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शिशु जो भोजन करता है, वह बड़े होने पर उसकी आहार संबंधी आदतों को प्रभावित करता है। यह माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे को उसकी उम्र के अनुसार सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं। यद्यपि अक्सर ऐसा कर पाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि बच्चे आमतौर पर खाने में बहुत नखरे करते हैं। भोजन के दौरान बच्चों के उधम से निपटने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि सही खाद्य पदार्थों का चुनाव किया जाए और इस ढंग से पकाया जाए ताकि उनके स्वादिष्ट व्यंजन बने । शकरकंद ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ है। यदि आप बच्चे को ठोस आहार देना शुरू कर रही हैं, तो शकरकंद एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
शकरकंद पौष्टिक होने के साथ-साथ बहुत स्वादिष्ट भी होते हैं, इससे वे आपके शिशु के पहले आहार के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। ये खाने में भरपूर क्रीमी होते हैं इसलिए शिशु आमतौर पर इसे पसंद करते हैं।
आप छह महीने की उम्र से अपने शिशु को शकरकंद देना शुरू कर सकती हैं। शिशु को इसकी प्यूरी बनाकर दें ताकि वह आसानी से इसे खा सके। लगभग आठ महीने का होते-होते वह इसे मैश किया हुआ अथवा चावल या ओट्स के साथ खा सकेगा।
पोषक तत्व | प्रति 100 ग्राम की मात्रा में |
प्रोटीन | 1.6 ग्राम |
ओमेगा 6 | .01 ग्राम |
फाइबर | 3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 20.1 ग्राम |
कैलोरी | 86 |
स्रोत: https://www.healthline.com/nutrition/foods/sweet-potato#section1
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से शकरकंद के बहुत सारे फायदे हैं। आपके शिशु को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
फाइबर का एक अच्छा स्रोत होने के नाते, शकरकंद शिशु को कब्ज नहीं होने देता और आहार पथ को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जिससे दृष्टि में सुधार होता है। शकरकंद में पर्याप्त मात्रा में बीटा-कैरोटीन भी मौजूद होता है और आवश्यक दैनिक मात्रा से 100% से भी अधिक विटामिन ए मौजूद होता है।
शकरकंद में ढेर सारा विटामिन सी और ई मौजूद होता है, जो आपके शिशु की इम्युनिटी को मजबूत करता है, जिससे उसे सामान्यतः होने वाले सर्दी-जुकाम या संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। यह उसकी त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा है।
यह उच्च कैलोरी वाला एक स्वास्थ्यकर भोजन है जो शिशुओं का वजन बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। शिशुओं का वजन बढ़ना आवश्यक है, और आपके बच्चे के शारीरिक विकास में मदद करने के लिए शकरकंद बिल्कुल सही विकल्प है।
यह कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है और यह दोनों ही शिशुओं और बच्चों के वृद्धि व विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आयरन एनीमिया से बचाव के लिए आवश्यक है।
पालक और गाजर जैसी अन्य सब्जियों की तुलना में शकरकंद खाने से होने वाले दुष्प्रभाव काफी कम हैं। ये आमतौर पर शिशुओं में एलर्जी का कारण नहीं बनते हैं, और यही कारण है कि शिशु का दूध छुड़ाने के लिए अधिकांशतः शकरकंद अथवा शकरकंद आधारित प्यूरी बेबी फूड सुझाए जाते हैं। हालांकि संभावना है कि आपके शिशु को शकरकंद से एलर्जी हो सकती है, इसलिए उल्टी, चकत्ते और दस्त जैसे लक्षणों पर नज़र रखें। अगर उसे शकरकंद अच्छा नहीं लगेगा तो उसे इससे गैस की समस्या हो सकती है और इस वजह से वे इसे उगल देंगे।
शकरकंद को चुनने और संग्रहित करने के कुछ सर्वोत्तम तरीके यहाँ दिए जा रहे हैं:
ऑर्गनिक ढंग से उगाई गई सब्जियां खरीदना सबसे अच्छा होता है क्योंकि इससे आपको शकरकंद पर मौजूद कीटनाशकों के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। शकरकंद औसत आकार का होना चाहिए और इसका छिलका ठोस और चिकना होना चाहिए। ऐसे शकरकंद न चुनें जो अत्यधिक नर्म हों, जिनमें भूरे रंग के धब्बे हों, छेद हों या फिर उनमें से पानी निकल रहा हो, क्योंकि वे खराब हो सकते हैं। याद रखें, शकरकंद का रंग जितना गहरा होता है, उसमें उतनी ही अधिक मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं।
शकरकंद को रेफ्रिजरेटर में रखना आवश्यक नहीं है, इन्हें कमरे के तापमान पर संग्रहित किया जा सकता है। यदि कमरे के तापमान पर संग्रहित किया जा रहा है, तो एक सप्ताह के भीतर इसका उपयोग कर लेना चाहिए। यदि आप इन्हें एक नम और अंधेरी जगह में जैसे किसी तहखाने में या अंधेरी और नमीयुक्त पेंट्री में संग्रहीत करते हैं, तो आप इन्हें एक महीने तक भी रख सकते हैं। इससे अधिक समय तक इन्हें बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।
अपने बच्चे के लिए खाना बनाते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फलों और सब्जियों को छीलने या काटने से पहले अच्छी तरह से धो लें। ध्यान से शकरकंद का छिलका हटा दें ताकि खाते समय यह नर्म और क्रीमी बना रहे। कई विधियां हैं जिनका उपयोग करके आप अपने बच्चे के लिए शकरकंद के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर सकती हैं। शकरकंद युक्त बेबी फूड कैसे बनाएं:
आपने शकरकंद को पकाने के विभिन्न तरीके पढ़े, अब आपके बच्चे के लिए इसे रुचिकर बनाने हेतु कुछ सरल व्यंजन विधियां जानिए।
गाजर के साथ मिश्रित होने के नाते यह डिश विटामिन ए से भरपूर होती है और दृष्टि में सुधार करती है।
सामग्री:
विधि:
शकरकंद को मैश करें ताकि शिशु आसानी से इसे निगल सके।
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विधि:
यह सूप प्रोटीन से भरपूर होता है और आपके बच्चे के शारीरिक विकास में सहायक है।
सामग्री:
विधि:
फाइबर से भरपूर यह डिश कब्ज नहीं होने देती।
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विधि:
केले में भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है जो आपके शिशु की इम्युनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है।
सामग्री:
विधि:
जैसा कि हमने अभी देखा, शकरकंद आपके शिशु के प्रथम आहार के लिए एक शानदार विकल्प है। यह एक प्राकृतिक मल्टीविटामिन और एंटीऑक्सिडेंट है और आपके शिशु को कई लाभ प्रदान करता है। शकरकंद को फ्रीज भी किया जा सकता है, इसलिए इन व्यंजनों को तैयार करके फ्रीज किया जा सकता है जिससे बाद में भी इनका इस्तेमाल किया जा सके। बच्चों के लिए शकरकंद की ढेर सारी फूड रेसिपी हैं जैसे कि शकरकंद और सेब की प्यूरी, शकरकंद और मटर, शकरकंद और बटरनट स्क्वैश और भी बहुत कुछ। तो अपने शिशु के लिए शकरकंद बनाने में संकोच न करें। यह स्वादिष्ट भी है और स्वास्थ्यप्रद भी!
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