शिशु

बच्चों के लिए राई का तकिया (मस्टर्ड पिलो) – फायदे और इसे घर में कैसे बनाएं

भारत में बच्चे के जन्म से संबंधित बहुत सारी परंपराएं व अंधविश्वास है पर सभी मिथ के अलावा भी इस देश में कुछ प्राचीन विज्ञान समर्थित उपाय व रहस्य हैं जो आज भी काम आते हैं। जन्म के दौरान बच्चे के शरीर में उसका सिर सबसे ज्यादा नाजुक होता है और आसानी से मुड़ भी जाता है। कभी-कभी बर्थ कैनाल से निकलते समय दबाव के कारण बच्चे के सिर का प्राकृतिक आकार बिगड़ जाता है। इसे ठीक करने के लिए आप राई की तकिया का उपयोग कर सकती हैं। यहाँ इस आर्टिकल में मस्टर्ड पिलो का बारे में पूरी जानकारी दी गई है, जानने के लिए पूरा पढ़ें। 

राई की तकिया (मस्टर्ड पिलो) क्या है?

हाल ही में जन्मे बच्चे के लिए राई की तकिया सिर्फ एक मामूली पिलो होती है जिसमें सरसों के बीज या राई भरी जाती है। इसका फैब्रिक बहुत मुलायम व पतला होता है और इसके प्रभाव से बच्चे के सिर का आकार गोल होने में मदद मिलती है। 

बच्चों के लिए राई की तकिए का उपयोग क्यों और कब करना चाहिए?

यदि आप अपने बच्चे के सिर का आकार गोल करना चाहती हैं तो आपको राई की तकिया का उपयोग करना चाहिए। बच्चे के शरीर व सिर की हड्डियां बहुत मुलायम होती हैं और जन्म के बाद 18 महीनों तक यह किसी भी प्रकार से मुड़ सकती हैं जिसकी मदद से आप प्राकृतिक रूप से बच्चे के सिर का आकार गोलाई में ढाल सकती हैं। हालांकि यदि बच्चे के सिर की 2 हड्डियों के बीच का गैप बंद होने लगा है तो इसका फायदा नहीं मिल सकता इसलिए आपको अच्छे परिणामों के लिए शुरूआत से ही इसका उपयोग करना चाहिए। 

बच्चों के लिए घर पर ही राई की तकिया कैसे बनाएं?

बच्चे के लिए राई का तकिया बनाना बहुत आसान है। आप इसे कैसे बना सकती हैं, आइए जानें;

  • सबसे पहले आप राई को अच्छी तरह से धोकर तब तक सुखाएं जब तक इसकी नमी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती है।
  • अब एक मीटर मलमल का कपड़ा लें और उसे गर्म पानी में धोकर सुखा लें। बच्चे के लिए कपड़े व राई को सुखाना बहुत जरूरी है वरना इसमें नमी रह सकती है जिससे तकिए में फंगस या बैक्टीरिया भी हो सकते हैं।
  • आप 10 x 5 इंच का तकिया बनाएं और उसे 3 तरफ से सिल दें और एक साइड खुला रहने दें।
  • आप इसके 3/4 हिस्से में राई भरें और 1/4 गैप रहने दें। तकिए में बहुत ज्यादा राई भर देने से वह काफी कड़क हो सकती है और बहुत कम राई भरने से यह बहुत नर्म हो सकती है इसलिए इसमें बैलेंस बनाए रखने के लिए सही मात्रा में राई भरें।
  • राई भरने के बाद आप तकिए को चौथी तरफ से भी सिल दें। अंत में आप इसे एक बार और चारों तरफ सिल दें ताकि इसका उपयोग बार-बार व ज्यादा दिनों के लिए किया जा सके।
  • आप तकिए में कवर लगाने के लिए थोड़ा ज्यादा मलमल का कपड़ा लें ताकि आप इसे धोकर दोबारा से उपयोग कर सकें।

बच्चों के लिए राई की तकिया के फायदे

बच्चों के लिए राई की तकिया के फायदे निम्नलिखित हैं, आइए जानें;

1. बच्चे के सिर को एर्गोनॉमिक (आकार संबंधी) सपोर्ट मिलता है

राई के तकिए से बच्चे के सिर को प्रभावी रूप से सहारा मिलता है और यह आकार संबंधी सपोर्ट भी देती है। यह तकिया बच्चे के मुलायम सिर के लिए परफेक्ट है और साथ ही इससे बच्चे के सिर का आकार 3- 4 सप्ताह में बिना किसी दबाव व स्ट्रेस के सही हो जाता है। 

2. सिर का मूवमेंट अनुकूल रहता है

राई की तकिया का आकार आसानी से खराब नहीं होता है। वास्तव में इस तकिए की मदद से बच्चे का सिर दाईं ओर या बाईं ओर सही दिशा में रहता है। मस्टर्ड पिलो से बच्चे के सिर का आकार सही रहता है और इससे सिर ज्यादा मुड़ता या टेढ़ा नहीं होता है। 

3. बच्चे के सिर को प्राकृतिक गर्माहट मिलती है

राई या सरसों के बीज में विटामिन्स, मिनरल्स और ऐसे गुण होते हैं जो बच्चे के सिर को प्राकृतिक रूप से गर्माहट पहुँचाते हैं। यदि आपके बच्चे को सर्दी या खांसी है तो मस्टर्ड पिलो की मदद से यह समस्या ठीक हो सकती है। 

4. सिर एक तरफ रखने से दबाव नहीं पड़ता है

राई की तकिया का उपयोग करने से एक और फायदा यह होता है कि सोते समय किसी भी तरफ सिर रखने पर इससे बच्चे के सिर पर दबाव नहीं पड़ता है। कभी-कभी बच्चे को सिर मोड़ने व एक विशेष पोजीशन में सिर रखने की आदत होती है जिससे उसके सिर व गर्दन में दबाव भी पड़ सकता है और सिर का आकार बिगड़ सकता है। पर इस तकिए का उपयोग करने से किसी भी पोजीशन में बच्चे के सिर पर कोई भी दबाव नहीं पड़ता है। सिर के नीचे मस्टर्ड पिलो रखने से सिर की हड्डियों पर दबाव पड़ना मुमकिन नहीं है। 

5. बच्चे के सिर का बिगड़ा हुआ आकार ठीक होता है

यदि बच्चे के जन्म के बाद उसके सिर में कोई समस्याएं हैं, जैसे कोई चोट, बंप्स, डिप्रेशन या बच्चे के सिर का आकार बिगड़ा हुआ है तो राई की तकिया से आपको काफी मदद मिल सकती है। सबसे अच्छी बात यह है कि ये तकिया बच्चे का सिर चपटा होने के खतरे को भी कम करती है। 

यदि आप अपने बच्चे के लिए राई के तकिए का उपयोग कर रही हैं तो आपको उसके सिर की बहुत ज्यादा मालिश नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चे के सर की हड्डियां बहुत कमजोर होती हैं और इसमें अधिक दबाव डालने से बच्चे को हमेशा के लिए हानि हो सकती है। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे का सिर हमेशा राई के तकिए पर ही रखा होना चाहिए। इससे आपको धीरे-धीरे ही सही लेकिन इसके बेहतरीन रिजल्ट्स जरूर दिखाई देने लगेंगे। 

यह भी पढ़ें:

क्या शिशुओं को सुलाने के लिए तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए?

सुरक्षा कटियार

Recent Posts

अ अक्षर से शुरू होने वाले शब्द | A Akshar Se Shuru Hone Wale Shabd

हिंदी वह भाषा है जो हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाती है। बच्चे की…

3 days ago

6 का पहाड़ा – 6 Ka Table In Hindi

बच्चों को गिनती सिखाने के बाद सबसे पहले हम उन्हें गिनतियों को कैसे जोड़ा और…

3 days ago

गर्भावस्था में मिर्गी के दौरे – Pregnancy Mein Mirgi Ke Daure

गर्भवती होना आसान नहीं होता और यदि कोई महिला गर्भावस्था के दौरान मिर्गी की बीमारी…

3 days ago

9 का पहाड़ा – 9 Ka Table In Hindi

गणित के पाठ्यक्रम में गुणा की समझ बच्चों को गुणनफल को तेजी से याद रखने…

5 days ago

2 से 10 का पहाड़ा – 2-10 Ka Table In Hindi

गणित की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए पहाड़े सीखना बेहद जरूरी है। खासकर बच्चों…

5 days ago

10 का पहाड़ा – 10 Ka Table In Hindi

10 का पहाड़ा बच्चों के लिए गणित के सबसे आसान और महत्वपूर्ण पहाड़ों में से…

5 days ago