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अगर आपका बच्चा खाना ठीक से नहीं खा रहा है, तो ऐसे में आप सोच रही होंगी कि अचानक उसकी भूख खत्म क्यों हो गई है। बच्चों में भूख न लगने के क्या कारण हो सकते हैं और अपने बच्चे के पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए आप उसे कैसी डाइट दे सकती हैं, आपके ऐसे ही कई सवालों या उससे जुड़ी अन्य जानकारी जानने के लिए इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़ें।
इन कारणों से आपके बच्चे की भूख कम हो सकती है:
अगर आपका बच्चा पेट के फ्लू (इंफेक्शन), दस्त या बुखार से पीड़ित है, तो ऐसे में हो सकता है कि उसका कुछ भी खाने का मन न हो। जिससे उसे भूख लगनी कम हो जाती है।
भाई-बहनों के साथ कोई बहस या लड़ाई, एक-दूसरे को धमकाना और किसी अपने की मौत जैसी दुर्घटनाओं से आपके बच्चे को तनाव हो सकता है और भूख में भी कमी आ सकती हैं।
क्या आपके बच्चे ने कुछ दिनों से ड्राइंग करना बंद कर दिया है। इसके अलावा क्या अब उसने पेंसिल को छूना तो दूर अपने पसंदीदा खेल को भी खेलना छोड़ दिया है? अगर यह स्थिति थोड़े समय वाली उदासी न होकर लंबे समय तक चलती है, तो यह डिप्रेशन हो सकता है।
आमतौर पर बच्चे की वृद्धि और भूख, उसकी उम्र, एनर्जी का स्तर, पोषण वाला आहार और पर्यावरण के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। जिससे उसकी विकास दर पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
एनोरेक्सिया नर्वोसा एक मनोवैज्ञानिक विकार होता है। जिससे बच्चा अपना वजन कम करने के लिए हमेशा तैयार रहता है और वो ऐसा करने के लिए लंबे समय तक बिना कुछ खाना खाए रहता है, तो धीरे धीरे उसकी भूख खत्म होने लगती है।
अगर बच्चा एंटीबायोटिक्स या प्रिस्क्रिप्शन दवाओं का सेवन कुछ समय से लगातार कर रहा है, तो उनके दुष्प्रभाव से उसकी भूख कम हो सकती है।
कब्ज एक और ऐसा कारण है जो बच्चे की भूख को कम कर देता है। ऐसे में आपको अपने बच्चे के भोजन और उसके रोजाना के रूटीन में बदलाव करने की जरूरत हो सकती है।
अगर कुछ दिनों से बच्चा बाहर जाने और खेलों में हिस्सा लेने से भी हिचकिचाने लगा है और कुछ समय बिना किसी प्रकार की एक्सरसाइज किए हुए रहना पसंद करता है, तो उसे भोजन के समय बहुत ज्यादा भूख नहीं लगेगी।
हमें यकीन है कि आप अपने बच्चे को भूखा नहीं देख सकती हैं और उसे एक या दो बार झटपट स्नैक देती हैं! लेकिन, रोजाना भोजन के बीच नाश्ता करने से बच्चों को अधिक देर तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। नतीजा – बच्चा अपनी थाली में खाना खत्म नहीं करता है।
मीठे (और प्राकृतिक) पेय पदार्थ कैलोरी से भरपूर होते हैं। इन पेय पदार्थों को पीने से भूख कम लगती है।
अगर बच्चा खाना खाते समय टीवी या स्मार्टफोन देखता है,तो इससे उसे अपनी थाली के भोजन में कम दिलचस्पी होने लगती है।
अगर आप अपने बच्चे को भूखा न होने पर भी खाना खत्म करने के लिए कहती हैं, तो वह भोजन से पूरी तरह से नफरत करना शुरू कर सकता है। यही नहीं, धीरे-धीरे इससे भूख भी कम होने लगती है।
एनीमिया बच्चे में भूख न लगने का एक और कारण हो सकता है। एनीमिया से पीड़ित बच्चे दूसरों की तुलना में कमजोर, थके हुए और अधिक चिड़चिड़े हो जाते हैं।
आपके बच्चे की आंतों में कीड़ों की मौजदूगी भी उसे सामान्य से कम खाना खाने के लिए मजबूर कर सकती है। इन कृमी के कारण आंतों में ब्लीडिंग, पेचिश आदि की भी समस्या हो सकती है।
आप इन तरीकों से इलाज के साथ-साथ भूख कम होने के कारणों को भी रोक सकती हैं-
अगर आपका बच्चा एक बार में बहुत कुछ नहीं खा सकता है, तो तीन बार किए जाने वाले भोजन को पांच से छह बार के आहार में बांट लें।
विटामिन-बी से भरपूर फोर्टिफाइड भोजन और आयरन, फोलिक एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर साबुत अनाज वाले पदार्थों को डाइट में शामिल करें। रात के भोजन में फ्रूट बाउल डेजर्ट और वेजिटेबल सूप रखें। आप कलरफुल और आकर्षक पकवानों जैसे चुकंदर या गाजर के हलवे के साथ-साथ गाजर, गोभी और शिमला मिर्च का भरवां पराठा बना सकती हैं। टिक्की बना सकती हैं या पनीर या पनीर वेजिटेबल स्टफ्ड पैनकेक भी बना सकती हैं । इस तरह, आप विभिन्न सब्जियों का उपयोग करके बहुत सारी वैरायटी वाली डिशेस बना सकती हैं।
अपने बच्चे को उतना ही खाने दें जितना वह खाना चाहता है। उसे दूसरी या तीसरी बार लेने के लिए मजबूर न करें।
जब आप अपने बच्चे को न्यूट्रिशन के बारे में सिखाती हैं, और उसे खाना बनाने में मदद करने देती हैं, तो वह अपने आप ही भोजन में अधिक रुचि लेना शुरू कर देगा।
बच्चों को भोजन करते समय टीवी और वीडियो गेम को खेलने या देखने न दें। परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक साथ भोजन करना एक अच्छी आदत हो सकती है।
जूस और पेय पदार्थ में बहुत ज्यादा कैलोरी होती है। इसलिए, यह बच्चे के भोजन करने के बाद देना बेहतर है। हाँ, लेकिन अगर यह घर पर बनाया गया है और बिना चीनी वाला है तो इसे भोजन के बीच में लेना भी स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है।
अगर वह इसे पसंद करता है, तो इसे खाएगा जरूर! खाना बनाते समय उसे एन्जॉय करें, साथ ही खाना टेबल पर आकर्षक तरीके से सजाएं, जिससे बच्चा इस भोजन को पूरे मन से खा सके।
अगर आपका बच्चा काउच पोटैटो की तरह बन गया है, तो उसे तुरंत स्विमिंग की क्लास लगाएं या पार्क में दोस्तों के साथ खेलने जाने के लिए प्रोत्साहित करें।
किसी भी परिस्थिति में आपको अपने बच्चे को खाली पेट स्कूल नहीं जाने देना चाहिए। हेल्दी ब्रेकफास्ट शरीर की पाचन क्षमता को बढ़ाता है जिससे भूख बढ़ाने में मदद मिलती है।
बच्चों को पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें और भोजन से पहले एक या दो गिलास पानी पीने को दें। उन्हें जागने के बाद और भोजन के समय से 30 मिनट पहले पानी पीने की आदत डालें, कुछ ही समय में उन्हें भूख लगने लगेगी।
जंक फूड में चीनी और कैलोरी बहुत ज्यादा होती है जिससे भूख कम होने लगती है। अनहेल्दी जंक फूड के बजाय हेल्दी स्नैक दें।
अजवाइन, इटेलियन हर्ब्स, धनिया और दालचीनी जैसे मसाले भोजन में सुगंध और स्वाद को बढ़ा देते हैं। जिससे खाने की हर डिश बच्चों के लिए पहले से ज्यादा आकर्षक और स्वादिष्ट बन जाती है।
कुछ बच्चों को तेज गंध या स्वाद वाला भोजन पसंद नहीं होता है, उदाहरण के लिए, लहसुन। अपने बच्चे के भोजन से ऐसी सामग्री को खत्म करने का प्रयास करें। इसकी जगह, आप अजवाइन, दालचीनी और सौंफ जैसे स्वादिष्ट मसालों का उपयोग कर सकती हैं।
वातावरण के अत्यधिक गर्म, पसीने से तर या असहज होने पर भूख कम हो जाती है। ऐसे में एयर कंडीशनर चालू करें या खिड़कियां खोलें और खाने का मूड स्वाभाविक रूप से सामान्य हो जाएगा।
भोजन के समय, अपने बच्चे से होमवर्क या स्कूल में हुई चीजों के बारे में बात न करें। इसकी जगह, कुछ म्यूजिक बजाएं और मूड को हल्का करें।
अगर आपके बच्चे को भूख कम लग रही है, तो यह ‘ज्यादा दूध पीने ‘ की समस्या हो सकती है। जब बच्चों को एपेटाइजर या नाश्ते के तौर पर दूध मिलता है, तो उनके पेट में अन्य किसी भोजन के लिए कोई जगह नहीं बचती है, जिससे वो अन्य न्यूट्रिशन से भरपूर चीजों को नहीं खा पाते हैं।
यहां उन खाद्य पदार्थों के कुछ विकल्प बताए गए हैं, जो रोजाना एक सही समय पर देने से उनकी भूख को बढ़ाने में मदद करेगें और वो स्वयं इसका सेवन करने के लिए बार बार आपसे कहेगें। यहां कुछ स्वस्थ विकल्प दिए गए हैं –
यह पाचन शक्ति और भूख को बढ़ाती है। जिसकी वजह से बच्चे लगातार इसका सेवन करना पसंद करते हैं।
दही पाचन तंत्र को सक्रिय रखता है और इसके सेवन से शरीर में हेल्दी प्रोबायोटिक उत्पन्न होते हैं, जो भूख बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही रोजाना दही का सेवन करने से शरीर को विटामिन बी, कैल्शियम और आंतों को ठीक रखने वाले बैक्टीरिया भी प्राप्त होते हैं।
इस चाय को पीने वालों के लिए ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म और भूख को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा, इसमे जीरो कैलोरी पाई जाती है!
एवोकाडो, अनार और नट बटर जैसे आलमंड बटर या पीनट बटर भूख बढ़ाने में मदद करते हैं और यह बहुत सारी कैलोरी से भरपूर भी होते हैं। ऐसे में इनका सेवन नाश्ते के लिए बिल्कुल सही माना जाता है।
आप भोजन में जिंक से भरपूर कद्दू के बीज, काजू, गेहूं का चोकर और चिकन जैसे खाद्य पदार्थ देकर बच्चों में भूख की कमी को दूर कर सकती हैं।
अजवाइन भूख बढ़ाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए कारगर मानी जाती है। आप इसे पराठों में मिलाकर, अजवाइन वाला पानी बना सकती हैं या इसे सलाद में भी शामिल कर सकती हैं।
तुलसी के पत्ते का नियमित सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती हैऔर अगर आप सोच रही हैं कि बच्चों में भूख कैसे बढ़ाई जाए तो यह सबसे सही उपाय साबित होगा।
आयुर्वेद के मुताबिक, रोजाना बच्चों को च्यवनप्राश का सेवन करवाना भूख बढ़ाने में कारगर होता है।
भूख बढ़ाने के लिए सैंडविच, सलाद या सूप में पिसा हुआ अदरक मिलाकर देना फायदेमंद साबित हो सकता है।
थाइम का सबसे अच्छा उपयोग सलाद, सूप और सैंडविच में किया जाता है। बच्चों में भूख की कमी को दूर करने के लिए इसका उपयोग करें।
एक गिलास मेथी का पानी पीने से बच्चों की भूख बढ़ाने में मदद मिलती है।
बच्चों को परोसने से पहले दही में कुछ पुदीने की पत्तियां जरूर मिलाएं।
अगर आपका बच्चा फल खाना पसंद करता है, तो उसके भोजन में कुछ आड़ू शामिल करने से उनकी भूख बढ़ाने में मदद मिलेगी।
क्या आप जानती हैं कि आलूबुखारा भूख बढ़ाता है? बच्चे इसे खाना बेहद पसंद करते हैं इसलिए इसे डाइट में शामिल जरूर करें।
अब, आप जानती हैं कि आपके बच्चे की भूख क्यों कम हो सकती है और आप इसके लिए क्या कर सकती हैं! बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पोषण लेना बहुत जरूरी होता है, जो मुख्य रूप से उनके सेवन किए जाने वाले भोजन के माध्यम से मिलता है। इन उपायों का प्रयोग करें और कुछ ही समय में अपने बच्चे की भूख बढ़ती हुई देखें!
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