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26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस हर भारतीय का गौरव है। इसी दिन, साल 1950 में भारत का संविधान लागु हुआ था। 26 जनवरी के सेलिब्रेशन में कई एक्टिविटीज की जाती है पर इसमें दी जाने वाली स्पीच का एक अलग ही महत्व है क्योंकि स्पीच से ही इस भव्य आयोजन की शुरूआत होती है और इसमें हमारे देश के संपूर्ण इतिहास का भी वर्णन किया जाता है। स्कूल में अक्सर बच्चों को रिपब्लिक डे के दिन मोटिवेशनल स्पीच तैयार करने के लिए कहा जाता है। बच्चों के लिए एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भाग लेना भी जरूरी है क्योंकि इससे उन्हें पब्लिक स्पीकिंग के डर को खत्म करने में मदद मिलती है और साथ ही रिसर्च करने में, लिखने और स्पीच देने की स्किल्स में सुधार होता है।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागु हुआ था और तब से ही इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के सभी लोग इस दिन को बहुत उत्साह उत्साह और खुशी से सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन को सिर्फ गवर्मेंट ऑफिस ही नहीं बल्कि स्कूल, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और रेजिडेंशियल सोसाइटीज भी सेलिब्रेट करती हैं। 26 जनवरी के स्पीच में बताई जाने वाली जानकारियों की रिसर्च बहुत ध्यान से की जानी चाहिए, इसमें इंस्पिरेशनल बातें होनी चाहिए और साथ ही यह स्पीच ऑडियंस को मोटीवेट भी करनी चाहिए। बच्चों के लिए गणतंत्र दिवस की स्पीच तैयार करने के कुछ टिप्स यहाँ बताए गए हैं, आइए जानें;
यद्यपि आपको गणतंत्र दिवस के बारे में सब कुछ पता है पर फिर भी स्पीच लिखना शुरू करते समय आप इसकी पूरी रिसर्च जरूर करें। इंटरनेट पर कई नई बातें जानकर आपको भी सरप्राइज होगा। यदि बच्चा कम्प्यूटर चलाना जानता है तो आप उसे खुद से रिसर्च करने दें और स्पीच लिखने में उसकी मदद करें।
स्पीच कितनी लंबी होनी चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्पीकर को बोलने के लिए कितना समय दिया गया है। समय के अनुसार ही स्पीच तैयार करें।
ऑडियंस और जगह पर निर्भर करता है कि स्पीच का फॉर्मेट कैसा होना चाहिए। निम्नलिखित जानकारी से आपको स्पीच का फॉर्मेट बनाने में काफी मदद मिलेगी, आइए जानें;
बच्चे को स्पीच लिखने दें, उसे अपनी राइटिंग में ही उपयोगी और महत्वपूर्ण इंस्ट्रक्शन को मार्क करने दें। इससे बच्चे को पता होगा कि स्पीच देते समय उसे किस चीज पर ध्यान देना है और वह कम्फर्टेबल होगा।
स्पीच के कुछ फैक्ट्स बच्चे स्टेज पर भूल सकते हैं या कंफ्यूज भी हो सकते हैं। इसलिए आप स्पीच में दिए गए फैक्ट्स व नाम याद करने में बच्चे की मदद करें। उसे फैक्ट्स से संबंधित पूरी हिस्ट्री बताएं क्योंकि पूरी कहानी बताने से बच्चे के लिए यह स्पीच इंट्रेस्टिंग होगी और उसे याद रखने में भी आसान होगा।
यदि बच्चा ठीक से स्पीच नहीं दे पा रहा है तो आप बच्चे को डेमो देकर उसकी मदद करें। उसे बताएं कि स्पीच कैसे दी जाती है, कहाँ पर उसे रुकना है और आवाज में किस प्रकार से उतार-चढ़ाव करना चाहिए आदि।
ऑडियंस के सामने स्पीच देने से पहले आप बच्चे को कई बार इसकी प्रैक्टिस कराएं। जब बच्चा स्पीच के लिए जानकारियों की रिसर्च कर रहा हो तो आप परिवार से किसी को उसकी मदद करने के लिए कह सकते हैं। स्पीच देने से बच्चे में पब्लिक स्पीकिंग का डर खत्म होता है और उसमें आत्मविश्वास बढ़ता है।
यदि बच्चे को अनुमति मिलती है तो उसे पोस्टर या स्लाइड आदि का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से उसकी स्पीच और भी आकर्षक बन सकती है, और अहम बिंदुओं पर जोर डालने में मदद मिल सकती है।
अपने बच्चे को स्पीच में गणतंत्र दिवस से जुड़े महापुरुषों के उद्धरण यानी कोट्स या किस्से–कहानी का उपयोग करने का सुझाव दें। इनकी मदद से उसका भाषण अधिक प्रभावशाली और यादगार बन सकता है।
अपने बच्चे को यह व्यक्त करने के लिए कहें कि गणतंत्र दिवस के बारे में उसकी अपनी क्या भावनाएं हैं और उसके लिए यह क्या मायने रखता है। ये व्यक्तिगत विचार भाषण को प्रभावशाली और दर्शकों से जुड़ाव बनाने में काम आ सकते हैं।
अब आपको पता है कि आप अपने बच्चे के लिए रिपब्लिक डे पर स्पीच कैसे तैयार कर सकते हैं। यहाँ पर स्पीच के कुछ सैंपल भी दिए गए हैं जिनसे आपको काफी मदद मिल सकती है, जानने के लिए आगे पढ़ें।
नमस्कार!
आदरणीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आप सभी का इस भव्य आयोजन में स्वागत है। मैं अपने शिक्षकों का धन्यवाद देना चाहुंगा कि उन्होंने मुझे इस विशेष दिन पर अपने विचार व्यक्त करने का मौका दिया है। आज हम सभी भारतीय इतिहास के मुख्य दिन, गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।
भारत में पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 में तब मनाया गया था जब डॉ. बी आर अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान आधिकारिक रूप से लागु किया गया था। इस दिन हमारे देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राजपथ, नई दिल्ली में हजारों लोगों के सामने तिरंगा लहराया था।
तब से आज तक भारत में गणतंत्र दिवस मनाने की प्रथा चली आ रही है और राजपथ, नई दिल्ली में आज भी देश के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा लहराया जाता है व सभी मिलकर राष्ट्रगान गाते हैं। तिरंगा लहराने का समारोह व राष्ट्रगान पूरा होने के बाद गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड होती है और साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों की ऐतिहासिक परंपराओं का प्रदर्शन किया जाता है जिससे राजपथ की भव्यता अधिक बढ़ती है।
हालांकि, इस दिवस का वास्तविक आकर्षण भारतीय सेना का साहसिक और सुयोग्य प्रदर्शन है जिससे मेरा दिल गर्व से भर जाता है।
इस भव्य आयोजन में पदक समारोह भी होता है जो सच में हम सभी के दिल को प्रसंशा व प्रेरणाओं से भर देता है। आज के दिन बहादुरी के लिए परमवीर चक्र, वीर चक्र और महावीर चक्र जैसे पदकों से उन साहसी सेनानियों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने हमारी सुरक्षा के लिए अपनी जान को जोखिम में डाला है।
इस दिन बच्चों की बहादुरी को भी प्रोत्साहित किया जाता है और साहस व निस्वार्थ त्याग के लिए उन्हें भी राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
आज हम सब भी कुछ पलों के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के उन त्यागों को याद करते हैं जिनकी वजह से हमारी पहचान बनी हुई है। ऐसे वीर जवानों को मेरा शत-शत नमन।
अंत में एक बार फिर से मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि आप सभी ने मुझे अपने देश के बारे में कुछ शब्द कहने का मौका दिया है। जय हिन्द!
जय भारत!
आदरणीय शिक्षकों और प्रिय साथियों, आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात। मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता/चाहती हूं कि आपने मुझे अपने समक्ष बोलने का मौका दिया।
जैसा कि आप जानते हैं, आज हम सभी अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक ‘गणतंत्र दिवस’ का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। इस साल 26 जनवरी, 2024 को भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है, जो पहली बार 26 जनवरी, 1950 को मनाया गया था जब देश का संविधान लागू हुआ था।
1947 में जब भारत आजाद हुआ उस दौरान हमारा अपना कोई संविधान नहीं था, बल्कि अंग्रेजों की सरकार द्वारा बनाए गए नियम और कानून का पालन होता था। 26 नवंबर, 1949 को डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता वाली समिति ने भारतीय संविधान प्रस्तुत किया, जो आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।
यह दिन हमें सत्याग्रह आंदोलन से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक देश की आजादी के लिए हुई लड़ाईयों और कठिनाइयों की याद दिलाता है। इस दौरान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कभी उम्मीद नहीं हारी और हमें पूर्ण स्वराज दिलाने के लिए अपनी जान का बलिदान दिया। उन्हीं वीर सेनानियों के कारण हमारे पास लोकतांत्रिक सरकार, मौलिक अधिकार और सर्वोच्च राज्य है और यह आज स्वतंत्र भारत कहलाता है। हमारा संविधान जिस विविधता, समानता और भाईचारे की बात करता है, वही हमें भारत का हिस्सा बनाता है।
हर साल राजपथ पर जश्न मनाया जाता है। इस भव्य उत्सव में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सम्मानित विदेशी अतिथियों सहित देश के सम्मानित लोग भाग लेते हैं। इस दिन की बड़ी खासियत औपचारिक परेड होती है जो राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट तक जाती है। इस प्रतिष्ठित दिन पर, हमारे सुरक्षाबलों की रेजिमेंट अपनी आधिकारिक वेशभूषा में मार्च करती हैं, भारतीय वायु सेना अपनी संपत्ति और सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा का प्रदर्शन करती है और अपने देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले शहीदों को पुरस्कार दिए जाते हैं।
मैं अपना भाषण उन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देकर समाप्त करना चाहूंगा/चाहूंगी जिन्होंने इस लोकतांत्रिक राष्ट्र के खड़े होने के लिए अपना बलिदान दिया। एक और चीज जो हम सब मिलकर अपने देश के लिए कर सकते हैं वह यह है कि हम सभी जिम्मेदार नागरिक बनें ताकि हम अपने देश को एक बेहतर जगह बना सकें।
जय हिन्द।
धन्यवाद।
यहां मौजूद सभी लोगों को मेरा नमस्कार!
आज, गणतंत्र दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसकी महत्ता के बारे में बताते हुए मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है। 26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपना संविधान अपनाया था जो देश के एक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक था। यह दिन एक लोकतांत्रिक और प्रगतिशील देश बनने की दिशा में हमारी यात्रा का अहम प्रतीक है।
हमारा संविधान एक सम्मानित और पावन दस्तावेज है जो हमारे देश के शासन की रूपरेखा तैयार करता है। हमारे देश के संविधान में हर एक नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। गणतंत्र दिवस हमें आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। उनकी बहादुरी और बुद्धिमत्ता ने हमारे देश की नियति को एक बेहतर आकार दिया है।
आइए राजपथ पर भव्य परेड देखते हुए हम हमारे देश की विविधता में एकता और इससे देश को मिलने वाली ताकत को याद करें। आज हम सभी अपने संविधान में लिखे मूल्यों को बनाए रखने और राष्ट्र की वृद्धि और विकास में योगदान देने की प्रतिज्ञा करते है।
आइए इस दिन को गर्व और सम्मान के साथ मनाएं।
जय हिन्द!
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों,
आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात। आज, मैं गणतंत्र दिवस पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए यहां खड़ा/खड़ी हूं। यह एक ऐसा अवसर जो हर भारतीय के दिल को गर्व और देशभक्ति से भर देता है। इसी दिन 1950 में भारत अपने संविधान के साथ एक गणतंत्र राज्य बना था।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर जैसे महान और दूरदर्शी व्यक्ति द्वारा तैयार किया गया हमारा संविधान लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समानता के आदर्शों का एक प्रमाण है। यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बेहतर भविष्य की अपेक्षाओं को दर्शाता है। गणतंत्र दिवस केवल परेड और समारोह का दिन नहीं है बल्कि यह हमारे देश के वीरों की विरासत को याद करने और उन्हें सम्मान देने का दिन है।
हम, भारत के युवा, इस महान राष्ट्र का आने वाला भविष्य हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने संविधान के सिद्धांतों को कायम रखें और भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे आगे ले जाने की दिशा में काम करें। आइए, देश की प्रगति में योगदान देकर हम एक जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प लें।
आइए हम सभी एक साथ इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाएं और मातृभूमि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करें।
जय हिन्द!
माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों
आज हम सभी गणतंत्र दिवस मनाने के लिए एक साथ एकत्रित हुए हैं, ये दिन हमें उन सभी लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने देश के संविधान को बनाने के लिए अपने आप को पूरी तरह से समर्पित किया। इस दिन हमने संविधान को अपनाया था, जिसकी वजह से आज हमारा देश एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहा रहा है।
गणतंत्र दिवस हमारे समृद्ध इतिहास और हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए संघर्षों की याद दिलाता है। इस दिन हमें उन सभी व्यक्तियों को याद करना चाहिए जिन्होंने देश के संविधान को बनाने के लिए दिन रात मेहनत की ताकि हमारे देश के नागरिक उनके मौलिक अधिकारों से वंचित न रहें। हमारा संविधान न केवल देशवासियों के अधिकारों की रूपरेखा बताता है बल्कि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समानता के आदर्शों को भी जीवित रखता है। यह हम नागरिकों को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के साथ सशक्त बनाता है और देशभक्ति व भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है।
आइए इस महत्वपूर्ण दिन को मनाते हुए हम उन बहादुर सैनिकों के त्याग को भी याद करें जो देश और हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात सीमाओं पर डटे रहते हैं। उनका अटूट समर्पण और साहस हमें देश के विकास और कल्याण में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
इसके साथ ही, गणतंत्र दिवस हम जैसे युवाओं के लिए एक भेंट है। यह दिन हमें हर वक्त यह अहसास दिलाता है कि देश का आने वाला भविष्य हमारे हाथों में है। हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने, देश के कानूनों का पालन करने और देश की विविधता को संजोने प्रयास करना चाहिए जिसकी वजह से हमारा भारत हर मायने में खास बन सके। हमें अपने देश के नायकों से प्रेरणा लेनी चाहिए और भारत को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर स्थान बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
अंत में, आइए हम अपने संविधान में लिखे मूल्यों के प्रति खुद को फिर से समर्पित करते हुए इस गणतंत्र दिवस को गर्व और खुशी के साथ मनाएं। आइए मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो मजबूत, समावेशी और समृद्ध हो और साथ ही हमारे दिलों में एकता और भाईचारे की भावना को जीवित रखे।
जय हिन्द!
तो ये थे हिंदी में गणतंत्र दिवस पर भाषण के कुछ सैंपल जिनसे आप बच्चों को स्पीच तैयार करते समय मदद ले सकते हैं। ये भाषण न केवल बच्चे को इस अवसर पर सबके सामने अच्छा बोलने में मदद करेंगे बल्कि भारत के प्रति गर्व का अहसास दिलाएंगे।
गणतंत्र दिवस पर भाषण देना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके द्वारा हम देश के संविधान को सम्मान देते हैं, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और राष्ट्र की प्रगति और आकांक्षाओं को प्रस्तुत करते हैं।
आमतौर पर गणतंत्र दिवस के भाषण में उस दिन का संक्षिप्त इतिहास, स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता, संविधान का महत्व और देश की एकता, प्रगति और देशभक्ति का संदेश होना चाहिए।
बच्चे भाषण देकर, स्कूल के कार्यक्रमों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर और इस खास दिन के इतिहास के महत्व को जानकर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हो सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के भाषण की लंबाई अलग-अलग हो सकती है, लेकिन स्कूल के कार्यक्रमों या औपचारिक समारोहों के लिए, यह आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर लगभग 5-10 या अधिकतम 15 मिनट तक होती है। एक छोटा भाषण लगभग 10 पंक्तियों का हो सकता है।
हम आशा करते हैं कि ऊपर बताए हुए टिप्स से रिपब्लिक डे पर स्पीच तैयार करने में आपके बच्चे को मदद मिलेगी और वह आत्मविश्वास के साथ यह पूरा भी करेगा। एक अच्छी लिखी हुई स्पीच को ठीक से बोलने पर ऑडियंस के अंदर भी देशभक्ति की भावना जागृत होती है। और जब आपने पूरे दिल से स्पीच तैयार करने में बच्चे की मदद की है तो वह जरूर अच्छा परफॉर्म कर पाएगा व उसे गर्व भी होगा और साथ ही पूरी ऑडियंस तालियों से उसका हौसला बढ़ाएगी।
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