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दीपावली यानी दीपों का त्योहार, यह उत्सव विशेष हिन्दुओं का त्योहार है पर इसे सभी धर्म के लोग पूरे उत्साह से मनाते हैं। इस दिन घरों में दीप जलाए जाते हैं, लाइट लगाई जाती हैं, घर में साज–सज्जा की जाती है और इत्यादि। दिवाली आने के कुछ दिन पहले से ही लोग इस त्योहार की तैयारियां शुरू कर देते हैं, लोगों की छुट्टियां होती हैं और वे बड़े उत्साह से दिवाली का इंतजार करते हैं। स्कूलों में भी शिक्षक अपने बच्चों को दिवाली पर शॉर्ट या लॉन्ग निबंध लिखने के लिए कहते हैं, छोटे बच्चों को दिवाली पर 10 पंक्तियाँ लिखने के लिए कहा जाता है और इसकी महत्वता को बनाए रखने के लिए बच्चों को इस पर्व के बारे में पूरे विस्तार से बताया जाता है। अक्सर बच्चे दिवाली पर सबसे अच्छा निबंध लिखने के लिए इंटरनेट पर पूरी जानकारी की खोज करते हैं। आपकी इसी खोज को पूर्ण करने के लिए हमने यहाँ दिवाली पर कुछ निबंध अलग अलग शब्दों के अनुसार दिए हैं, जानने के लिए पूरा पढ़ें।
हमारा देश विभिन्न त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है जिसमें एक मुख्य त्योहार दिवाली भी है। यह दिन भगवान राम और सीता माँ के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम रावण को हराकर अयोध्या वापिस आए थे और इसी खुशी में वहाँ के लोगों ने अपने घर में दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। यह दिवस निराशाओं पर आशा की विजय का प्रतीक है जो हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मांस की अमावस्या या अक्टूबर/नवंबर में बहुत सारी तैयारियों के साथ मनाया जाता है। दीपावली के आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं और लाइट लगाकर व दीये जलाकर साज सज्जा भी करते हैं। दीपावली में लोग नए कपड़े पहनते हैं, लक्ष्मी माँ और भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं, पड़ोसियों व रिश्तेदारों के साथ मिलकर पटाखे जलाते हैं व खुशियां मनाते हैं।
भारत को विभिन्न धर्मों, रिवाजों, परंपराओं, त्योहारों और प्रतिष्ठाओं के लिए जाना जाता है। इस देश में कई पर्व मनाए जाते हैं जिनका अपना ही एक महत्व होता है। इसी प्रकार से दीपावली भी एक ऐसा त्योहार है जो विशेष हिन्दू धर्म का है परंतु इस उत्सव को सभी धर्मों व जातियों के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं इसलिए इस त्योहार को एकता का प्रतीक भी माना जाता है।
दीपावली का त्योहार भगवान श्री राम के युद्ध जीतने और सीता माँ के साथ अयोध्या वापिस आने की खुशी में मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम लंका जीतकर अयोध्या वापिस आए थे तब अयोध्यावासियों ने उनके आने की खुशी में अपने–अपने घरों में दीप जलाए और खुशियां मनाई थी। यह दिन निराशाओं पर आशा की विजय का भी है। इसी दिन को याद करते हुए आज भी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, घर, दुकानें और इत्यादि को रोशनी व लाइट से सजाया जाता है।
इस दिन लोग नए कपड़े, पटाखे, तोहफे, आभूषण, मिठाइयां खरीदते हैं और शाम के समय नए कपड़े पहन कर पूरा परिवार भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी का पूजन करता है। दीपावली पर सभी मिलकर पटाखे जलाते और खुशियां मनाते हैं। इस दिन में आभूषणों का भी एक महत्व है।
हर घर में रहे उजाला, न छाई कभी काली अंधियारी!
हर कोई मनाए खुशियां, घर में सदा रहे
हमारे देश भारत में सभी धर्मों को विशेष मान्यता दी जाती है और सभी धर्मों के अनुसार इस देश में हर एक त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में दीपवाली त्योहार मुख्य है और इसे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश से बाहर रहने वाले भारतीय भी पूरी तैयारियों से मनाते हैं।
दीपावली का दिन इतना महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम माता सीता के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या वापिस लौटे थे। निराशा पर आशाओं की जीत की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर–घर में डीप जलाए और उत्सव मनाया था। तब से ही एक प्रथा के तौर पर लोग दीपावली का त्योहार मनाते चले आ रहे हैं।
दिवाली का त्योहार आने के कुछ दिन पहले से ही इसकी खुशी में ढेर सारी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस दिन के लिए लोग अपने घर, दुकानों और अन्य कार्यालयों की साफ–सफाई करते हैं। विशेषकर इस दिन साफ–सफाई करने से घर में माता लक्ष्मी का वास रहता है।
दीपावली के दिन घर को रंगोली, लाइट और दीयों से सजाया जाता है और शाम के समय में परिवार के सभी लोग नहाकर नए कपड़े पहनते हैं। शाम को उचित समय में घर के बड़े पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और इसके बाद पूरे घर में लगे दीयों को उजागर किया जाता है। कुछ लोग अपने घर की छत में मोमबत्ती और लाइट भी लगाते हैं। माँ लक्ष्मी की कृपा और रोशनी के प्रभाव से घर में सुख, समृद्धि और वृद्धि आती है। इस त्योहार को बच्चे भी बहुत पसंद करते हैं और दिये जलाने के बाद परिवार के सभी लोग मिलकर पटाखे जलाते हैं और पड़ोसियों व रिश्तेदारों में मिठाइयां बांटी जाती हैं।
हर त्योहार का एक महत्व होता है और दीपावली का त्योहार भी भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वैसे तो यह त्योहार हिन्दू धर्म का है पर हमारे देश में सभी धर्मों के लोग इसे एक साथ मिलकर मनाते हैं। इसलिए इस पर्व को एकता का प्रतीक भी माना जाता है।
उजालों की है रात आई, यह दिवाली ढेरों है खुशियां लाई।
आओ मिलकर दीप जलाएं, हर घर में खुशहाली लाएं।
भारत में अनेकों महापुरुषों ने जन्म लिया है, यहाँ पर विभिन्न रंग रूप और रीति–रिवाज हैं। इस देश में अनेकों धर्म, जातियां व अनेकों मान्यताएं भी हैं और इसके साथ ही भारत का इतहास में भी अनेकों रहस्य छिपे हुए हैं जिनसे जुड़े हुए समय को आज भी लोग त्योहारों के रूप में मनाते हैं। भारत में सभी त्योहारों को मनाने का अर्थ मानवता और धर्मों में एकता से जुड़ा है। इन्हीं त्योहारों में एक दीपावली भी है जो हिन्दुओं का सबसे मुख्य त्योहार है और यह पर्व पौराणिक समय को एक बार फिर से उजागर करता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री राम माता सीता के साथ 14 वर्षों तक वन में रहने के बाद अयोध्या वापिस आए थे जिसकी खुशी में वहाँ के लोगों ने घरों में दिए जलाकर दिवाली मनाई थी और उसी दिन को याद करके आज तक लोग इस पर्व को मनाते आ रहे हैं।
जल पड़े हैं दीपक, सार संसार जगमगाए,
लेकर सीता माँ को साथ श्री राम अयोध्या आए।
दीपावली यानि दीपों की अवली मतलब पंक्ति, यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है दीपों से सुसज्जित इसलिए इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में दीये और मोमबत्तियां जलाते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और हर जगह रोशनी रहती है। यह त्योहार कार्तिक महीने की अमावस्या यानि अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है और सुख व समृद्धि स्थापित करने के लिए इस दिन घरों में माँ लक्ष्मी व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि द्वापरयुग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारास रचाई थी जिसके कारण भी इस उत्सव का महत्व बढ़ जाता है।
दीपावली के दिन को निराशाओं पर आशाओं की विजय के लिए याद किया जाता है और इस दिन को प्रकाश व एकता का प्रतीक भी माना जाता है। भारत में दीपावली पारंपरिक तरीके से और मान्यताओं के साथ मनाई जाती है जिसका आर्थिक महत्व भी है। इस दिन लोग सोना–चांदी, गिफ्ट, पटाखे, और इत्यादि चीजें भी खरीदते हैं जिसकी वजह से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इस दिन का महत्व श्री राम भगवान व पांडवों से तो है ही साथ ही आज के दिन ही माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी इसलिए आज के दिन लक्ष्मी जी की भी पूजा होती है।
दीपावली को बच्चे, बड़े व बुजुर्ग भी बहुत उत्साह से मनाते हैं और इस दिन रंगोली प्रतियोगिता, खेल, घरों की साज–सज्जा, मेला और इत्यादि कार्यक्रम भी होते हैं। सभी लोग नहाकर नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे से मिलते व खुशियां बांटते हैं। दीपावली के दिन शाम के समय में परिवार के सभी लोग गणेश भगवान व लक्ष्मी जी की पूजा करने के बाद पूरे घर को दीयों से रोशन करते हैं, लाइट जलाते हैं, रंगोली सजाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और एक साथ मिलकर पटाखे भी जलाते हैं। इस दिन घर के बड़े बच्चों को भी नए कपड़े, मिठाइयां, खिलौने, चॉकलेट्स और अन्य विभिन्न चीजें भी देते हैं।
दीपावली एक धार्मिक उत्सव है और यह हमारे इतिहास से जुड़ा हुआ है जिसकी खुशियां हम आज भी उसी उत्साह से मनाते हैं। इस दिन की खुशियों को बरकार रखने के लिए आप कुछ चीजों का ध्यान रखें, जैसे बच्चों को पटाखों से दूर रखें और अधिक पटाखे न जलाएं ताकि पर्यावरण में प्रदूषण न । इस त्योहार में आप सकारात्मक चीजों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें।
कुमकुम भरे कदमों से पधारी हैं माँ लक्ष्मी,
खुले रखिएगा आप अपने द्वार।
सुख समृद्धि से भरा रहे जीवन,
इस दिवाली मिलें आपको खुशियां अपार।
दीपावली भारत का सबसे बड़ा त्योहार है और इसे लोग 5 दिनों तक मनाते हैं। इस अवसर पर लोगों की छुट्टियां भी होती हैं इसलिए अक्सर शिक्षक अपने छात्रों को दिवाली पर निबंध या कुछ पंक्तियाँ या कविताएं लिखने के लिए कहते हैं।
दिवाली का निबंध हमें हमारी संस्कृति के बारे में जानने और त्योहारों को मनाने के पीछे का कारण बताता है। इसे पढ़कर बच्चा सीख सकता है कि भारतीय पर्वों और मान्यताओं का महत्व क्या है और हमारी ऐतिहासिक, पौराणिक व सांस्कृतिक कहानियां कितनी आशावादी हैं। इतना ही नहीं वह इस निबंध की मदद से अपनी क्षमता के अनुसार एक अच्छा निबंध भी लिख सकेगा।
कार्तिक मास की अमावस्या को सूर्यास्त के बाद लक्ष्मी पूजन करते हैं, इस दिन को बड़ी दिवाली भी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में किसी भी देवता या देवी की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करने का विधान है, उन्हें प्रथम देव माना जाता है।
दीपावली या दिवाली का प्राचीन नाम दीपोत्सव है।
दक्षिण भारत के राज्य केरल में दिवाली का त्योहार बहुत कम जगह मनाया है क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन यहाँ के राजा बलि की मृत्यु हो गई थी।
भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरीशस, सूरीनाम, गयाना और फिजी जैसे देशों के साथ कनाडा, यूके व यूएस के कुछ शहरों में दिवाली का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
स्कूल में निबंध लिखने अलावा आप इसे बच्चों के लिए एक गेम एक्टिविटी भी बना सकती हैं, कैसे? हम आपको बताते हैं। दिवाली के समय बच्चों से ही घर की रौनक होती है और जो लोग शहर में रहते हैं वो त्योहार के समय अपने गाँव और पुश्तैनी घरों को लौट जाते हैं। ऐसे में यह फेस्टिवल ट्रिप उनके बच्चों के लिए यादगार हो, माता–पिता इस बात का ध्यान रखते हैं। आप इस समय को और भी खास बनाने के लिए घर के सभी बच्चों के बीच कॉम्पिटिशन रख सकती हैं कि जो बच्चा सबसे अच्छा निबंध लिखेगा वो विजेता होगा और उसे खास इनाम दिया जाएगा। हालांकि बाकि बच्चों को भी उपहार दें क्योंकि इससे किसी बच्चे को निराशा नहीं होगी और वे बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे।
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