बच्चे के लिए रूट कैनाल – क्या आपके बच्चे को इसकी जरूरत है?

बच्चे के लिए रूट कैनाल - क्या आपके बच्चे को इसकी जरूरत है?

आमतौर पर चोट लगने या दांतों में सड़न होने की वजह से वयस्कों को रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाने की सलाह दी जाती है, ताकि आगे होने वाले नुकसान को रोका जा सके। यह उपचार दांतों के कई तरह के दर्द और परेशानी को सही करने का प्रभावी और सुरक्षित तरीका है। लेकिन अगर किसी बच्चे को दांतों की कोई समस्या है, तो आप यह जरूर सोचेंगी कि क्या रूट कैनाल करवाने की जरूरत है या नहीं, क्योंकि बच्चों के दूध के दांत होते हैं और वह ज्यादातर अपने आप ही गिर जाते हैं। यदि संभव हो तो बच्चे के दांतों का रूट कैनाल नहीं करवाएं, बल्कि किसी डॉक्टर द्वारा सिर्फ वो दांत निकलवा लें जो परेशानी दे रहे हैं।

एंडोडोंटिक रूट कैनाल ट्रीटमेंट क्या है? 

रूट कैनाल, दांत का वो खोखला हिस्सा होता है जिसमें ब्लड वेसल, नर्व टिश्यू और अन्य कोशिकाएं एक साथ मौजूद होती हैं। वैसे रूट कैनाल को दूसरी भाषा में पल्प भी कहा जाता है। दांतों का वह उपचार जिसमें रूट कैनाल से संबंधित काम किया जाता है, उसे एंडोडोंटिक थेरेपी कहा जाता है। एंडोडोंटिक एक ग्रीक शब्द है जिसमें ‘एंडो’ का अर्थ ‘अंदर’ और ‘डोंटिक’ का अर्थ ‘दांत’ है।

यदि आपके बच्चे के दांत में इंफेक्शन हो गया है या चोट लग गई है, तो आप उस दांत को डॉक्टर से रूट कैनाल द्वारा सही करवा सकती हैं। आम धारणा के विपरीत, रूट कैनाल उपचार से दर्द नहीं होता है, बल्कि यह दर्द को कम जरूर करता है।

क्या रूट कैनाल बच्चों के लिए सुरक्षित है? 

आपको बता दें कि रूट कैनाल का इलाज बच्चों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, आप अपने बच्चे पर रूट कैनाल प्रक्रिया के दौरान उसके तकनीकों और डेंटिस्ट के उपकरणों के प्रकार के बारे में डेंटिस्ट से जानकारी ले सकती हैं। साथ ही यह भी जान सकती हैं कि किस उपकरण का इस्तेमाल कब होगा और अपने बच्चे के लिए बेफिक्र हो सकती हैं। 

आपके बच्चे का रूट कैनाल कराने की जरूरत के संकेत 

रूट कैनाल उपचार आमतौर पर बड़ों के लिए होता है। लेकिन कुछ मामलों में बच्चों पर भी यह उपचार कराया जा सकता है।

1. लक्षण जो आप देख सकती हैं

  • अगर बच्चा दांत दर्द की शिकायत कर रहा है, उस पर ध्यान दें क्योंकि यह इंफेक्शन का सबसे पहला संकेत होता है।
  • रूट कैनाल का दर्द या तो बिल्कुल नहीं होगा या फिर बहुत तेज दर्द महसूस होगा। बच्चे को ठंडे या गर्म खाने के प्रति सेंसिटिविटी होगी।
  • मसूड़ों में होने वाली सूजन पर भी ध्यान दें।
  • बच्चे के मुंह में पस दिखना। 
  • बच्चे को बुखार आ सकता है। 
  • उसके लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं।

2. लक्षण जो डेंटिस्ट नोटिस करते हैं 

  • टिश्यू का नरम होना। 
  • दांतों का रंग गहरा या खराब होना।
  • एक जैसे दांत नहीं होना।
  • संक्रमित दांत से पानी जैसा कुछ निकलना।

3. लक्षण जो टेस्ट द्वारा पता चलते हैं

  • इस दौरान डॉक्टर पर्क्यूशन नाम का एक टेस्ट करते हैं, इसमें डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मरीज को दांत में कितना दर्द है। इसके लिए वह मेडिकल उपकरण के साथ दांत पर हल्के से मार कर चेक भी करते हैं।
  • आपके दांतों का एक्स-रे लिया जाता है, जिससे छुपे हुए इंफेक्शन के बारे में जानकारी मिल सके। 

लक्षण जो टेस्ट द्वारा पता चलते हैं

रूट कैनाल के लिए बच्चे को तैयार करने के टिप्स

रूट कैनाल के बारे में सुनते ही बच्चे परेशान हो सकते हैं। अगर रूट कैनाल की प्रकिया को टाला नहीं जा सकता है, तो कम से कम आप अपने बच्चे को इसके लिए तैयार जरूर कर सकती हैं। अपने बच्चे को रूट कैनाल के लिए तैयार करने के लिए नीचे दिए टिप्स को फॉलो करें:

  • जितना हो सके अपनी चिंता को अपने बच्चे पर हावी न होने दें।
  • बच्चे को प्यार से इसके कारण और प्रक्रिया के बारे में बताएं ताकि वह मानसिक रूप से तैयार हो सके। 
  • अपने बच्चे को समझाएं कि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा और जल्द ही यह खत्म हो जाएगी।

परमानेंट दांत वाले बच्चों के लिए रूट कैनाल

जी हाँ, जिन बच्चों के परमानेंट दांत है और उन्हें दांतों का किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो ऐसे में वे बच्चे रूट कैनाल करवा सकते हैं। क्योंकि अगर सही से इलाज नहीं किया गया तो इंफेक्शन बच्चे के दांतों को स्थाई तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, यदि आप अपने बच्चे में इनमें से किसी भी लक्षण को देखती हैं जैसे, दांत का तेज दर्द, दांतों की सेंसिटिविटी, टूटे हुए दांत से नर्व या जड़ का दिखना, तो तुरंत डेंटिस्ट की मदद लें।

दूध के दांतों का रूट कैनाल ट्रीटमेंट 

दूध के दांतों के लिए रूट कैनाल का ट्रीटमेंट करवाना बड़ी बात नहीं है। बेबी टीथ आपके बढ़ते हुए बच्चे के बोलने और उसके खाने के लिए बेहद जरूरी हैं। बच्चे के दूध के दांत अक्सर आने वाले परमानेंट दांतों के लिए जगह बनाकर रखते हैं, ताकि जब वह टूटे तो परमानेंट दांत सही से अपनी जगह ले सके। दूध के दांतों के लिए रूट कैनाल करवाना जरूरी माना जाता है, ताकि वह परमानेंट दांतों तक इंफेक्शन को फैलने से रोक सके। 

क्या बेबी रूट कैनाल ट्रीटमेंट बच्चों के लिए जरूरी है या इससे बचना चाहिए? 

हर एक दांत की तकलीफ दूसरे से अलग होती है और उसको सही करने की प्रक्रिया भी अलग होती है। ऐसे मामले में डेंटिस्ट आपके बच्चे की दांतों की स्थिति की जांच करने के बाद आपको सबसे अच्छी सलाह दे सकते हैं और यह भी बता सकते हैं कि किस प्रकार की प्रक्रिया की इसमें जरूरत है। यदि बच्चा दांत में दर्द की शिकायत करता है या आप उसके मुंह में इंफेक्शन के कोई लक्षण देखती हैं, तो अपने डेंटिस्ट के साथ तुरंत अपॉइंटमेंट लें और बच्चे को जांच के लिए ले जाएं। यदि डॉक्टर जांच करने पर यह महसूस करते हैं कि बच्चे के दांत को सही किया जा सकता है और बेबी रूट कैनाल के साथ इसका इलाज सफल रहेगा, तो वह इसे जरूरी उपचार की तरह ही आपको बताएंगे।

बच्चों के दांतों को बचाने के वैकल्पिक इलाज 

यहां वैकल्पिक उपचार के कुछ तरीकों के बारे में बताया गया है, जो दांतों को बचाने में मदद कर सकते हैं:

1. इनडायरेक्ट पल्प ट्रीटमेंट 

आपको बता दें कि हर दांत में एक नरम पल्प जैसा होता है जो उसकी नसों और खून के वेसल्स में भरा होता है। यदि आपके बच्चे का इंफेक्शन पल्प तक पहुंच जाता है, तो उसे हल्का दर्द और दांत में सेंसिटिविटी महसूस होगी। ऐसी हालात में, डेंटिस्ट इनडायरेक्ट पल्प ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करके बच्चे के दांतों के सड़े हुए हिस्से को जितना हो सके निकाल देते हैं वह भी बिना पल्प को नुकसान पहुचाए। लेकिन कभी-कभी डेंटिस्ट पल्प को सुरक्षित रखने के लिए कुछ मात्रा में सड़े हुए हिस्से को छोड़ भी देते हैं।

2. पल्पॉटोमी

अगर बच्चे की पल्प की सड़न उसके दांत के ऊपरी हिस्से यानी कि उसके कैप को कवर कर रही है, तो ऐसे में डेंस्टिस्ट पल्पोटॉमी उपचार लेने को कहते हैं। पल्पोटॉमी ट्रीटमेंट में दांतों के कैप तक पहुंचने वाली सड़न को निकाला जाता है साथ ही बचे हुए टिश्यू का दर्द कम होता है और दांत के आस-पास के हिस्से को स्टरलाइज करके फिर से दांत को सील कर दिया जाता है।

हर बच्चे को दांतों के मामले में अलग-अलग तरह का अनुभव होता है। हो सकता है कि आपके बच्चे को रूट कैनाल के केवल कुछ ही लक्षणों का अनुभव हो। इसलिए, ऐसे में अपनी मन की बात पर भरोसा करें और अगर आपको लगता है कि बच्चे के दांत में कुछ गलत है, तो डॉक्टर को दिखाएं ताकि उसे बेहतर इलाज मिल सके। 

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