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सीने में वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता है! यदि आपके बच्चे को सीने में दर्द हो रहा है, तो यह संभवतः दिल के दौरे से जुड़ा हुआ न हो। बच्चे नेचुरल कारणों से दिल के दौरे का अनुभव करने के लिए बहुत छोटे होते हैं, जब तक कि वे किसी बीमारी से पीड़ित न हों। बच्चों में सीने में दर्द आमतौर पर मस्कुलोस्केलेटल कारणों और कभी-कभी हृदय या अन्य कारणों से जुड़ा होता है। इस लेख में, हम नीचे इस बारे में चर्चा करेंगे, और आप उन्हें ठीक करने या राहत प्रदान करने के लिए क्या कर सकती हैं, यह भी बताएंगे।
बच्चों के सीने में होने वाले दर्द के प्रकार
बच्चों को सीने में दर्द या पसलियों और ब्रेस्टबोन के बीच बढ़ते दर्द की शिकायत सात साल से टीनएज के बीच होती है। यह एक आम समस्या है। सीने में यह दर्द ज्यादातर वायरल बीमारी, तनाव या ज्यादातर मामलों में मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं से जुड़ा होता है। सीने में दर्द के दो सबसे आम रूप हैं नॉन-कार्डियक और कार्डियक चेस्ट पेन।
1. नॉन-कार्डियक चेस्ट पेन
नॉन-कार्डियक चेस्ट पेन वह दर्द है जो हृदय से जुड़ा नहीं है। आमतौर पर, यह वह दर्द होता है जो छाती में चोट लगने या छाती के बल गिरने के कारण होता है। यह दर्द हानिरहित है और समय के साथ दूर हो जाता है या डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों से ठीक हो जाता है।
2. कार्डियक चेस्ट पेन
कार्डियक चेस्ट पेन हार्ट अटैक की और एओर्टा के फटने जैसी फैमिली हिस्ट्री से जुड़ा हुआ है। इस तरह का दर्द खतरनाक होता है, और इसके लक्षण नोटिस होने पर तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
आपको अपने बच्चे के सीने में दर्द को लेकर कब चिंता करनी चाहिए
यदि आपके बच्चे के सीने में दर्द बढ़ रहा है और बुखार भी साथ में है, तो यह आपके लिए चिंता की बात हो सकती है और ऐसे में आप उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। यदि आपके बच्चे की हार्ट बीट तेज है और वह तेज सनसनी जैसा महसूस होने की शिकायत कर सकता है, यदि ऐसा है, तो वह मार्फन सिंड्रोम का शिकार हो सकता है, या उसे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इस स्थिति में तुरंत जांच शुरू कर देना बहुत जरूरी है।
बच्चे में सीने में दर्द का कारण
यदि आप अपने बच्चे को सीने में दर्द की शिकायत करते हुए सुनती हैं, तो डॉक्टर के पास जाने से पहले दिखाई देने वाले संकेतों और लक्षणों को नोटिस करें, बच्चों के सीने में दर्द होने के दो सबसे आम कारण में से एक हैं – नॉन-कार्डियक और कार्डियक चेस्ट पेन।
1. नॉन-कार्डियक चेस्ट पेन के कारण
नॉन-कार्डियक चेस्ट पेन के कारण नीचे दिए गए हैं –
- रिब केज यानी पसलियों और ब्रेस्टबोन यानी छाती के बीच वाली हड्डी के बीच के जोड़ों में सूजन
- निमोनिया
- सर्दी या फ्लू
- गिरने या किसी दुर्घटना के कारण छाती में चोट लगना
- एसिड रिफ्लक्स या ‘सीने में जलन’
- भोजन नलिका के माध्यम से खाने के बजाय किसी चीज को निगलना
2. कार्डियक चेस्ट पेन के कारण
कार्डियक चेस्ट पेन के कारण कुछ इस प्रकार आपको नीचे दिए गए हैं –
- कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज होना, जो ऑक्सीजन युक्त रक्त को हार्ट टिश्यू तक ले जाती है
- एओर्टा का फटना
- पेरिकार्डिटिस, एक ऐसी स्थिति जिसके कारण हृदय के आसपास के सैक में सूजन आ जाती है
- हार्ट वायरल इन्फेक्शन
- दिल का असामान्य रूप से तेज धड़कना
बच्चों में होने वाले सीने में दर्द के लक्षण
यहाँ बच्चों और बड़े बच्चों में होने वाले सीने के दर्द के लक्षण कुछ इस प्रकार दिए गए हैं –
- गिरने या टकराने से छाती में चोट लगना
- गंभीर रूप से खांसी आना
- पेट दर्द
- अस्थमा से पीड़ित बच्चों में सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है
- घरघराहट, खांसी, या लार टपकना
- खाने के बाद पेट में एसिड के बहने कारण सीने में दर्द
निदान
बच्चों में सीने में दर्द के टेस्ट के लिए, डॉक्टर शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं जिसमें आपके बच्चे की छाती पर स्टेथोस्कोप से प्रेशर डाला जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छाती का दर्द हार्ट वॉल से आता है या फेफड़ों और अन्य अंगों से। यदि कुछ दुर्लभ मामलों में इसके लिए शरीरिक जांच पर्याप्त नहीं होती है, तो आपका डॉक्टर आपके बच्चे का एक्स-रे एग्जामिनेशन या ईकेजी करने की सलाह दे सकते हैं।
बच्चों में सीने में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है
यदि आपके बच्चे को निमोनिया या इन्फेक्शन के कारण सीने में दर्द होता है, तो उसे एंटीबायोटिक दी जा सकती है। दिल या कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के पास जोड़ों में सूजन होने की स्थिति पाई जाती है, तो आइबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं के साथ उपचार किया जा सकता है और यह ट्रीटमेंट एक से दो सप्ताह के बीच जारी रह सकता है। कम गंभीर मामलों के लिए या हल्की चोटों के मामले में, एक सपोर्टिव ट्रीटमेंट और अच्छी देखभाल के साथ पेन रिलीफ मेडिकेशन के साथ स्थिति को ठीक किया जा सकता है। एसिड रिफ्लक्स के लिए, बच्चे को ओवर-द-काउंटर दवाएं दी जा सकती हैं।
घर पर अपने बच्चे की देखभाल करना
अगर दर्द हल्का है या थोड़ी देर तक रहता है, तो आप घर पर ही अपने बच्चे की देखभाल कर सकती हैं। बच्चे को भावनात्मक रूप से सपोर्ट करें और उसकी देखभाल करें साथ ही उसे पर्याप्त रूप से आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें। आप दर्द से राहत दिलाने के लिए बच्चे को आइबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन देने पर विचार कर सकती हैं।
पहले दो दिनों के दौरान दिन में 20 मिनट तक के लिए मांसपेशियों में दर्द से राहत देने के लिए ठंडी सिकाई करें। यदि दर्द दो दिनों से अधिक बना रहता है, तो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए दिन में 10 मिनट के लिए दर्द से राहत पाने के लिए हीटिंग पैड का उपयोग करें। आप अपने बच्चे को गुनगुने पानी से नहला भी सकती हैं और पूरे दिन सीने में दर्द को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करें।
सीने में होने वाली जलन को दूर करने के लिए, बच्चे को भोजन के बाद लेटने न दें और उसे ज्यादा खाने न दें और बहुत टाइट कपड़े न पहनाएं ।
बचाव
सीने में दर्द को रोकने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने होंगे। यहाँ आपको निम्नलिखित टिप्स दी गई हैं-
- घर में धूम्रपान न करें और बच्चों को तंबाकू के संपर्क में आने से बचाएं।
- आवश्यक विटामिन और मिनरल से भरपूर हेल्दी डाइट लेना और शुगर, प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फैट, या कोई भी चीज जो मोटापे को बढ़ाए, उसे कम करें।
- अस्थमा, एलर्जी और एनवायरमेंट इर्रिटेंट के संपर्क में आने से बचें।
- बच्चे को एक एक्टिव लाइफस्टाइल दें और उसे दोस्तों के साथ बाहर खेलने या स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चे को भोजन के बाद 3 घंटे तक न झुकना सिखाएं।
- बच्चे को मसालेदार भोजन, चॉकलेट और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रखें, जो एसिड रिफ्लक्स की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। कार्बोनेटेड ड्रिंक और सोडा भी छोड़ें।
बच्चों के सीने में दर्द होना असामान्य नहीं है। यहाँ तक की यह टीनएज बच्चों में बहुत कॉमन है। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हेल्दी फूड का सेवन करे, समय पर सोए, हर दिन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करे, सीने में दर्द से बचने के लिए उस पर बहुत ज्यादा स्ट्रेस पढ़ना चाहिए। यदि आपकी फैमिली हिस्ट्री में चेस्ट पेन की समस्या रही हो, तो ऐसे में बच्चे को यह समस्या हो सकती है, ऐसे में अपने डॉक्टर से बात करना ज्यादा बेहतर होगा।अगर बार बार बच्चे के सीने में दर्द उठ रहा है, तो आपको ट्रीटमेंट के लिए उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने की सलाह दी जाती हैं।
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