बच्चों के लिए डायपर का सुरक्षित रूप से उपयोग करना

बच्चों के लिए डायपर का सुरक्षित रूप से उपयोग करना

जैसे-जैसे आपके बच्चे का इस दुनिया में आने का समय करीब आने लगता है वैसे वैसे आपकी खुशियां भी बढ़ने लगती हैं, लेकिन इस दौरान एक बात तय है कि बच्चे के जन्म के बाद आप दिन और रात बहुत ज्यादा बिजी रहने वाली हैं। आपको बच्चे की हेल्थ का बहुत ध्यान रखना पड़ेगा। शुरूआती कुछ महीनों के लिए, बच्चा केवल माँ का ही दूध पीता है, इसके अलावा हर थोड़ी देर पर पेशाब करना और मल त्याग करना उनके रूटीन में शामिल होता है। बच्चे को क्लीन और ड्राई रखने के लिए आपका काम बहुत बढ़ जाता है। इस प्रकार आपको कुछ समय तक ऐसे ही बार-बार काम करना पड़ सकता है। इसीलिए, आजकल माता-पिता अपने बच्चों को ड्राई और कम्फर्टेबल रखने के लिए डिस्पोजेबल डायपर का सहारा लेते हैं। लेकिन, न्यूबॉर्न बेबीज के लिए ये डायपर कितने सुरक्षित हैं? हमने इसी विषय पर यहाँ चर्चा की है और इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको देने का प्रयास किया है, ताकि आपको आपके सवालों के जवाब मिल सकें। विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए ये लेख पढ़ें।

क्या डायपर न्यूबॉर्न बेबी के लिए सुरक्षित हैं? 

डायपर के उपयोग के बारे में लोगों की मिली जुली राय है। पहले के लोग इसके उपयोग के खिलाफ थे और उन्हें लगता था कि माएं अपनी सुविधा के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं, ताकि उन्हें बच्चे को लगातार साफ करने और धोने का झंझट नहीं करना पड़े। उनका यह भी मानना था कि डायपर का यूज करने से रैशेस और इन्फेक्शन होने का भी खतरा होता है। तो इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल करना बच्चे की हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है। हालांकि आज की माओं का यह कहना है कि इसे बच्चे को ध्यान में रखते हुए ही डिजाइन किया जाता है। इसलिए, इनका इस्तेमाल करना सेफ होता है।

डायपर किस चीज से बने होते हैं? 

बाजार में दो प्रकार के डायपर उपलब्ध होते हैं, कपड़े वाले डायपर और डिस्पोजेबल डायपर। क्लॉथ डायपर आमतौर पर मुलायम कपड़े से बने होते हैं। आप उन्हें धो सकती हैं, सुखा सकती हैं और उनका दोबारा इस्तेमाल भी कर सकती हैं। डिस्पोजेबल डायपर अलग-अलग मटेरियल से बने होते हैं और जिनमें कुछ इस प्रकार के कॉम्पोनेंट मौजूद होते हैं, जो क्या है आइए जानते हैं।

1. सोडियम पॉलीएक्रिलेट

यह एक पॉलीमर है जिसे डायपर के सबसे नीचे रखा जाता है और फिर दूसरे मटेरियल की लेयर से इसे ढका जाता है। इसे एक अब्सॉर्बन्ट के तौर पर उपयोग किया जाता है। ये एक छोटे स्पंज के रूप में काम करते हैं जो पानी को कई बार सोख सकते हैं।

2. डाई

कुछ डायपर में डाई का इस्तेमाल एक वेटनेस इंडिकेटर के तरह होता है जो इसके गीला होते ही कलर चेंज कर देते हैं, इससे आपको पता चल जाता है कि आपको कब बच्चे का डायपर बदलना है।

3. कॉटन / माइक्रोफाइबर / प्लास्टिक फाइबर

कॉटन, हेम्प, प्लास्टिक फाइबर और माइक्रोफाइबर जैसी मटेरियल का उपयोग कपड़े या दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले डायपर में किया जाता है। इन मटेरियल की लेयर को बेहतर तरीके से अब्सॉर्ब करने और लीकेज से बचने के लिए किया जाता है।

4. वुड पल्प

वुड पल्प का उपयोग डायपर में की कुशनिंग के लिए किया जाता है। वुड पल्प अब्सॉर्बन्ट के रूप में भी काम करता है।

अब जब आप यह जान गई हैं कि डायपर में किस प्रकार के मटेरियल का उपयोग किया जाता है, तो आपको आप बच्चे का डायपर लेते समय इसे समझदारी से चुनेगी। यहाँ आपको कुछ प्रकार के डायपर के बारे में बताया गया है जिन्हें आप चुन सकती हैं।

डायपर के प्रकार 

  • पुल-अप डायपर (पैंट स्टाइल डायपर) – पुल-अप डायपर अंडरवियर की तरह दिखते हैं और इसे कमर तक खींच कर पहनाया जाता है। इन डायपरों की इलास्टिक सॉफ्ट होती है, जो बच्चे की कमर पर टिकी रहती है।
  • डिस्पोजेबल अंडरवियर – ये अलग-अलग साइज में उपलब्ध होते हैं और यह थोड़े बड़े बच्चों को भी पहनाया जा सकता है जो अभी भी रात में बिस्तर गीला करते हैं।
  • ऑल-इन-वन डायपर – इनमें एक बाहरी कवर होता है जो वाटरप्रूफ मटेरियल से बना होता है, यह डायपर अंदर की तरफ सिला होता है। इसमें एक से ज्यादा भी भी भी डायपर इन्सर्ट कर सकते हैं ।
  • पॉकेट डायपर – ऐसे डायपर में पॉकेट होते हैं जहाँ आप अलग से डिस्पोजेबल या रियूज क्लॉथ डायपर को डालकर इस्तेमाल कर सकती हैं। इसमें मोटा या पतला डायपर उपयोग के हिसाब से डाल सकते हैं। 
  • फिटेड डायपर – जैसा कि नाम से पता चलता है, ये अच्छी तरह से फिट होते हैं, जिसमें जाँघ एरिया  कम होता है और कमर वाला एरिया ज्यादा होता है। इस तरह से ये डायपर बच्चों को अच्छे से फिट होते हैं।

हालांकि, ये डायपर आपके जीवन को आसान बनाते हैं, लेकिन आपको सतर्क रहने की जरूरत होगी क्योंकि आपके बच्चे में एलर्जी रिएक्शन हो सकता है, खासतौर पर डिस्पोजेबल डायपर के कारण रिएक्शन ज्यादा होता है। अगर आप इसके कोई साइड इफेक्ट्स को नोटिस करती हैं तो आपको डायपर का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और आपको तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।

डिस्पोजेबल डायपर के साइड इफेक्ट 

  • यदि पॉलीमर सोडियम पॉलीक्रिलेट को ऐक्रेलिक एसिड के साथ मिक्स किया जाता है, तो आपका बच्चा डायपर क्षेत्र के आसपास स्किन इर्रिटेशन का अनुभव कर सकता है।
  • कुछ बच्चों में डाई के कारण रैशेस हो सकते हैं।
  • कुछ डायपर में ऐसे कंपाउंड होते जिसमें केमिकल होता है जैसे टोलवीन और जाइलीन, इससे स्किन इर्रिटेशन पैदा हो सकता है। 
  • जब वुड पल्प को ब्लीच किया जाता है, तो डाइऑक्सिन का उत्पादन होता है। डायपर में डाइऑक्सिन की मौजूदगी से बच्चे को मेडिकल इशू हो सकता है। 
  • इन डायपर को हर कुछ घंटों पर बदलने की जरूरत होती है, क्योंकि लंबे समय तक इसे पहने रहने से स्किन रैशेस और इंफेक्शम होने का खतरा होता है। 

बच्चों के लिए डायपर का उपयोग करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

डायपर बच्चे की त्वचा के सीधे संपर्क में आता है, इसलिए डायपर का उपयोग करते समय अपको कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

डायपर के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो इस प्रकार हैं।

  • ध्यान दें कि बच्चे को रैशेस तो नहीं हो रहे हैं। कुछ बच्चों की स्किन बहुत सेंसेटिव होती है और उन्हें तुरंत रैशेस होने का खतरा ज्यादा होता है।
  • खासतौर पर रात के लिए यूज किए जाने वाले डिस्पोजेबल डायपर का ही उपयोग करें। 
  • दिन के समय भारी डायपर से बचें। जेल बेस्ड डायपर इस्तेमाल करें जो स्किन क्रीम या क्लॉथ डायपर के साथ आते हैं।
  • रैशेस और इन्फेक्शन से बचने के लिए हर दो से तीन घंटे में एक बार डायपर बदलें। जब बच्चा मल त्याग करें, तो उसे तुरंत डायपर चेंज कराएं।
  • एक डायपर चेंज करने के बाद, अपने बच्चे को तुरंत दूसरा डायपर न पहनाएं। ताकि थोड़ी देर के लिए त्वचा को सांस लेने का मौका मिले।
  • डायपर हटाने के बाद अपने बच्चे की त्वचा को बेबी वाइप्स या मुलायम कपड़े से साफ करें। आप बेबी लोशन, नारियल तेल, मॉइस्चराइजर का भी उपयोग कर सकती हैं। ये सभी प्रोडक्ट हाइजीन बनाएं रखने में मदद करते हैं। एक बात ध्यान दें पाउडर का उपयोग न करें। 

शुरुआत में यह सभी चीजों को मैनेज करना एक माँ के लिए मुश्किल हो जाते है। हालांकि डायपर के कारण आपका काम कुछ हद तक आसान हो जाता है। बच्चों को लंबे समय के लिए डायपर न पहनाएं रखें क्योंकि इससे गर्मी पैदा होने लगती है। तो कुछ घंटों के ब्रेक से बच्चे का डायपर चेंज करती रहें, ताकि ड्राई और कम्फर्टेबल फील करे और हेल्दी रहे।

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