शिशु

बच्चों के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन

हर माता-पिता अपने बच्चे को सभी बीमारियों से दूर रखना चाहते हैं और इसलिए वे समय समय पर उन्हें टीका भी दिलवाते हैं। लेकिन टीकाकरण के दौरान आप अपने बच्चे को दर्द से रोता देखकर परेशान भी हो जाते होंगे। ऐसे में आप पेनलेस वैक्सीनेशन एक ऑप्शन है जिसके बारे में विचार कर सकते हैं। पेनलेस वैक्सीनेशन एसेलुलर टीके होते हैं, जिनमें कम मात्रा में एंटीजन होते हैं और एक सिरिंज के द्वारा दिए जाते हैं। चूंकि इस टीकाकरण से बच्चों को कम दर्द होता है, इसलिए ये आज के माता-पिताओं के लिए बेस्ट विकल्प बन गए हैं। लेकिन इससे पहले कि आप अपने बच्चे के लिए दर्द रहित टीकाकरण चुनें, आपको यह समझना चाहिए कि ये टीके क्या हैं, और वे प्रभावी हैं या नहीं।

पेनलेस वैक्सीनेशन क्या है?

शिशुओं के लिए पेनलेस वैक्सीनेशन इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में एक हाल ही में किया गया आविष्कार है। पेनलेस टीका एक कॉम्बिनेशन वैक्सीन के रूप में दिया जाता है, जो है DaPT (डिप्थीरिया, एसेलुलर पर्टुसिस और टेटनस)। यह टीका दर्दरहित है या कम दर्द होता है और इंजेक्शन वाले एरिया में सूजन भी नहीं होता है। यह डीपीटी टीका दर्द रहित होने के साथ-साथ उतना ही प्रभावी है जितना कि नॉर्मल टीके।

क्या पेनलेस टीके वास्तव में प्रभावी हैं?

जैसा कि हाल ही के स्टडीज से पता चला है पेनलेस या दर्द वाले नॉर्मल टीके, दोनों ही समान रूप से प्रभावी हैं। एक दर्द रहित टीका भी डीपीटी और इसके गंभीर रूपों को रोक सकता है। हालांकि, यह बता ध्यान में रखी जानी चाहिए कि कोई भी टीका 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होता है। यद्यपि टीका लगाया गया बच्चा इम्यून हो सकता है, फिर भी उसके द्वारा अन्य बच्चों को जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है या जिसकी इम्युनिटी कमजोर है उसे यह रोग हो सकता है। ठीक उसी प्रकार, यदि बच्चे की इम्युनिटी कम है, तो उसे भी इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या पेनलेस टीके सुरक्षित हैं?

हाँ, पैनल्स टीके बिलकुल सुरक्षित हैं – वे आमतौर पर बच्चों को नॉर्मल टीके के बाद होने वाले बुखार और दर्दनाक सूजन से बचाते हैं।

पेनलेस टीकाकरण के लाभ

यहाँ पेनलेस टीकाकरण के कुछ लाभ दिए गए हैं, आइए देखें:

  • पेनलेस टीकाकरण से बच्चे को नाम मात्रा दर्द होता है।
  • इंजेक्शन वाले एरिया पर सूजन नहीं होता है या बिलकुल नाममात्र होता है।
  • अन्य टीकों के विपरीत, पेनलेस टीके के बाद बच्चे को बुखार होने की संभावना बहुत कम होती है।

बच्चों में पेनलेस टीके के साइड इफेक्ट्स

आमतौर पर, बच्चो में पेनलेस टीकों के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। लेकिन, ये टीके पूरी तरह से पेनलेस नहीं होते हैं। यह नॉर्मल टीकों के जैसे ही इंजेक्ट किए जाने पर दर्द देता है, लेकिन टीकाकरण के बाद इसमें दर्द नाममात्र ही रहता है और बुखार की संभावना भी कम होती है। इस टीकाकरण का एकमात्र नेगेटिव पॉइंट यह है कि यह महंगा है। वास्तव में, पेनलेस टीकों की कीमत पेनफुल टीकों की लागत से दोगुनी होती है।

नॉर्मल वैक्सीन बनाम पेनलेस वैक्सीन

  • DPT (डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस) टीकाकरण का एक पेनफुल रूप है। इसे ‘इजी-फाइव’ या ‘पेंटावैक’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • DaPT (डिप्थीरिया, एकेलुलर पर्टुसिस और टेटनस) टीकाकरण का पेनलेस टीका है और इसे ‘पेंटाक्सिम’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • पेंटाडिक (पेनफुल टीका) डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी और हेपेटाइटिस बी से बचाता है, जबकि पेंटाक्सिम (पेनलेस टीका) हेपेटाइटिस बी को छोड़कर इन्हीं समान बीमारियों से बचाता है।
  • नॉर्मल या पेनफुल टीकाकरण, इंजेक्शन वाले क्षेत्र में सूजन का कारण बनता है और जिसके बाद अक्सर बुखार हो जाता है जबकि पेनलेस टीकाकरण के बाद इतने गंभीर प्रभाव नहीं होते हैं।

पेनलेस या नॉर्मल टीका – कौन है बेहतर?

पेनलेस और पेनफुल टीके, दोनों उतने ही प्रभावी हैं। तो आप अपने बच्चे के लिए दोनों में से किसी एक को चुन सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पेनलेस टीके महंगे होते हैं।

टीकाकरण की पसंद के आधार पर वैक्सीनेशन शेड्यूल

  • इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) के अनुसार, एक सामान्य व पेनफुल वैक्सीन को इस प्रकार दिया जाना चाहिए:

प्राथमिक टीकाकरण: यह 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह के उम्र के बच्चों को दिया जाना चाहिए।

बूस्टर शॉट्स: बूस्टर शॉट्स बच्चे को तब दिया जाना चाहिए, जब वह डेढ़ साल और पांच साल का हो जाए।

  • इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) के अनुसार, एक पेनलेस वैक्सीन को इस प्रकार दिया जाना जाना चाहिए:

प्राथमिक टीकाकरण: IAP रेकमेंड करता है कि प्राथमिक टीकाकरण के लिए केवल विशेष परिस्थितियों में ही पेनलेस टीका दिया जाए। कुछ विशेष परिस्थितियां जैसे पिछले पेनफुल टीके के कारण एलर्जी हुआ हो या जब बच्चा न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित हो।

बूस्टर शॉट्स: ये डेढ़ साल और पांच साल की उम्र में कभी भी दिए जा सकते हैं।

नोट: IAP के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, पेनलेस वैक्सीन और पेनफुल वैक्सीन का शेड्यूल एक ही है।

एक माता-पिता होने के नाते, आप सामान्य व पेनफुल वैक्सीन के बाद के होने वाले परिणामों से अपने बच्चे को बचाना चाहते हैं, लेकिन पेनलेस टीके की तुलना में नॉर्मल टीकों के लाभ अधिक हैं। बूस्टर शॉट्स के लिए आप अपने बच्चे को पेनलेस टीके दिला सकते हैं, लेकिन उनकीअच्छी इम्युनिटी के लिए, नॉर्मल टीके दिए जाने चाहिए।

यह भी पढ़ें:

भारत में शिशुओं और बच्चों के लिए वैकल्पिक और अनिवार्य टीकाकरण
शिशुओं और बच्चों में त्वचा संबंधी एलर्जी

जया कुमारी

Recent Posts

अभय नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Abhay Name Meaning in Hindi

नाम हर व्यक्ति की पहली पहचान होता है, और इसलिए बच्चे के जन्म लेने से…

2 weeks ago

दृश्या नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Drishya Name Meaning in Hindi

क्या आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है या आपके घर में छोटा मेहमान…

2 weeks ago

अरहम नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Arham Name Meaning in Hindi

हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं और हर धर्म के अपने रीति-रिवाज…

2 weeks ago

ज्योत्सना नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Jyotsna Name Meaning in Hindi

हर किसी के लिए नाम बहुत मायने रखता है। जब आप अपनी बेटी का नाम…

2 weeks ago

सारा नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Sara Name Meaning in Hindi

इन दिनों लड़कियों के कई ऐसे नाम हैं, जो काफी ट्रेंड कर रहे हैं। अगर…

2 weeks ago

उर्मिला नाम का अर्थ, मतलब और राशिफल l Urmila Name Meaning in Hindi

बच्चों के प्रति माता-पिता का प्यार और भावनाएं उनकी हर छोटी-छोटी बात से जुड़ी होती…

2 weeks ago