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बच्चे बहुत तेजी से बढ़ते हैं और जब तक आपको पता लगेगा वे सॉलिड फूड खाने के लिए रेडी हो चुके होंगे। एक माँ हमेशा इस उलझन में रहती है कि वह अपने बच्चे को विभिन्न प्रकार के सॉलिड फूड में से कौन सा सबसे पहले खिलाना शुरू करे। क्या आपसे कभी किसी अनुभवी माँ ने कहा है कि जब आप अपने बच्चे का दूध छुड़ा रही हों तो उसे आलू देना शुरू करें? यदि हाँ, तो अब आप यह जरूर सोच रही होंगी कि अपने बच्चे को आलू कितनी और कैसे खिलाएं। जाहिर है इस आर्टिकल में आपको अपने सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। बच्चे के लिए आलू कितना फायदेमंद है, इसके क्या-क्या लाभ हैं, बच्चे को यह कब खिलाएं और थोड़े से समय में बनने वाली इसकी कुछ रेसिपीज जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आलू दुनिया के हर कोने में पाया जाता है। इनमें कार्बोहाइड्रेट उच्च मात्रा में होता है और यह आपके बढ़ते बच्चे को एनर्जी देते हैं। आपके बच्चे को पहली बार सॉलिड फूड में देने के लिए यह सब्जी सबसे ज्यादा सुरक्षित है। हालांकि इसमें न्यूट्रिशन कम होता है और कैलोरी बहुत अधिक मात्रा में होती है। जिस वजह से यदि आपका बच्चा ज्यादा चलता फिरता नहीं है तो उसे आलू पचाने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए बच्चे को आलू खिलाना तब शुरू करें जब वे 7 से 10 महीने में ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं।
आइए जानते हैं आलू में कितना नुट्रिशन होता है;
आलू में सबसे अधिक एनर्जी पाई जाती है। एक मीडियम साइज के आलू में 100 कैलोरी होती है। एक मीडियम साइज आलू में अन्य पोषक तत्व कितने होते हैं यह जानने के लिए नीचे दी हुई टेबल पर नजर डालें।
पोषक तत्व | मात्रा |
विटामिन ‘सी’ | 19.7 एमजी |
विटामिन ‘ए’ | 2 आईयू |
फोलेट | 15 मइक्रोग्राम |
पोटैशियम | 425 एमजी |
मैग्नीशियम | 23 एमजी |
फॉरफोरस | 57 एमजी |
कैल्शियम | 12 एमजी |
आयरन | 0.81 एमजी |
सोडियम | 6 एमजी |
जिंक | 30 एमजी |
ऊपर दी हुई टेबल में बताया गया है कि एक मीडियम साइज के आलू में पोषक तत्वों की लगभग कितनी मात्रा होती है और यह आलू के विभिन्न साइज से कुछ भिन्न भी हो सकते हैं।
तो आपके बच्चे के लिए आलू कितने लाभदायक होते हैं? आइए जानें;
आलू आपके बच्चे के लिए एक बेहतरीन एनर्जी फूड है। बच्चों के लिए आलू के अन्य फायदे निम्नलिखित हैं। आइए जानें;
आलू खाने से बच्चों में गैस की समस्या में सुधार होता है। आलू शरीर में लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। आलू में मौजूद एल्कलाइन शुगर की मात्रा बच्चों के शरीर में एसिड के लेवल को कम रखती है जिससे उन्हें एसिडिटी नहीं होती है।
कुछ प्रकार के आलू, जैसे लाल आलू ऐन्थोसियानिन से भरपूर होता है, यह एक बायोकैमिकल है जिसमें एंटीवायरल गुण होते हैं। यह विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं, जैसे इन्फ्लुएंजा। इसलिए डायट में आलू शामिल करने से बच्चे में इंफेक्शन का खतरा कम हो सकता है।
आलू बच्चों के लिवर के लिए भी अच्छा होता है और या विभिन्न प्रकार के केमिकल डैमेज से सुरक्षित रखता है।
यदि आपके बच्चे को किसी कीड़े ने काट लिया है तो एक आलू के स्लाइज को उसके इन्सेक्ट बाईट या बग बाईट पर धीरे-धीरे मलें। यह बच्चे में इन्सेक्ट बाईट की सूजन और डर्मेटाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। हालांकि कुछ बच्चों में यह उपचार काम नहीं करता है और उन्हें इससे साइड-इफेक्ट या एलर्जी भी हो सकती है। यदि आप इस उपचार का उपयोग करने के लिए श्योर हैं तो इसके स्लाइसेस को बहुत धीरे-धीरे मलें।
आलू में स्टार्च, विटामिन ‘सी’ और बहुत से एंजाइम होते हैं जो आपके बच्चे की त्वचा को सुरक्षित और पोषित रखते हैं।
आलू में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम विकास के दिनों में बच्चे की हड्डियों को मजबूत करता है। यदि आप अपने बच्चे को कॉम्बिनेशन फूड, जैसे आलू के साथ कोई और खाद्य पदार्थ मिलाकर देती हैं तो इससे उसके आहार की न्यूट्रिशन वैल्यू बढ़ जाती है।
बच्चों के लिए आलू के फायदे पढ़ने के बाद हमें पता है आप अपने बच्चे को आलू खिलाना जरूर चाहेंगी। पर बच्चे को आलू खिलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, इसके बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
बच्चों के लिए आलू फायदेमंद होता है। हालांकि आपको अपने बच्चे को आलू देने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, आए जानते हैं;
आलू जमीन के अंदर उगाए जाते हैं और इसलिए आप इसे पकाने से पहले इसमें लगी मिट्टी और पेस्टिसाइड्स को अच्छी तरह से साफ कर लें। सबसे पहले आलू को छीलें और सही से धो लें फिर ही इसे अच्छी तरह से पकाकर अपने बच्चे को खिलाएं।
बच्चों को आलू का स्वाद अच्छा लगता है पर इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे ज्यादा मात्रा में आलू खिला दें। आलू में स्टार्च होता है इसलिए इसे ज्यादा खाने से बच्चे को इसे पचाने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे को पके हुए आलू मैश करके कुछ ही चम्मच दें।
अपने बच्चे के आहार में स्टीम और बेक किए हुए आलू शामिल करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप आलू को उबालती हैं तो उस में से बहुत सारे पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। आप स्टीम करके आलू को मैश करें और अपने बच्चे को खिलाएं।
जब बच्चों के दाँत नहीं आए हुए होते हैं तो वे खाना अपने मसूड़ों से चबाते हैं, आलू की प्यूरी एक ऐसी रेसिपी है जिसे बच्चों के लिए बनाना सही है। यहाँ बताया गया है कि आप आलू की प्यूरी कैसे बना सकती हैं, आइए जानते हैं;
यदि आपका बच्चा आलू की प्यूरी खाने वाली उम्र से बड़ा हो चुका है और आप उसके आहार में अन्य खाद्य पदार्थ भी शामिल कर रही हैं तो आपको आलू की विभिन्न रेसिपी भी ट्राई करनी चाहिए, आइए जानते हैं;
यह एक ट्विस्ट के साथ आलू को मैश करके रेसिपी बनाई गई है और निश्चित ही यह आपके बच्चे के लिए पौष्टिक है। इसे कैसे बनाना है आइए जानते हैं;
यह रेसिपी उन बच्चों के लिए अच्छा है जिनकी आयु 6 महीने से अधिक है।
इस रेसिपी में बीटरूट या चुकंदर और आलू के गुण मौजूद हैं। इसे पकाना बहुत आसान है और बच्चे को पौष्टिक भोजन देने का यह एक बेहतरीन तरीका है।
अक्सर माएं अपने बच्चे को पहले सॉलिड फूड में आलू ही खिलाती हैं। जैसे ही आप बच्चे का दूध छुड़ाना शुरू करती हैं तब से ही आप अपने बच्चे की डायट में इस बेहतरीन सब्जी को शामिल कर सकती हैं (लगभग 6 महीने की आयु के बाद से। यदि आप अपने बच्चे के आहार में आलू शामिल करना चाहती हैं तो पहले इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करने की सलाह दी जाती है। जब आप बच्चे को सब्जियां खिलाना शुरू करें तो उसे प्यूरी या मैश सब्जियां ही खिलाएं। हालांकि इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चे को ज्यादा मात्रा में आलू खिलाने से आपको दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है या फिर बच्चे में वजन बढ़ने की समस्या भी हो सकती है।
संसाधन और संदर्भ:
स्रोत १
स्रोत २
स्रोत ३
स्रोत ४
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