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भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 2024 इस मामले में विशेष है क्योंकि हम इस बार अपनी स्वतंत्रता की 77 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसे नाम दिया गया है ‘आजादी का अमृत महोत्सव’। जब बात देश की आती है तो इस दिन को विभिन्न, धर्म, जाति और लिंग के लोग एकजुट हो कर मनाते हैं और यही भारत और इसके लोगों की विशेषता है। लेकिन इस पीढ़ी के बच्चे यह नहीं जानते हैं कि भारत देश ने स्वतंत्रता कैसे प्राप्त की है, और इसके लिए कितने बलिदान दिए गए हैं। स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष से जुड़ी ऐसी बहुत सारे चीजे हैं जिनसे बच्चे काफी कुछ सीख ले सकते हैं।
स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाते हैं?
अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल राज किया। इस दौरान भारतीय ब्रिटिश शासन से बुरी तरह परेशान हो चुके थे और उन्होंने साल 1929 में 26 जनवरी 1930 को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने का फैसला किया। हालांकि, अंग्रेज इस विचारधारा से सहमत नहीं थे और यह 15 अगस्त 1947 तक खींचता चला गया।
18 जुलाई 1947 को अंग्रेजों ने एक कानून पारित किया, जिसमें कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र देश बन जाएगा और अब से भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा नहीं होगा। इस प्रकार, भारत ने अंग्रेजों से आजादी पाई और इसके बाद से हर साल भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि 26 जनवरी की तारीख को आज भी याद किया जाता है, क्योंकि यही वो तारीख है जब भारतीयों ने अंग्रेजों से पूरी तरह से आजादी की मांग की थी, बाद में 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र राष्ट्र बना और इस भारत का संविधान लागू हुआ।
स्वतंत्रता दिवस उन शहीदों और वीर पुरुषों के बलिदानों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए भारत देश को आजाद कराया, जिनकी वजह से आज हम एक आजाद भारत में साँस ले रहे हैं।
भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास क्या है
1600 के दशक में अंग्रेज भारत में व्यापारियों के रूप में हमारे देश में आएं और उस समय शक्तिशाली भारतीय सम्राट जहांगीर द्वारा उन्हें भारत में व्यापारिक अधिकारों (ट्रेडिंग राईट) की अनुमति दी गई। उस समय भारत पर मुगलों का शासन था, जो उस समय अंग्रेजों के मुकाबले बहुत शक्तिशाली थे। मुगल साम्राज्य के विघटन होने के बाद ही अंग्रेजों ने भारत के छोटे हिस्से को जीतना शुरू कर दिया। 1757 में प्लासी के युद्ध से शुरू होकर, अंग्रेजों ने 1857 तक पूरे भारत में तेजी से अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया।
1857 में, भारतीय बुरी तरह से अंग्रेजों और उनके अत्याचार से तंग आ चुके थे, जिसकी वजह से पूरे उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर विद्रोह शुरू हो गया जहाँ अलग-अलग बैकग्राउंड से संबंध रखने वाले लीडर देश को आजादी दिलाने के लिए सामने आए और अंग्रेजों के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई स्वतंत्रता की पहली लड़ाई के रूप में प्रसिद्ध हुई और इसके बाद अंग्रेजों ने भारत के अन्य क्षेत्रों कब्जा करना बंद कर दिया।
स्वतंत्रता आंदोलन के बावजूद भी अंग्रेजों ने भारत पर शासन करना नहीं छोड़ा। लेकिन अब पानी सिर से ऊपर जा चुका था, भारत को हर हाल में आजादी चाहिए थी और इस आजादी के संघर्ष ने पूरे राष्ट्र को एक साथ ला कर खड़ा कर दिया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए कई आंदोलन शुरू किए। 1945 तक, सेकंड वर्ल्ड वॉर के कारण ब्रिटिश इकॉनोमी नष्ट हो गई थी और वो समझ चुके थे कि उनका भारत से चले जाना ही अब बेहतर होगा। हालांकि, इस खुशी के दिन, एक बहुत ट्रेजेडी के रूप में भारत दो हिस्सों में विभाजित हो गया भारत और पाकिस्तान।
भारत में 15 अगस्त बच्चों द्वारा कैसे मनाया जाता है?
स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस भारत का नेशनल हॉलिडे है। लेकिन स्कूलों में, एक या दो घंटे के लिए स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जाता है। स्कूलों में, बच्चे देशभक्ति के गीत गाते हैं, भाषण देते हैं और देशभक्ति के गानों पर नृत्य करते हैं। हम सब भारतीय हैं, वंदे मातरम, हम होंगे कामयाब जैसे गीत इस दिन स्कूलों में गाए जाते हैं। भारतीय झंडा ‘तिरंगा’ फहराया जाता है, बच्चे राष्ट्रगान गाते हैं। आखिरी में बच्चों को मिठाई बांटी जाती है। 15 अगस्त को, हर बच्चे के हाथ में भारतीय झंडा दिखता है। इतना ही नहीं आप इस दिन लोगों के घरों में, ऑफिस में भी भारतीय झंडे को लहराते देखेंगे।
स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स
यहाँ भारत के स्वतंत्रता दिवस के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट दिए गए हैं, जिन्हें आप अपने बच्चों को बता सकती हैं।
- जब भारत आजाद हुआ, तो उसका कोई राष्ट्रगान नहीं था। ‘जन गण मन’ रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया, जिसे पहली बार 1911 में गाया गया था और 1950 में इसे भारत का राष्ट्रगान घोषित कर दिया था।
- जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब भारत में कोई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या सरकार नहीं थी। यह सब बहुत बाद में हुआ जब भारत एक गणतंत्र राष्ट्र बना। स्वतंत्रता के समय, गवर्नर जनरल भारत में सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली व्यक्ति हुआ करते थे।
- भारत के कई हिस्से, स्वतंत्रता के दौरान अलग-अलग राज्य हुआ करते थे। जब भारत आजाद हुआ, तब यहाँ 565 रियासत या राज्य थे। यह सब चीजे बदल गई जब सरदार वल्लभ भाई पटेल और अन्य नेताओं ने विभिन्न रणनीतियों को लागू किया। जम्मू और कश्मीर, हैदराबाद, मैसूर और त्रावणकोर कुछ बड़े राज्य थे जो आजादी के बाद भारत का हिस्सा बन गए थे।
- भारत एकमात्र देश नहीं है जो 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है, बल्कि कुछ अन्य देश भी हैं जो इसी दिन को अपने स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाते हैं। हालांकि, ये देश अलग-अलग सालों में स्वतंत्र हुए लेकिन तारीख एक ही थी। वो देश जिन्होंने भारत के अलावा एक ही दिन पर स्वतंत्रता प्राप्त की वो हैं: बहरीन, नार्थ कोरिया, कांगो, लिस्टेंस्टाइन और साउथ कोरिया।
- स्वतंत्रता के बाद भी गोवा एक पुर्तगाली उपनिवेश में आता था, लेकिन फिर 1961 में यह भी भारत का हिस्सा बन गया।
- ऑफिशियली भारत सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस का उत्सव नई दिल्ली के लाल किले में हर साल मनाया जाता है। यहाँ, प्रधानमंत्री पूरे राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
- भारत की स्वतंत्रता ने धार्मिक आधार पर देश के विभाजन को भी जन्म दिया। सांप्रदायिक (कम्युनल) तनाव और नफरत के कारण हिंदू और मुस्लिम समुदाय के कई लोग मारे गए, जिसमें कई बेकसूरों की जान भी गई। कई लोग कहते हैं कि यह इतिहास में सबसे बड़ा मानव प्रवासन (ह्यूमन माइग्रेशन) था। हालांकि, यह भी याद रखना चाहिए कि इस मुसीबत के समय में लोगों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरे समुदाय को लोगों को बचाया भी।
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पहले स्वतंत्रता दिवस के जश्न में हिस्सा नहीं लिया था। वह भूख हड़ताल पर चले गए ताकि लोग विभाजन के कारण एक-दूसरे को मारना बंद कर दें।
- स्वतंत्र भारत में बॉर्डर्स बनाने का काम सिरिल जॉन रेडक्लिफ नामक एक व्यक्ति को दिया गया था। विडंबना यह थी कि वह कभी भी भारत नहीं आए थे और उन्हें पार्टीशन करने का एक मुश्किल कार्य दिया गया था। उन्हें यह तबाही और विनाश देख कर इतना दुख हुआ कि उन्होंने भारतीय 40,000 रुपयों की सैलरी को लेने से इनकार कर दिया जो उन दिनों एक बड़ी राशि हुआ करती थी।
- स्वतंत्रता के समय हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं थी। इसे भारत की पहली आधिकारिक भाषा के रूप में चुना गया और 1950 में इसकी घोषणा की गई।
- भारत में कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (केकेजीएसएस) एकमात्र संस्था है जिसे भारतीय ध्वज यानी तिरंगे के निर्माण और आपूर्ति के लिए अधिकृत किया गया है।
बहुत से लोग भारतीय स्वतंत्रता दिवस से जुड़े इन फैक्ट्स के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए आप यह जानकारी अपने बच्चों को दें और उन्हें बताएं कि देश को स्वतंत्रता कितने संघर्ष और कुर्बानियों के साथ मिली। उन्हें बताएं कि उन्हें हमेशा अपने देश का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यह शहीदों के बलिदान से मिली आजादी का देश है।
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