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एक दशक पहले तक ग्रीन टी को कोई नहीं जानता था, लेकिन अब ग्रीन टी को हमारे देश की हर रसोई में एक स्थाई जगह मिल गई है। ग्रीन टी के कई सारे फायदे होते हैं। ऐसे में अगर आप यह सोच रही हैं कि क्या बच्चों को ग्रीन टी का सेवन करवाना अच्छा रहेगा और अगर इसे बच्चों की डाइट में शामिल करना चाहती हैं, तो परेशान न हों, क्योंकि यहां हमने वह सब कुछ बताया है, जिसको जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।
ग्रीन टी दुनिया में, सबसे ज्यादा पिए जाने वाले पेय पदार्थों में से एक मानी जाती है और खासतौर पर जापान और चीन में पाए जाने वाले अनॉक्सिडाइज्ड पत्तों से बनाई जाती है। यह कई एंटीऑक्सीडेंट और दिल को मजबूत बनाने वाले पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए, यह शरीर पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालती है और सबसे हेल्दी ड्रिंक्स में से एक बन जाती है।
बच्चों को ग्रीन टी दी जा सकती है या नहीं, यह उसमें मौजूद कैफीन की मात्रा के साथ बच्चों की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करता है। अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है और बहुत जल्दी थक भी जाता है, तो ऐसे में अपने उसे ग्रीन टी या कोई अन्य चाय का सेवन करने देना सबसे अच्छा ऑप्शन रहेगा। ग्रीन टी आपके बच्चों के सेवन करने के लिए सही है या नहीं, इसके अन्य संकेत हैं अनिद्रा, फोकस करने में समस्या होना और कम समय के लिए ध्यान कर पाना। अगर बच्चे में थोड़ी सी ग्रीन टी पीने के बाद भी ये लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, तो आप उसे ग्रीन टी का सेवन करवा सकती हैं।
बच्चों के लिए ग्रीन टी पीने के निम्नलिखित फायदे हैं।
जो बच्चे ग्रीन टी का सेवन करते हैं, उनमें कैविटी या किसी भी प्रकार के दांतों की सड़न या समस्या होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। ग्रीन टी में मौजूद ‘कैटेचिन्स’ नामक तत्व कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया और सल्फर यौगिकों से लड़कर, सांस की दुर्गंध को उत्पन्न करने वाले कारणों को खत्म कर देता है।
ग्रीन टी में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो फ्लू जैसे इंफेक्शन से लड़ते हैं, लेकिन इसे बच्चों को कभी-कभी ही दिया जाना चाहिए। अपने बच्चे को कभी भी 1 कप से ज्यादा ग्रीन टी न दें।
ग्रीन टी दिल की बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि यह धमनियों में ब्लड क्लॉट जमने से रोकती है। इसके अलावा ग्रीन टी, दिल को पंप करने के लिए जरूरी खून के बहाव को बनाए रखने में मदद करती है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
ग्रीन टी में हाई एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पाई जाती है, जिसमें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने, फ्री रेडिकल्स से लड़कर कैंसर और कई सारी बीमारियों को रोकने वाले गुण पाए जाते हैं। ग्रीन टी मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ, पार्किंसंस जैसे रोग से भी बचने में मददगार साबित होती है।
क्या आप जानती हैं कि आपके बच्चों की हड्डियां मजबूत हों? साइंस स्टडीज के मुताबिक, लंबे समय तक ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से हड्डियों के घनत्व में सुधार आता है और यह ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी को रोकने में कारगर साबित होती है।
जब बच्चों को ग्रीन टी देने की बात आती है, तो इसके फायदों के साथ कुछ नुकसान भी होते हैं। ग्रीन टी के कई दुष्प्रभाव हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं और जिनका इम्यून सिस्टम अविकसित है। इसके निम्नलिखित दुष्प्रभाव हैं:
ग्रीन टी पीने के बाद आपका बच्चा हाइपरएक्टिव हो सकता है। खासकर जो बच्चे कैफीन का सेवन बहुत कम मात्रा में करते हैं, उन्हें ग्रीन टी अति सक्रिय बना सकती है। ग्रीन टी में कॉफी और सोडा पेय की तुलना में कैफीन की मात्रा कम होती है, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने की सलाह नहीं दी जा सकती है। कुछ बच्चों को ग्रीन टी पीने के बाद एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए इसके सेवन से बचना चाहिए।
बच्चों में मेटाबॉलिज्म विकसित हो रहा होता है और यह कैफीन और चीनी को बहुत तेजी से संशोधित करता है। ऐसे में उन्हें ग्रीन टी देने से बचना चाहिए। इसके अलावा कैफीन बच्चे की शारीरिक प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करता है और आपका बच्चा ग्रीन टी पीने के बाद आधी रात तक जागता रह सकता है, यह भी एक और कारण है, इसलिए बच्चों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करवाना चाहिए।
ग्रीन टी में थोड़ी मात्रा में कैफीन पाई जाती है, जिसके सेवन से एसिडिटी की समस्या हो सकती है, साथ ही पेट दर्द और जी मिचलाने जैसी परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।
रक्त में पर्याप्त आयरन न होने की स्थिति को एनीमिया कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रीन टी में टैनिन नामक तत्व पाया जाता है जो रक्त से आयरन के स्रोतों को अवशोषित करके शरीर की क्षमता को कम कर देता है। जिससे पीड़ित व्यक्ति कमजोरी और थकान महसूस करता है।
रोजाना 400 मिलीग्राम से ज्यादा या खाली पेट ग्रीन टी का सेवन करने से आपको उल्टी हो सकती है। ग्रीन टी में टैनिन नामक पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं जो पेट के एसिड को बढ़ाते हैं, जिससे पेट में दर्द, मतली आना, जलन या कब्ज की शिकायत भी हो सकती है।
ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा अधिक होने से शरीर में मौजूद फ्लेवोनोइड्स का अवशोषण होने के कारण आपके ब्लड प्रेशर के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
आपको अपने बच्चों को ग्रीन टी देनी चाहिए या नहीं यह उनकी उम्र पर निर्भर करेगा। उन्हें ग्रीन टी देने से पहले उनकी उम्र, पोषण और गतिविधि के स्तर के बारे में जरूर सोचना चाहिए। आप कई बार ऐसा प्रयोग कर सकती हैं लेकिन ऐसे मामलों को अपने हाथों में लेने से पहले बच्चे के पीडियाट्रिशियन से सलाह लेना हमेशा सबसे बेहतर होता है, खासकर जब बच्चों के पोषण संबंधी बात हो। ग्रीन टी के कुछ नुकसानों को नकारने के लिए आप बिना कैफीन वाली ग्रीन टी को भी आजमा और चुन सकती हैं। कभी-कभी ग्रीन टी पीने से कोई नुकसान नहीं होता है और अगर आपके बच्चे स्वस्थ रहते हैं और ठीक लगते हैं (बिना किसी नुकसान के संकेत दिखाए), तो वो इसका सेवन करते रह सकते हैं।
स्रोत: Livestrong
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