शिशु

बच्चों के लिए नारियल का दूध – फायदे और इसे कैसे बनाएं

कोकोनट मिल्क यानि नारियल का दूध, बहुत क्रीमी और टेस्टी होता है। दक्षिण-पूर्व एशिया में ज्यादातर रेसिपीज कोकोनट मिल्क से बनाई जाती हैं इसलिए यहाँ की कई सारी रेसिपीज इसके बिना अधूरी हैं। कोकोनट मिल्क बहुत ज्यादा पौष्टिक और टेस्टी होता है पर क्या यह आपके बच्चे के लिए फायदेमंद है? कोकोनट मिल्क में बहुत सारे फायदे होते हैं परंतु इसे माँ के दूध के विकल्प में बच्चे को नहीं दिया जा सकता है क्योंकि इसमें कई ऐसे न्यूट्रिएंट्स नहीं पाए जाते हैं जो एक बच्चे को माँ के दूध से मिलते हैं। 

कोकोनट मिल्क क्या है?

कोकोनट मिल्क वास्तव में दूध नहीं होता है। कोकोनट मिल्क नारियल और इसके पानी का मिश्रण होता है इसलिए इसका रंग और टेक्सचर दूध की तरह दिखाई देता है। कोकोनट मिल्क बनाने के लिए सबसे पहले नारियल के आंतरिक सफेद भाग को किसा जाता है और फिर इसे उबालकर इसका पेस्ट बनाया जाता है और अंत में नारियल के पेस्ट को निचोड़कर इसका दूध निकाला जाता है। 

क्या कोकोनट मिल्क बच्चों के लिए अच्छा होता है?

कोकोनट मिल्क न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। इसमें नेचुरल फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो शरीर के लिए लाभदायक है। बच्चों में मस्तिष्क के विकास, इंसुलेशन और उनकी त्वचा के लिए नेचुरल फैट बहुत जरूरी होता है। कोकोनट मिल्क में बहुत सारे विटामिन और मिनरल, जैसे आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन ‘सी’ और ‘ई’ हैं। इस दूध में मौजूद सभी न्यूट्रिएंट्स बच्चे के विकास और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के साथ-साथ इम्युनिटी को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। पर कोकोनट मिल्क छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होता है। इस दूध में वह न्यूट्रिएंट्स नहीं होते हैं जो माँ के दूध या फॉर्मूला दूध में पाए जाते हैं इसलिए कोकोनट मिल्क को माँ के दूध या फॉर्मूला मिल्क के विकल्प में उपयोग नहीं किया जा सकता है। वास्तव में गाय के दूध को भी माँ के दूध के विकल्प में उपयोग नहीं किया जा सकता है। गाय के दूध से बच्चे को डिहाइड्रेशन हो सकता है और उसमें आयरन की कमी भी हो सकती है। माँ के दूध का कोई भी सब्स्टीट्यूट नहीं है – आपको इसका ध्यान रखना जरूरी है!

कोकोनट मिल्क का न्यूट्रिशन वैल्यू

न्यूट्रिशन वैल्यू प्रति 100 ग्राम के हिसाब से दिया गया है
प्रोटीन 2.3 ग्राम
मिनरल:
  • आयरन
  • जिंक
  • पोटैशियम
  • मैग्नीशियम
  • कैल्शियम
  • फॉस्फोरस

1.6 एम.जी.

0.67 एम.जी.

263 एम.जी.

37 एम.जी.

16 एम.जी.

100 एम.जी.

विटामिन:
  • थायमिन
0.03 एम.जी.

बच्चों के लिए कोकोनट मिल्क के स्वास्थ्य लाभ

बच्चों के आहार में कोकोनट मिल्क शामिल क्यों करना जरूरी है, यहाँ से जानें;

1. इससे बच्चे के मानसिक विकास में मदद मिलती है

कोकोनट मिल्क में फैट बहुत ज्यादा होता है और यह फैट सैचुरेटेड, मोनो-सैचुरेटेड और पॉली-सैचुरेटेड हर प्रकार से अच्छा होता है। इसमें मौजूद लाभदायक फैट बच्चे के मस्तिष्क का विकास करता है। चूंकि बच्चे का मानसिक विकास तेजी से होता है इसलिए इस समय उसे स्वास्थ्यप्रद और न्यूट्रिशियस ड्रिंक्स देना बहुत जरूरी है जिसमें कोकोनट मिल्क पूरी तरह से मदद कर सकता है। 

2. बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

बच्चे के पूरे विकास के लिए विटामिन और मिनरल बहुत जरूरी होते हैं और कोकोनट मिल्क इन सभी आवश्यक विटामिन और मिनरल से भरपूर होता है। इसमें मौजूद पोटैशियम और सोडियम ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करते हैं और विटामिन ‘सी’ बच्चों के शरीर में मौजूद टिश्यू और रेड ब्लड सेल्स को ठीक करने में मदद करता है। यह बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है। 

3. यह एंटी-माइक्रोबियल के रूप में कार्य करता है

कोकोनट मिल्क एंटी-माइक्रोबियल के रूप में भी कार्य करता है और यह शरीर को कीटाणुओं, वायरस व बैक्टीरिया से सुरक्षित रखता है। नारियल का पानी भी इस दूध का एक भाग होता है और इस पानी में लिपिड्स पाए जाते हैं जो एंटी-बॉडीज को दूर करने में मदद करते हैं।

4. यह आंतों में मौजूद वर्म्स को नष्ट करने में मदद करता है

कई डॉक्टर बच्चों को कोकोनट मिल्क पिलाने की सलाह देते हैं क्योंकि यह बच्चों की आंतों में मौजूद वर्म्स को नष्ट करने में मदद करता है। बच्चों की आंतों में अक्सर वर्म्स उत्पन्न हो जाते हैं। कोकोनट मिल्क में एंटी-माइक्रोबियल लिपिड्स, कैप्रिक एसिड और लॉरिक एसिड पाए जाते हैं जो बच्चों में वर्म्स को नष्ट करने और उनकी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। 

कोकोनट मिल्क को माँ के दूध के विकल्प में उपयोग क्यों नहीं किया जा सकता है?

कोकोनट मिल्क में स्वास्थ्य के लिए कई फायदे हैं पर इसमें एक बच्चे के लिए पर्याप्त न्यूट्रिशन न होने की वजह से इसे फॉर्मूला दूध या माँ के दूध के विकल्प में उपयोग नहीं किया जा सकता है।कोकोनट मिल्क को माँ के दूध के विकल्प में न उपयोग किए जाने के और भी निम्नलिखित कारण हैं, आइए जानें; 

1. इसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं होती है

शारीरिक मांसपेशियों को ठीक करने और विकसित करने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। एक बच्चे को रोजाना 11 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है और लगभग 100 ग्राम कोकोनट मिल्क या कोकोनट मिल्क में 2 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है जो स्पष्ट करता है कि यह बच्चे के विकास के लिए पर्याप्त नहीं है। 

2. इसमें कैल्शियम की भी पर्याप्त मात्रा नहीं होती है

बच्चों की हड्डियों और दाँतों के विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और कोकोनट मिल्क में बच्चे की आवश्यकता का सिर्फ 10% कैल्शियम ही मौजूद होता है।

3. यह बच्चे की भूख को कम कर सकता है

कोकोनट मिल्क में आवश्यक फैट और कैलोरी भरपूर मात्रा में है और यह बच्चे को अधिक न्यूट्रिएंट्स प्रदान किए बिना उनके पेट को कुछ घंटों के लिए भरा रख सकता है। चूंकि बच्चे का पेट कोकोनट मिल्क से ही देर तक भरा रह सकता है इसलिए वह कुछ घंटों तक माँ का दूध नहीं पिएगा। 

बच्चे के आहार में कोकोनट मिल्क कब और कैसे शामिल करें

यदि आपका बच्चा 8 महीने से अधिक का है और उसने अन्य सॉलिड फूड खाना शुरू कर दिया है तो आप अपने बच्चे को कोकोनट मिल्क देना शुरू कर सकती हैं। बच्चे को पहली बार में कुछ चम्मच कोकोनट मिल्क ही पिलाएं और देखें कि उसे इस दूध से कोई एलर्जी तो नहीं है। इसके बाद आप अपने बच्चे को गाय और बकरी के दूध के बजाय फॉर्मूला दूध में कोकोनट मिल्क मिलाकर भी दे सकती हैं। उबले हुए चावल या आलू में कोकोनट मिल्क मिलाएं और साथ ही इसमें स्वाद के लिए थोड़ी से चीनी मिलाकर आप इसे अपने बच्चे को खिला सकती हैं। हालांकि ज्यादा चीनी बच्चे के दाँतों में समस्या उत्पन्न कर सकती है इसलिए आधे चम्मच से ज्यादा इसका उपयोग न करें। आप अपने बच्चे के लिए कोकोनट मिल्क में फल, जैसे स्ट्रॉबेरी, आम और केला मिलाकर मिल्कशेक भी बना सकती हैं। कोकोनट मिल्क क्रीमी, हल्का मीठा और स्वास्थ्य लाभ से भी भरपूर होता है जिसका स्वाद बच्चों को भी पसंद आता है इसलिए इससे बनाया हुआ बेबी फूड तो अधिक लोकप्रिय है। 

घर पर ही कोकोनट मिल्क कैसे बनाएं

आप किसी भी ग्रोसरी स्टोर से कोकोनट मिल्क ले सकती हैं जो बहुत आसान है पर यदि आप अपने बच्चे के लिए मिल्क शेक बनाना चाहती हैं तो हम सलाह देंगे कि आप घर में ही इसे बनाएं। घर में कोकोनट मिल्क बनाते समय आप यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि आपका बच्चा किसी भी प्रिजर्वेटिव का सेवन नहीं कर रहा है। यहाँ बताया गया है कि आप अपने बच्चे के लिए ताजा कोकोनट मिल्क कैसे बना सकती हैं, आइए जानें; 

सामग्री

  • एक नारियल छीलकर
  • गुनगुना पानी
  • नारियल का पानी

विधि 

  • सबसे पहले नारियल को तोड़ें और उसके पानी को एक कटोरे में एक तरफ रख लें।
  • नारियल को कीसकर गुनगुने पानी में उबाल लें।
  • अब उबले हुए नारियल में नारियल का पानी मिलाएं और उसे ब्लेंडर में डालकर गाढ़ा पेस्ट बनने तक ब्लेंड कर लें।
  • नारियल के पेस्ट या प्यूरी को एक साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें।
  • अंत में कोकोनट मिल्क को एक साफ बर्तन में रखें और ठंडा होने दे।

कोकोनट मिल्क एक एंटी-माइक्रोबियल के रूप में काम करने के साथ-साथ यह शरीर में ठंडक भी पहुँचाता है इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।अपने बच्चे को कोकोनट मिल्क तभी पिलाएं जब वह 8 महीने का हो जाए और हाँ इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि कोकोनट मिल्क माँ के दूध का सब्स्टीट्यूट नहीं है। बच्चे को लगातार माँ का दूध पिलाएं, उसका विकास स्वस्थ रूप से होगा। 

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