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हर माता-पिता अपने बच्चे को सभी बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं और इसलिए वे समय समय पर उन्हें टीका भी दिलवाते हैं। लेकिन टीकाकरण के दौरान आप अपने बच्चे को दर्द से रोता देखकर परेशान भी हो जाते होंगे। ऐसे में आप पेनलेस वैक्सीनेशन एक ऑप्शन है जिसके बारे में विचार कर सकते हैं। पेनलेस वैक्सीनेशन एसेलुलर टीके होते हैं, जिनमें कम मात्रा में एंटीजन होते हैं और एक सिरिंज के द्वारा दिए जाते हैं। चूंकि इस टीकाकरण से बच्चों को कम दर्द होता है, इसलिए ये आज के माता-पिताओं के लिए बेस्ट विकल्प बन गए हैं। लेकिन इससे पहले कि आप अपने बच्चे के लिए दर्द रहित टीकाकरण चुनें, आपको यह समझना चाहिए कि ये टीके क्या हैं, और वे प्रभावी हैं या नहीं।
शिशुओं के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में एक हाल ही में किया गया आविष्कार है। पेनलेस टीका एक कॉम्बिनेशन वैक्सीन के रूप में दिया जाता है, जो है DaPT (डिप्थीरिया, एसेलुलर पर्टुसिस और टेटनस)। यह टीका दर्दरहित है या कम दर्द होता है और इंजेक्शन वाले एरिया में सूजन भी नहीं होता है। यह डीपीटी टीका दर्द रहित होने के साथ-साथ उतना ही प्रभावी है जितना कि नॉर्मल टीके।
जैसा कि हाल ही के स्टडीज से पता चला है पेनलेस या दर्द वाले नॉर्मल टीके, दोनों ही समान रूप से प्रभावी हैं। एक दर्द रहित टीका भी डीपीटी और इसके गंभीर रूपों को रोक सकता है। हालांकि, यह बता ध्यान में रखी जानी चाहिए कि कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होता है। यद्यपि टीका लगाया गया बच्चा इम्यून हो सकता है, फिर भी उसके द्वारा अन्य बच्चों को जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिसकी इम्युनिटी कमजोर है उसे यह रोग हो सकता है। ठीक उसी प्रकार, यदि बच्चे की इम्युनिटी कम है, तो उसे भी इन्फेक्शन हो सकता है।
हाँ, पैनल्स टीके बिलकुल सुरक्षित हैं – वे आमतौर पर बच्चों को नॉर्मल टीके के बाद होने वाले बुखार और दर्दनाक सूजन से बचाते हैं।
यहाँ पेनलेस टीकाकरण के कुछ लाभ दिए गए हैं, आइए देखें:
आमतौर पर, बच्चो में पेनलेस टीकों के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। लेकिन, ये टीके पूरी तरह से पेनलेस नहीं होते हैं। यह नॉर्मल टीकों के जैसे ही इंजेक्ट किए जाने पर दर्द देता है, लेकिन टीकाकरण के बाद इसमें दर्द नाममात्र ही रहता है और बुखार की संभावना भी कम होती है। इस टीकाकरण का एकमात्र नेगेटिव पॉइंट यह है कि यह महंगा है। वास्तव में, पेनलेस टीकों की कीमत पेनफुल टीकों की लागत से दोगुनी होती है।
पेनलेस और पेनफुल टीके, दोनों उतने ही प्रभावी हैं। तो आप अपने बच्चे के लिए दोनों में से किसी एक को चुन सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पेनलेस टीके महंगे होते हैं।
प्राथमिक टीकाकरण: यह 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह के उम्र के बच्चों को दिया जाना चाहिए।
बूस्टर शॉट्स: बूस्टर शॉट्स बच्चे को तब दिया जाना चाहिए, जब वह डेढ़ साल और पांच साल का हो जाए।
प्राथमिक टीकाकरण: IAP रेकमेंड करता है कि प्राथमिक टीकाकरण के लिए केवल विशेष परिस्थितियों में ही पेनलेस टीका दिया जाए। कुछ विशेष परिस्थितियां जैसे पिछले पेनफुल टीके के कारण एलर्जी हुआ हो या जब बच्चा न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित हो।
बूस्टर शॉट्स: ये डेढ़ साल और पांच साल की उम्र में कभी भी दिए जा सकते हैं।
नोट: IAP के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, पेनलेस वैक्सीन और पेनफुल वैक्सीन का शेड्यूल एक ही है।
एक माता-पिता होने के नाते, आप सामान्य व पेनफुल वैक्सीन के बाद के होने वाले परिणामों से अपने बच्चे को बचाना चाहते हैं, लेकिन पेनलेस टीके की तुलना में नॉर्मल टीकों के लाभ अधिक हैं। बूस्टर शॉट्स के लिए आप अपने बच्चे को पेनलेस टीके दिला सकते हैं, लेकिन उनकीअच्छी इम्युनिटी के लिए, नॉर्मल टीके दिए जाने चाहिए।
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