बच्चों में सिर कंट्रोल होना – डेवलपमेंटल माइलस्टोन

बच्चों में सिर कंट्रोल होना - डेवलपमेंटल माइलस्टोन

बच्चों में स्किल्स का डेवलपमेंट शारीरिक विकास के साथ नियमित रूप से होता है। चीजों को पकड़ना सीखना या क्रॉल करना एक डेवलपमेंटल माइलस्टोन ही है और यह बच्चों में मूवमेंट सीखने के लिए बहुत जरूरी है। सिर को कंट्रोल करना या सिर को ऊपर उठाकर रखने की क्षमता उन माइलस्टोन में से एक है जो भविष्य में आपके बच्चे को बैठने, क्रॉल करने और रोल करने में मदद करता है। 

बच्चा बिना सपोर्ट के अपने सिर को कब होल्ड करना शुरू कर देता है?

बच्चा एक महीने में ही सिर उठाना और चौथे महीने में सिर को होल्ड करना शुरू कर देता है। 6 महीने का होने के बाद बच्चे की गर्दन की मसल्स अच्छी तरह से डेवेलप हो जाती हैं जिससे वह अपने सिर को ऊपर की ओर होल्ड कर पाता है। इस दौरान बच्चा अपने सिर को साइड में भी घुमाने लगता है। 

बच्चों में सिर का कंट्रोल होना क्यों जरूरी है?

बच्चों में सिर कंट्रोल होना विकास के सबसे शुरूआती माइलस्टोन्स में से एक है जिसके बाद अन्य डेवलपमेंट और मूवमेंट संबंधी डेवलपमेंट होना शुरू हो जाते हैं, जैसे; बैठना, खड़े होना, चलना। यदि आपका बच्चा अपना सिर कंट्रोल कर पाता है तो यह बेहतर डेवलपमेंट का एक मुख्य संकेत है। बच्चे में सिर को होल्ड करने की क्षमता से उसकी नजर या दृष्टि का डेवलपमेंट भी होता है। 

बच्चा सिर को कंट्रोल कैसे करेगा? 

बच्चों में मसल्स के विकास के साथ ही सिर को कंट्रोल करने की क्षमता नियमित रूप से विकसित होती है। यह कैसे होती है, आइए जानें; 

1. एक से दो महीने में 

आप जब भी इस आयु में अपने बच्चे को पेट के बल लिटाएंगी तो वह अपने सिर को उठाने और होल्ड करने का प्रयास करेगा। यहाँ तक कि वह अपने सिर को साइड में मोड़ने की कोशिश भी करेगा। छठवें से आठवें सप्ताह में जब भी आप उसे पीठ के बल लिटाएंगी तो संभव है कि बच्चा अपना सिर उठा सकेगा। यद्यपि बच्चा अपने सिर को उठाने का प्रयास कर सकेगा पर जब भी आप उसे कंधे से उठाएंगी तो उसका सिर थोड़ा हिलता-डुलता रहेगा। 

2. तीन से चार महीने में 

इस आयु में सिर कंट्रोल करने का डेवलपमेंट महत्वपूर्ण रूप से होता है। बच्चा पेट के बल लेटकर अपने सिर को 45 डिग्री तक उठा सकेगा और यहाँ तक कि कुछ समय के लिए होल्ड भी कर सकेगा। इस समय आप उसे ऐसे खेल खेलने में मदद करें ताकि वह अपने सिर को और अच्छी तरह से कंट्रोल कर सके।

3. पाँच से छह महीने में 

इस चरण में बच्चे के गर्दन की मसल्स पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं और वह अपने सिर को बिना किसी समस्या के होल्ड कर सकता है। यहाँ बैठने की पोजीशन में बच्चा अपने सिर को आगे की ओर टिल्ट कर सकता है। अब बच्चा अपने सिर को दृढ़ रखना सीखेगा ताकि वह अपने चारों ओर देख सके। 

सिर को कंट्रोल करने के बाद क्या होगा?

बच्चा सिर को होल्ड करना सीखने के बाद वह अपेक्षाकृत कठिन मूवमेंट्स को भी सपोर्ट करना शुरू कर देता है, जैसे;

  • बैठना 
  • रोल करना 
  • घुटनों के बल चलना 

यह जरूरी है कि बच्चे को सॉलिड फूड खिलाना शुरू करने से पहले ही उसका सिर नियंत्रित होने लगना चाहिए तभी वह कुर्सी पर बैठकर नए स्वाद का बेहतर आनंद ले पाएगा। 

सिर कंट्रोल करने में बच्चे की मदद करें 

बच्चे के सिर को कंट्रोल करने का प्रोसेस प्राकृतिक रूप से होता है और इसके लिए आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि जन्म के दौरान ही बच्चे के गर्दन की मसल्स तब तक विकसित नहीं होती हैं जब तक वह सिर को कंट्रोल करना न सीख ले। इसलिए बहुत जरूरी है कि जब आप बच्चे को उठाएं तब वह अपने सिर व गर्दन को अच्छी तरह से हर समय कंट्रोल कर सके। 

सिर कंट्रोल करने में बच्चे की मदद करें 

बच्चे में जल्दी विकास के लिए आप उसे खेलों में व्यस्त रखें और खेलने में मदद भी करें। यहाँ बच्चों के लिए सिर कंट्रोल करने की कुछ एक्सरसाइज बताई गई हैं जिससे आपके बच्चे को मदद मिल सकती है, आइए जानें;

1. बच्चे को भरपूर टमी टाइम दें 

जब बच्चा जागता है तो आप उसे पेट के बल लिटाएं और टॉयज रख दें क्योंकि उसे अपने सामने रखे टॉयज से खेलने में आनंद आएगा। डेवलपमेंट के समय में बच्चे के मूवमेंट के लिए टमी टाइम बहुत जरूरी है। इससे बच्चे के हाथ, पैर, शरीर का ऊपरी हिस्सा और गर्दन की मसल्स मजबूत होने में मदद मिलती है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा पेट के बल लेटने के लिए कम्फर्टेबल है और सुरक्षित महसूस कर रहा है। 

2. बैठने की एक्सरसाइज का अभ्यास करें 

तीन महीने का होने के बाद आप अपने बच्चे को सोफे या बिस्तर पर बैठाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान बच्चे को सिर और गर्दन में उचित सपोर्ट मिलना चाहिए। बच्चे को सोफे या किसी अन्य चीज के ऊपर अकेला न छोड़ें क्योंकि इस वह गिर सकता है। 

3. ऑब्जर्व करने दें 

बच्चे को अपनी गोद में बैठने दें और उसे अपने ऊपर पीठ के बल आराम करने दें क्योंकि इस समय वह अपने आस-पास की चीजों को ऑब्जर्व करना सीखता है। 

4. छोटे-छोटे खेलों में व्यस्त रखें 

यदि बच्चा 4 से 5 महीने की आयु का हो जाता है तो आप उसे छोटे-छोटे खेलों में व्यस्त रखें। उसे पीठ के बल लिटाएं और प्यार से नीचे की ओर खींचें व नई-नई चीजें करके उसके इस खेल को एक्साइटिंग बनाएं। 

5. लगातार सराहना करें 

बच्चे को हमेशा प्रेरित करें और विकास के हर चरण में बोलकर व मुस्कुरा कर उसकी सराहना करें। 

बच्चों में हेड लैग क्या है?

हेड लैग होना यानी सिर को न संभाल पाना बच्चों में दुर्लभ है जिसमें उनकी गर्दन की मसल्स बहुत कमजोर होती हैं और सिर को सपोर्ट नहीं कर पाती हैं। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे सिर में चोट लगने से, प्रीमैच्योर जन्म से या जन्म के दौरान बच्चे का वजन कम होने से। 

यदि आपका बच्चा चार महीने से ज्यादा का है और अपना सिर नहीं संभाल पाता है तो पेडिअट्रिशन से जरूर संपर्क करें और बच्चे की मसल्स का नियमित डेवलपमेंट चेक कराएं। 

यदि 3 महीने का बच्चा सिर कंट्रोल नहीं कर पाता है तो क्या यह चिंता की बात है?

बच्चों में माइलस्टोन अलग-अलग समय पर होता है इसलिए बच्चे का सिर अक्सर अलग-अलग आयु में कंट्रोल होता है। कुछ बच्चों में अन्य की तुलना में जल्दी डेवेलपमेंट होता है। हालांकि यदि आपको चिंता होती है कि बच्चा तीसरे महीने में अपना सिर कंट्रोल नहीं कर पा रहा है तो आप इसके लिए डॉक्टर के पास जा सकती हैं। यह बात भी ध्यान रखें कि प्रीमैच्योर बच्चों को यह माइलस्टोन पूरा करने में ज्यादा समय लगता है। 

डेवलपमेंटल माइलस्टोन बच्चों में आगे के लिए मूवमेंट व एनर्जी उत्पन्न करता है और इसलिए ही यह बहुत जरूरी है। यह याद रखें कि इस चरण में बच्चे को सपोर्ट करने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाएं। इसके साथ ही अपने बढ़ते बच्चे की इन छोटी-छोटी सफलताओं को एन्जॉय करना बिलकुल भी न भूलें। 

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