो तो उसके इस बिहेवियर को नजरअंदाज करें, क्योंकि डांटने से वह और ज्यादा जिद्दी हो सकता है।
3. घर में चीजों को बेबीप्रूफ बनाएं
यह उन कंडीशन में से एक है जहाँ आपको बच्चे के रहने वाली जगह को अच्छी तरह सिक्योर करना पड़ता है ताकि उन्हें चोट न लगे । सुनिश्चित करें कि कमरे में कोई धारदार, नुकीली वस्तु या अन्य हार्ड सरफेस वाली चीजें मौजूद न हों, अपने बच्चे के सिर को सुरक्षित रखें। सोने से पहले बच्चे अपना सिर मारने लगते हैं, ये संकेत है कि बच्चा नींद में है – सुनिश्चित करें कि उनके बिस्तर या पालने में कोई ढीला स्क्रू या तेज धार वाली कोई भी चीज मौजूद न हो, जिससे वे गलती से टकरा जाएं। इसलिए पालने के किनारों को पैड लगा करसुरक्षित कर दें।
4. थकावट
बच्चे का सिर पटकना इस बात का भी संकेत है कि बच्चे की एनर्जी एक्स्ट्रा है, जो नर्वस एनर्जी भी हो सकती है। बच्चे को उसकी एनर्जी का सही उपयोग करने दें उसे खेलने दें ताकि वो थक कर सो जाएं।
5. सोने का समय
बच्चे सिर मारने के जरिए बताना चाहते हैं कि उन्हें नींद रही है, तो क्यों न आप इसे बेडटाइम रूटीन में रिप्लेस कर दें। आप इसे सुलाने के लिए हिलाएं, उन्हें स्टोरी पढ़कर सुनाएं या मसाज दें।
6. डॉक्टर से बात करें
यदि बच्चे के सिर पटकने से उसे चोट लग जाती है, तो बेहतर है कि आप डॉक्टर से सलाह लें। चेक करें कि कहीं बच्चे के दाँत तो नहीं निकल रहे हैं या उनके कान में इन्फेक्शन तो नहीं हो गया है जिसकी वजह से वह ऐसा कर रहा है।
बच्चे के सिर पटकने की समस्या को कैसे रोका जा सकता है?
सिर पटकना आदत की वजह से होता है। इसलिए इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि सिर मारने की सभी कारणों को ही कम कर दिया जाए। जैसे, बच्चे का ध्यान भटकाएं ताकि वह ऐसा न करे, बेडटाइम रूटीन बनाएं। जितना ज्यादा हो सकते बच्चे को ऐसा करने से रोकें, कुछ समय बाद उनकी ये आदत खुद ही छूट जाएगी।
डॉक्टर से कब परामर्श करें
हालांकि बच्चों का ये बेहिवियर काफी कॉमन है, लेकिन नीचे बताई गई कंडीशन में आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है:
- बच्चा पूरे दिन नींद में रहता है और रात के समय भी गहरी नींद में सोता है।
- कभी-कभी, बहुत ज्यादा सिर मारने से बच्चे को उल्टी हो सकती है। यदि उल्टी नहीं रूक रही है, तो डॉक्टर को बुलाएं।
- बच्चा का कोऑर्डिनेशन अनुचित और अस्थिर दिखाई देता है।
- बोलने में सुस्ती लगे और दृष्टि में लंबे समय के लिए मदहोश नजर आए।
- अगर आपका 1 साल का बच्चा सिर मार रहा है, तो ये ऑटिज्म का कारण हो सकता है, 14 महीने की उम्र में डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चे का सिर पटकना किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं है ये उनमें नेचुरल होता है, मगर 4 साल की उम्र तक बच्चों में चला जाता है। लेकिन ऊपर बताए गए लक्षण अगर आपको अपने बच्चे में नजर आते हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें!
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